पर्यावरण किसे कहते हैं यह कितने प्रकार का होता है? paryavaran kise kahte hai yah kitne prakar ka hota hai -
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण लेख को लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपको पर्यावरण किसे कहते हैं यह कितने प्रकार का होता है? paryavaran kise kahte hai yah kitne prakar ka hota hai - से सम्बंधित सभी जानकारी को आपके सामने रखेंगे इस लेख में हम आपको पर्यावरण से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को रखेंगे जिससे आपको रह पता चलेगा के पर्यावरण क्या है और इसके स्त्रोत क्या है ये सारी जानकारी को हम अपने इस लेख में देखेंगे .
पर्यावरण क्या है
पर्यावरण से हमारा आशय यह है की वह तत्व जो हमारे आँखों के सामने दीखते है , कहने का तात्पर्य यह है की पर्यावरण का सीधा अर्थ यह है की आँखों के सामने जो भी दिखाई देता है वह पर्यावरण कहलाता है आँखों के सामने जो भी चीज दिखाई देती है उसे हम पर्यावरण कहते है .
जैसे ;- हवा , पानी , मकान , पेड़ , वर्तन , सब्ज्जी आदि .
पर्यावरण का अर्थ
पर्यावरण का अर्थ हमारे आस - पास . मानव , जन्तुओ या पोधो की वृद्दि एवं विकास को प्रभावित करने वाली वाहा दशाये पर्यावरण के अंतर्गत आते है . इसमें जंगल . नाले , पहाड़ , और मैदान आते है
अथवा
ऐसे स्थान जिसमे मनुष्य के आँखों के सामने जो भी वस्तु दिखाई देती है चाहे वो प्राकृतिक हो या मानव निर्मित जैसे हवा , पानी , मृदा , रासायनिक तत्व वो सभी पर्यावरण के अंतर्गत आते है .
पर्यावरण कितने प्रकार के होते है ?
पर्यावरण दो प्रकार का होता है
- प्राकृतिक पर्यावरण
- मानव निर्मित पर्यावण
पर्यावरण क्या है पर्यावरण के प्रकार
प्राकृतिक पर्यावरण - प्राकृतिक पर्यावरण क्या है
प्राकृतिक पर्यावरण से हमारा आशय यह है की वह तत्व जिसका निर्माण मानव के दुवारा नहीं हुआ है उसका निर्माण अपने आप ही हुआ है इसमें मानव का कोई हस्तेक्षेप नहीं है इसका निर्माण अपने आप ही हुआ है उसे प्राकृतिक पर्यावरण कहलाता है .
जैसे ;-
- हवा
- पानी
- बादल
- सूर्य .
- प्रथ्वी
मानव निर्मित पर्यावरण
मानव निर्मित पर्यावरण से हमारा आशय यह है के पर्यावरण के वह तत्व जिसमे मानव का पूरा सहयोग रहता है जिसका निर्माण मानव के दुवारा होता है उसे मानव निर्मित पर्यावरण कहलाता है मानव के दुवारा ही कुआ , तालाव का निर्माण किया है
जैसे ;-
- कुआ
- तालाव
- मोबाईल
- पंखा
- कूलर
- मकान
- दुकान
पर्यावरण का मानव जीवन में क्या महत्त्व है
पर्यावरण का सीधा सम्बन्ध मानव से ही जुड़ा होता है . प्राचीन काल से ही पर्यावरण का सम्बन्ध या यु कहे के जब से जीवन का आरम्भ हुआ है तव से ही मानव पर्यावरण से जुड़ा हुआ है वह इसका उपयोग करता है और पर्यावरण के कारण ही मानव के स्वास्थ को भी अच्छा बना कर रखा है
लेकिन आज वर्तमान में जो पर्यावरण का दोहन हो रहा है उसका भी जबाब दार मानव स्वयं है क्योकि जैसे - जैसे मानव का स्तर बढता गया वैसे - वैसे मानव ने पर्यावरण का दोहन करता करता रहा है और आज भी मानव उसी में लगा हुआ है . आज मानव जंगल को काटकर घर , बस्ती , शहर , नदियाँ , तलाब , रास्ता , सभी को बसाने के लिए जंगल को काटते गए है इससे अपना तो विकास किया लेकिन पर्यावरण का नाश कर दिया .
