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रस क्या है परिभाषा प्रकार सहित उदाहरण देकर समझाइए?

रस क्या है परिभाषा प्रकार सहित उदाहरण देकर समझाइए?

हेलो दोस्तों अनिल अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपको रस क्या है और रस से सम्बंधित सभी जानकारी को इस लेख में देखेंगे . जिससे यह लेख आपको बहुत ही सरल लगेगा . इस लेख में आप रस क्या है परिभाषा, भेद, उदाहरण | Ras in Hindi-Types and examples of juice - ras kya hai bhed udaharan से सम्बंधित सभी जानकारी को हम इस लेख में देखेंगे .

रस की परिभाषा उदाहरण

रस क्या है परिभाषा प्रकार सहित उदाहरण देकर समझाइए?


 रस के प्रकार उदाहरण सहित   


रस के कितने अंग होते हैं।

रस के चार अंग होते हैं स्थाई भाव विभाव अनुभव और संचारी भाव।

स्थाई भाव :-

 हृदय में मूल रूप से विद्यमान रहने वाले भावों को स्थाई भाव कहते हैं यह चिरकाल तक रहने वाले तथा रस रूप में स्वजीत या परिणत होते हैं स्थाई भाव की संख्या 9 होती है जैसे रति हास शोक  क्रोध उत्साह भय  जुगुप्सा विस्मय में और निर्वेद 

विभाव

जो व्यक्ति वस्तु या परिस्थितियां स्थाई भावों को उद्दीपन या जागृत करती है उन्हें विभाव कहते हैं विभाव दो प्रकार के होते हैं आलंबन विभाव और उद्दीपन विभाव। 

अनुभव

आलंबन तथा उद्दीपन के द्वारा आश्रय के हृदय में स्थाई भाव जागृत या उद्दीप्त होने पर आश्रय में जो चर्चाएं होती है उन्हें अनुभव कहते हैं अनुभव चार प्रकार के माने गए हैं काय मानसिक आहार्य और सात्विक ।

संचारी भाव 

आश्रय के चित्र में उत्पन्न होने वाले अस्थिर मनोविकार को संचारी भाव कहते हैं 

रस की जानकारी 

रस का अर्थ है किसी काव्य को पढ़ते या सुनने में जो भाव उतपन होता है उसे रस कहते है .

रस को और अलग से देखे तो भरत मुनि ने अपनी कृति  नाटशास्त्र में सर्वप्रथम रस के बारे में कहा है उनके अनुसार विभाब अनुभाव तथा व्यभिचारी भाव के संयोग से रस की निश्पतित होती है भारत मुनि ने रस निश्पतित के लिए नाना भावो के उतपन्न होने को उत्तरदाई मन जाता है जिसका अर्थ है की विभाव , अनुभाव तथा संचारी भाव के निकट आकर अनुकूलता ग्रहण करती है  रस कहलाता है 

रस का अर्थ / रस की परिभाषा 

किसी काव्य को पढने या सुनने में जो आनंद आता है उसे रस कहते है . 

किसी काव्य को जब हम पढ़ते है या सुनते है और उस काव्य को पढ़ कर सुनकर या देखकर हमारे मन में जो भाव उतपन होता है उसे हम रस कहते है 

रस के अंग 

रस के मुख्यता 11 अंग  होते है 

स्थाई भाव

रस

रति

श्रृंगार रस

उत्साह

वीर

निर्वेद

शान्त रस

शोक

करुण रस  

आश्चर्य

अद्भुत

भय

भयानक

क्रोध

रोध्र

देव रति

भक्ति

वत्सलता

वात्सल्य

जुगुप्सा

विभ्त्सव

       

रसो का परिचय ;- शृंगार रस की परिभाषा

1 - श्रृंगार रस - श्रंग्रार रस के दो भेद होते है - संयोग और वियोग यह रति नामक स्थाई भाव में परिणत हो जाता है नायक नायिका के मिलने के प्रसंग में संयोग श्रंगार तथा उनके विरह में वियोग श्रृंगार होता है इसके अवयव निम्न है  

 

रस क्या है परिभाषा, भेद, उदाहरण - Ras in Hindi


आक्षय – नायक

 

आलम्बन – नायिका

 

उद्दीपन – नायिका

 

चेष्टाये – हाव – भाव

 

तिरछी -  मुस्कान

 

अनुभाव – कटाक्ष

 

आलिंगन – चुबन

 

संचारी भाव – लज्जा

 

उदाहरण - 

बतरस लालच लाल की मुरली धरी लुकाय 

सोह करे भोह्नु देंन कहे नटी जाय .  

