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सिंधु घाटी सभ्यता Notes

सिंधु घाटी सभ्यता Notes - indus valley civilization notes

हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया एक बार फिर आपके सामने एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आ रहा हु सबसे पहले में आपका अपने ब्लॉग में स्वागत करता हु आज हम सिंधु घाटी सभ्यता Notes - indus valley civilization notes SINDHU GHAATI SABHYTA K से सम्बंधित सभी तथ्यों का अध्यन करेंगे जिससे के यह सभी परीक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो . एक बार आप इसे पूरा अध्यन करे यह आपके लिए लिए बहुत उपयोगी साबित होगी 

सिंधु घाटी सभ्यता Notes - sindhu ghati sabhyta notes

सिन्धु घाटी सभ्यता - SINDHU GHAATI SABHYTA

 सिन्धु घाटी सभ्यता - SINDHU GHAATI SABHYTA 

  • यह सभ्यता सबसे प्राचीन सभ्यता है 
  • यह सभ्यता विश्व विख्यात है इसे indus valley भी कहते है 
  • डा . राधाकुमुद मुखर्जी का कहना है 
  • सिन्धु सभ्यता का न तो सुमेनियन सभ्यता से निकट सम्बंद है 
  • न उससे इसमें कुछ ग्रहण किया है 
  • अब इस बात की भी पुस्टी होती जा रही है 
  • सिन्धु घाटी की सभ्यता संसार की सबसे प्राचीन सभ्यता है  

सिन्धु सभ्यता की खोज ;

  • सिन्धु सभ्यता का काल क्रम ;- डा आर के मुखर्जी के अनुसार इस सभ्यता के काल को 3250 से 2750  BC माना गया है 
  • नवीनतम खोजो के अनुसार डा . मेक इसके समय को 2800 से 2200 ई BC पूर्व माना जाता है  
  • 1921 ई . तक यह सामान्य धारणा थी के भारत की प्राचीनतम सभ्यता आर्यों की वैदिक सभ्यता है ,किन्तु सिन्धु सभ्यता की खोज ने इस धारणा को असत्य कर दिया .
  • 1921 में रासबहादुर दयाराम सहानी ने सिन्धु नदी की घाटी में स्थित  हडप्पा नामक  स्थान पर सर्वप्रथम इस महत्वपूर्ण सभ्यता के अवशेषों का पता लगा है . 
  • 1922 में राखाल दास बनर्जी ने हडप्पा से 640 km दूर स्थित मोहनजोदड़ो में उत्खनन कार्य सिन्धु नदी की घाटी में ही किया गया है . 
  • यही से ही इस सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुये है . 
  • जान मार्शल ने इस सभ्यता को सिन्धु सभ्यता कहा . सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेष सिन्धु नदी की घाटी से दूर गंगा -यमुना के दोआब और नर्मदा -तात्ती के मुहाने , कश्मीर में मांडा तक प्राप्त हुये है 
  • इस सभ्यता का नाम सिन्धु सभ्यता उचित प्रतीत नहीं होती है 
  • इस सभ्यता को हडप्पा सभ्यता कहा जाता है किन्तु अभी तक सिन्धु सभ्यता नाम ही अधिक प्रचलित है 


सिन्धु सभ्यता का विस्तार ;

सिन्धु सभ्यता का क्षेत्र हडप्पा और मोहनजोदड़ो तक ही सिमित नहीं है अपितु अत्यधिक विस्तृत था सिन्धु सभ्यता का विस्तार विश्व की प्राचीनता सभ्यता से भी अधिक था 

विस्तार 

स्थान 

पूर्व में विस्तार 

मेरठ के आलिमगिर 

पश्चिम में विस्तार 

मकराना तट -प्रदेश पर सुतको डोर 

उत्तर 

जम्मू के मन्दा से 

दक्षिण में 

किम सागर तक फैला है 

  • विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यता में से एक प्रमुख सभ्यता है 
  • जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया के उत्तर पश्चिम क्षेत्रो में जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान तिन शुरूआती क्षेत्रो में जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान तिन शुरुआत कालक्रम में से एक थी 
  • यह सभ्यता 8000 वर्ष पुरानी है यह हडप्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है 

इसका विकास सिन्धु नदी और सरस्वती [ घघर नदी के किनारे ] माना जाता है इसके प्रमुख स्थलों में से , हडप्पा , मोहनजोदड़ो , कालिंबगा , लोथल , धोलावीरा और राखिगड़ प्रमुख थे . 


