रोग किसे कहते हैं यह कितने प्रकार से फैलता है / ROG KI PARIBHASHA KARAN LAKSHAN AEVM PRATHMIK UPCHAAR
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को आपके सामने लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपको रोग की परिभाषा कारण लक्षण एवं प्राथमिक उपचार / ROG KI PARIBHASHA KARAN LAKSHAN AEVM PRATHMIK UPCHAAR से सम्बंधित सभी जानकारी को देखेंगे
बीमारी क्या है [ रोग किसे कहते हैं ]
जब किसी जिव में बीमारी लगती है या उसे कोई बीमारी होती है तो उसमें कार्यात्मक और अनियमितता के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं यह लक्षण उस व्यक्ति को कुछ काम नहीं करने देते हैं उसकी जो दैनिक क्रिया विधि है वह क्रियाविधि अपने आप रुक जाती है हाथ पैर भूल जाते हैं कोई कार्य करने में मन नहीं लगता है सर भारी भारी सा लगता है ऐसे बहुत से लक्षण होते हैं जो हमें यह बताते हैं कि वह बीमार है।
बीमारी की परिभाषा
बीमारी एक ऐसा प्रणाली है जिसमें जीव संरचनात्मक तथा कार्यात्मक रूप से विकृति या अनियमित हो जाता है। शरीर कुछ भी काम नहीं करता है . शरीर पूरी तरह से विकृत हो जाता है . या यु कहे के शरीर विल्कुल काम नहीं करता है .
बीमारी का अर्थ
जब किसी जीव में बीमारी लगती है तब उसकी संरचनात्मक अथवा कार्यात्मक शक्ति अपने आप कम हो जाती है और उसके शरीर में अनेक लक्षण दिखाई देने लगते हैं और वह लक्षण ही बीमारी कहलाती है और उसी लक्षण के कारण ही हम बीमारी की पहचान करते हैं।
बीमारियों के मूल कारण
मनुष्य में बीमारियां किसी ना किसी कारण से होती है अब चाहे वह मौसमी बीमारी हो या फिर कोई इंफेक्शन हो लेकिन बीमारी होती है इसके कई कारण हो सकते हैं जिसमें जीव या निर्जीव जो उसे कई विषाणु द्वारा बीमार करते हैं
पोस्टिक तत्व :-
जब हमारे शरीर में अनेक प्रकार के पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जैसे मुख्यता पोषक तत्व कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन बसा खनिज लवण इत्यादि की कमी हो जाती है तब यह रोग होना प्रारंभ हो जाते हैं।
भौतिक कारक
मनुष्य में भौतिक कारक से भी बीमारियां होती हैं जैसे ताप दाब आद्रता विकिरण विद्युत ध्वनि नमी आदि कारकों के अनियमित प्रभाव से भी रोग उत्पन्न होते हैं।
रासायनिक कारक
कुछ रासायनिक पदार्थों से भी मानव शरीर में बीमारियां होती हैं रासायनिक पदार्थ हमारे शरीर के उत्सर्जित पदार्थों को प्रभावित करती है उसके कुछ कारक जैसे यूरिया यूरिक अम्ल या दुर्घटना इत्यादि कारणों से भी हो सकती है।
यांत्रिक कारक
मानव शरीर में यांत्रिक कारक से भी बीमारियां होती है जिसे चोट लगना गिरना कहीं दुर्घटना हो जाना यह भी कुछ कारण होते हैं जिससे हमारा शरीर प्रभावित होता है
पदार्थों की अधिकता
जब हमारे शरीर में कुछ तत्व या पदार्थों की अधिकता हो जाती है कब भी यह कई प्रकार से रोग हमारे शरीर में फैलाते हैं जिसे हार्मोन तथा पोषक पदार्थों की अधिकता से रोग उत्पन्न होना।
जैविक कारक या रोगाणु
