धातु और अधातु किसे कहते हैं Metal and non-metal
प्रिय दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया एक बार फिर आपके लिए मध्यप्रदेश राज्य सेवा आयोग की महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आया हु इस पोस्ट में हम धातु और अधातु किसे कहते हैं Metal and non-metal से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को हम इस लेख में देखेंगे जिससे यह लेख आपको किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा
धातु किसे कहते है
वह तत्व जिसमे चमक होती है जो विधुत की सुचालक होती है जो ठोस अवस्था में पाई जाती है यह ऊष्मा और विधुत के कुचलक होती है प्रमुख धातु - सोडियम , पोटेशियम , लोहा , तांबा आदि . इसे पहचानने के लिए और सरल तरीके से यह कहे की जिस धातु के अंत में [ अम ] आये वह धातु कहलाती है .
अधातु किसे कहते है
प्रथ्वी के भू पटल पर धातुओ का मुख्य स्त्रोत है यहाँ तक की समुद्र की गहराइयो में भी सोडियम क्लोराइड , मैग्नीशियम , क्लोराइड आदि जैसे कुछ लवण उपस्थित है प्रथ्वी की भू पटल पर पाए जाने वाले प्राकृतिक रूप को खनिज कहते है .
नोट -
- सभी अयस्क खनिज होते है पर सभी खनिज अयस्क नहीं होते है .
- खनिज में पत्थर के टुकड़े , मिटटी के कण , कंकड़ , बालू तथा चुने का पत्थर आदि अशुद्दिय मिली होती है
धातुओ के गुण ;-
- धातु बहुत ही मजबूत होती है इसका आकार बदलने के लिए इसे हतोड़े से इसे पीटना पड़ता है तब यह अपना आकार बदलता है ऐसी धातु को हम अघात वर्धक धातु भी कहते है सोना और चांदी एक अघात वर्धक धातु है
- धातुये खिची जा सकती है इसे पतले तार के सामान बनाया जा सकता है लेकिन सभी धातुये तार के सामान नहीं होती है सभी खीचा नहीं जा सकता है सोना और चांदी एक तन्य धातु है
- सभी धातुये ऊष्मा की चालाक होती है चांदी ऊष्मा की सर्वोत्तम चालाक है वही सीसा सबसे कम चालक है
- विधुत्त में सर्वोत्तम चालकता चांदी और तांबा है
- धातुओ में गलनांक और क्थ्नांक उच्च होते है
- धातुये सामान्यता कठोर होती है .
धातुओ के रासायनिक गुण
वायु में दहन -
- लगभग सभी धातुये आक्सीजन के साथ मिलकर सांगत धातु के आक्साइड बनता है धातु आक्साइड की प्राकृति क्षारकीय होती है लेकिन एलियुमिनियम , आक्साइड , जिंक , आक्साइड जैसे जुछ धातु आक्साइड अम्लीय तथा क्षारीय दोनों प्रकार का व्यव्हार प्रदर्शित करते है
- अधिकांश धातु आक्साइड जल में अविलेय होती है लेकिन इनमे से कुछ जल में घुलकर क्षार प्रदान करती है और पोटेशियम तथा सोडियम जैसी कुछ धातुये वायु से इतनी तेजी से अभिक्रिया करती है
- गर्म करने पर आयरन का दहन नहीं होता है लेकिन जब बर्नर की ज्बाला में लोह चूर्ण डालते है तब वह तेजी से जाने लगती है .
2 - आक्साइड की काले रंग की परत चढ़ जाती है
- सिल्वर [ चांदी ] एवं गोल्ड [ सोना ] अत्यंत अधिक ताप पर भी आक्सीजन के लिए अभिक्रिया नहीं करता है
जल से क्रिया
- जल के साथ अभिक्रिया करके धातुये हाइड्रोजन गैस तथा धातु आक्साइड उत्पन करती है जल में विलय धातु आक्साइड जल में घुलकर धातु हाइड्रोजन प्रदान करते है लेकिन सभी धातुये जल के साथ अक्भिक्रिया नहीं करती है .
- पोटेशियम तथा सोडियम जैसी धातुये ठन्डे जल के साथ तेजी से अभिक्रिया करती है
- मैग्नीशियम धातु शीतल जल के अभिक्रिया नहीं करती है लेकिन गर्म जल के साथ अभिक्रिया करके वह मेगनिशियम हाइड्रोआक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस उत्पन करती है
- एल्युमिनियम ,आयरन तथा लिंक जैसी धातुये जल के साथ अभिक्रिया नहीं करती है लेकिन भाप के साथ अभिक्रिया करके ये धातु आक्साइड तथा हाइड्रोजन प्रदान करता है .