सिन्धु घाटी सभ्यता - SINDHU GHAATI SABHYTA

सिंधु घाटी सभ्यता Notes

  • 1923 -24 ई . में भारतीय पुरातात्विक विभाग ने श्री राखालदास वेनार्जी के नेतृत्व में सिन्धु के लकराना जिले में खुदाई कराइ जहा मोहनजोदड़ो के नाम से पुकारे जाते है 
  • यहाँ से एक भव्य नगर के अवशेष भी प्राप्त हुये है 
  • इसके कुछ समय बाद पंजाव के मांटगोमरी जिले [ वर्तमान पकिस्तान ] में हडप्पा नामक स्थान पर आर . बी . दयाराम सहानी ने भी इसी प्रकार के अवशेष प्राप्त किये है 
  • तब पुरातात्विक विभाग के डायरेक्ट जनरल सर जान मार्शल के नेतृत्व में वहा विस्तृत रूप से खुदाई करके उसी प्रकार की सभ्यता के अवशेष प्राप्त किये तथा यह विशवास किया गया की मोहनजोदड़ो और हडप्पा के अवशेष समकालीन एवं एक ही सभ्यता के अवशेष है 

सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएं

  • मोहनजोदड़ो और हडप्पा एक दुसरे से प्राय 650 KM दूर है  
  • ये दोनों एक ही सभ्यता के अंग है हडप्पा सभ्यता का विस्तार एक क्षेत्र में सिमित न था 
  • नवीनतम खोजो के अनुसार यह तथ्य है           

  • नवीनतम खोज के अनुसार उत्तर में अम्बाला जिले के रोपड़ नामक स्थान के निकट से लेकर दक्षिण में काठियावाड में रंगपुर जिले और महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले तक तथा पूर्व में गाजीपुर , वाराणसी , बक्सर और पटना तक प्राप्त है इससे यह विशवास किया जाता है
  • हडप्पा , सभ्यता सम्पूर्ण पंजाब एवं सिन्धु , उत्तर -पश्चिम सीमाप्रांत की हुई थी 
  • उसका सम्पर्क प्राय उत्तरीय भारत , पश्चिम यूरोप एशिया तथा अफ्रीका की समकालीन  सभ्यता में था
  • खुदाई के बाद प्रमुख स्थल प्राप्त हुये है . 
  • बलुचिस्थान में सुत्कंगेडोर , सोतका  कोहू और बालाकोट , उत्तर -पश्चिम सीमा प्रांत में गोमल घाटी में गुमला , सिंध में मोहनजोदड़ो के अतिरिक्त चन्हुदड़ो , जुदेर्जोद्ड़ो , कोटदिजी ,और अमरी , पंजाब में रोपड़ , संघोल और चंडीगड़ , हरियाणा में बनवाली और मित्ताथ्ल , बहावलपुर में कुड्वाल ,घेर , राजस्थान में कालीबंगा , उत्तर प्रदेश में जिला मेरठ में आलमगीर पुर और जिला सहारनपुर में हुलास तथा गुजरात में रंगपुर , लोथल सुरकोतदा , भगवत राव  है 
  • देखे तो कुल मिलाकर 1000 स्थानों पर खुदाई की जा चुकी है .

सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार

महत्वपूर्ण स्थल सिन्धु घाटी सभ्यता के 

कालिब्नागा 

यह राजस्थान राज्य के हनुमान गड जिले मे है 

लोथल 

यह स्थल गुजरात के अहमदाबाद जिले मे है 

रोपड़ 

यह स्थल पंजाब राज्य के रोपड़ जिले में स्थित है 

रंगपुर 

यह स्थल  गुजरात जिले के काठीयावाडा जिले मे है 

हडप्पा 

स्थल पाकिस्तान देश के सिंध प्रांत के लकरान जिले मे है

मोहन जोदड़ो 

यह स्थल पाकिस्तान देश के सिंध प्रांत के लरकाना जिले मे है .

आलम गिर पुर 

यह स्थल उत्तर -प्रदेश राज्य के मेरठ जिले में स्थित है 

चन्हुद डो 

यह स्थल पाकिस्तान देश के सिंध प्रांत में स्थित है 

सूतकांगडोर

यह स्थल पाकिस्तान देश के मकरान में स्थित है

बनवाली

यह स्थल हरियाणा राज्य के हिसार  जिले में स्थित है 

कोटदिजी

यह स्थल पाकिस्तान देश के सिंध प्रांत के खेरपुर स्थान पर स्थित है

धोलावीरा

यह स्थल गुजरात राज्य के कच्छ जिले मे स्थित है .


