भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम कब शुरू हुआ?bhaarat mein antariksh kaaryakram kab shuroo hua?
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आया हु इस पोस्ट में हम भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम कब शुरू हुआ?bhaarat mein antariksh kaaryakram kab shuroo hua? के ऊपर एक महत्वपूर्ण पोस्ट है इस पोस्ट में हम भारत के अन्तरिक्ष की सभी जानकारी को हम इस पोस्ट में पढेंगे . जिससे के इस टोपिक से अगर कोई प्रश्न आते है तो आप बहुत ही आसानी से इसे हल कर पाएंगे .
भारतीय अंतरिक्ष
अन्तरिक्ष एक खोखली जगह नहीं है क्योकि तारो और ग्रहों के बिच में जो जगह होती है , उसमे गैस और धुलो के कण भरी हुई होती है इसके साथ अन्तरिक्ष में अनेक प्रकार के खतरनाक तरंगे भी होती है और साथ मे अन्तरिक्ष में चुम्बकीय क्षेत्र भी बना होता है जो प्रथ्वी को अपनी और खिचता है . space प्रथ्वी के किरणों को या प्रथ्वी में अन्तरिक्ष में जो भी हलचल होती है उसे अपनी और आकर्षित करता है
अन्तरिक्ष ;-
प्रथ्वी से लगभग 100 km ऊपर अन्तरिक्ष पाया जाता है यह एक ऐसा स्थान है जहा आप सांस नहीं ले सकते है यहाँ पर आपको रुकने के लिए आक्सीजन की जरुरत होती है क्योकि यहाँ पर आक्सीजन नहीं मिलता है इस लिए अन्तरिक्ष पर जाने के लिए हमें गैस सिलेंडर [ आक्सीजन ] ले जाना पड़ती है
- अन्तरिक्ष एक दम शांत है यहाँ पर कोई भी आवाज नहीं होती है क्योकि यहाँ पर कोई वायु मंडल नहीं है जिसके कारण आवाज एक दुसरे स्थान तक नहीं पहुचती है
- अन्तरिक्ष में हमारी आकाश गंगा का नाम मंदाकनी है
- अन्तरिक्ष में एक गृह है जो हीरे से बना है यह प्रथ्वी से 40 प्रकाश वर्ष दूर है
- अन्तरिक्ष में सूर्य सबसे विशाल गृह है इसमें प्रथ्वी जैसे 10 लाख गृह उसमे समा सकते है
- अन्तरिक्ष में कोई भी गुरुत्वक्रष्ण बल नहीं है इस कारण अन्तरिक्ष में जो भी व्यक्ति जाता है वह हमेश तैरता रहता है वह एक जगह कभी भी नहीं रुकता है
- अन्तरिक्ष में सोर मंडल की आयु 4.6 मिलियन बताई है
- अन्तरिक्ष में भेजी गई पहली कृतिम उपग्रह ,, स्पुतनिक ,, थी इसे 1975 में अन्तरिक्ष में भेजा गया था
- शनि गृह अन्तरिक्ष में तेर सकता है
space अन्तरिक्ष की कुछ जानकारी
प्रथ्वी के वाहरी आवरण में जो भी दिखाई देता है जैसे तारे , गृह , उल्काए , धूमकेतु , शुद्र गृह , उल्काए धूमकेतु , गैस और विकिरण ये सब अन्तरिक्ष के महत्वपूर्ण अंग है जो अन्तरिक्ष में फैले है अन्तरिक्ष के कुछ महत्वपूर्ण अंग है जैसे ;-
आकाश गंगा ;-
आकाश गंगा एक ऐसा स्थान है जहा पर अनगिनत तारे रहते है या यु कहे की सभी तारो का निवास स्थान उसे ही हम आकाश गंगा कहते है तारे हमें अन्तरिक्ष में एक समान दिखाई देते है इन्हें हम खुली आँखों से नहीं देख सकते है नहे देखने के लिए आज वर्तमान में वहुत से यंत्रो का निर्माण किया है जिसे हम आसानी से तारो को देख सकते है वर्तमान में हम टेलिस्कोप की सहायता से आकाश गंगा को आसानी से देख सकते है आकाश गंगा को हम मिल्की -वे आकाश गंगा कहते है
सोरमंडल
सूर्य तथा उसकी परिक्रमा करने वाले ग्रहों ,उपग्रहों ,उल्का , झुव्द्ग्रह , पुछाल्तारा तथा अन्य धुलिय कणों को सयुंक्त रूप से सोरमंडल कहते है और सभी पिंड इसका चक्कर लगते है इसे हम सोरमंडल कहते है
