madhya pradesh ke pramukh rajvansh-मध्यप्रदेश के प्रमुख राजवंश
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आ रहा हु , इस पोस्ट में हम मध्यप्रदेश के प्रमुख राजवंश madhya pradesh ke pramukh rajvansh से सम्बंधित सभी राजवंश की जानकारी को लेकर आ रहा हु इस पोस्ट में हम मध्य प्रदेश के प्राचीन राजवंश से लेकर मध्यप्रदेश के आधुनिक वंश से सम्बंधित सभी जानकारी को हम इस पोस्ट में रखेंगे
मध्य प्रदेश के प्रमुख राजवंश
- सिंधिया वंश -
- होलकर वंश -
- बघेलवंश वंश -
- बुन्देल वंश -
- चंदेल वंश -
- कलचुरी वंश
चंदेल वंश [ मध्य प्रदेश के राजघराने ]
- चंदेल वंश की राजधानी खजुराहो थी।
- चंदेल वंश की स्थापना 831 ई। में नन्नुक ने की थी।
- वर्ष 905 से 925 तक में यशोवर्मन ने शाशन किया था।
मध्य प्रदेश का इतिहास
मध्य प्रदेश के प्राचीन राजवंश - mp ka itihas in hindi mppsc
चंदेल वंश
- इसने कन्नौज प्रतिहार वंश को हराकर राष्टकूटों से कालिंजर का दुर्ग को जीता था।
- खजुराहो शाशक धंगदेव ने खजुराहो का विश्व विध्यालय पार्श्वनाथ और विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराया था।
- राजा धंगदेव ने ही खजुराहो में जगदम्बे और चित्रगुप्त मंदिर उसी के शाशन में निर्माण हुये।
- गंगदेव का पुत्र विद्याधर 1017 में उसका उत्तरादिकार हुआ।
- उसके शाशन में सुल्तान मोहममद ने कन्नौज पर आक्रमण किया।
- विद्यादार ने कालिंजर महादेव का मंदिर का निर्माण काराया।
- चंदेल वंश का अंतिम शाशक किरत देव था
- किरत देव की कन्या दुर्गावती का विवाह गोंड शाशक दलपतसिंह के साथ 1545 में हुआ था।
- इसे जेजाकभुक्ति का चंदेल वंश भी कहा है।
- चन्देलवंश बुंदेलखंड पर 9 वी शताव्दी में आया था।
- पृथ्वी राज रासो के अनुसार 1182 में प्रथ्विराज चोहान ने महोवा और जेजकुभुक्ति के क्षेत्रो पर अधिकार किया था .
- विद्याधर के शाशन काल में गजनी के आक्रमण के करण चंदेल साम्राज्य कमजोर हो गया था ,
मध्य प्रदेश के परमार वंश
- 9 शताव्दी में प्रारंभ में राष्टकूटो अथवा प्रतिहारो के सामंत उपेन्द्र ने मालवा में परमार वंश की स्थापना की .
- परमार राजा वाक्पति मुंज ने धार में मुन्जसागर क्षिल की स्थापना की .राजा भोज एक प्रगाढ़ पंडित और विद्या प्रेमी था
- जिसके कारण उसे कविराज की उपाधि दी थी .
- आईनी अख्वारी के उल्लेख में राजा भोज की राज्यसभा में 500 विध्बान थे .
- राजा भोज के काल में धार नगरी विधाय और कला का महत्वपूर्ण केंद्र था .
- धार में सरस्वती मंदिर भी बनाया गया है .
- राजा भोज ने भोपाल के समीप दक्षिण पूर्व में एक क्षिल का निर्माण [ भोज सागर ] किया थापरमार राजा मुंज ने हूणों के आक्रमण को विफल किया था .
- सिन्धुराज का उत्तरिअदिकारी राजा भोज मध्य युग का महान सम्राट था
- राजा भोज ने उज्जैन को को छोड़ कर धार को अपनी राजधानी बनाया था
मध्य प्रदेश के तोमर वंश -
- 14 वि सदी में उत्तरी भारत पर तैमुर के आक्रमण तथा उसके परिणाम स्वरूप ग्वालियर में तोमर वंश का उदय हुआ .
- तोमर वंश का संस्थापक वीरसिह देव था
- मालवा के शाशक होशंगशाह ने ग्वालियर किले की घेरा बंदी की [ दुन्गार्देव ] के काल में हुआ .
