मध्यप्रदेश की 1857 की क्रांति के नायक- madhya pradesh ki 1857 ki kranti ke nayak
मध्यप्रदेश की 1857 की क्रांति के नायक कोन थे
मध्यप्रदेश के प्रमुख क्रन्तिकारी के नाम
रानी दुर्गा वती -
- मोहवा के शाशक चंदेल वंश की पुत्री यह गड्मंडला[ गोंडवाना ] के शाशक संग्राम शाह के बेटे दलपत शाह की पत्नी तथा मोहव के सुप्रसिद्ध चंदेल शाशक की पुत्री थी .
- उसके पति के देहांत के बाद उसने शाशन सत्ता अपने हात में ले ली थी
- उस समय अकबर का शाशन था रानी बहुत ही प्रतिभा की धनि थी
- अकबर के सेनापति आसफखा खा ने रानी के राज्य पर आक्रमण किया .
- दोनों की सेना के मध्य युद्ध हुआ रानी वीरता से लड़ी और अंत में स्वम ने अपनी कटार से खुद देह तियाग दिया . .
रानी अवन्ती वाई-;
- मंडला जिले के स्वतंत्रता आन्दोलन के वीर सेनानियों में रामगढ की रानी भी थी
- रामगढ मंडला जिले की पहाडियों में स्थित एक छोटा सा नगर है
- जहा गड मंडला के राजाओ की अधीन एक राजपूत सामंत कुछ छोटे से 100 गाँव की रियासत थी
- राम गड के राजाओ के अंतिम राजा लक्षमण सिह का देहांत हो गया
- जिस कारन अंग्रेजो ने सत्ता अपने हाथ में ले ली 1अप्रेल 1858 को मंडला की सेनाये रामगढ बड़ी सेना के कैप्टन लेफ्टिनेंट वाटरन ने दोनों और से आक्रमण किया था
- रानी अंग्रेजो से बच कर जंगल में चल गई और वहा से अंग्रेजो पर छुपकर आक्रमण करते रहे .
- अंत मे अपने साथी की तलवार से स्वंय ने प्राण दे दिया पर अंगेजो के हाथ नहीं आई .
कुवर चेन सिंग;-
- मध्यप्रदेश के प्रथम शहीद कुवर चेन सिंग थे जो सीहोर रियासत के थे .
- कम्पनी सरकार ने 1818 में सीहोर में सैनिक छावनी की स्थापना की थी
- एजेंट मेडाक को सीहोर का सर्वोपरि बनाया गया
- जिसे 1000 सेनिक दिए गए और उसे भोपाल के साथ , खिलचिपुर ,नर्सिगड़,और राजगड सभी की देख रेख करेगा .कुवर चेंन सिंग ने इसके विरोद में अनेक संगठन और रियासतों के साथ मिलकर एक जुट होने का प्रयास किया
- जिसका पता अंग्रेज अधिकारी मेंडाक को पता लग गया इस कारण मेंडक ने चेनसिंग को कई बार बुलाया पर बे नहीं आये .
- जव अंग्रेज से बात हुई तो मेंडक ने कहा के वह हमेशा अंग्रेजो के अधीन कार्य करे जिसका विरोद चेन सिंग ने किया .
- दोनों के बिच युद्ध हुआ .फलस्वरूप चेनसिग की हत्या कर दी गई .
तात्या टोपे;- [रामचंद्र पांडुरंग ]
- तात्या टोपे का जन्म अहमदनगर जिले के 'येवला ' नामक गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था
- उनका नाम रामचन्द्र था
- उनके बड़े भाई का नाम गंगाधर था
- मराठा शाशक बाजीराव ने तात्या को टोपी रत्न जडित उपहार में दि थी
- तात्या के पिता बाजीराव के यहाँ पुरोहित थे
- बाजीराव का कोई पुत्र न होने के कारण उन्हें अपना पुत्र बना लिया .
- नाना सहाब .मनु और तात्या टोपे की परवरिश एक साथ किया .
- तात्या ने 1857 में एक सेना का गठन किया और समय समय पर अग्रेजो पर आक्रमण करते रहे .
- जिससे परेशान होकर अंग्रेजो ने नरवर के राजा मान सिंग के साथ मिलकर 7 अप्रेल 1859 को पकड़ा और 18 अप्रेल को फांसी दे दी गई .
चंद्रशेखर आजाद;-
- चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 ई को मध्यप्रदेश के क्षाबुआ जिले के भाबरा नामक गांव में हुआ था
- चंद्रशेखर अपने घर किसी को न बताये काशी भाग गए
- वहा जाकर संसकृत की पढ़ाई की .करने लगे .