सिन्धी सभ्यता के निर्माता ;

सिन्धु सभ्यता के निर्माता कोन  है यह एक विवाद प्रश्न है सिन्धु सभ्यता के निर्माण किसने किया है क्या यह भारतीय थे या विदेशी यह निर्धारित करना बहुत ही कठिन है पीर भी विद्वानों ने अपने मत दिए है के सिन्धु सभ्यता - द्रविड़ , सुमेर , और आर्य  .


1;- द्रविड़ - 

  • सभी विद्वानों का मानना है जिनमे से राखालदास बनर्जी प्रमुख थे 
  • उनका मत था के द्रविड़ लोग सिन्धु सभ्यता के निर्माता थे विद्वान हिलर ने भी ऋग्वेद में वर्णित दस्यु अथवा दास को सिन्धु सभ्यता का निर्माता माना है 
  • उनका मानना है की आर्यों और दस्यु के  विच युद्ध हुआ उन्हें पराजित कर वे आगे बड़े .वेदों में भी आर्यों और असुरो के युद्ध का वर्णन किया गया है . 
  • आर्यों से पराजित होने के बाद द्रविड़ भारत की ओर चले गए . उनके होने के प्रमाण जैसे - वर्तन , उपकरण , व आभुष्ण के रूप में मिलते है 
  • जो सिन्धु घाटी में प्राप्त वर्तन ,उपकरण , व आभुष्ण के समान है वहा की भाषा सही  रूप से पड़ी नहीं जा सकती है .


2;- सुमेर - 

कुछ विद्वानों का मानना है की सिन्धु सभ्यता को सुमेर सभ्यता से समबन्धित है इसके अतिरिक्त सिन्धु सभ्यता के अनेक उपकरण व सामग्री उनसे मिलते जुलते है जैसे - कांसे , तांबे के पात्र , पकाई हुई ईट व चित्र लिपि आदि . 

3;- आर्य

कुछ विद्वानों जिनमे लक्ष्मण स्वरूप पुसलकर एवं रामचन्द्र प्रमुख है उनका मत है की सिन्धु सभ्यता आर्यों की ही सभ्यता थी 

सिन्धु सभ्यता का सामजिक जीवन 

लिखित साक्ष्यो के आभाव पर सिन्धु सभ्यता के सामाजिक जीवन के विषय में जानना बहुत ही कठिन कार्य है फिर भी उनकी भेष  भूषा , खान -पान , आभूषण ,आदि से हमें महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है . 
सिन्धु सभ्यता का सामाजिक जीवन ;-
  1. सामाजिक संगठन 
  2. भोजन 
  3. वेश भूषा 
  4. प्रसाधन सामग्री 
  5. आमोद -प्रमोद के सादन 
  6. गृहस्ती के उपकरण 
  7. ओषधिय 

1;- सामाजिक संगठन ;-

  • सिन्धु सभ्यता का समाज जातियों में बटा नहीं था 
  • मुख्यता उनका समाज अनेक वर्गों में वाटा था 
  • उसमे भी मुख्यता समाज चार वर्गो में था 
  • प्रथम बुद्धिजीवी वर्ग जो पुरोहित ज्योत्सी और चिकित्सा आदि का कार्य करते थे 
  • दूसरा वर्ग योध्या वर्ग जो सेनिक वर्ग था 
  • तीसरा वर्ग व्यपारी वर्ग था जो व्यापार , शिल्पकला कलाकार आदि का वर्ग था 
  • चवथा वर्ग श्रीमिक वर्ग था जो मजदूरी ,किसान मछली पकड़ना गृह सेवक आदि सम्लित थे .


2;- भोजन ;-

  • सिन्धु सभ्यता के निवासियो का मुख्य भोजन गेंहू , जो ,दूध , फल , और मछली , का मांस , था 
  • गेंहू और जो , पिसने के लिए चक्किया  नहीं थी 
  • बल्कि उन्हें खोखली में कूट कर उनका आटा बनाया जाता है 
  • यहा के लोग मुर्गा , गाय , बैंस ,सुअंर , घड़ियाल , और कछुआ आदि के मांस का प्रयोग करते थे 

3;- वेश भूषा - 

  • सिन्धु सभ्यता की खुदाई से यह पता चला है के वहा से मुर्तिया प्राप्त हुई है
  • जिसमे उसकी भेष भूषा को देख कर उनकी वेश भूषा समान थी 
  • कमर के निचे धोती और कमर के ऊपर बाए कंधे से ददए कंधे के निचे शाल उनके मुख्य वस्त्र था 
  • कुछ तथ्यों से यह भी मालूम पड़ता है की यहाँ के लोग सिलाई के बारे में भी जानते थे . 


