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भारत में सबसे पहले कौन अंग्रेज आया था

भारत में सबसे पहले कौन अंग्रेज आया था -bharat mein sabse pehle angrej kaun aaya tha

हेलो द्सोतो में अनिल कुमार पलाशिया एक बार फिर आपका palashiyaclasses में स्वागत करता हु आज हम अपने इस लेख में भारत में सबसे पहले कौन अंग्रेज आया था -bharat mein sabse pehle angrej kaun aaya tha से सम्बंधित जानकारी को देखेंगे जिससे यह लेख आपको किसी भी परीक्षा में बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा और आप इस लेख के माध्यम से प्रतियोगिता परीक्षा में अच्छे से तैयारी कर सकते है 


भारत में सबसे पहले कौन अंग्रेज आया था

भारत में सबसे पहले पुर्तगाली आये .

बास्को डिगामा ने भारत आने का रास्ता सभी विदेशियों के लिए खोला सर्वप्रथम जब वह पुर्तगाल से भारत की और प्रवेश किया इस यात्रा में उसने कई बड़े सागर को पार किया . कहा जाता है की जब उसका जहाज विदेश जाने के लिए निकला लेकिन समुद्र में तूफ़ान आने के कारण उसका जहाज अमेरिका नहीं पंहुचा बल्कि वह भारत की और मुड़ा . 

कहा जाता है की वह 1498 में कालीकट के तट पर उतरा तब उस समय उसे लगा के वह किसी स्वर्ग में आगया है भारत की विशालता , उसके आकर्षण से बास्को डिगामा भी अछूता नहीं रहा और वह जहाज से उतर कर उस समय कालीकट के राजा जामिली ने उनका स्वागत किया था .

इसके बाद पुर्तगालिय के साथ अन्य विदेशी शक्तियों का प्रवेश भारत में होने लगा था उनका मुख्य उद्देश्य भारत आना सिर्फ इतना था के उन्होंने भारत जैसा देश देखा ही नहीं उस समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था भारत उस समय समृद्ध शील था इस कारण धीरे धीरे अंग्रेज , डच , फ़्रांसी , अफगानी ,  मुगल  , जैसे विदेशी भारत में आये . अंग्रेज भी भारत में आये .

भारत आने वाला प्रथम अंग्रेज अधिकारी 


भारत में सबसे पहले कौन अंग्रेज आया था


भारत पहुंचने वाला पहला ब्रिटिश व्यक्ति थॉमस स्टीफंस नाम का एक अंग्रेजी जेसुइट पुजारी और मिशनरी था, भारत पहुंचने वाला पहला ब्रिटिश व्यक्ति थॉमस स्टीफंस नाम का एक अंग्रेजी जेसुइट पुजारी और मिशनरी था, जो अक्टूबर, 1579 में गोवा पहुंचा था। यह मुगल राजा अकबर (1556-1605) और उनके पुत्र, जो अक्टूबर, 1579 में गोवा पहुंचा था।

अंग्रेजो का दूसरा आगमन

अंग्रेज का सबसे दूसरा भारत में आगमन हुआ वह सबसे पहले भारत में अपना व्यापर करने के लिए आये थे सूरत बंदरगाह पर 24 अगस्त 1608 को भारत आये थे


इसके बाद फिर अंग्रेज अधिकारी सर टामस रो अंग्रेज भारत में अपना व्यापर फेलाना चाहते थे 1615 इसवी में जहागीर के शासन काल में सर टामस रो को जहागीर के दरवार में अपना राजदूत बनाकर भेजा था जहाँगीर (1605-1627) के शासनकाल के दौरान अंग्रेजों ने भारत में पहुँचना शुरू किया और एक पदयात्रा की। 

कुछ महत्वपूर्ण tips 

  • ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में आगमन।
  • 31 दिसंबर 1680 में इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कंपनी को आधिकारिक पत्र दिया।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रथम गवर्नर थॉमस स्मिथ थे
  • ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना जॉर्ज व्हाइट ने 1600 ईस्वी में की थी
  • ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्य उद्देश्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के साथ व्यापार संबंध स्थापित करना था
  • सबसे पहले अंग्रेजों ने मुगलों के दरबार में कैप्टन हांगिस को भेजा था
  • इसके बाद 1611 ईस्वी में अंग्रेज में अपनी एक व्यापारिक कोठी स्थापित कर दी जिसका मुख्य केंद्र मछलीपट्टनम था
  • इसके बाद 1615 ईस्वी में अंग्रेज ने अपना दूसरा राजदूत सर टामस रो को जहांगीर के शासनकाल भेजा था
  • अंग्रेजों को सुनहरा फरमान मिला जिसके तहत अंग्रेजों को 500 पैगोडा जमीन पर गोलकुंडा राज्य के बंदरगाह पर अपना व्यापार स्थापित करने की स्वतंत्रता मिल गई थी
  • अंग्रेजों ने कोलकाता मुंबई मद्रास के आसपास अपना व्यापार शुरू किया था।
  • अंग्रेज मुख्यतः नील कपास और रेशम का व्यापार करते थे।
दोस्तों इस लेख में हमने आपको भारत में सबसे पहले कोन अग्रेज आये थे उससे सम्बंधित जानकारी को आपके सामने रखा है भारत में सबसे पहले कौन अंग्रेज आया था -bharat mein sabse pehle angrej kaun aaya tha भारत में सबसे पहले पुर्तगाली आये मुगल दरबार में आने वाला प्रथम से सम्बंधित जानकारी आपके सामने रखा है 

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