- तोमर वंश का सबसे शक्तिशाली रजा मानसिंग था .
- राजा मानसिंग का शाशन 1486 से 1517 तक रहा था
- राजा मानसिग ने दिल्ली के लोदी शाशक / बदहोल लोदी ,सिकंदर लोदी ,और इब्राहीम लोदी के विरुद युद्ध किया .
- राजा मानसिंग ने सिचाई के लिए झीलों का निर्माण किया .मानकोतुहल संगीत ग्रन्थ मानसिंग के दुवारा रचा गया .
- राजा मानसिंग ने ग्वालियर में [ मान मंदिर ,सास बहु का मंदिर , गुजरी महल ] हिन्दू स्तापत्य का अनुपम उदहारण है
- राजा सूरज सेन ने ग्वालियर के किले का निर्माण कराया जिसे किलो का जिब्राल्ट कहा जाता है।
सिंधिया वंश - mp रजवंश और घटनाये mcq
- 2 नबम्बर 1731 को पेशवा ने मालवा का राज्यकाज राणोजी सिंधिया और होलकर को सोप दिया
- पानीपत की तीसरी लड़ाई के बाद 1765 में महादाजी सिंधिया ने ग्वालियर का किला अपने कब्जे में कर लिया था
- दोलातराव सिंधिया ने 1810 में ग्वालियर को राजधानी बनाया इसके पूर्व सिंधिया वंश की राजधानी उज्जैन थी
- मध्यभारत का उद्घाटन 28 मई 1948 को पहले प्रधानमंत्री प . जवाहर लाल नेहरु ने की थी .
- जीवाजी की याद में ग्वालियर में जीवाजी विश्व विद्यालय की स्थापना की .
- वर्तमान में सिंधिया परिवार के पुत्र श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया [ केंद्र सरकार में राजयमंत्री है ] जो मध्यप्रदेश क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अध्यक्ष भी है।
बघेलखण्ड-
- बघेल गुजरात चालुक्य और सोलंकियो के वंशज माने जाते है।
- बघेल वंश का प्रथम शाशक -धवल था
- राजा भामपाल को व्याघ्रापल्ली के नाम पर ही इस वंश का नाम बघेल पड़ा।
- बघेल वंश के शक्तिसाली शाशक राजा रामचंद्र थे इसके समय तानसेन थे
- जिसे अकबर ने अपने नवरत्नों में शामिल किया था।
- बघेल शाशक राजा अमर सींग 1633 में अपने नाम पर अमरपाटन [वर्तमान सतना ] में किले निर्माण कराया था।
कलचुरी राज्य वंश-;
कलचुरी राजयवंश शाशन मध्यप्रदेश नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत में फैला था कलचुरियो ने करीव 550 से 1740 तक भारत के उत्तर तथा दक्षिण भारत पर राज्य किया। मध्यप्रदेश में कलचुरीय दो शाखाओ थे -;
- महिष्मति के कलचुरी
- त्रिपुरी के कलचुरी
- महिष्मति के कलचुरी -; कलचुरीयो की प्राचीन राजधानी माहेष्मती थी जहा से छटी शताव्दी ईसवी पूर्व में शक्तिशाली हुये। इस वंश के सर्वप्रथम शाशक कृष्णराज [ 550 -575 ] तक चांदी के सिक्के [ बेसनगर ,तेवर तथा पटट्न ] से प्राप्त हुये है
- त्रिपुरा के कलचुरी ;- त्रिपुरा के कलचुरी वंश की स्थापना को कल्ल प्रथम 845 ई , ने की थी और त्रिपुरा को राजधानी बनाया था चालुक्यों से पराजित होकर महिष्मति से त्रिपुरी पर आगये थे।
- प्रसिद्ध कवि राजशेखर युवराज प्रथम के दरवार रहते थे
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परमार वंश
- परमार वंश का उदय 850 ई में मध्यप्रदेश में हुआ था
- परमार वंश की स्थापना महाराजा उपेन्द्र ने की थी .
- परमार वंश के शासको ने अपनी दक्षिणी सीमा ताप्ती नदी को बनाई थी .
- परमार वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक राजा भोज थे .
- राजा भोज ने धार को अपनी राजधानी बनाया .