सरल भाषा में कहे तो सोरमंडल एक ऐसा स्थान है जहा पर अनेक प्रकार के गृह , तारे, पिंड , सभी का निवास स्थान होता है उसे सोरमंडल कहते है
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान
भारतीय राष्ट्रिय अन्तरिक्ष अनुसन्धान समिति का गठन 1962 में प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा . विक्रम साराभाई जिसे भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम के जनक की अध्यक्षता में किया गया है जिन्होंने परमाणु उर्जा विभाग के अन्तरगत कार्य करना प्रारंभ किया है
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के उद्देश्य
अन्तरिक्ष विज्ञानं ने अपने क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका को निभाया है
- अन्तरिक्ष में मानव के सफर की शुरुआत वर्ष 1957 में हुई .4 अक्टूवर 1959 को सोवियत संघ ने स्पुतनिक नामक अन्तरिक्ष यान को अन्तरिक्ष की कक्षा में भेजकर एक नये अन्तरिक्ष युग की शुरुआत की . इस यान में अन्तरिक्ष में जीवो पर पड़ने वाले विभिन प्रभावों का अध्यान करने के लिए एक ,,लायका ,,नामक कुतिया को भी भेजा था अन्तरिक्ष में मानव के सफर को एक और आयाम देते हुये 31 जनवरी 1958 को सयुंक्त राज अमेरिका ने एक्स्प्लोरर नामक अन्तरिक्ष यान छोड़ा स्पुतनिक एवं एक्स्प्लोरर के अन्तरिक्ष में भेजने के साथ ही विश्व में अन्तरिक्ष युग की शुरुआत हुई , दुनिया अन्तरिक्ष प्रोधोगिकी में प्रगति के साथ ही विकास की आधुनिक अनंत अवस्था तक पहुच गई है .
- अक्टूवर 1959 में सोवियत संघ दुवारा भेजे गए ,, लूना ,, -3 नामक अन्तरिक्ष यान से सर्वप्रथम चन्द्रमा के चित्र प्राप्त हुये थे इसके बाद वर्ष 1962 में अमेरिका दुवारा भेजे गए मेराइनर -2 नामक यान की सहायता से शुक्र गृह के बारे में हमे कई जानकारी प्राप्त हुई . इस सफलता से प्रेरित होकर अमेरिका अन्तरिक्ष अनुसन्धान संस्थान नासा ने वर्ष 1964 में मेराइनर -4 नामक अन्तरिक्ष यान का प्रक्षेपण मंगल गृह के रहस्य का पता लगाने के लिए किया .
- प्रारम्भ में अन्तरिक्ष अनुसन्धान हेतु भेजे जाने वाले यां मानवरहित होते है अन्तरिक्ष में मानव का पहला कदम 12 अप्रेल 1961 को पड़ा .जव सोवियत संघ के युरी गागरिन अन्तरिक्ष में पहुचने बाली विश्व के प्रथम व्यक्ति बने .
- फिर सोवियत संघ की ही वेलेटिना तेरेश्कोवा ने बोस्टाक -6 नामक अन्तरिक्ष यान से अन्तरिक्ष की यात्रा करके विश्व की प्रथम महिला अन्तरिक्ष यात्री होने का गोरव प्राप्त किया .
- मानव दुवारा शुरू किय गये अन्तरिक्ष अनुसन्धान के इतिहास में 20 जुलाई 1969 का दिन अविस्मरणीय है इसी दिन अमेरिका के दो अन्तरिक्ष यात्री नील आमसट्रांग एवं एडविन एल्द्रिंग ने चन्द्रमा की धरती पर अपने कदम रखे .वे अपोलो -11 नामक अंतरिक्ष यान पर सवार होकर चन्द्रमा की सतह तक पहुचे थे इस अन्तरिक्ष यान में इन दोनों के साथ माइकेल कालिन्स भी सवार थे नील आम्रस्ट्रांग ने चन्द्रमा पर पहुचकर कहा था - सुंदर द्रश्य है सब कुछ सुन्दर है .
- भविष्य में अन्तरिक्ष पर्यटन भी प्रारम्भ हो गया वर्ष 2002 में डेसिन टीटो ने दुनिया के प्रथम अन्तरिक्ष पर्यटन बनने का गोरव हासिल किया . इसके बाद वर्ष 2006 में अनुशेह अंसारी विश्व की पहली महिला अन्तरिक्ष पर्यटन बनी .