कभी-कभी प्राकृतिक में पाए जाने वाले कुछ ऐसे जिव हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं उस समय कई प्रकार के रोग हमारे शरीर में फैलते हैं यह रोगजनक या रोगाणु हो सकते हैं और इन से पैदा होने वाली बीमारियों को संक्रामक बीमारियां कहते हैं रोगाणुओं का हमारे शरीर में प्रवेश करना संक्रमण कहलाता है और अधिकांश बीमारियां संक्रमण के कारण ही होती है।
बीमारियों के प्रकार लिखिए
बीमारियों के प्रकार निम्नानुसार है बीमारियां दो प्रकार की होती है एक जन्मजात बीमारी और दूसरी उपार्जित बीमारियां होती है
A ) जन्मजात बीमारी यह बीमारियां जन्म से ही रहती है यह शरीर में अनेक कमियों के कारण उत्पन्न होती है और इससे मनुष्य में बचपन से ही अलग-अलग कमजोरियां दिखाई देने लग जाती है।
B ) उपार्जित बीमारियां यह ऐसी बीमारियां होती है जो मनुष्य को जन्म लेने के बाद कई कारणों से होती है चाहे वह बीमारी संक्रमण से हो या वह बीमारी मौसमी हो।
संक्रामक बीमारियां क्या होती है
बीमारियां हैं जो जीवित कारकों जैसे जीवाणु विषाणु प्रोटोजोआ श्रमिकों तथा कवकों के कारण खेलती है या बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है और संचालित होती है इस बीमारी को हम संक्रामक बीमारी कहते हैं।
आसंक्रामक बीमारी किसे कहते हैं ?
ऐसी बीमारियां जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है या यूं कहें के साथ रहने से पास बैठने से छूने से वह बीमारी नहीं फैलती है इन बीमारियों के कारण जीव नहीं बल्कि जीवो के अलावा दूसरे कारण होते हैं ऐसी बीमारियों को हम असंक्रामक बीमारी कहते हैं यह बीमारियां एलर्जी कैंसर अनुवांशिक बीमारियां सामाजिक बीमारियां यांत्रिक बीमारियां अल्पता बीमारियां हो सकती है।
संक्रामक रोगों के प्रकार लिखिए।
संक्रामक रोगों के प्रकार निम्नलिखित है विषाणु रोग
विषाणु रोग :- ऐसे लोग जो विषाणु के द्वारा उत्पन्न होते हैं संक्रमण रोग कहलाते हैं जिसे चेचक बड़ी माता खसरा गलसुआ रेबीज ट्रेक्रोम इन्फ्लूएंजा आदि ।
जीवाणु रोग :- ऐसे ऐसे रोग जो परजीवी जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होते हैं वह जीवाणु रोग कहलाते हैं जैसे टीवी हैजा टिटनेस प्लेग कोड कुकरी खांसी आदि ।
प्रोटोजोअन रोग :- यह से परजीवी प्रोटोजोआ रोग है जो जंतुओं के कारण फैलता है यह जानवरों के कारण फैलने वाला रोग होता है जैसे मलेरिया कालाजार पेचिश निंद्रा रोग।
हेमिल्थान रोग :- यह से रोग जो विभिन्न प्रकार के क्रमी अथवा एलिमथान के कारण उत्पन्न होते हैं जैसे - फेलरियेसिस , ऐसकैरीयेसिस, टीनीओसिस , ट्रैकोमोनोऐसिस आदि ।
दोस्तों हमने यह लेख परीक्षा से सम्बंधित बनाया है आप इस लेख के माध्यम से किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर सकते है यह लेख सिर्फ प्रतियोगिता परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है इस लेख में हम आपको बीमारियों के मूल कारण root causes of diseases bimariyo ke mul karan बीमारी क्या है बीमारियों के मूल कारण बीमारियों के प्रकार लिखिए विषाणु रोग से समबन्धित सभी जानकारी को आपके सामने रखा है बीमारियों के मूल कारण by anil kumar palashiya
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