- चंद्रशेखर पर गांधीजी के असहयोग आन्दोलन का बहुत ही प्रभाव पड़ा .
- जिस कारण चंद्रशेखर जी आजादी की लड़ाई में कूद पड़े
- उस समय वे मात्र 14 वर्ष के थे
- जब वे जेल में गए उस समय जज के नाम पूछने पर नाम आजाद पिता का नाम स्वतंत्रता और निवास स्थान जेल बताया था
- उन्होंने उत्तर भारत और बंगाल के क्रन्तिकारी को संगठित किया और एक संघठन बनाया जिसे
- हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसियेशन का गठन किया
- चंद्रशेखर जी ने भारत की आजादी के लिए निरंतर संघर्स करते रहे .
- 27 फरवरी 1931 ई को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में किसी व्यक्ति की सुचना पर पुलिस ने उन्हें घेर लिया जिस कारण स्वम ने अपनी पिस्तौल से गोली मार ली .
बख्तावर सिह;-
- 1857 ई के विद्रोह में मालवा के शाशक [ अमझेरा ] राजा बख्तावर सिह ने अग्रेंजो के खिलाफ जमकर लोहा लिया
- राजा बख्तावर सिह को अपने ही सहयोगीयो के विद्रोह के कारण उन्हें कैद कर लिया गया
- इन्दोर में 10 फरवरी 1858 को फ़ासी दे दी गई .
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शंकरशाह-;
- शंकर शाह गडमंडला के यस्वी और प्रतापी गोंड घराने का वंशज था
- उसके पुरखो ने इस अचल [गोंडवाना ] में लगभग डेड हजार साल तक राज किया था
- 1857 की क्रांति के समय शंकर शाह कम्पनी सरकार का पेन्शन था
- इन्होने इस क्रांति को महाकोशल और बुंदेलखंड में भी फैल गई .
सहादत खा -;
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र के राजा होलकर के एक सेनिक सआदत खा का 1857 की क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान रहा
- जिसने अपनी टुकड़ी सहित अंग्रेजो के विरुध विद्रोह कर दिया सहादत खा ने मालवा विद्रोहियों का नेतृत्व करके हुए कर्नल ड्यूरेंड की रेसीड़ेंसी पर बोल दिया .
- कुछ समय बाद 23 सितम्बर 1945 को उनकी मोट हो गई .
शंकर शाह और रघुनाथ शाह;-
- यह रानी दुर्गावती के वंशज राजा शंकर शाह तीन ग़ाव की जागीरदारी जवलपुर में रहते थे
- आदिवासी समाज और सेनिको के बिच उनका सम्मान था 18 सितम्बर 1857 को पिता - पुत्र को तोप के मुह में बांध कर जबलपुर में उडा दिया .
- इस प्रकार 1857 में प्रथम शहीद होने बाले आदि वासी नेता थे
भीमा नायक ;-
- भीमा नायक का जन्म 1840 में पश्चिम निमाड़ रियासत के पंच्मोह्नली गाँव में हुआ था
- 1857 में भीमा नायक का अंग्रेजो के साथ विद्रोह हुआ भीमा नायक को मंडलेश्वर की जेल में बंद किया गया था
- भीमा नायक का निधन पोर्ट व्लेयर स्थान पर हुआ था
झलकारी बाई ;-
- झलकारी बाई लक्ष्मी बाई की सहायका थी झलकारी बाई के पति शहीद हो गये थे
- लेकिन उनका शोक बनाने के बावजूद रानी की मदत करती रही
- खुद अपने आप को रानी लक्ष्मी बाई बताकर अंग्रेजो से युद्ध करने लगी थी
- झलकारी बाई की इस महानता के कारण उन्हें भी बुंदेलखंड में रानी के सामान सम्मान दिया जाता है
सुबद्राकुमारी चोहान-;
- सुभद्रा कुमारी का जन्म इलाहाबाद में हुआ था
- इन्होने असहयोग आन्दोलन में 1920 में भाग लिया था
- उन्होंने 1923 में जवलपुर नगरपालिका पर क्षणा फहराया था
- सुभद्रा कुमारी को भारत की पहली महिला सत्याग्रही होने का गोरव प्राप्त है
अब्दुल हाफिज मोहम्द बरकतुल्ला;-
- यह भारत के रास्ट्रीय आन्दोलन के बड़े नेता थे ये क्रन्तिकारी ग़दर पार्टी के नेता थे