पर्यावरण से हमें भोजन , जल , ईधन , दवाईया सभी पर्यावरण से ही प्राप्त होता है पहले की समय में यह बहुत ही शुद्ध था , लेकिन आज वर्तमान में मानव ने अपने विकास के लिए प्रदुषण को बढावा दिया है जिस कारण पर्यावरण का नाश हो रहा है .
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 केंद्र सरकार को पर्यावरण की गुणवत्ता की रक्षा और सुरक्षा करने के लिए यह अधिनियम लाया गया था इस अधिनियम का महत्वपूर्ण उद्देश्य यह था कि पर्यावरण में जिस प्रकार से प्रदूषण फैल रहा है उसकी रोकथाम करना।
पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार प्रदान करने के उद्देश्य से 1986 में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम बनाया गया था या केंद्र सरकार को अपने सभी स्वरूपों में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने और देश के विभिन्न हिस्सों के लिए विशिष्ट पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए अधिकृत किया गया था।
पर्यावरण के घटक लिखिए।
पर्यावरण के जैविक और अजैविक घटक
पर्यावरण के मुख्यता दो घटक होते हैं।
- जैविक घटक
- भौतिक घटक
पर्यावरण के जैविक घटक उत्पादक उपभोक्ता और घटक है इसके उदाहरण जैसे पौधे जानवर और मनुष्य आदि आते हैं सभी जीवित चीजें पर्यावरण के जैविक घटक में शामिल होते हैं हम देखते हैं कि पारिस्थितिक तंत्र के जैविक घटक के रूप में भी इसे माना जाता है पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण तब होता है जब जानवर पौधे और जीव जैविक घटकों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं। जैविक घटक में शाकाहारी मांसाहारी और सर्वाहारी तीनों आते हैं।
भौतिक या आजैविक घटक
Bhautik Ghatak paryavaran ke nirjiv bhag ko sandrbhit Karta hai aajivik karak bhi kaha jata hai aur ismein hawa Pani mitti jalvayu aadi Shamil hote hain bhautik ghatkon ko mote aur taur per teen samuh mein vargad kiya gaya hai vayumandal jalmandal aur Sthal mandal।
भौतिक घटक पर्यावरण के निर्जीव भाग को दिखाते हैं इन्हें आज यह भी घटक भी कहते हैं इसमें हम हवा पानी मिट्टी जलवायु आदि को शामिल करते हैं भौतिक घटकों को तीन भागों में बांटा गया है वायुमंडल जलमंडल और स्थल मंडल।
पर्यावरण समस्या से हमारा क्या आशय है।
वायु प्रदूषण
वायु प्रदूषण का सीधा संबंध मानव से होता है क्योंकि इसका निर्माण मानव के द्वारा ही किया गया है मानव ने अपने विकास के लिए आज नए नए अविष्कार किए हैं समय को बचाने के लिए उसने अनेक यंत्रों का आविष्कार किया है आज बढ़ती जनसंख्या बढ़ता शहरीकरण यह सभी प्रदूषण कारक होते हैं आज मिल कारखाने मोटरसाइकिल उद्योग धंधे सभी जगह से जो प्रदूषित धुआ निकलता है जिसके कारण सभी जरूर प्रदूषण फैलता है वह प्रदूषण वायु में मिल जाता है जिसके कारण वायु प्रदूषण होता है।