- भारतीय मूल की अमेरिका वैज्ञानिक सुनीता विल्सन अन्तरिक्ष में सर्वाधिक 322 दिनों तक रहने बाली पहली महिला बन गई उनका दूसरा लम्बा अन्तरिक्ष मिशन 19 नबम्बर 2012 को पूरा हुआ .उन्होंने 50 घंटे 40 मिनिट तक सात '' स्पेस बाक '' कर विश्व रिकार्ड भी बनाया है .
- विश्व में बहुत कम ही देशो ने अन्तरिक्ष में अपनी भूमिका निभाई ;- जिसमे रूस , सयुंक्त राज अमेरिका , जर्मनी , जापान , चीन , ब्राजील , एवं भारत के नाम शामिल है .
- भारत को अन्तरिक्ष युग में लेजाने का क्षेय विक्रम साराभाई को जाता है .राकेश शर्मा भारत के प्रथम अन्तरिक्ष यात्री है भारत की तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने उन्हें बधाई दी थी .
- अन्तरिक्ष में भारतीय नारी कल्पना चावला जो वर्ष 1997 में कोल्म्विया एसटीएस -87 अतरिक्ष यान की यात्रा कर धरती पर लोटी .
- वर्ष 2014 में भारत मंगल यान तक पहुच गया और वहा की सारी जानकारी को अब साझा कर रहे है अव यह निश्चित हो गया है की मंगल गृह पर जीवन सम्भव है .
भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत
5 नबम्बर 2013 को हमारे देश के वैज्ञानिक ने pslvc -25 के माध्यम से मार्स आर्ब्र्टर यान अर्थात मांम को अन्तरिक्ष में सफलता पूर्वक स्थापित कर भारत को विश्व के उन चार देशो में में शामिल कर दिया जिन्होंने मंगल गृह अपने यान भेजने में सफलता पाई . 24 सितम्बर 2014 को माम के मंगल गृह की कक्षा में प्रवेश करने के साथ ही हमारे देश मंगल तक पहुचने वाला न सिर्फ प्रथम एशियाई देश है बल्कि अपने प्रथम प्रयास में सफलता प्राप्त कर नया रिकार्ड भी बनाया है
वर्ष 2008 में मून मिशन की सफलता के पश्चात इसरो का लोहा पूरी दुनिया मान चुकी है मून मिशन के अन्तरगत भारत चन्द्रमा पर चंद्रयान -1 के रूप में मानवरहित उपग्रह भेजने वाला विश्वका चोथा देश है वर्ष 1962 से ही अन्तरिक्ष पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया था . देश में अंतरिक अनुसन्धान को मजबूत करने के लिए वित्तीय आधार प्रदान करने के लिए वर्ष 1972 में केंद्र सरकार दुवारा एक अलग अंतरिक विभाग एवं अन्तरिक्ष आयोग का गठन किया गया .
आर्यभट उपग्रह ;-
19 अप्रेल 1975 को को तात्कालीन सोवियत संघ की मदत से प्रथम भारतीय भारतीय अन्तरिक्ष उपग्रह आर्यभट के प्रक्षेपंण के साथ ही भारत अन्तरिक्ष युग में प्रवेश कर गया .इस उपग्रह का निर्माण एक्सरे एस्ट्रोनामी ,एरोनामिक्स एवं सोर भोतिक के क्षेत्र में उन्नति के लिए किया गया था भारतीय वैज्ञानिक की इस आदितीय उपलब्धि पर वर्ष 1976 में तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने कहा था हमे इस बात की ख़ुशी हे की भारत के प्रथम उपग्रह का नाम आर्यभट है इसके बाद भास्कर ,रोहणी एवं एप्पल जैसे कई उपग्रह छोड़े है .
रोहणी
रोहणी वर्ष 1980 में स्वदेशी निर्मित प्रक्षेपणों यान ऐलसवी -3 से कक्षा में स्थापित किये जाने बाला प्रथम उपग्रह है इसके अंतर्गत प्रक्षेपित किये गए चार उपग्रह में से तिन सफलता पूर्वक कक्षा में स्थापित हुये . आठवे दशक के प्रारंभ में पूर्व राष्ट्रपति डा . अव्दुल कलाम के नेतृत्व में उपग्रह लांच करने की तकनिकी बिकसित करने हेतु सेटेलाईट लांच व्हीकल slv प्रोजेक्ट शुरू किया गया . श्रीकोटा से पहली बार 10 अगस्त 1979 को slv लांच किया गया , जो पोलर सेटेलाईट लांच व्हीकल pslv और जियो सिक्रोंनस सेटेलाईट लांच व्हीकल gslv का आधार बना .