4;- आभूषण ;- 

  • सिन्धु सभ्यता के निवासी आभुष्ण प्रिय था 
  • वे अनेक प्रकार से अपनी साज सज्जा किया करते थे 
  • वे अपने कैश विविध प्रकार से सजाते थे .
  • स्त्री और पुरुष दोनों ही लम्बे कैश रखते थे 
  • अपने बालो में सोने ,चांदी , अथवा ताम्बे के हेयर पिन लगते थे 
  • सामन्यता स्त्रिया चोटी बांधती थी और पुरुष दाड़ी रखा करते थे 
  • उस समय पुरुष मुछ नहीं रखते थे .
  • पुरुष उस्तरे का प्रयोग करते थे आभुष्ण सोना चांदी और तांबा ,हाथी के दांत के बनाया करते थे 

 
5;- आमोद प्रमोद के साधन ;-

  • सिन्धु सभ्यता के निवासी आभुशान प्रिय थे , 
  • वे विभिन्न प्रकार से अपनी साज -सज्जा किया करते थे . 
  • यहा विभिन्न प्रकार की खुदाई से यह प्राप्त होता है 
  • यहा से अनेक प्रकार के आमोद -प्रमोद के साधन प्राप्त हुये है 
  • उनके विभिन्न प्रकार के साधन थे 
  • उनमे प्रमुख खेल गेंद , और चोपड थे 
  • इसके साथ नाचना ,गाना , बजाना , शिकार , करना , सांड और मुर्गो के युद्ध करना प्रमुख मनोरजन के साधन थे .


6;- गृहस्ती के उपकरण ;- 

  • सिन्धु सभ्यता की खुदाई से यह भी प्राप्त हुआ है 
  • यहाँ के लोग गृहस्ती में उपयोग आने वाली वस्तुओ का प्रयोग भी करते थे .
  • जो मिटटी , पत्त्थर , हाथी के दांत ,  ताम्बे , कांसे से बनाई जाती है 
  • तश्करिया ,कटोरे ,घड़े , सुराही , फूलदान , और अन्य विभिन प्रकार के वर्तन बनाये जाते है  


7;- ओषधिया ;

  • सिन्धु सभ्यता के उत्खनन से यह पता चला है  
  • उन लोगो को चिकित्सा और ओषधि का ज्ञान था 
  • वे अपने इलाज में शिलाजीत का प्रयोग करते थे .
  • इसके बाद कुछ पेड , पत्तो का प्रयोग करके अपना इलाज करते है 
  • भारतीयों में चिकित्सा का पता सिन्धुस्भ्यता से ही पता चला है 
  • सिन्धु सभ्यता में खोपड़ी की शल्य चिकित्सा के उधारण भी कालिबंगा और लोथल से प्राप्त होते है 

सिन्धु सभ्यता का धार्मिक जीवन 

अगर हम सिन्धु सभ्यता का धार्मिक जीवन के बारे में जानना चाहते है तो हमे साहित्य स्त्रोतों का ही सहारा लेना  पड़ता है क्योकि हमारे पास कोई लिखित परिणाम नहीं है लेकिन जव बहा की खुदाई की गई तो वहा से बहुत से अवशेष प्राप्त हुये जो ये सावित करते है के सिन्धु काल में धार्मिक जीवन विशेष रूप से था 

महत्वपूर्ण ;-
  1. देवी की उपासना .
  2. शिव पूजा 
  3.  पशु पूजा 
  4. योनी पूजा 
  5. सूर्य पूजा 
  6. वृक्ष पूजा 
  7. मृतक संस्कार .
1;- मात्र देवी 

 यह देवी सिन्धु सभ्यता के लोगो के लिए विशेष  थी  जव यहा की खुदाई की गई तो यहाँ से देवी की मूर्ति ,प्राप्त हुई जिसमे कुछ मूर्तियों में आभुष्ण का उपयोग किया गया है यहाँ पर मात्र्देवी की मुर्तिया धुएं से रंगी हुई है . सिन्धु सभ्यता के लोग मातृदेवी को विशेष मानते थे 

2;- शिव पूजा

हडप्पा सभ्यता की खुदाई में एक ऐसी मूर्ति प्राप्त हुई है जिसमे शिव की पूजा के बारे में बताया गया है इस मूर्ति में एक पुरुष देवता को सिहाशन  पर  विठाया हुआ था . जिनके तिन प्रमुख नेत्रों को भी दिखाया  गया है विद्वानों का यह मानना है की ये शिव की मूर्ति थी .

