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भारतीय संविधान का इतिहास में मध्य प्रदेश का क्या योगदान है

भारतीय संविधान का इतिहास में मध्य प्रदेश का क्या योगदान है

हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण लेख लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपको भारतीय सविंधान का इतिहास में मध्यप्रदेश का योगदान से सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण जानकारी जो हमारी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है आप को यह लेख देखने को मिलेगा . इस लेख में आप भारतीय संविधान का इतिहास - मध्य प्रदेश  BHARTIY SAMVIDHAAN KA ITIHAAS - MADHY PRADESH से सम्बंधित सभी जानकारी देखने को मिलेगी 

BHARTIY SAMVIDHAAN KA ITIHAAS ME MADHY PRADESH KA KYA YOGDAAN HAI 


भारतीय संविधान का इतिहास - मध्य प्रदेश

     

भारतीय संविधान मध्यप्रदेश निर्माण 

महत्वपूर्ण तथ्य;- 

 करिव  तिन साल में भारतीय सविधान का निर्माण हुआ . सविधान को लिखा गया . इसमें कुल 299 सदस्य ने इसको तैयार किया था . इसके निर्माण में अनेक प्रान्तों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था . जिसमे से मध्यप्रदेश के करिव 19 सदस्य ने भी भाग लिया था .मध्यप्रदेश के सागर ऐसा शहर था जहा से 3 व्यक्ति ऐसे थे जिनने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई . 

  • भारत का सविधान में करिव 3 वर्ष लगा .
  • भारतीय सविधान के निर्माण में कुल 299 सदस्य थे 
  • इसके निर्माण में सभी प्रान्त के सदस्य शामिल थे 
  • भारतीय सविधान में मध्य प्रदेश के कुल 19 प्रतिनिधि शामिल थे 
  • भारत के सविधान के निर्माण में मध्य प्रदेश का सागर ऐसा जिला जहा से 3 सदस्य मनोनीत हुए थे 

मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण व्यक्ति जो सविधान के निर्माण में थे 

1;- डा .हरिसिंग गोर .;- इनमे से पहले थे गोर विश्व विद्यालय के कुलपति डा. हरिसिंग गोर जिन्होंने भारतीय सविधान को सवारने एवं हिन्दू ला .की व्याख्या की . वे दिल्ली और नागपुर विश्वविद्यालय के वाईस चैन्स्लर रहे और बाद में पूरी सम्पति देकर सागर विश्वविद्यालय की स्थापना कराई .

 
2;- पण्डित रवी शंकर शुक्ल;- अविभाजित मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे पण्डित रवी शंकर शुक्ल .जिन्होंने हिंदी को राज्यभाषा का दर्जा देने का सुझाव दिया सविधान सभा में इस पर जोर दिया गया . आख़िरकार अनुच्छेद 343 में प्रावधान किया गया की देश की राज्यभाषा हिन्ढी और लिपि देवनागरी होगी .

3;- रतनलाल मालवीय ;- कोयांचल के श्रमिक नेता रतनलाल मालवीय 1954 से 1960 में राज्य सभा के सदस्य रहे वे राष्ट्रिय लेबर वेलफेयर कमीशन के अध्यक्ष एवं जवाहरलाल नेहरु और लाल बहादुर शाष्त्री के मंत्रिमंडल में सदस्य भी रहे .  

सविधान सभा क्या है . भारतीय संविधान के लेखक

सविधान सभा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है मध्य प्रांत और बरार , मध्य भारत ,मध्य प्रांत की रियासत , भोपाल और विन्ध्य प्रदेश साहित आज के भूगोलिक मध्यप्रदेश वाले हिस्से के 19 लोग शामिल थे . 

       

सविधान सभा में मध्यप्रदेश के सदस्य .

