madhy pradesh ke prachin nagar- मध्य प्रदेश के प्राचीन नगर
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आ रहा हु , इस पोस्ट में हम मध्य प्रदेश के प्राचीन नगर - madhypradesh ke prachin nagar की सभी जानकारी को बहुत ही आसानी से पड़ेंगे और देखेंगे के यह टोपिक परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है
मध्यप्रदेश की किसी भी परीक्षा में प्राचीन नगर , ऐतिहासिक नगर की जानकारी उस नगर से सम्बंधित विशेषता वो क्यों विख्यात था ये सभी परीक्षा में पूछे जाते है इस लिए आज हम अपनी इस पोस्ट में मध्यप्रदेश के प्राचीन नगर से सम्बंधित सभी जानकारी को इस पोस्ट में देखेंगे .
मध्य प्रदेश के प्राचीन नगर ऐतिहासिक स्थल
मध्य प्रदेश के प्राचीन नगर
मध्यप्रदेश के प्राचीन नगर और उनके नये नाम
मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक नगर
मध्यप्रदेश के प्रमुख प्रोगेतिहसिक काल मध्य काल और आधुनिक काल उनसे सम्बंधित राज्य,जिले जिसमे सभी साशको ने महत्वपूर्ण ईमारत बनवाई जो आज भी अपनी प्रसिद्धि के कारण विख्यात है महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल -जिसमे विराट पूरी को सोहागपुर , उज्जैनयनी को उज्जैन , महिष्मति को महेश्वर , कुन्त्लपुर को कोंडिया प्रमुख नगर थे
- आदम्गड़ - होशंगाबाद यह नर्मदा नदी के तट पर मध्य पाषाण काल का है इसमें शैल चित्र है
- भीम बेटिका - रायसेन यह प्रोगेतिहसिक काल भोपाल से 40 km दूर विन्ध्य पर्वत में एक शैल चित्र गुफा है जिनकी संख्या 500 के लगभग है
- मध्यप्रदेश में शेल चित्र प्राप्त हुये है - होशंगाबाद , सागर , मंदसोर ,जवलपुर ,रायगड ,सीहोर ,रायसेन ,ग्वालियर ,पूर्व निमाड़ , शिवपुरी ,छिंदवाडा , छतरपुर में शैल चित्र मिले है
- हथनोरा से मानव की खोपड़ी के साक्ष्य मिले है
- मध्यप्रदेश में पूरा पाषाण काल के ओजार चम्बल घाटी के मंदसोर ,नहारगड से प्राप्त हुये है
- मध्यप्रदेश में पूरा पाषाण काल के स्थल - नर्मदा घाटी, चम्बल घाटी ,बेतवा घाटी ,सोनार घाटी ; सोन घाटी , भीम बेटिका की गुफा से प्राप्त हुए है
- अलेक्जेंडर कनिघम को भारतीय पुरातत्व का जनक कहा जाता है
- मध्यप्रदेश में सिधु सभ्यता के अवसेश नहीं मिले है
- मध्यप्रदेश में लेकिन ताम्र पाषाण के अवशेष मिले है ;- मालवा क्षेत्र के नागदा , नवदाटोली , कायथा आवरा ,एरण तथा बेसनगर से प्राप्त हुए है
- पहिये का अविष्कार नवपाषाण काल में हुआ था .
- मध्यप्रदेश के नर्मदा , चम्बल , तथा बेतवा नदियों से ताम्र पाषाण के अवशेष मिले है
- मध्यप्रदेश में तांबा जवलपुर और बालाघाट जिलो से प्राप्त है
- डा. एच . डी. सांकलिया ने नर्मदा घाटी के महेश्वर ,नावदाटोली ,टोडी से प्राप्त हुए
- डा. बी. एस . वाकणकर ने नागदा -कायथा में ताम्र पाषाण कालीन उपकरण खोजा .
- मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले से जिराफ का चित्र प्राप्त हुआ है
- मामा -भांजा शेलास्र्य मध्यप्रदेश के पनारपानी में पंचमणि से मिले है
- नाग वंश के शाशक मुचुकुन्द ने नर्मदा नदी के किनारे अपने पूर्वज मान्धता के नाम पर मान्धता नगरी की स्थापना की जो वर्त्तमान में खंडवा में है
- हेयक राजा माहिएतंम ने नर्मदा के किनारे महिष्मति नगर की स्थापना की थी
- कीर्तिवीर अर्जुन हेयक वंश का प्रतापी राजा था
- राम भगवान् ने कुछ समय दंडकारण्य [ छत्तीसगढ़ ] में व्यतीत किया। राम के पुत्र कुश दक्षिण कौशल राजा थे जवकि शत्रुघ्नन के पुत्र शत्रुघाती ने [ दर्शाण ] विदिशा पर शाशन किया था
महाजनपद काल - जनपद काल
6 शताव्दी में अंग्तुर निकाय और भगवती सूत्र में 16 जनपदों का उल्लेख है इनमे से चेदी और अवन्ती जनपद मध्यप्रदेश के अंग थे अवन्ती का भू भाग बहुत ही बड़ा था यह दो भाग में वटा हुआ था उत्तरी अवन्ती और दक्षिण अवन्ती है उत्तरी अवन्ती की राजधानी उज्जयेनी तथा दक्षिणी अवन्ती की राजधानी महिषमति थी अवन्ती के दो प्रसिद्ध नगर थे कुररघर और सुदरशनपुर
प्राचीन काल के प्रमुख नगर -
- अवन्ती - वर्तमान मालवा का पश्चिम भाग जिसकी राजधानी उज्जेय्नी थी
- आकर - वर्तमान मालवा का पूर्वी भाग इसकी राजधानी वेदिश नगर [ विदिशा ]
- अनूप - नर्मदा घाटी के इस क्षेत्र की राजधानी महेश्वर , महिष्मति थी
- दर्शाण - यह मालवा का भाग था इसकी राजधानी एरण थी
- वत्स - ग्वालियर क्षेत्र का प्राचीन जनपद था
- तुंडीकेर - दमोह क्षेत्र का प्राचीन जनपद
मोर्य काल -
बोद्ध ग्रन्थ के अनुसार दीपवंश 4 शताव्दी ई पु बिन्दुसार के शाशन काल में अशोक 11 वर्ष तक अवन्ती [ मालवा ] का प्रनतपाल राज्यपाल था अशोक ने उज्जेय्नी को अवन्ती की राजधानी बनाया था अशोक ने अपना विवाह विदिशा के नगर सेठ की पुत्री देवी से किया था संघमित्रा और महेंद्र जिन्हें अशोक ने बोद्ध धर्म के प्रचार के लिए क्ष्रीलंका भेजा था
मोर्य कालीन अभिलेख -
- रूपनाथ - जवलपुर के सिहोरा तहसील का एक गाव
- गुर्जर - दतिया अभिलेख -लघु शिलालेख में अशोक का नाम देवना प्रिय प्रिय्दारसी है
- सारोमारो - शहडोल
- पानगुराडीया - सीहोर
- साँची - रायसेन में अशोक के शिलालेख में मोर्य शाशन का घनिष्ट सम्बन्ध बताया है इसी में साँची को काक्नाद्बत था
मोर्य काल का स्तूप-
- उज्जैन ने वेश्या - टेकरी [ कनिपुरा ] नामक टीले पर अशोक ने अपनी पत्नी देवी के कहने पर विशाल स्तूप का निर्माण कराया था
- सम्राट अशोक ने 3 री शताव्दी में साँची स्तूप का निर्माण पक्की इटो के साथ करवाया जिसमे महास्थविर म्हामोद्गाल्यायं एवम सारिपुत्र की अस्थिया राखी है
- सर्वप्रथम साँची स्तूप की खोज 1818 में जनरल टेलर ने की थी
- भरहुत स्तूप की खोज सर्वप्रथम कनिघम ने 1873 में की थी
- देवराकोठार के स्तूप रीवा जिले से मिले है
- तुमेन का अभिलेख गुना जिले में है यह विदिशा और मथुरा को जोड़ने वाली व्यापारिक मार्ग पर है .