3;- योनी की पूजा - 

सिन्धु सभ्यता की खुदाई से अनेक छल्ले प्राप्त हुये जो सिप मिटटी और पत्थर आदि के बने हुये थे .इतिहासकार का मानना है की ये छल्ले देवियों की योनियों के प्रतिक थे जिनकी पूजा की जाती थी 

4;- पशु पति नाथ ;-

 सिन्धु सभ्यता की खुदाई में प्राप्त अनेक मुद्राओं पर बल , भैंस आदि पशुओ के चित्र मिलते है जिनमे उस समय पशु पूजा किये जाने का अनुमान किया जाता है 

5;- सूर्य पूजा ;-

 सिन्धु सभ्यता की खुदाई में प्राप्त कुछ मुद्रओ पर सूर्य के चिन्ह मिलते है जिनसे यह अनुमान लगाया जाता है . की सिन्धु लोग सूर्य की पूजा करते  है .

 6;- मृतक संस्कार ;- 

हडप्पा सभ्यता और मोहनजोदड़ो के उत्त्खलन से प्राप्त सामग्री से ज्ञात होता है की सिन्धु सभ्यता के लोग मृतक संस्कार का उपयोग किये है .1 . मृतको को ज्यो के त्यों युही दफनाना . 2 मृतको को खुले में पशुओ के लिए खुले में छोड़ देना खाने के लिए .3 . मृतको को जलाना और अस्तियो को भूमि में गाड़ना .

सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन 

सिन्धु सभ्यता के लोगो का जीवन कैसा था यह धारणा उनके स्त्रोतों , सिक्के , मुर्तिया , आदि से प्राप्त होता है जिसमे हम पता लगा सकते है की उस समय के राजा या उस समय के लोगो का व्यवसाय कैसा रहा होगा जो उनके आर्थिक जीवन को दर्शाता है 

सिंधु घाटी सभ्यता short notes



सिन्धु घाटी सभ्यता - SINDHU GHAATI SABHYTA
  
1;- कृषि - 

सिन्धु सभ्यता के लोग कृषि करना जानते थे उनका प्रमुख व्यवसाय खेती  करना था यहाँ पर मुख्य रूप से गेहू , जो , मटर , टिल , चावल , आदि की फसल किया करते है 

2;- पशुपालन

सिन्धु सभ्यता के लोग कृषि के अतिरिक्त पशुपालन भी करते थे यह भी ज्ञात हुआ है की यहाँ के लोग , गाय , भेंस , बकरी , व कुत्ता आदि को पलते थे . 

3;- कपडे

सिन्धु सभ्यता के लोग बड़े पैमाने पर सूती कपडा बनाया जाता है विभिन स्थलों की जब खुदाई की गई तब उसमे सूती काटन के चरखे और त्क्लियो बड़ी मात्रा में प्राप्त हुये है .सिन्धु सभ्यता की खुदाई से प्राप्त हुआ है की यहाँ के घर घर में कपडा बुनाई का काम किया जाता था

4;- उद्योग व अन्य व्यवसाई

सिन्धु सव्यता के लोग शिल्पकला में अत्यंत दक्ष थे . ये लोग अनेक उद्योग -धन्न्दे भी करते थे .सिन्धु सभ्यता में वस्त्र निर्माण ,आभूषण बनाना और मिटटी के वर्तन बनाना आदि है इसके आलावा यहाँ के लोग कताई -बुनाई , रंगसाली , कुम्हारगीरी , लोहार्गिरी , सुनार्हिरी , व वडाईगिरी  आदि के व्यवसाई किये  . 

5;- व्यपार ;- 

सिन्धु सभ्यता का व्यापार विदेशो तक फैला था जिसमे सुमेरिया , बेबीलोन , आफ्गानिस्तान , बिलोचिस्तान , मिस्त्र आदि देशो से व्यापार करते थे वैदेशिक व्यापार थल व जल दोनों ही मार्गो से किया जाता था इस सभ्यता के प्रमुख बंदरगाह लोथल और सूतकागेंदोर थे . 

 सिंधु घाटी सभ्यता प्रश्नोत्तरी

सिन्धु घाटी सभ्यता - SINDHU GHAATI SABHYTA

सिंधु घाटी सभ्यता upsc notes

Q ;- 1 सिन्धु सभ्यता की खोज - 1921 में   सर्वप्रथम  की थी .

ANS ;- रायबहादुर दयाराम साहनी

Q ;- 2 सिन्धु सभ्यता का विस्तार - 

ANS ;- पश्चिम में मकराना तट प्रदेश पर सुत्कान्गेदोर से पूर्व में जिला मेरठ के आलमगीर पुर तक और उत्तर में जम्मू के मानदा से लेकर दक्षिण में किम सागर संगम पर भागवत तक फैली है .