- राजा भोज एक संस्कृत के ज्ञाता थे और उन्होंने रायसेन में भोजपुर मंदिर और भोपाल में ताल बनवाया इसके बाद धार में उन्होंने सरस्वती मंदिर का निर्माण करवाया था
- राजा भोज को कविराज की उपद्दी से सम्मानित किया गया था
हैहय वंश
- इस वंश की स्थापना यदु कबीले ने शासक हैहय ने की थी .
- इसी वंश के शासक ने ही राजा महेश्मती ने नर्मदा किनारे महेश्वर नगर की स्थापना की थी
- इस वंश के प्रसिद्ध शासक राजा किर्तिविरी [ अर्जुन ] ने ही लंका के राजा रावण और अयोध्या के शासक को हराया था .
- इस वंश का अंत गुर्जरों के प्रभाव के कारण ही हुआ था .
गुप्त वंश
- भारत में गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग मन जाता है इसी कारण ही मध्यप्रदेश में भी यह समय स्वर्ण युग मन जाता है
- सम्राट समुद्रगुप्त ने जब दक्षिण विजय अभियान चलाया था उस समय उज्जैन को अपना मुख्य केंद्र बनाया था .
- चन्द्रगुप्त दुतीय के शासन काल में कवि कालिदास को नवरत्नों में शामिल किया था .
- जब गुप्त शासको का शासन था उस समय उज्जैन संस्कृति और कला का केंद्र था .
- सागर जिले के एरण में सती प्रथा के साक्ष्य भानु गुप्त के शासन काल में मिले है .
- विशाखदत्त की पुस्तक देवी चन्द्रगुप्त में उल्लेख है की समुद्रगुप्त के बेटे रामगुप्त ने विदिशा को अपनी राजधानी बनाई थी .
- मध्यप्रदेश में विदिशा जिले में उदयगिरी की गुफा का निर्माण किया था .
- साँची में बोध्य विहार के निर्माण में चन्द्र गुप्त दुतीय ने दान दिया था .
- कुमार गुप्त के शासन काल मंदसोर अभिलेख की रचना की गई थी इस अभिलेख में सूर्य मंदिर के निर्माण का उल्लेख किया गया था .
शुंग वंश
- मोर्य वंश के समाप्त होने के बाद 185 ई में पुष्पमित्र शुंग ने शुंग वंश की स्थापना की थी .
- शुंग वंश के शासको ने अपनी राजधानी विदिशा को बनाई थी .
- 3 ;- शुंग वंश के शासक अग्निमित्र्म का उल्लेख कालिदास की पुस्तक मालविका अग्निमित्र्म में मिलता है
- शुंग शासको ने साँची के स्तूप के चारो और रेलिंग और वैदिका का निर्माण कराया .
- शुंग वंश के शासन काल में ही यूनानी शासक एंटीआल्कीडस ने अपने राजदूत हेरोडोरस को भारत भेजा था .
- हेलियोडोरस ने वैष्णव संप्रदाय को अपनाते हुए विदिशा में में गरुंड स्तम्भ या हेलियोडोरस स्तम्भ की स्थापना की .
- पुष्पमित्र को बोध्य धर्म का विनाशक मन जाता है .
- शुंग शासको ने ग्रीक शासको को कालीसिंध नदी के तट पर हराया था .
वाकाटक वंश
- इस वंश की स्थापना विन्ध्य शक्ति प्रथम ने की थी .
- वाकाटक वंश की जर्धानी विदिशा थी
- वाकाटक वंश के शासक प्रवरसेन ने अपने साम्राज्य का विस्तार नर्मदा नदी के उत्तर तक फैलाया था .
- समुद्रगुप्त ने अपने दक्षिणी अभियान के दोरान वाकाटक वंश पर अधिकार कर लिया .
- समुद्रगुप्त दुतीय ने वाकाटक वंश की राजकुमरी प्रभावती से विवाह किया था .
कलचुरी वंश
1 ;- कलचुरी वंश की स्थापना 550 ई में क्रष्ण राज ने की थी
2 ;- कलचुरी वंश की प्रमुख चार शाखाये थी
- महिष्मति के कलचुरी
- त्रिपुरी के कलचुरी
- रतनपुर के कलचुरी
- रायपुर के कलचुरी .
चंदेल वंश
- चंदेल वंश की स्थापना ननुक ने की थी और खजुराहो के महोवा क्षेत्र को अपनी राजधानी बसे थी
- चंदेल वंश का शासन बुंदेलखंड तक फैला हुआ था .