- लेड तांबा , चांदी , सोना , आदि धातुये जल के साथ अभिक्रिया नहीं करती है .
अम्ल से क्रिया
- धातु अम्ल के साथ अभिक्रिया करके सांगत लवण तथा हाइड्रोजन गैस प्रदान करती है .
प्रतिस्थापन अभिक्रिया
अधिक अभिक्रियाशील धातु अपने से कम अभिक्रियाशील धातु को उसके योगिक के विलयन या गलित अवस्था से विस्थापित कर देती है
महत्वपूर्ण धातु एवं उनके उपयोग ;
सोडियम - NA .
- यह एक अत्यधिक क्रिया शील तत्व होने के कारण यह प्राकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है इसे कस्टनर विधि या डाउन विधि दुवारा प्राप्त किया जाता है .
- यह चांदी के समान सफ़ेद धातु है तथा इसे चाकू से काटा जा सकता है
- इसका उपयोग शीतलको , नाभिकीय रिएक्टर में तथा कृतिम रबड़ के बहुलिकर्ण में उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है सोडियम लैम्पो के निर्माण में भी सोडियम का उपयोग किया जाता है .
मेगनिशियम MG
- यह चांदी की तरह उजली एवं चमकीली धातु है इसका निष्कर्ण कर्न्लाईट से किया जाता है
- यह पोधो को हरा रंग प्रदान करने बाले वर्णक क्लोरोफिल या हरित्लावक में पायी जाती है .
- इसका प्रयोग मिक्ष्धातु बनाने में तथा फोटोग्राफी में फ्लेश बल्ब के निर्माण में किया जाता है .
एल्युमिनियम AI .
- एल्युमिनियम का निष्कर्षोंण बाक्साईद से किया जाता है एल्युमिनियम चांदी के सामान सफ़ेद धातु है , लेकिन अपद्रव्य की उपस्तिथि के कारण इसका रंग कुछ नीला होता है की उपस्तिथि के कारण इसका रंग कुछ नीला होता है
- एल्युमिनियम के चूर्ण का प्रयोग फ्लेश लाईट एवं फोटो ग्राफी में किया जाता है एल्युमिनियम चूर्ण एवं एल्युमिनियम नाइट्रेट का मिक्षण बमों में प्रयोग किया जाता है
आयरन या लोहा .
- भारत में लोहे का निष्कार्ष्ण भिलाई , दुर्गापुर , राउकेला तथा जमशेदपुर से किया जाता है
- लोहे के अधिकांश अयाश्क आक्साइड तथा सिलिकान आक्साइड के मिक्षण के रूप में पाए जाते है लोहे के प्रमुख अयस्क हेमेटाईट [ FE2 O3 ] मेगनेटाईट एवं आयरन पाईराईट है .
- लोहे के निष्कर्षण के लिए वात्या भट्टी का प्रयोग किया जाता है भट्टी से प्राप्त लोहा कच्चा लोहा कहलाता है
लोहा मुख्यता तिन प्रकार का है -
1 - ढलवा लोहा - इसमें कार्वन की मात्र अपेक्षाकृत अधिक 2.5 होती है इसी कारन या कठोर और भंगुर होता है इसमें फास्फोरस P , सिलिकान SI , और मैंगनीज MN आदि अशुद्दियो के रूप में उपस्थित रहते है .
- यह सबसे निन्म कोटि का लोहा होता है यह दो प्रकार का होता है सफ़ेद और भूरा लोहा
- सफ़ेद लोहा में कार्बन की अधिकांश मात्र संयुक्त रूप से पाया जाता है .