उदाहरन - 

बुंदेलो हरबोलों के मुह हमने सुनी कहानी थी .

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी .

श्रृंगार रस के दो भेद होते हैं

संयोग श्रृंगार: - जहां नायक नायिका के सहयोग या मिलन का वर्णन किया जाता है वहां संयोग श्रृंगार होता है।

उदाहरण:- 

चितवन चकित चहु दिसि सीता।

कहां गए नृप किशोर मन चीता।

लता और तब संखीय है लखाय

श्यामल गौर किशोर सुहाय

वियोग श्रृंगार रस के 5 उदाहरण

वियोग श्रृंगार :- जिस काव्य में नायक और नायिका के वियोग का वर्णन किया गया हो वह भी एक श्रंगार कहलाता है।

उदाहरण :

कहो राम बियोग तव सीता मो कहुं सकल भए विपरीता।

नूतन किसलय मनु कृपालु काल निशा सम निसि ससि भानू।

वीर रस के उदाहरण 

वीर रस - उत्साह नामक स्थाई भाव हिविर रस में परिणय हो जाता है इसके अवयव निम्नवत है जिस काव्य को पढके और सुनके जो भाव उत्पन होता है अर्थात किसी काव्य में वीरता की बात हो रही है और उसे पढ़ कर हमारे मन मे वीरता की भावना आती है वह वीर रस कहलाता है - 


स्थाई भाव

 उत्सव

आलंबन

शत्रु

 आक्षय

नायक [ वीर पुरुष ]

उद्दीपन

युद्ध के बाजे

अनुभाव

अंगो का फडकना


उदाहरण - 

वीर तुम, बढे चलो , धीर तुम बड़े चलो . 

सामने पहाड़ हो की सिंह की दहाड़ हो . 

तुम कभी रुको नहीं तुम कभी झुको नहीं . 



शांत रस 

किसी काव्य को पढ़ कर या लिख कर जो आनन्द की अनुभूति होती है या फिर मन में जो आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है या यु कहे की किसी काव्य को पढ़ कर जो मन में शांति की भावना उत्पन होती है वह शांत रस कहलाता है .

अथवा - 

जब हमारा मन अशांत ना हो और हमें सुख और दुःख की भावना से हम अलग हो जाये हमें किसी भी प्रकार का  सुख और दुःख के बारे में पता ना हो हमें किसी  भी प्रकार से कुछ मह्सुश ही ना हो शांत रस  कहलाता है . 


मन रे , परस हरि के चरण , सुलभ 
सीतल कमल कोमल ,
त्रिविधा ज्वाला  हरण . 


देखी मेने आज जरा 
 हो जावेगी क्या ऐसी मेरी यशोदरा 
हाय , मिलेगी मिटटी में वह वर्ण सुवर्ण खरा .
सुख जावेगा मेरा उपवन जो है आज हरा . 
 

वात्सल्य रस की परिभाषा 


वात्सल्य रस का अर्थ है की किसी भी काव्य को अगर हम पढ़ते है  या सुनते है जिसमे हमें छोटे - छोटे बच्चो को देख कर या सुन कर या उनका जो रूप कला उसकी कला कृति को देख कर जो मन में आनद के भाव उत्पन होता है उसे वात्सल रस कहते है 

उदहारण - 
वात्सल्य रस का सरल अर्थ यह है की माता पिता का अपने बच्चो के प्रति जो स्नेह दिखाई देता है उसे हम वात्सल्य रस कहते है  

जसोदा हरी पलने सुलावे 

मैया मोरी में नहीं माखन खायो .


 रोद्र रस की परिभाषा 

 जब किसी काव्य को पढ़ कर या सुनकर अगर हमारे मन में जो ऐसे भाव उत्पन हो जिसमे हमारा रूप रोध्र दिखाई दे या फिर हमारे रूप को देखकर को भय में आ जाये उसे रोध्र रस कहते है

उदाहरण – श्रीकृष्ण के शुन वचन अर्जुन क्षोभ से जलने लगे ,

सब शील अपना भूल करतल युगल मलने लगे .   