- कसरावद के स्तूप -खरगोन जिले में है
- महेश्वर और नावदा टोली स्तूप खरगोन जिले में है
- मोर्य काल में चांदी और तांबे के सिक्के मिले थे
मोर्य काल के महत्वपूण जानकारी
मोर्य काल से हमने अनेक जानकारी को अपनी पोस्ट में रखा है जिसमे से किसी भी परीक्षा के लिए यह बहुत ही महत्पूर्ण हो सकता है यह किसी भी परीक्षा के लिए तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण हो सकता है बोध्य ग्रंथो में उज्जैन नगरी का नाम अचुयुत्गामी उल्लेखित है जबकि महाभारत काल में उज्जैन संदीपनी आक्षम के नाम पर विख्यात है
वस्तुनिष्ट प्रश्न ;-
Q ;- 1 ग्वालियर के किले का निर्माण किसने कराया था ?
ANS ;- राजा सूरज सेन .
Q ;- 2 किस किले को किलो का रतन कहा जाता है ?
ANS ;- ग्वालियर .
Q ;- 3 किस किले को दक्षिण का प्रवेश दुवार किसे कहा जाता है ?
ANS ;- असीरगढ़ का किला .
Q ;- 4 किस किएल को न्याय मुकुट का हिरा कहा जाता है ?
ANS ;- दतिया का किला
Q ;- 5 किस दुर्ग के तोते बहुत प्रसिद्ध है ?
ANS ;- गिन्नोर गढ़ का दुर्ग
Q ;- 6 आदम्गड़ पुरातात्विक स्थल मध्यप्रदेश में किस नदी के किनारे है
ANS ;- नर्मदा [ होशंगाबाद ]
Q ;- 7 आदमगड स्थल की खोज किस पुरातात्विक खोजकर्ता ने की थी ?
ANS ;- आर . ही जोशी / एम डी . खरे .
Q ;- 8 आदमगढ़ से प्राप्त पुरापाषान ओजार है ?
ANS ;- म्रदभांड के टुकड़े / हड्डियों के टुकड़े / कांच के टुकड़े / चुडिया भी
Q ;- 9 प्रचिक पुरातात्विक स्थल आवरा मध्यप्रदेश में कहा है ?
ANS ;- मंदसोर
Q ;-10 आवरा एक प्राचीन बस्ती है
ANS ;- ताम्र कालीन
Q ;- 11 आवरा में ताम्र पाषण कालीन स्थल नागदा टोली नागदा के समकालीन है ?
ANS ;- उज्जैन
Q ;- 12 नागदा टोली से किस सभ्यता के अवशेष प्राप्त है ?
ANS ;- रोमन सभ्यता
Q ;- 13 प्रसिद्ध ताम्र काल के स्थल डांगवाला कहा है ?
ANS ;- उज्जैन
Q ;- 14 डांग वाला से किस साम्राज्य के अवशेष मिले है ?
ANS ;- परमार राजा के
Q ;- 15 प्रमुख ऐतिहासिक नगर अजय गढ़ किस शासक ने बनबाया था ?
ANS ;- चंदेल शासक परमेरदेव
Q ;- 16 होलकरो की राजधानी कोनसी थी ?
ANS ;- इन्दोर
Q ;- 17 ओरछा नगर किस शासक दुवारा बसाया गया था ?
ANS ;- राजा रुद्धप्रताप सिंह
Q ;- 18 महाकवि केशव दास का सम्बन्ध किस राज्य से है
ANS ;- ओरछा
Q ;- 19 नावदा टोली ताम्र काल स्थल है ?
ANS ;- इन्दोर से 60 km दक्षिण में मालवा संस्कृति का केंद्र .
Q ;- 20 मध्यकाल का प्रमुख व्यापारिक और राजनेतिक केंद्र विन्दु स्थल है ?
ANS ;- बुरहानपुर .
Q ;- 21 मुगलों के समय में प्रमुख व्यपार का प्रमुख केंद्र विंधु है ?