  • भागवत राव मंडलोई , खण्डवा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे . 
  • सेठ गोविन्द दास जवलपुर के थे 
  • हरिसिंग गोड एक शिक्षा वाधी थे .
  • रवी शंकर शुक्ल सयुक्त मध्यप्रदेश के cm सागर में जन्मे .
  • एच बी . कामंथ आईसीएस छोड़कर तिन बार होशंगाबाद सांसद रहे .
  • फ्रैंक एंथनी , जवलपुर में ,एंग्लो इन्डियन का प्रतिनिधित्व किया . 
  • विनायक सरवटे इंदोर के थे , वे एक स्वतन्त्र सेनानी और पदविभूषण से समानित थे .
  • अव्धेह्श प्रताप सिह विन्ध्य प्रदेश के पहले मुख्य मंत्री थे .
  • शम्भुनाथ शुक्ल विन्ध्य प्रदेश के तीसरे मुख्य मंत्री थे 
  • लाल सिंह भोपाल ,शिक्षा रहे और प्रजामंडल आन्दोलन से जुड़े थे . 

    

मध्यप्रदेश से सविधान के गठन में महत्त्व पूर्ण लोग 19 

सेठ गोविन्द दास;- 

जवलपुर में जन्मे 1896 में सेठ गोविन्द दास सविधान सभा में हिन्ढी के प्रवाल दावेदार थे . वे चाहते थे की सविधान पहले आम लोगो की भाषा -बोली यानी हिंदी में ही लिखा जाए और इसके बाद मध्यप्रदेश के बरार क्षेत्र से ही डा. रघुवीर ने सविधान का पहला खंड प्रस्तुत किया .जिसे दक्षिण भारत प्रतिनिधियों ने नहीं माना . 1947 से 1997 तक वे जवलपुर से सांसद रहे . 1861 में उन्हें पद भूषण से समानित किया गया . 

रविशंकर शुक्ल ;- 

अविभाजित मध्यप्रदेश के पहले मुख्य मंत्री रहे  .पण्डित रविशंकर शुक्ल ने हिन्ढी को राज्य भाषा का दर्जा देने को राज्य भाषा का दर्जा देने का सुझाव दिया . इस सुझाव पर बहुत बहस हुई पर अंत में अनुच्छेद 343 में प्रावधान किया गया की भारत संघ की राज्यभाषा हिन्ढी और लिपि देवनागरी होगी . अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्य मंत्री पण्डित रविशंकर शुक्ल भी सविधान सभा के सदस्य थे . 22 भाषाओ को 8 वि अनुसूची में जोड़ा गया . रवी शंकर का जन्म सागर में हुआ था .वे अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे और उनका देहांत 1956 में उनके कार्यकाल में हुआ था . 

मास्टर लाल सिंह सिनसिनवार . 

ठाकुर मास्टर लाल सिंह सिनसिनवार का जान 1889 में भोपाल में हुआ था . 1935 में सरकारी नोकरी छोड़कर हिन्दू महासभा भोपाल की स्थापना की .समाचार पत्र [ साप्ताहिक समाचार ] प्रजा पुकार निकाला . पण्डित मदन मोहन मालवीय के परामर्श से प्रजा मण्डल नामक राष्ट्रिय संस्था के दुवार अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार किया .

भगवंत राव मंडलोई ;- 

भगवन्त राव मंडलोई का जन्म 10 दिसम्बर 18९२ में खण्डवा में हुआ . उन्होंने 1917 में वकालत किशुरुआत की पहली बार पण्डित रवी शंकर शुक्ल की केविनेट मंत्री बने .1957 में कार्यवाहक मंत्री भी बने . इसके बाद कैलाश नाथ काटजू मुख्यमंत्री बने . 1970 में पदभूषण से समानित किया गया . 

हरी विष्णु कामथ ;-

 मंगलूर कर्नाटक में जन्मे हरि विष्णु कामथ ने 1933 में अंग्रेजी आईसीएस परीक्षा पास की . वे नरसिहपुर कलेक्टर बने .त्रिपुरी कांग्रेस  अधिवेशन के बाद सुभाषचंद्र बोस से उनकी मुलाकात हुई .   

एंग्लो इन्डियन नेता फ्रेंक एंथोनी 

फ्रेंक एंथोनी का जन्म 25 सितम्बर 1908 को हुआ .वे देश के एक प्रमुख एंग्लो - इन्डियन समुदाय के नेता थे . वे जवलपुर से वास्ता रखते थे . वे सविधान सभा के सदस्य बने . वे काउन्सिल फार द इन्डियन स्कुल सर्टिफिकेट एंग्जमिनेशन [cisce ] के संस्थापक थे . 