Q ;- 3 सिन्धु सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थाल -

ANS ;- हडप्पा , मोहनजोदड़ो , चन्हुदड़ो ,लोथल ,कालिंबंगा ,बाणाबलि .

Q ;- 4 सिन्धु सभ्यता का काल 

ANS ;- धर्मपाल के दुवारा - 2300 से 1750 तक . 

Q ;- 5 सिन्धु सभ्यता की देंन  - 

ANS ;- नगर नागरिक सभ्यता / नगर -योजना एवं जल निकास व्यवस्ता  

Q ;- 6 सिन्धु सभ्यता का विदेशियों से समबन्ध - 

ANS ;- मेसोपोटेमिया ,एवं मिस्त्र से . 

Q ;- 7 सिन्धु सभ्यता की प्रारम्भिक तिथि थी

ANS ;-2400 से 1700 तक 

Q ;- 8 सिन्धु सभ्यता को रखा गया है 

ANS ;- प्रगेतिहासिक / कास्य युग में  

Q ;- 9 सिन्धु सभ्यता के निवासी थे 

ANS ;- - द्रविड़ और भूमध्य सागरीय .

Q ;- 10 सिन्धु सभ्यता या सेंधव सभ्यता कैसी थी 

ANS - नगरीय सभ्यता .

 Q ;- 11 स्वत्रन्त्रा प्राप्ति के बाद सर्वाधिक स्थल खोजे गए 

ANS ;- गुजरात 

Q ;- 12 सिन्धु सभ्यता के प्रमुख 2 बंदरगाह है 

ANS - लोथल / सुत्कोत्दा 

Q ;-13 जुते हुये खेत और नक्काशिदारी इटो के प्रयोग का सक्ष्य मिले 

ANS;-  कालीबंगा . 

Q ;- 14 सेंधव सभ्यता की सबसे बड़ी ईमारत है

ANS ;- मोहनजोदड़ो का विशेष स्नानगृह .

Q ;- 15 सिन्धु घाटी सभ्यता क्या है विस्तार से बताये 

ANS ;- सिन्धु घाटी सभ्यता का विस्तार चारो दिशाओं में फेलाहुआ था इसका विस्तार 3300 ई 2500 ई पूर्व तक माना जाता है 

Q ;- 16 सिन्धु घाटी सभ्यता में कितनी सभ्यता थी 

ANS ;- सिन्धु घाटी सभ्यता का उदय सिन्धु नदी के किनारे ही हुआ था यहा पर हडप्पा सभ्यता मोहनजोदड़ो  जैसे कई स्थल मिले है . 

Q ;- 17 हडप्पा सभ्यता के नोट क्या है 

ANS ;- हडप्पा सभ्यता के नोट में हडप्पा सभ्यता सिधु घाटी की ही सभ्यता मानी जाती है और इसके दो प्रमुख बड़े शहर हडप्पा और मोहन जोदाडो थे 

Q ;- 18 सिन्धु घाटी सभ्यता किखोज कब की गई थी 

ANS ;- सिन्धु घाटी सभ्यता की खोज 1920 में और 1924 में डा जनरल मार्शल के दुवारा खोजा गया था 

Q ;- 19 सिन्धु घाटी सभ्यता का पहला नाम क्या था 

ANS ;- सिन्धु घाटी सभ्यता का पहला नाम हडप्पा सभ्यता था 

Q ;- 20 सिन्धु घाटी का दूसरा  नाम क्या था 

ANS ;- सिन्धु सभ्यता का दूसरा नाम भी हडप्पा सभ्यता ही है सिन्धु सभ्यता को अन्य नाम से जाना जाता है . 

Q ;- 21 सिन्धु घाटी सभ्यता कहा स्तिथ है 

ANS;- सिन्धु घाटी सभ्यता पकिस्तान , के पंजाब प्रान्त के मोंटगोमरी जिले में स्थति है 

Q ;- 22 हडप्पा सभ्यता में कितने chinh है 

ANS ;- हडप्पा सभ्यता के सबसे लम्बे अभिलेख लगभग 26 chinh है 

Q ;- 23  सिन्धु घाटी सभ्यता को कोन सा जानवर ज्ञात नहीं था 

ANS ;- सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग घोड़ो के जानवरों के बारे में कोई नहीं जानता था 