- चंदेल वंश के शासक या साम्राज्य को जेजाकमुक्ति भी कहा जाता है
- स्वतंत्र चंदेल राज्य की स्थापना राजा धंगदेव ने की थी
- चंदेल शासक यशोवर्धन / यशोवर्मन ने विष्णु मंदिर की स्थापना की थी .
- राजा धंगदेव ने पार्श्वनाथ और विश्वनाथ मंदिर की स्थापना खजुराहो में की थी .
- जब महमूद गजनवी के विरुद्ध संघ बनाया गया उसमे राजा धंग देव ने भी भाग लिया था .
- चंदेल शासक विधाधर ने महमूद गजनवी से अपने साम्राज्य की सुरक्षा की थी इसके लिए उन्होंने कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण कराया था .
- परमार देव ने गुलाम वंश के शासक कुतुबद्दीन ऐबक की अधीनता को स्वीकार कर लिया था जिस कारण चंदेल वंश दिल्ली सल्तनत के अधीन हो गया .
- आल्हा उदल जैसे महान योद्दा चंदेल वंश के दरवार में थे , जिन्होंने प्रथ्वी राज चोहान से युद्द करके अपने शासक को बचाया था
बुन्देल खण्ड
1 ;- इस वंश की स्थापना 1531 में राजा रुद्र प्रताप बुंदेला ने की थी .
2 ;- बुंदेला वंश की राजधानी ओरछा थी
3 ;- बुन्देल वंश के महान योद्दा वीर सिंह बुंदेला ने जहागीर के कहने पर अब्दुल फजल की हत्या कर दी .
बघेल वंश
- बघेल वंश का शासन रीवा क्षेत्र के अंतर्गत आता है
- बघेल वंश के प्रसिद्ध शासक राजा रामचंद्र देव थे
- प्रसिध्य संगीतकार तानसेन राजा रामचंद्र के दरवार में थे जिसे अकबर ने अपने साथ ले गया था .
- स्वतंत्रता के पश्चात् बघेल वंश विन्ध्य प्रदेश के रूप में भारतीय संघ में शामिल हुआ .
- बघेल वंश के अंतिम शासक मार्तंड सिंह थे जो रीवा से सांसद थे
होलकर वंश
1 ;- 1730 में मलहार राव होलकर ने होलकर वंश की स्थापना की थी .
2 ;- इसके बाद 1731 में मालवा को तिन भागो में वाटा गया था
- होलकर वंश
- पवार वंश
- सिंधिया वंश
3 ;- 1732 में मालवा में 5 मराठा राज्यों की नीव डाली थी
- होलकर वंश - इन्दोर
- जीवाजीराव वंश - देवास
- आंनद राव वंश पवार
- सिंधिया वंश - ग्वालियर
- तुकोजीराव पवार वंश -देवास
4 ;- 1767 में अहिल्या बाई ने होलकर वंश की भागडोर को संभाली और तुकोजीराव को अपना सेनापति नियुक्त किया .
5 ;- तुकोजीराव तृतीय होलकर वंश के अंतिम शासक थे
6 ;- होलकर राज्य का विलय तुकोजीराव तृतीय ने भारतीय संघ में मिला लिया था
सिंधिया वंश
1 ;- इस वंश की स्थापना राणा जी सिंधिया / रानोजी सिंधिया ने पेशवा ने मालवा का एक भाग 1731 में प्रदान किया
2 ;- 1765 में महादजी सिंधिया ने उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया .
3 ;- 1794 में दोलात राव सिंधिया ने ग्वालियर को अपनी राजधानी बनाई .
4 ;- 1857 की क्रांति में ग्वालियर में सिंधिया वंश के शासक जयजिरव सिंधिया थे जिन्होंने ब्रिटिश सरकार की मदद की थी .