- भूरे लोहे में कार्बन की अधिकांश मात्र ग्रेफाइट के सूक्ष्म रवो के रूप में सम्पूर्ण क्रिस्टल में वितरित रहती है
2 . पिटवा लोहा - इसे ढलवो लोहे से प्राप्त किया जाता है यह अपेक्षाकृत शुद्ध लोहा होता है इससे चादर और तार बनाये जाते है . इसमें कारवां की मात्रा सबसे कम होती है
3 . इस्पात - यह लोहे की एक मिक्ष - धातु है जिसमे 0.5 से 1.5 % तक कार्बन पाया जाता है यह म्रद , क्रिस्टलीय तथा चमकदार होता है कार्बन की मात्र के आधार पर यह तिन प्रकार का होता है
कापर या तांबा -
- तांबा मुख्यता सल्फाइड अयस्क के रूप में प्राप्त होता है जो चट्टान में विभिन्न पदार्थ के साथ वितरित रहता है अत अयस्क को मिटटी में ले जाने से पूर्व उसके प्रसाधन अथवा सवर्धन की आवश्यकता होती है
- तांबा गुलाबी लाल रंग की चमकदार धातु है व चांदी के बाद विधुत्त की सबसे अच्छी सुचालक है .
- विधुत सुचालक होने के कारण इसका प्रयोग विधुत यंत्र [ बिजली के तार ] कैलोरीमीटर आदि बनाने में किया जाता है
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सिल्बर या चांदी
सिल्वर ग्लास रूबी सिल्बर कापर सिल्वर ग्लास स्टीफेंनाइड हार्न सिल्वर , गैलेन आदि चांदी के प्रमुख अयस्क है
- चांदी ऊष्मा व विधुत की सबसे अच्छी सुचालक तथा सफ़ेद चमकदार धातु है .
- चांदी द्रवित अवस्था में अपने आयतन की 20 -25 गुनी आक्सीजन का अवषेष्ण करती है तथा पुन ; ठण्डी एवं ठोस अवस्था में इसका निष्काशन करती है चांदी का यह गुण चांदी का उदगमं कहलाता है .
- चांदी का उपयोग सिक्के व अभुष्ण बन्नाने में , सिल्वर ब्रोमाइड [ फोटोग्राफी में प्रयुक्त ] बनाने में किया जाता है
- यह दातो को भरने के लिए भी काम आता है
पारा या मरकरी
पारा सबसे भारी द्रव्य है जिसका आपेक्षा कृत्य घनत्व 13.6 है पारा प्राकृतिक अवस्था मर मुक्त अवस्था में पाए जाता है .
- पारा विधुत तथा ऊष्मा का सुचालक है
- परे का उपयोग सोने और चांदी के निषकर्सन में , जल विलेय गैस के एकत्रण में धातु के अमलगम बनाने में , कास्टिक सोडे के निर्माण , बैरोमीटर , थर्मामीटर एवं अन्य उपकरण के निर्माण में किया जाता है
सोना
- शुद्ध स्वर्ण बहुत मुलायम होता है जो आभूषण निर्माण में कठिनाई उत्पन्न करता है आभूषण निर्माण के लिए सोने . कापर , धातुये मिलाई जाती है
- स्वर्ण की शुद्धता कैरेट में व्यक्त किया जाता है
- शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है
- स्वर्ण मुद्रा 22 कैरेट की होती है इसमें सोना 22 भाग और तांबा 2 भाग रहता है
- स्वर्ण आभुष्ण के प्रयोग किया जाने वाला सोना 18 कैरेट होता है [ 18 भाग सोना + 6 भाग तांबा का हे
- प्लेटिनियम को सफ़ेद स्वर्ण भी कहते है
मिक्ष धातु
दो या दो से अधिक धातुओ अथवा एक धातु तथा एक अधातु का समांगी मिक्षण मिक्ष धातु कहलाते है ये अनेक उद्योग में काम में आते है
महत्वपूर्ण मिक्ष धातु के उपयोग
- तेज और धार धार मशीनी ओजार बनाने के लिए किस धातु का प्रयोग किया जाता है - टंगस्टन इस्पात .
- छापखाने में टाइप बनाने में किस धातु का उपयोग किया जाता है - मुद्रा धातु .
- तराजू , बिमा एवं हल्के उपकरण के निर्माण में किस धातु का उपयोग किया जाता है - मेंग नेलियम
- वर्तन , तार , पाइप , पुर्जे बनाने में किसका उपयोग किया जाता है - पीतल
- वर्तन मुर्तिया बनाने के लिए किसका उपयोग किया जाता है - कांसा
दोस्तों यह लेख आपको हमने धातु और अधातु से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपके सामने राखी है जिससे के आप बहुत ही सरल तरीके से आप इसका अध्यन कर सकते है धातु और अधातु किसे कहते हैं Metal and non-metal धातु किसे कहते है अधातु किसे कहते है धातु और अधातु में अंतर धातु और अधातु के नाम धातु और अधातु क्या है
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