HOW TO RESPECT WOMEN FOR MEN महिलाओं का सम्मान कैसे करें
हेलो दोस्तों में अनिक कुमार पलाशिया आपका palashiya classes में स्वागत करता हु , आज हम एक महत्वपूर्ण टोपिक पर बात कर रहे है बैसे इस टोपिक पर कोई बात नहीं करना चाहता है क्योकि अगर महिलाओ की बात आती है तो सब अपने घर की और देखते है , कोई क्या , कोई क्या सोचते है , उनका सम्मान वो तो घर समालने के लिए होती है , प्राचीन काल से ही महिलाओ को घर समालने के लिए ही बनाया है
आज का मुख्य विषय है कि महिलाओं का सम्मान क्यों किया जाना चाहिए, उनका सम्मान क्यों किया जाना चाहिए। आज हम इसी विषय पर बात करेंगे और अपने इस पोस्ट में हम उन सभी बातों को जानेंगे। जिससे महिलाओं को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है फिर भी वह बिना किसी शर्त के अपना काम करती है और अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाती है। बस इसी टोपिक को लेकर हम आज यह पोस्ट को लेकर आये है .
ये पोस्ट किसी वर्ग या किसी को लेकर नहीं बनाई है यह हम अपने घर में जो देखते है सोचते है महिलाओ की स्तिथि को समझते ऐ वस उसके बारे में बात करते है .
महिलाओं का सम्मान कैसे करें
हमारा समाज पुरुष वर्ग का समाज है ये प्राचीन काल में भी प्रचलित था और आज भी यही बात प्रचलित है समाज में पुरुष वर्ग का ही बोल बाला होता है पुरुष कोई अच्छा काम करता है तो उसकी बहुत ही तारीफ होती है फेस book , इन्ष्ट्रग्राम सब पर उसकी फोटो लगा देते है लेकीन कही लड़की को कोई उपलब्धि मिलती है तो वो सोचते है की लड़की है एक दिन सादी करके चली जायेगी उसके ऊपर ज्यादा पैसे क्यों खर्चा करे . वैसे आज नई पीढ़ी का युग है आज सभी को समान अधिकार है लेकिन कही कही पर आज भी प्राचीन काल की मनोदशा प्रचलित है जिनकी सोच यही है लडकियों को ज्यादा नहीं पढाना चाहिए .
क्या कारण से उसका सम्मान करे ?
नारी शब्द में ही ईश्वर शब्द का रूप दिखाई देता है शायद कभी किसी ने गोर नहीं किया होगा . के वो हमारी जिन्दगी के लिए कितनी महत्वपूर्ण है , उनके विना हमारा कुछ भी काम नहीं होता है आप उनके काम को देखना सुबह से ही वो घर के कामो में लग जाती है हर एक व्यक्ति के लिए वो तैयार रहती है उनकी जी हुजूरी के लिए . मान लो घर में 10 सदस्य है तो कम से कम दो या तिन सब्जिया तो बनती ही होगी . इससे पहले चाय नास्ता , उससे भी पहले पुरे घर की साफ़ सफाई चाय नास्ता , फिर भोजन फिर घर की सफाई , कपडे बर्तन , बापरे सोचते ही पसीना आजाये हमें तो . लेकिन महिलाए नहीं डरती है वो हर काम को खुद की जबाब दारी समझ कर करती है
अब कई पुरुष का मानना होगा , की इसमें क्या नई बात है ये तो महिलाओं का रोज का काम है ये उनका विषय है उन्हें करना ही पड़ेगा वो नहीं करेगी तो कोन करेगा ,ऐसा नहीं है हा वो करेगी क्योकि उसके घर बालो ने उसे यही सिखाया है की एक लड़की का काम क्या है वो कभी इनकार नहीं करेगी . लेकिन क्या हमारा फर्ज नहीं बनता के हम ज्यादा नहीं तो थोडा कुछ काम खुद कर ले जिससे के उन्हें ये महसूस हो के मेरे पति , भाई , देवर , बेटा आप जिस किरदार में है वो कितना ख्याल रखते है , मेरा . देखना वो आपका और सम्मान करेगी .
उनकी कमियों को ना गिने .
- जब घर में खाना बनता है तो अक्सर हम कुछ ना कुछ कमी निकाल कर उसे दाटते है के आज खाना अच्छा नहीं बना . क्या करते रहते हो .तुम्हारी माता ने खाना तुम्हे खाना बनाना नहीं सिखाया तुझे कुछ काम नहीं आता . ये सब हमें नहीं बोलना चाहिए एक दिन आप खुद इतना काम कर के देख लो आप को पता लग जायेगा . के खाना कैसे बनता है .