इनसेट
इनसेट उपग्रह प्रणाली एक बहुउद्देश्य उपग्रह प्रणाली है यह अंतरिक्ष विभाग , दूरसंचार विभाग ,भारतीय मोसम विभाग ,आकाशवाणी एवं दूरदर्शन का सयुंक्त उद्यम है इसलिए यह भारतीय अर्थव्यवस्था के अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रो में सेवाए उपलव्द कराती है इनमे से महत्वपूर्ण दूरसंचार क्षेत्र है जो इनसेट मोबाइल उपग्रह सेवा के साथ -साथ बी- set सेवाए भी देता है इनसे टेलीविजन प्रशारण एवं पुनर्निर्माण को भी काफी लाभ हुआ है
भारतीय दूरसंवेदी उपग्रह प्रणाली ;-
भारत में राष्ट्रिय प्राकृतिक संसाधन प्रवंध प्रणाली की सहायता के लिए भारतीय दूरसंवेदी उपग्रह प्रणाली की सहायता के लिए भारतीय दूरसंचार उपग्रह प्रणाली की स्थापना की .
अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं
भारत की प्रमुख अन्तरिक्ष केंद्र ;-
विक्रम साराभाई केंद्र ;- विक्रम सारा भाई अन्तरिक्ष केंद्र तिरुवन्तपुरम [ VSSC ] यह केंद्र राकेट अनुसन्धान तथा प्रक्षेपण -यान विकास परियोजना को बनाने और उन्हें क्रियान्विंत करने में अग्रणी भूमिका निभाता है वर्तमान में SLV - 3 / ASLV / PSLV / GSLV को इसी केंद्र में विकसित किया गया है .
- इसरो उपग्रह केंद्र बेंगलूर ISAC ;- इस केंद्र में उपग्रह परियोजना के डिजाइन , निर्माण , परिक्षण और प्रबंध कार्य सम्पन किये जाते है .
- अन्तरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद ;- SAC इस केंद्र के प्रमुख कार्यो में दूरसंचार व टेलीविजन में उपग्रह का प्रयोग , दुर्स्म्वेदन , मोसम की जानकारी ,भू मापन , .
- शार [ SHAR ] केंद्र ,श्रीहरिकोटा यह इसरो का प्रमुख प्रक्षेपण केंद्र है जो आन्द्रप्रदेश के पूर्वी तट पर है
- राष्ट्रिय दूरसंवेदी एजेंसी ;-हैदराबाद [ NRSA ] अंतरिक विभाग के अन्तरगत कार्यरत यह एजेंसी उपग्रह से प्राप्त आकड़ो का उपयोग करके प्रथ्वी के संसाधनो की पहचान , वर्गीकरण और निगरानी करने की जिम्मेदारी निभाती है इसका प्रमुख केंद्र बलान्गर में है इसका मुख्य उदेश्य प्राकृतिक संसाधन [ मृदा , जल ,भू -जल ,सागर ,वन आदि ] का सर्वेक्षण करना है .देश का प्रथम - कट्रोसेट -1
भारत में परमाणु परिक्षण ;-
1 ] पहला परमाणु परिक्षण 18 मई ,1974
स्थान - पोखरण [ जैसलमेर राजस्थान ]
इधन - प्लूटोनियम [ 12 किलो टन ]
कोड - स्माइलिंग बुद्ध
2] दूसरा परमाणु परिक्षण -11 और 13 मई 1998
स्थान - पोखरण
इधन - प्युरेनियम और ड्यूटीरियम
प्रमुख विज्ञानिक - आर .चिदबरम ,एपीजे अब्दुल कलाम , अनिल काकोडकर
भारत की प्रमुख पाण्डुलिपि;-
स्वदेशी -
1. INS अरिहंत [ भारत दुवारा निर्मित पहली पाण्डुलिपि
2 . INS करंज
3 . INS अरिदमन
4 . INS कदमटू
विदेशी पाण्डुलिपि
1.INS.चक्र [ रूस के सहयोग से ]
2 . INS सिन्धुर्क्छ[ रूस के सहयोग ]
3 .INS कलवारी [फ़्रांस की सहायता से ]
4 .INS शिशुमार [ जर्मनी की सहायता से ]
भारत के प्रमुख टेंक
1 .अर्जुन युद्ध टैंक - यह स्वदेशी तकनीक पर आधारित DRDO दुवारा विकसित युद्ध टेंक है
2 .अजय टैंक -इसे 1979 भारतीय सेना में शामिल किया गया .