- मोहमद बरकत्तुल्ला का जन्म भोपाल में 1854 में हुआ था।
- 1915 में मौलाना बरकत्तुला को भारत की अंतरिम सरकार का प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया और राष्ट्रीपति राजा महेंद्र प्रताप थे।
- 1988 में भोपाल विश्वविद्यालय का नाम बदलकर बरकुतलला विश्वविद्यालय रखा गया।
देवी अहिल्या बाई ;-
- अहिल्याबाई होल्कर एक महान शाशक थी
- मालवा प्रांत की महारानी थी
- लोग उन्हें राजमाता अहिलियाबाई होल्कर नाम से भी जानते है
- उनका जन्म महाराष्ट्र के चंडी गांव में 1725 हुआ था
- वह एक छोटे से परिवार कन्या थी
- लेकिन वक्त के साथ उसका उसका भाग्य भी बदल गया
- वो 18 वि सदी में मालवा प्रान्त की रानी वन गई
- उनका विवाह मल्हार राव होल्कर के पुत्र खंडेराव साथ हो गया
- इस तरह वो मराठा समुदाय के होल्कर राजघराने की दुल्हन वनी।
- अहिल्या बाई का एक पुत्र भालेराव और पुत्री मुक्ता बाई था।
- मध्यप्रदेश सरकार ने उनके सम्मान में इंदौर विश्वविद्यालय का नाम बदलकर देवी अहिल्या विश्व विद्यालय रखा था
- देवी अहिल्या राष्ट्रिय सम्मान 1996 मध्यप्रदेश सरकार दुवारा दिया जाने लगा।
पं रविशंकर शुक्ल;-
- नये मध्यप्रदेश के निर्माता पं ,रविशंकर शुक्ल मध्यप्रदेश के स्वाधीनता आंदोलन के शीर्ष नेता थे
- उनका जन्म 1877 में सागर जिले में हुआ था
- उनके पिता का नाम पंडित जगन्नाथ शुक्ल और माता तुलसी देवी थी
- 1923 नागपुर में उन्होंने झंडा सत्याग्रह भाग लिया था
- जव 1930 में सविनय अविज्ञा आंदोलन चल रहा था
- उसी समय रायपुर में भी नमक सत्याग्रह को प्रारम्भ किया।
- पं रविशंकर शुक्ल मध्यप्रांत के प्रधानमंत्री बने और 1939 तक बने रहे।
- भिलाई का इस्पात कारखाना और नेपानगर का कागज कारखाना उन्ही के प्रयास से प्रारम्भ हुआ।
- मध्यप्रदेश में हिंदी साहित्य सम्मलेन के जन्मदाता पं रविशंकर शुक्ल ही थे।
- मध्यप्रदेश पहला हिंदी साहित्य सम्मेलन रायपुर हुआ था
- 1 नबम्बर 1956 को जब मध्यप्रदेश अस्तित्व में आया तो उसके प्रथम मुख्य मंत्री रविशंकर शुक्ल थे
पंडित दुवारिका प्रसाद मिक्ष;-
- पंडित दुवारिका प्रसाद मिक्ष जिन्हे मध्यप्रदेश का राजनैतिक चाणक्य भी कहते है या मध्यप्रदेश का लोह पुरुष भी कहते है
- मिश्रः जी का जन्म up में हुआ लेकिन कार्य क्षेत्र mp रहा था
- दो बार mp के मुख्य मंत्री भी रहे।
- भारत छोडो आंदोलन के समय जब वह जेल गए तो वह रहकर उन्होंने काव्य कृष्णायन की रचना की।
रानी लक्ष्मी बाई
- रानी लक्ष्मी बाई का जन्म वाराणसी में 19 नवम्बर 1828 को हुआ था
- उनके बचपन का नाम मनिक्रनिका था
- लेकिन उन्हें प्यार से मनु कहकर बुलाते थे
- उनकी माँ का नाम भागीरथी बाई और पिता का नाम मोरोपंत ताम्बे था
- मोरोपंत एक मराठा थे और बाजीराव की सेवा में थे
- मनु वचपन से ही पेसबा बाजीराव के दरबार में रहती थी
- और दरबार की कार्यवाही को देखती थी
- वचपन से ही उनमे नेतृत्व की भावना थी
- बाजीराव उन्हें प्यार से छविली कहकर बुलाते थे
- सन 1842 में उनका विवाह झांसी के महाराजा रजा गंगाधर राव से हो गया था
- 1851 में रानी ने एक बेटे को जन्म दिया लेकिन कुछ समय बाद ही उसके पुत्र की म्रत्यु हो गई थी
- 1853 को उनके पति का स्वस्थ ख़राब हो गया था
- इस कारण उन्हें दत्तक पुत्र को गोद लेने की बात की गई थी