Q ;- 24 हडप्पा में कोन सी नदी स्तिथ है 

ANS ;- हडप्पा में रावी नदी है 

Q ;- 25 हडप्पा और मोहनजोदड़ो कहा स्तिथ है 

ANS ;- हडप्पा और मोहनजोदड़ो वर्तमान  पाकिस्तान में है 

सिंधु घाटी सभ्यता notes ias



सिन्धु घाटी सभ्यता - SINDHU GHAATI SABHYTA
   

व्यापार सिन्धु सभ्यता का . - सिंधु घाटी सभ्यता NCERT

  • अग्निकुंड स्थल प्राप्त है - लोथल और कालीबंगा .
  • पशुपतिनाथ की मूर्ति जिसमे हार्थी ,घोडा , गैंडा ,चिता ,एवं भेस विराजमान है .- मोहनजोदड़ो

  • कांस्य की एक न्रात्की की मूर्ति कहा से मिली है - मोहनजोदाड़ो .
  • हडप्पा की मोहरों पर किस का चित्र है - श्रेंगी पशु का आकलन 
  • सिन्धु सभ्यता में मनके बनाने का कारखाना कहा है - लोथल और चन्हुदड़ो .
  • सिन्धु सभ्यता की लिपि थी . -=भावचित्रात्मक  थी    
  • सिन्धु सभ्यता की लिपि लिखी जाती है -  दाई से बाई और दूसरी बाई से दाई और .
  • सिन्धु सभ्यता नगर प्रणाली के लिए किस पड़ती को अपनाते थे .- ग्रीड पद्धति .
  • सिन्धु सभ्यता की मुख्य फसल थी - गेंहू /जों .
  • धान की खेती के प्रमाण मिले है - रंगपुर और लोथल 
  • सेंधव कालीन स्थाल घोड़े के अश्थी पंजा मिले है -  सुरकोतदा , कालीबंगा , एवं लोथल .
  • सिन्धु सभ्यता की जुड़वाँ राजधानी कहा है - मोहनजोदड़ो / हडप्पा 
  • सिन्धु सभ्यता में तोल की इकाई थी .-16 के अनुपात 
  • सिन्धु सभ्यता के लोग धरती को कहते थे - उवार्ता की देवी .
  • सिन्धु सभ्यता के लोग पूजा करते थे . - मात्र्देवी की .
  • सेंदव समाज था - मात्रस्त्तात्मक .
  • सिन्धु घाटी के लोग किस वसतु से परिचित नहीं थे .- तलवार 
  • सिन्धु सभ्यता के लोग लाल मिटटी से वर्तन बनाते थे किस रंग से - काला रंग 
  • आग से पकी हुई मिटटी को कहते थे - टेराकोटा 
FCQ ;- 

Q;- 1 सिंधु घाटी सभ्यता क्या है विस्तार से बताइए।

Ans सिंधु घाटी शब्द का एक प्राचीन सभ्यता है यह भारत और पाकिस्तान में विकसित हुई थी सिंधु घाटी सभ्यता सिंधु नदी के किनारे विकसित हुई है इसलिए इसे सिंधु घाटी सभ्यता कहा जाता है इसका विस्तार 3300 से ₹2500 ईसा पूर्व और 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक माना जाता है।


Q ;- 2 सिंधु घाटी सभ्यता में कितने नगर थे।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता में 6 प्रमुख नगर थे

  • हड़प्पा

  •  मोहनजोदड़ो 

  • लोथल

  • धोलावीरा 

  • रथीगढ़ 

  • कालीबंगा


Q;- 3 हड़प्पा सभ्यता के नोट क्या है

Ans सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता के नाम से जाना जाता है इसका विस्तार लगभग 2600 ईसा पूर्व सिंधु नदी जो पाकिस्तान में है से प्रारंभ हुआ है ।


Q ;- 4 सिंधु घाटी सभ्यता की आवश्यक विशेषता क्या है

Ans सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसके जो मकान बने थे वह पक्की ईटों की इमारतें थी इसी कारण इसे हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है और उसके बाद यहां पर कृषि व्यवस्था 4000 ई . के आसपास प्रारंभ हुई थी।


Q - 5 सिंधु घाटी का इतिहास क्या है

Ans ;- Indus civilization period भारत और पाकिस्तान में पाया गया सिंधु घाटी सभ्यता जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है इसकी खोज 1921 में हुई थी और इसका विकास सिंधु और घग्गर नदी के किनारे माना जाता है इसके प्रमुख स्थल में हड़प्पा मोहनजोदड़ो कालीबंगा लोथल धोलावीरा और राखीगढ़ प्रमुख केंद्र थे।