राधावल्लभ विजयवर्गी ;- 

30 जनवरी 1912 लको राजगड में राधावल्लभ विजयवर्गीय का जन्म हुआ वे 1957 में नर्सिह्गड़ से विधायक भी रहे . 

सीताराम जाजू ;- 
 
1915 को नीमच में जन्मे सीताराम जाजू स्वतन्त्रता  आन्दोलन से जुड़े रहे .1942 में भारत छोडो आन्दोलन में भाग लिया .

अवधेश प्रताप सिंह ;-

कैप्टन अवधेश प्रताप सिंह का जन्म 1888 में सतना जिले में हुआ था उन्होंने प्रयागराज से कानून की शिक्षा ली थी . बाद में वे रीवा रियासत की सेना में भारती हुये . 1948 में विन्ध्य प्रदेश की स्थापना के बाद 1948 - 1949 तक पहले मुख्य मंत्री रहे . मध्यप्रदेश के ये 5 वे मुख्यमंत्री बने . उनके नाम पर रीवा विश्वविद्यालय का नामकरण किया गया . 

शम्भुनाथ शुक्ल;- 

पण्डित शम्भुनाथ शुक्ल का जन्म 1903 को शहडोल में हुआ . 1920 में असहयोग आन्दोलन में हिस्सा लेकर जेल गए . 1937 में कांग्रेस केसदस्य बने . 1945 में रीवा के महाराज के कानूनी सलाहकार बने . 1952 से 1956 तक विन्ध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहे .2016 में शहडोल विश्वविद्यालय का नाम पण्डित शम्भुनाथ विश्वविद्यालय कर दिया गया . 

बाबू राम सहाय ;- 

इनका जन्म विदिशा जिले में हुआ था . 1942 में ग्वालियर स्टेट में भारत छोडो आन्दोलन की शुरुआत की थी और बाद में सविधान सभा के सदस्य बने . 

विनायक सीताराम सरवटे .

इंदोर में 1884 में जन्मे विनायक सीताराम सरवटे मराठी स्वतंत्रता सेनानी थे ये राजनेतिक नेता थे .सविधान सभा के सदस्य रहे . 1966 में तीसरा नागरिक सम्मान पद्द भूषण दिया गया . वर्ष 1973 में इंदोर शहर का वस् स्टैंड का नाम विनायक सरवटे बस स्टैंड रखा गया .

गोपीकृष्ण विजयवर्गीय , गुना .

मध्य भारत के मुख्य मंत्री रहे गोपीकृष्ण विजयवर्गीय भी गुना के रहने बाले थे ये सविधान सभा के सदस्य थे 

बाबा साहेब भीम राब अम्बेडकर;- 

बाबा साहब भीमराब आम्बेडकर का जन्म मौउ में हुआ . पर उनका कार्य क्षेत्र शुरू से ही व्यापक रहा ,वे सविधान में पहली बार बंगाल से सदस्य चुने गए वह हिस्सा पाकिस्तान के हिस्से में जाने के बाद उन्हें बाद में बम्बई से सदस्य बनाया गया . वे एक समाज सुधारक थे उन्होंने दलित आन्दोलन को प्रेरित किया और सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था श्रीमिक  किसान और महिलायों के आदिकारो का समर्थन भी किया था . 1926 में उनका राजनेतिक कैरियर क्षेत्र में विभिन पदों पर रहे . 1956 तक वे राजनेतिक क्षेत्र में विभिन पदों पर रहे 1936 में उन्होंने स्वतंत्र लेवर पार्टी की स्थापना की जो 1937 में केन्द्रीय विधान सभा चुनावों में 13 site जीती देश की आजादी के बाद उन्हें पहले कानून एवं नियाय मंत्री के रूप में सेवा करने के लिए आमंत्रित किया गया . 