- कुछ समय बाद गंगाधर राव की म्रत्यु हो गई थी इस कारण रानी ने ग्वालियर की भाग डोर अपने हात में ले लिया था
- उनके दत्तक पुत्र का नाम दामोदर था
- झाँसी 1857 का प्रमुख केंद्र बना जैसे ही रानी ने राज्य की भाग डोर अपने हाथ में ली
- उसने महिलाओ की सेना बनाना प्रारंभ कर दिया था
- रानी को जल्द ही अंग्रेजी सेना अंग्रेज अफसर हुरोज का सामना करना पड़ा था
- बहादुरी से लड़ते लड़ते अपने प्राणों की कुर्वानी देनी पड़ी
माखन लाल चतुर्वेदी-;
- माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रिय जागरण के अग्रदूत माने जाते थे।
- उनका जन्म 1889 को होशंगाबाद जिले के बाबई नामक गांव में हुआ था
- उन्होंने 1910 में खंडवा से प्रभा नामक उच्चकोटि की मासिक पत्रिका का सम्पादन किया।
- कर्मवीर प्रधान सम्पादक बनके जबलपुर पहुंचे।
1857 की क्रांति में मध्यप्रदेश का योगदान [ MP 1857 ]
- 10 मई 1857 को मेरठ [ up] सैनिक विद्रोह स्वाधीनता संग्राम प्रारम्भ हुआ।
- 3 जून 1857 को मध्यप्रदेश में प्रथम नीमच , में विद्रोह हुआ फिर मंदसौर ,ग्वालियर विद्रोह फैला।
- शिवपुरी में 20 जून 1857 को विद्रोह हुआ।
- ग्वालियर विद्रोह रानी लक्ष्मी बाई और तात्या टोपे कर रहे थे
- मध्यप्रदेश में अंग्रेजो के खिलाफ सर्वप्रथम विद्रोह महाकोशल क्षेत्र के नागपुर हुआ था जिसका नेतृत्व अप्पाजी भोसले दुवारा किया गया था
- शेख रमजान अश्वरोही सैन्य टुकड़ी ने सागर में विद्रोह किया।
- शंकर शाह ने गढ़मंडला से विद्रोह किया।
- राजा ठाकुर प्रसाद ने राघवगढ से विद्रोह किया।
- शहादत खा ने इंदौर के समीप महू की छावनी से से विद्रोह हुआ।
- 1857 के विद्रोह मध्यप्रदेश में प्रदेश में सबसे पहले कहा हुए। [ नीमच छवनी ]
- रामगढ की क्षांसि रानी के नाम कौन प्रशिद्ध है [ रानी अवंतीबाई ]
- चंद्रशेखर आजाद की जन्म स्थली भावरा किस राज्य में है [ mp ]
- स्वतंत्रता से पूर्व इंदौर में किस रियासत का शाशन था [ होल्कर ]
- भोपाल राज्य भारतीय संग में कव शामिल हुआ [ 1 जून 1949 ]
- भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस की गतिविधियों की शुरुआत mp में कब से हुई [ 1904 ]
- तात्या टोपे ने कानपूर -झाँसी -ग्वालियर से 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया ,उन्हें किसने गिरफ्तार करवाया [ मानसिंह ]
- सिवनी में सत्याग्रह कब हुआ [ 1916 ]
- आदिवासियों ने जंगल सत्यग्रह कब हुआ [ 1930 ]
- जबलपुर में होमरूल लीग स्थापना कब [की 1915 ]
- गांधीजी ने सविनय अवैज्ञा आंदोलन की शुरुआत कहाँ से की [ जबलपुर ]
- मध्यप्रदेश में असहयोग आंदोलन नेतृत्व किसने किया [ प्रभाकर डुंडीराव ]
- मध्यप्रदेश में भारत छोडो आंदोलन की शुरुआत कहा से हुई [ विदिशा ]
- मध्यप्रदेश के किस नेता को राष्ट्रिय ध्वज फहराने के कारन 6 माह का कारावास हुआ [ पंडित सुंदरलाल ]
- रानी दुर्गावती ने मध्यप्रदेश में कहा शाशन किया था [ गोंडवाना ]
- अप्पाजी भोसले ने अंग्रेजो को कहा हराया था [ मुलताई बैतूल ]
- वर्ष 1931 में स्त्री सेवासदन स्थापना मध्यप्रदेश के किस नगर में की गई थी। [ रतलाम ]
- 52 वि बटैलियन [ भारतीय सेना ] के सूबेदार का नाम क्या था जिसने अपने भाषण में स्वाधीनता उद्घोषणा थी [ बलदेव तिवारी ]
- स्वामी विवेकानन्द ने अपने जीवन काल में मध्यप्रदेश के किस नगर की दो बार यात्रा की। [ खंडवा ]