- मोटर गाड़ियों से निकलने वाला धुआं
- मिल कारखानों से निकलने वाला धुआं
- तेल शोधक कारखानों से निकलने वाला केमिकल
- लुगदी कागज कपड़ा उद्योग ।
- जल प्रदूषण वृद्धि का परिणाम है।
- जल प्रदूषण के मुख्य कारण में घरेलू मल जल का बहाना।
- जल में कूड़ा कचरा फेंक देना।
- को प्रदूषित करने के लिए उद्योग की भी महत्वपूर्ण भूमिका है जिसमें से तेल शोधक कारखाने उपयुक्त नाशक पदार्थ केमिकल आदि से जो तेल निकलता है वह सीधा नदियों में जाता है
- नदी या कुए में कूद कर नहाना भी जल प्रदुषण का एक कारण हो सकता है
वन कटाई [ वनों के विनाश के कारण [
वनों को काटना भी वन प्रदुषण का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है आज के समय में बढती जनसँख्या , और शहरीकरण के कारण वनों का विनाश हो रहा है . उद्योग और शहर को बसाने के लिए वनों को काट रहे है , जंगल को नष्ट करके बड़े बड़े उद्योग और नगर को बसा रहे है यह भी वन प्रदुषण का एक कारण है
पर्यावरण प्रदुषण का निबंध
- पर्यावरण प्रदुषण मानव निर्मित प्रदुषण होता है
- यह मानव के दुवारा फैलाया प्रदुषण है
- शहरीकरण के कारण आज वनों का विनाश हुआ है
- पर्यावरण प्रदुषण नियंत्रण 2 दिसम्वर को मनाया जाता है
- प्रदुषण के प्रकार में जल प्रदुषण , वायु प्रदुषण , ध्वनी प्रदुषण , मृदा प्रदुषण आते है
- मिल कारखानों से निकला जल , और धुँआ जल प्रदुषण और वायु प्रदुषण दोनों फैलाते है
- प्लास्टिक की थैली भी प्रदुषण का कारण हो सकता है
- वायु प्रदुषण से निकलने वाला धुँआ साँस की वीमारी करता है
- ध्वनी प्रदुषण हमारे कान के रोग को बढावा देता है
- प्रदुषण आज पुरे विश्ब की महत्वपूर्ण समस्या है
1 ;- पर्यावरण की परिभाषा क्या है
2 ;- पर्यावरण के 3 प्रकार लिखो
3 ;- पर्यावरण के तत्व कितने है
4 ;- पर्यावरण किसे कहते है इसके घटक कोन कोन से है
5 ;- पर्यावरण कितने प्रकार के होते है
- भोतिक पर्यावरण
- जैविक पर्यावरण
- सामाजिक पर्यावरण
Q ;- 6 पर्यावरण का महत्त्व क्या है
Q ;- 7 पर्यावरण शब्द किसने दिया था
Q ;- 8 पर्यावरण के 2 प्रकार कोन से है
Q ;- 9 पर्यावरण किससे बना है
Q ;- 10 प्रथ्वी के साथ तत्व कोन से है
- पोधे
- गर्म
- उर्जा
- मिटटी
- खनिज
- पानी
- ठंडा
- उर्जा
- जव
Q ;- 11 प्रदुषण कितने प्रकार के होते है
- वायु
- जल
- ध्वनी
दोस्तों हमने इस लेख में आपको पर्यावरण से सम्बंधित सभी जानकारी को हमने इस लेख में रखा है इस लेख में हमने पर्यावरण से सम्बंधित कुछ जानकारी आपके सामने राखी है यह पर्यावरण प्रदुषण का निबंध भी हो सकता है आप इसका प्रयोग निबंध के तोर पर भी कर सकते है What is environment पर्यावरण क्या है पर्यावरण क्या है पर्यावरण के प्रकार पर्यावरण के घटक पर्यावरण के जैविक और अजैविक घटक पर्यावरण का महत्व पर्यावरण समस्या की सभी जानकारी को देखेंगे .
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