- घर में बहुत सारा काम रहता है जब कभी आप आफिस या कार्यालय से आये तो उसे ये न कहे के आज घर कितना गन्दा हो रहा है ये टावेल ऐसा क्यों रखा है , ये वर्तन ऐसा क्यों रखा है . क्या आप नहीं कर सकते है वो दिन भर काम करने के बाद भी आपके सामने हस्ते ही आती है .
- अगर आपकी पत्नी आपके जैसे काम करती है कही नोकरी करती है तो आपका भी फर्ज बनता है के आप उसके साथ घर में भी थोडा बहुत काम कर ले जिससे के उसे कुछ ज्यादा समय मिल जाए और वो आप के साथ कुछ समय बिता सके .
- ये बात ध्यान रखे के आपने पत्नी को शादी करके लाये है किसी नोकर को नहीं जो हमेशा आप की जी हुजूरी करती रहेगी . हां एक बात अगर आपका पति आपके साथ आपके घर में काम में मदद करता है तो आप दुनिया कि बहुत ही खुश नसीब ओरत है जिसमे वो आपकी सारी बात मानता है .
- आपको यह देखना है की अगर पुरुष घर में आपकी help करता है तो आप भी उसे समझे .
परिवार का सहयोग
किसी भी व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए उसके परिवार का समर्थन होना बहुत जरूरी है, चाहे वह लड़का हो या लड़की, लड़कों को घर में अधिकार और छूट मिलती है, वही छूट लड़कियों को नहीं दी जाती है, सभी का मानना है कि लड़कियों को घर पर ही छोड़ देना चाहिए। इसे बाहर नहीं भेजा जा सकता है, यह ज्यादातर परिवारों में देखा जाता है, दुनिया में बहुत कम परिवार ऐसे होते हैं जो अपने घर में लड़के और लड़कियों को समान मानते हैं। आज भी लड़कों को घर का कुलदीपक माना जाता है और लड़कियों के लिए यह माना जाता है कि एक दिन वे उसकी शादी कर देंगे और वह अपने ससुराल चली जाएगी। इसलिए ज्यादा पढ़ाई करने की जरूरत नहीं है, घर संभालो, घर का काम करो वर्तन मांझो घर का सारा काम सीखो वो आगे काम आयेगा . । जब तक यह सोच नहीं बदलेगी तब तक हमारा समाज आगे नहीं बढ़ेगा इसलिए परिवार का सहयोग होना बहुत जरूरी है।
परिवार का सहयोग बहुत ही जरुरी है चाहे वो लड़का हो या लड़की हमेशा दोनों को एक समान समझना चाहिए . कुछ रिश्ते ऐसे होते है जिसमे हमें अपनी मर्यादा रखनी चाहिए .
- बच्चो के सामने कभी भी लड़ाई न करे अगर आप ऐसा करते है तो उन पर गलत प्रभाव पड़ेगा .
- प्रारंभ से ही लडको को लडकियों की रिस्पेक्ट करना सिखाये उन्हें बताये के लड़का और लड़की दोनों एक समान है .
- अगर आप अपनी पत्नी का रिस्पेक्ट करेंगे . तो आपका बच्चा भी आगे जाकर अपनी पत्नी का रिस्पेक्ट करेगा
- यही नियम सभी जगह पर लागू होता है जब लड़का घर में महिलाओं का आदर करेगा तो आफिस - कार्यालय सभी जगह वो महिलाओं का सम्मान करेगा .
- अगर आप घर में लड़के के लिए कुछ गिफ्ट लाते है तो अपनी लड़की के लिए भी बैसा ही गिफ्ट लेकर आये इससे लड़के को हमेशा यही लगेगा के दोनों एक समान है कोई अंतर नहीं है
निष्कर्ष
दोस्तों हमारी ये पोस्ट लिखने का मकसद यह था के आप हकीकत को जाने के अगर घर से हम महिलाओ का सम्मान करना अपने बच्चो को नहीं सिखंगे तो बाद में आपको ही परेशानी होगी . क्योकि बच्चे देश का भविष्य है उनके सामने ऐसी कोई हरकत नहीं करना है जिससे वो बच्चा सीखे और खुद प्रयोग करे . महिला माँ , बेटी , बहु , पत्नी , कोई भी हो सकती है आप यही माहोल अपने आफिस , कार्यालय में भी उपयोग करे ताकि आपको देख कर लोग सीखे . और आपका अनुसरण करे
दोस्तों इस पोस्ट को लिखने का हमारा मुख्य उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है, यह पोस्ट केवल कुछ चीजों के लिए बनाई गई है जिसका सभी लोगों को सम्मान करना चाहिए। और मान सम्मान की शुरुआत घर से ही होती है, तभी बाहरी लोग भी करते हैं।
शुक्रिया ।
हमारी इस पोस्ट को भी पड़े ,,,,,,
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