FCQ ;- 

Q ;- 1 भारत के लिए एक सविधान का प्रारूप किसने तैयार किया ? 

ANS ;- 1928 में मोतीलाल नेहरु और आठ सदस्य 

Q ;-2  सविधान का पूरा एक खाका किसने तैयार किया था 

ANS ;- 13 दिसंबर 1946 जवाहर लाल नेहरु 

Q ;- 3 सविधान सभा का गठन किसने किया था 

ANS ;- सविधान सभा का गठन 1946 में कैविनेट मिशन ने किया था 

Q;- 4 सविधान को अंगीकार किया गया 

ANS ;- 12 नवम्बर 1949 

Q ;- 5 भारतीय सविधान को लागु किया गया 

ANS ;- 26 जनवरी 1950 

Q ;- 6 सविधान सभा में कितने भाग थे 

ANS ;- सविधान सभा में 22 भाग थे 

Q ;- 7 भारतीय सविधान में कितने अनुच्छेद थे 

ANS ;- भारतीय सविधान में 395 अनुच्छेद थे 

Q ;- 8 भारतीय सविधान के निर्माण के समय कितनी अनुसूचिया थी 

ANS ;- 8 अनुसूचिया 

9  ;- भारतीय संबिधान का निर्माण कोन सी योजना से हुआ 

ANS ;- नबम्बर 1946 में कैविनेट मिशन योजना 

10  ;- सविधान निर्मानका कार्य कब प्रारंभ हुआ था 

ANS ;- सविधान निर्माण में 299 सदस्य थे जिन्होंने 26 नवम्बर 1947 को सविधान को अपनाया था और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया 

11  ;- सविधान निर्माण में कुल कितनी बैठके हुई थी 

ANS ;- संविधान ने लम्बे समय से चली आ रही उंच -नीच और अधीनता की संस्कृति में लोकतान्त्रिक संस्थानो को विकसित करने का भी प्रयास किया है 11 सत्र हुए जिनमे 165 दिन बैठको में गए 

12  ;- सविधान का पहला काम क्या था 

ANS ;-सविधान वह सत्ता है जो सर्वप्रथम सरकार बनाती है सविधान का दूसरा काम यह है की समाज की शत्ति किसके पास है सविधान यह भी निश्चित करता है की सरकार कैसी निर्मित होगी .

 13  ;- सविधान निर्माण में कुल कितने सदस्य थे 

ANS ;- सविधान निर्माण में कुल 389 सदस्य थे 

14  ;- सविधान की पाहि महिला कोन थी 

ANS ;- सविधान सभा में 15 महिलाए थी पहली महिला सदस्य अम्मू स्वामीनाथन था 

15  ;- सविधान के लेखक कोन थे 

ANS ;- सविधान के लेखक बी आर अम्बेडकर जी थे 

16  ;- हमारा सविधान किस भाषा में लिखा गया था 

ANS ;- हमारा सविधान हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखा गया था 

17  ;- पहला सविधान दिवस कब मनाया गया था 

ANS ;- पहला सविधान दिवस 29 नबम्बर 

18  ;- सविधान में कितने सत्र होते है 

ANS साल में 3 सत्र 

19  ;- भारतीय सविधान का असली पिता कोन है 

ANS ;- भीमराव आंबेडकर 

20  ;- सविधान सभा के अध्यक्ष कोन थे 

ANS ;- 11 दिसम्बर 1946 डा राजेन्द्र प्रसाद 


दोस्तों इस लेख में हमने आपको भारतीय सविधान से सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को आपके सामने रखा है इस लेख में हमने आपको आपको यह बताने का प्रयास किया है की जब भारत का सविधान निर्माण किया गया उसमे मध्य प्रदेश से 19 सदस्य शामिल थे आप इस लेख में  भारतीय संविधान का इतिहास - मध्य प्रदेश  BHARTIY SAMVIDHAAN KA ITIHAAS -MADHY PRADESH भारतीय संविधान की प्रस्तावना भारतीय संविधान के लेखक भारत का सविधन से सम्बंधित सभी जानकारी को आपके सामने रखा है 

धन्यवाद 
अनिल कुमार पलाशिया 

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