5 ;- 1948 में जीवाजी राव सिंधिया ने ग्वालियर राज्य को भारतीय संघ में समल्लित किया था
6 :- hoshank Shah Gauri vansh ka shasak tha
7 :- तोमर वंश का अंतिम शासक डूंगरपुर से था
8 :- यशोवर्धन कहां का शासक था दशपुर
9 :- उदयगिरि की गुफाएं एवं शिक्षा के मंदिरों का निर्माण किसने करवाया था गुप्त वंश
10:- किस शासक ने देवनाम्प्रिया की उपाधि धारण की थी सम्राट अशोक
11 :- किस वंश ने वर्षा को बुंदेलखंड की राजधानी बनाया था बुंदेला राजवंश
12:-मालवा में गोरी वंश की स्थापना किसने की थी अलाउद्दीन खिलजी
13:- त्रिपुरा किस वंश की राजधानी थी कलचुरी।
14:- गरुण किस राज्य वंश का चिन्ह था गुप्त वंश
15:- खजुराहो मंदिरों में स्थित पाश्र्वनाथ जैन मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के किस शासक ने कराया था धंग देव ने ।
16:- रुद्रदामन किस वंश का शासक था शक वंश
17:- इंदौर के होल्कर वंश का संस्थापक कौन था मल्हार राव होलकर
18:- अफगान वंश का अंतिम शासक कौन था हमीद उल्ला
19:- उदयगिरि की गुफा में तिगवा के मंदिरों का निर्माण किस वंश के शासकों ने करवाया था गुप्त वंश।
FCQ ;-
1 ;- मध्य प्रदेश का दूसरा नाम क्या है
ANS ;- हदय प्रदेश , लघु भारत , सोया राज्य , सोयाबीन स्टेट , टाइगर स्टेट
2;- मध्य प्रदेश जा सबसे पुराना नाम क्या है
ANS ;- मध्य भारत
3 ;- मध्य प्रदेश को कितने भागो में बाटा गया था
ANS ;- 6 भागो में बाटा गया था
4 ;- एमपी के संस्थापक कोन थे
ANS ;- 322 ई पूर्व में जब मोर्य साम्राज्य की स्थापना की गई उस समय मध्य प्रदेश भी उस समय मगध में शामिल था इस लिए राजा चन्द्रगुप्त मोर्य को माना जाता है
5 ;- भोपाल का पुराना नाम क्या है
ANS ;- भोजपाल या भोज्ताल राजा भोज
6 ;- मध्य प्रदेश का सबसे पुराना राजवंश है
ANS ;- मोर्य राजवंश
7 ;- भारत का पहला हिन्दू राजा कोन था
ANS ;- चन्द्र गुप्त मोर्य
8 ;- मोर्य से पहले कोनसा वंश आया था
ANS ;- मोर्य साम्राज्य से पहले , नन्द साम्राज्य ने भारतीय उप्माहद्विपीय के एक विस्तृत क्षेत्र पर शासन किया था
9 ;- भारत का अंतिम हिन्दू सम्राट कोन था
ANS ;- भारत का अंतिम हिन्दू सम्राट प्रथ्वी राज चोहान था
10 ;- मुग़ल साम्राज्य से पहले अंतिम हिन्दू सम्राट कोन था
ANS ;- हेमू / हेमचन्द्र विक्रमादित्य दिल्ली के सिहांसन पर था
11 ;- प्रथ्वी पर सबसे पहले किसका राज था
ANS ;- महाराजा मनु - जो ब्रह्मा जी के पुत्र थे
12 ;- चन्द्र गुप्त मोर्य शुद्र थे
ANS ;- नहीं वे एक क्षत्रिय थे
13 ;- मोर्य वंश कोन सी केटेगरी में आते है
ANS ;- OBC / पिछड़ा वर्ग
14 ;- मोर्य वंश के पूर्व कोन थे
ANS ;- मोर्य वंश के पूर्वज शाक्य कुल से निकले सूर्यवंशी क्षत्रिय थे
15 ;- मध्य प्रदेश की खोज कब की गई
ANS ;- 1 नबम्वर 1956 को मध्य प्रदेश का गठन हुआ
16 ;- मध्य प्रदेश की पुरानी राजधानी कोन सी है
ANS ;- इन्दोर
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार palashiya आज फिर आपके लिए मध्यप्रदेश के सभी राजवंश की सभी जानकारी को लेकर आ रहा हु इस पोस्ट में हम madhya pradesh ke pramukh rajvansh-मध्यप्रदेश के प्रमुख राजवंश madhya pradesh ke pramukh rajvansh-मध्यप्रदेश के प्रमुख राजवंश मध्यप्रदेश के प्राचीन वंश मध्यप्रदेश के परमार वंश मध्यप्रदेश के तोमर वंश सिंधिया वंश
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