       

हास्य रस की परिभाषा 

 किसी काव्य को पढ़ कर या सुन कर जो मन में आनन्द की अनुभूति होती है या हमारे मन में हास्य की कल्पना होती है उसे हास्य रस कहते है

उदाहरण  - वीर तुम बड़े चले , धीर तुम बड़े चले

सामने पहाड़ हो की सिंह की दहाड़ हो .

तुम कभी रुको नहीं , तुम कभी झुको नहीं .


रस क्या है परिभाषा, भेद, उदाहरण - Ras in Hindi

     

करुण रस 

जब किसी काव्य को पढ़ कर या सुन कर हमारे मन में करुणा के भाव उतपन होते है या हमारे मन में दया के भाव उतपन होते है करुण रस कहलाता है

उदाहरण – देखि सुदामा की दिन दसा , करुना करिके करूणानिधि रोये

सीस पगा न झगा तन में प्रभु , जाने को आहे बसी कही ग्रामा .

 

अद्भुत रस 

जब किसी काव्य को पढ़ कर सुनकर देखकर जो आनंद आता है जिसमे किसी अद्भुत बात हो या किसी विशेष आश्चर्य की भावना दिखाई देती है उसे अद्भुत रस कहते है

उदाहरण – आगे नदिया खारी अपार , घोडा कैसे उतरे .

         राणा ने सोचा इस पार , तब तक .


यानक रस 

इसका स्थाई भाव भय है जब किसी भयानक या अनिष्टकारी व्यक्ति या वस्तु को देखने या उससे सम्बंधित वर्णन करने या किसी अनिष्टकारी घटना का स्मरण करने से मन को जो व्याकुलता उत्पन होती है उसे भय कहते है

उदाहरण – एक और अजगरी लखी , एक और म्रगराय .

बिकल बटोही बीच ही पयो मूर्छा खाए  

   रस , रस के प्रकार सभी परीक्षा MP पटवारी , MP POLICE , सभी प्रतियोगिता परीक्षा .] 

करुण रस -

इसका स्थाई भाव शोक होता है इस रस में किसी का विनाश या अपने का वियोग , द्रव्य नाश एवं प्रेमी से विछड़े का वियोग किसी अपने का दूर जाना उससे जो भाव उत्पनन होता है उसे करुण रस कहते है 

उधाहरण - 1 - हाय राम्हम कैसे झेले , अपनी लज्जा अपना शोक 

                     गया हमारे ही हाथ से अपना राष्ट्र पिता परलोक 


                2 -  रहे स्मरण भी आते 

                       सखि वे मुझसे कहकर जाते .


                3 - दुःख हि किस्मत की कथा रही 

                     ना कहू आज वो जो ना रही 

रोद्र रस

इसका स्थाई भाव क्रोध होता है किसी काव्य को पढ़ कर या सुन कर या किसी की                          बात को सुनकर हमारे मन में जो क्रोध की भावना उत्पन होती है उसे रोध्र  रस कहते                      है 

उदहारण ;- 

                 1 - अतिरस बोले वचन कठोर 

                     बेगी देखाऊ मूढ़ नत आजू 

                    उलटउ मही जहा जग तवराजू 

               2 - बुंदेलो हर बोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी 

                     खूब लड़ी मर्दानी बोतो झासी बाली रानी थी 


रस क्या है परिभाषा, भेद, उदाहरण - Ras in Hindi


रस से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

Q ;- 1 रस किसे कहते हैं

रस का शाब्दिक अर्थ होता है आनंद को प्राप्त करना जब किसी कार्य को पढ़कर सुनकर या देखकर हमारे मन में जो भाव उत्पन्न होते हैं वह रस कहलाता है।

Q ;- 2 रस की परिभाषा लिखिए

 काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं दृश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलंकी आनंद प्राप्त होता है वही काव्य में रस कहलाता है

Q ;- 3 रस कितने प्रकार के होते हैं

रस् के 9  प्रकार के होते हैं श्रृंगार , हास्य , रुद्र , क्रोध ,  वीर ,  अद्भुत , विभत्स्व  भयानक और शांत रस ऐसे 9  प्रकार के रस होते हैं