Q ;- 6 सिंधु घाटी किस धर्म की थी

Ans सिंधु घाटी हिंदू धर्म की मानी जाती थी।


Q ;- 7 सिंधु घाटी के प्रमुख देवता कौन थे।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख देवता में मात्र देवी पशुपति नाथ सूर्य जल पृथ्वी देवी लिंग वृक्ष और प्राकृतिक देव जी की पूजा करते थे।


Q ;- 8 सिंधु घाटी सभ्यता का पूराना नाम क्या है।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जानते हैं। 


Q ;- 9 सिंधु घाटी सभ्यता का दूसरा नाम क्या है।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता का दूसरा नाम हड़प्पा सभ्यता और सिंधु सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है।


Q ;- 10 सिंधु घाटी सभ्यता की खोज किसने की थी।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता की खोज 1921 से 1922 में हड़प्पा सभ्यता सर  जान मार्शल के द्वारा की गई थी।


Q;- 11 सिंधु घाटी सभ्यता कहां स्थित थी।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता 3300 से 1300 ईसवी पूर्व सभ्यता के रूप में भी जाना जाता है। आधुनिक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान से लेकर पाकिस्तान और उत्तर पश्चिम भारत कब से लिखी हुई थी।


Q ;- 12 हड़प्पा का अर्थ क्या है।

Ans हड़प्पा सिंधु सभ्यता का ही दूसरा नाम है यह उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में पंजाब का एक प्राचीन शहर माना जाता है सिंधु सभ्यता के केदो में से एक जो 2500 से 1700 ईसवी पूर्व तक फली फूली सभ्यता मानी जाती है ।


Q ;- 13 सिंधु घाटी सभ्यता कब हुई थी।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता का पूर्व हड़प्पा काल करीब 3300 से ₹2500 तक माना जाता है।


Q ;- 14 मोहनजोदड़ो की खोजकर्ता कौन थे।

Ans मोहनजोदड़ो के खोजकर्ता 1921 में रखलदास बनर्जी थे।


Q;- 15 सिंधु समाज क्या है।

Ans सिंधु के मूल निवासियों को सिंधी भी कहते हैं यह एक हिंदू आर्य प्रजाति का समाज माना जाता है।


Q ;- 16 सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल कौन सा है।

Ans सिंधु घाटी का घाटी का सबसे बड़ा स्थल राखीगढ़ माना जाता है।


Q;- 17 सिंधु घाटी के लोग क्या खाते थे।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता के लोग मांस भक्त थे और वह गाय भैंस और बकरी के मांस आदि खाते थे।


Q ;- 18 हड़प्पा की खोज किसने की थी।

Ans हड़प्पा सभ्यता की खोज 1921 में दयाराम साहनी की थी।


Q ;- 19 हड़प्पा नाम किसने दिया था।

Ans हड़प्पा सभ्यता का नाम सर्जन मार्शल के द्वारा दिया गया था।


Q ;- 20 सिंधु सभ्यता में पवित्र जानवर कौन सा था।

Ans सिंधु सभ्यता में सिंधु वास सेंड को पवित्र मानते थे।


Q;- 21 सिंधु घाटी सभ्यता किस जाति के थे।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता जाती तत्वों का मिश्रण था कुछ मानव शास्त्री जांच और मानव अवशेषों की जांच से पता चलता है कि इस सभ्यता में चार नसलीय प्रकार मौजूद थे जो एस्ट्रो लोड मोती ट्रेनर अल्फानॉइड और मैग्नाइट थे


Q ;- 22 सिंधु घाटी सभ्यता के वंशज कौन है।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता के वंशज मुख्ता दक्षिण एशिया इंडो आर्यन है।


Q ;- 23 सिंधु घाटी से पहले भारत में कौन रहता था

Ans सिंधु घाटी सभ्यता में सबसे पहले उनकी मेहरगढ़ सभ्यता 7000 दिशा पूर्व थी।


Q;- 24 सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा शहर कौन सा था।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा नगर मोहनजोदड़ो था


Q ;- 25 हड़प्पा सभ्यता में कौन सी भाषा बोली जाती थी

Ans हड़प्पा सभ्यता में प्रोटो द्वीडियन भाषा बोली जाती थी।


Q ;- 26 सिंधु घाटी कितनी बड़ी थी।

Ans सिंधु घाटी सभ्यता लगभग एक मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैली हुई थी यहां पूरे उत्तर पश्चिम भारत पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ शो में मानी जाती है।


Q;- 27 सिंधु सभ्यता कितना पुराना है।

Ans सिंधु सभ्यता लगभग 8000 साल पुरानी मानी जाती थी।




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