- आदिवासियों की सांघटित सेना ने किसके नेतृत्व में विद्रोह किया था [ भीमा नायक ]
- स्वामी दयानन्द सरस्वती मध्यप्रदेश में कहा आर्य समाज की शाखा खोली थी [ खंडवा ]
- मध्यप्रदेश राज्य का उद्धघाटन 26 जनवरी 1950 को किसने किया था पंडित जवाहर लाल नेहरू।
- सिवनी में किस नेता ने गाँधी जी चौक पर नमक सत्याग्रह किया था [दुर्गाशंकर मेहता ]
- जवलपुर में किस वर्ष झण्डा सत्याग्रह प्रारम्भ हुआ। [ 1923 ]
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1 ;- 1857 की क्रांति के नायक कोन थे
ANS ;- 1857 की क्रांति के नायक मंगल सिंग पण्डे को माना जाता है
2 ;- मध्य प्रदेश में कोन से लोगो ने विद्रोह किया था
ANS ;- मध्य प्रदेश में जव क्रांति की ज्वाला भड़की थी उस समय सभी प्रकार के लोगो ने उसमे भाग लिया था चाहे बच्चा हो चाहे बुढा हो उस आन्दोलन से कोई नहीं छुटा था और खासकर 1840 से 1842 में बुंदेलखंड में नर्मदा - सागर अंचल के बुंदेला , राजपूत , गोंड तथा लोधी राजाओ , जमीदारो ने अंग्रेजो के विरुद्ध क्रांति का झंडा उठाया .
3 ;- 1857 की क्रांति के महत्वपूर्ण केंद्र थे
ANS ;- केंद्र ;- मेरठ , दिल्ली , जबलपुर , कानपूर , लखनऊ , झासी , हरियाणा , राजस्थान और ग्वालियर जैसे महत्वपूर्ण केंद्र थे
4 ;- मध्य प्रदेश स्वतन्त्रता सेनानी कोन थे
ANS ;- चंद्रशेखर आजाद , रानी लक्ष्मी बाई , तात्या टोपे , रविशंकर शुल्क थे
5 ;- भोपाल में 1857 के विद्रोह का नेत्र्तव किसने किया था
ANS ;- मध्यप्रदेश में 6 अगस्त 1857 को रिसालदार वली शाह और कोठा - हवलदार महावीर ने भोपाल के पास सीहोर छावनी में सिपाही छावनी में सिपाही विद्रोह की घोसणा की .
6 ;- 1857 में ग्वालियर पर किसने शासन किया था
ANS ;- मराठो के सिन्धाया राजवंश जयजिराव सिंधिया का उस समय शासन रहा था
7 ;- 1857 की क्रांति में मध्य प्रदेश के नेता कोन थे
ANS ;- सआदत खान
8 ;- 18 - 1857 के विद्रोह में मध्य प्रदेश के नेता कोन थे
ANS ;- झाँसी और ग्वालियर से लक्ष्मी बाई और तात्या टोपे / बरेली से खान बहादुर खान / इलाहबाद से मोलवी लियाकत अली
9 ;- मध्य प्रदेश में कोन से लोगो ने विद्रोह किया था
ANS ;- मध्यप्रदेश में बुंदेला , राजपूत , गोंड लोधी जमीदारो , भील , सभी जाती के लोगो ने मध्य प्रदेश में बड़ चढ़ कर भाग लिया था .
10 ;- 1857 के विद्रोह के सबसे महान नायक किसे कहा जाता है
ANS ;- 1857 के विद्रोह के सबसे महत्वपूर्ण नेता रानी लक्ष्मी बाई , बहादुर शाह जफ़र , और मंगल पांडे , नाना साहेब , तात्या टोपे , मान सिंह और कुवर सिंह को माना जाता है
11 ;- ग्वालियर में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था
ANS ;- तात्या टोपे जी ने किया था
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज आपके लिए एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आया हु इस पोस्ट में हम मध्यप्रदेश की 1857 की क्रांति के महानायक की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर आया हु , इस पोस्ट में हम [ मध्यप्रदेश की 1857 की क्रांति के नायक- madhypradesh ki 1857 ki kranti ke nayak मध्यप्रदेश के प्रमुख क्रन्तिकारी के नाम 1857 की क्रांति में मध्यप्रदेश ] 1857 की क्रांति , मध्यप्रदेश में 1857 की क्रांति की सभी जानकारी को हम इस पोस्ट में लेकर आया हु .
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