ANS ;- बुरहानपुर
Q ;- 22 भरहुत स्तूप मध्यप्रदेश में कहा पर है ?
ANS ;- सतना शुंग कालीन स्तूप
Q ;- 23 भूमरा का गुप्तकालीन शिव का मंदिर कहा है ?
ANS ;- मध्यप्रदेश [ सतना ]
Q ;- 24 भोजपुर नगर किसने बसाया था ?
ANS -;- राजा भोज
Q ;- 25 विश्व का प्रसिद्ध शिव मंदिर [ भोजपुर का मंदिर ] कहा है
ANS ;- भोपाल के निकट
Q ;- 26 कलचुरी राजाओ की राजधानी है /
ANS ;- जबलपुर
Q ;- 27 वर्ष 1939 का कांग्रेस अधिवेशन कहा हुआ था ?
ANS ;- त्रिपुरी [ जबलपुर ]
Q ;- 28 अशोक का अभिलेख वर्तमान भारतीय सीमओं से वाहर भी पाया जाता है वह देश कोनसा हैQ ;- 29 तीसरा बोधय संगीत की अध्यक्षता करने वाला था
Q ;- 30 अशोक का व्यक्तिगत धर्म क्या था
Q ;- 31 मोर्य काल का सर्व्क्षेस्ट नमूना था
Q ;- 32 किस मोर्य काल नगर को विश्व के नगरो की रानी कहा जाता है
Q ;- 33 अर्थशास्त्र किसकी कृति है
Q ;- 34 अशोक के नगर प्रशासन को जानने का सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत है
Q ;- 35 मोर्य वंश अंतिम शशक था
Q ;- 36 अशोक दुतीय के नाम से कोन जाना जाता है
Q ;- 37 कलिंग प्रदेश के महान शशक थे
Q ;- 38 मोर्य वंश के प्रथम शाशक थे
Q ;- 39 अशोक सम्राट बनने से पहले कहा का राज्यपाल था
Q ;- 40 अशोक का विवाह किस्से हुआ था
Q ;- 41 तकशिला के विद्रोह को किसने कुचला था
FCQ ;-
1 ;- मध्य प्रदेश का प्राचीन नाम क्या है
ANS ;- मध्य प्रदेश का प्राचीन नाम - मध्य भारत , प्रोवेंशी , सीपी एंड बरार , विन्ध्य प्रदेश से अनेक नाम से जाना जाता था .वर्तमान में इसे मध्य प्रदेश के नाम से जाना जाना जाता है
2 ;- शादियाबाद किसका पुराना नाम है
ANS ;- इसे खुशियों का शहर कहा जाता है यह मांडू की पहाड़ी समुद्र से 2000 फिट की उचाई पर स्तिथ है . इसका निर्माण मालवा के परमार राजाओ की राजधानिया रही है
3 ;- मध्य प्रदेश का दूसरा नाम क्या है
ANS ;- हदय प्रदेश , सोया प्रदेश , टाइगर स्टेट , तेंदुआ राज्य
4 ;- मध्य प्रदेश की पुरानी राजधानी कोन सी है
ANS ;- इन्दोर
5 ;- मध्य प्रदेश का सबसे छोटा शहर कोन सा है
ANS ;- निवाड़ी
6 ;- मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा गाँव कोनसा है
ANS ;- ग्राम पंचायत एमगिर्द है
7 ;- मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला कोनसा है
ANS ;- छिंदवाडा
हेलो दोस्तों हमने इस पोस्ट में मध्यप्रदेश के प्राचीन ऐतिहासिक नगर madhypradesh ke prachin nagar [ madhypradesh ke prachin nagar- मध्यप्रदेश के प्राचीन नगर ऐतिहासिक स्थल मध्यप्रदेश के प्राचीन नगर जनपद काल प्राचीन काल के प्रमुख नगर मोर्य काल का स्तूप ] की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को इस पोस्ट में राखी है जिससे के आप किसी भी परीक्षा में भाग ले सकते है और अच्छे से तैयारी कर सकते है .
धन्यबाद
अनिल कुमार पलाशिया
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