Q ;- 4 रस के कुल कितने भेद होते है ।

रस के 11 भेद होते हैं।

Q ;- 5 नौ रस को क्या कहते हैं

नो रस को नवरस कहा जाता है 

Q ;- 6 शांत रस का स्थाई भाव क्या है

निर्वेद

Q ;- 7 किस रस का स्थाई भाव रती है।

भक्ति और श्रृंगर रस 

Q ;- 8 हिंदी में कुल कितने रस है । 

हिंदी में नो रस हैं

Q ;- 9 हिंदी में कुल कितने कहां पर होते हैं

हिंदी में कुल 9 काव्य रस होते है 

Q ;- 10 उत्साह की स्थाई भाव से किस रस की निष्पत्ति होती है

वीर रस

Q ;- 11 रौद्र रस का स्थाई भाव क्या है।

क्रोध 

Q ;- 12 विस्मय में स्थाई भाव किस रस का होता है 

अदभुत रस

Q ;- 13 श्रृंगार रस का स्थाई भाव क्या है।

रती रस

Q ;- 14 किस रस को रसराज कहा जाता है।

शृंगार रस।

Q ;- 15 स्थाई भाव की कुल संख्या कितनी होती है।

स्थाई भाव की कुल संख्या 9 होती है

Q ;- 16 माधुर्य गुण का किस रस में प्रयोग होता है। 

शृंगार रस

Q ;- 17 वीर रस का स्थाई भाव क्या है

उत्साह।

Q ;- 18 संचारी भाव की संख्या कितनी है

संचारी भाव की संख्या 33

Q ;- 19 भरतमुनि के अनुसार रसो की संख्या कितनी है 

रस 8 

Q ;- 20 वीभत्स रस का स्थाई भाव क्या है।

जुगुप्सा।

Q ;- 21 विशेष रूप से जो भावों को प्रकट करते हैं उन्हें क्या कहते हैं।

संचारी भाव

Q ;- 22 अनुभव के कितने भेद होते हैं।

अनुभव के चार भेद होते हैं

Q ;- 23 आश्रय किस रस का स्थाई भाव होता है

अद्भुत रस

FCQ ;- 

1 ;- रस क्या है परिभाषा 

ANS ;- श्रव्य काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं द्रश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलोकिक आनद प्राप्त होता है रस कहलाता है 

2 ;- रस के कितने भेद होते है 

ANS ;- रस के ग्यारह भेद होते है 

ANS ;- श्रृंगार रस , हास्य रस , करुण रस , रोद्र रस , वीर रस , भयानक रस , बीभत्स रस , अद्भुत रस , शांत रस , वत्सल रस , भक्ति रस 

3 ;- रस क्या है इन हिंदी ? 

ANS ;- किसी काव्य को पढ़ कर देख कर सुन कर जो आनन्द की अनुभूति होती है उसे रस कहते है 

4;- रस के उदहारण क्या है 

ANS ;- किसी कविता का पठान , लेखन करके जो आनद प्रपात होता है उसे रस कहते है 

उदहारण ;- करत करत अभ्यास को जड़मत होत सुजान .

5 ;- रस के कितने अंग होते है 

ANS ;- रस के चार अंग होते है रति , हास्य , शोक , क्रोध , उत्साह , भय , जुगुत्सा 

6 ;- 9 रस कोन से है 

ANS ;- नवरस का  अर्थ है नो भावनाए ;- रस का अर्थ है मन की भावनात्मक स्तिथि को बताना ही रस कहते है 

7 ;- रस का राजा कोन है 

ANS ;- रस का राजा श्रृंगार रस होता है 


हेलो दोस्तों हमने इस पोस्ट में रस की परिभाषा और इससे सम्बंधित सभी जन्करिन को इस पोस्ट में रखा है यह पोस्ट प्रतियोगिता परीक्षा को ध्यान में रखकर ही बनाई है इस पोस्ट में हम रस क्या है परिभाषा प्रकार सहित उदाहरण देकर समझाइए? रस की परिभाषा रस के प्रकार रस के उदाहरण रस के प्रकार और स्थायी भाव रस की परिभाषा उदाहरण सहित Class

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