3 . वज्र टैंक इसका पूरा नाम K - 9 वज्र टेंक है सूरत के हाजिर में एंड टी कम्पनी दुवारा विकसित किया गया है 2021 में मेक इन इण्डिया के तहत इसका निर्माण जारी है
4 . भीष्म टेंक भारत ने इस टेंक को रूस से खरीदा था किन्तु वर्तमान में भारत क पास इसे बनाने का लाइसेन्स प्राप्त है यह जमीं पर बिछाई गई बारूदी सुरंग से रक्षा करता है यह चार किलो मिटर के दायरे प्रक्षेपास्त्र कर सकता है .
भारत के प्रमुख विमान वाहक पोत
1. INS विक्रांत ;- भारत का पहला विमान पॉट है इसे ब्रिटेन से ख़रीदा था और इसे 1997 में सेवा मुक्त कर दिया गया था
2 . INS विराट इसे 1987 में भारतीय नोसेना में शामिल किया गया था यह ब्रिटेन से ख़रीदा गया था
3 .INS रंजित ;- रूस के सहयोग से निर्मित यह 1983 में सेना में शामिल किया गया 2019 में यह सेवानिर्वित हो गया है .
4 . INS विक्रामादित्य ;- यह 16 नबम्वर 2013 को भारतीय नोसेना में शामिल किया गया है यह रूस से उपहार में प्राप्त है इसे रूस में गोसर्गो के नाम से जाना जाता है .
5 . INS राजपूत ;- यह भारतीय नोसेना के पहले विध्वन्सक जहाज है इसे 21 मई 2021 को 41 वर्ष बाद उसे विशाखापट्नम में इसे रिटायर्ड कर दिया है
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य ;-
- परमाणु बम नाभिकीय विखंडन पर आधारित है .
- सोर उर्जा का मुख्य कारक नाभिकीय सलघन है .
- आटोहेगन ने अणु बम की खोज नाभिकीय विखंडन के सिन्धांत पर की .
- रेडियम का अविष्कार मेडम क्युरी ने किया .
- कल्प्कल्म [ तमिल्नांडू ] स्थित परमाणु उर्जा संस्थान का नाम इंदिरा गाँधी सेंटर फार एटामिक रिचर्स है .
- भारत का प्रथम परमाणु अनुसन्धान रिएक्टर अप्सरा है .
- तारे अपनीं उर्जा नाभिकीय सलयन एवं गुरुत्वीय संकुचन दुरा प्राप्त करते है .
- सोर सेल सिलिकान की बनी होती है
- चंद्रयान -1 22 अक्टूबरः 2008 को आन्द्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा अन्तरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से इसे प्रक्षेपित किया गया इसे चन्द्रयान के उपरी वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए प्रक्षेपित किया गया .
- भुवन ;- यह भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन [ ISRO ] दुवारा निर्मित एक साफ्टवेयर है . जिससे भारत के भू भागो को त्रिविमीय [ 3 D ] चित्रों के रूप में इंटरनेट पर देखा जा सकेगा .
- गगनयान - भारत 2022 में अपने प्रथम मानव युक्त अन्तरिक्ष अभियान को बजेगा . जिसका नाम इसरो ने गगनयान रखा है .
- चंद्रयान - 2 भारतीय अन्तरिक्ष एजेंसी इसरो ने 2019 में चन्द्रमा की सतह के अध्ययन हेतु चंद्रयान -2 भेजने की घोषणा की है इसके अंतर्गत चन्द्रमा की साथ पर रोबोटिक उतरा जायेगा इसके अंतर्गत चन्द्रमा की सतह पर रोबोटिक रोवर उतरा जायेगा .
- 10 अगस्त 1948 को डा .होमी जहागीर बाबा की अध्यक्षता में परमाणु उर्जा आयोग का गठन किया गया .
- डा . विक्रम साराभाई को भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा जाता है .
- भारत में 1971 में विज्ञान और प्रोद्योगिक विभाग की स्थापना की गई .
- स्टेड डाटा भेजने बाला पहला राज्य हिमाचल प्रदेश है .
- ब्रहोस भारत और रूस दुवारा सयुंक्त रूप से विकसित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है .
- नाभिकीय पाण्डुलिपि अरिहंत देश में निर्मित पहली पाण्डुलिपि है जिसका निर्माण विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर में किया गया .
- भारत इलेक्ट्रानिक लिमिटेड की स्थापना 1954 में की गई थी .
- परमाणु उर्जा विभाग की स्थापना 1954 में की गई है .
- आर्यभट प्रशिध भारतीय खगोल एवं गणितज्ञ थे
- दुनिया का सबसे हल्का सेटेलाईट कलाम्सेट है .
- नील आर्मस्ट्रांग -चन्द्रमा पर कदम रखने वाले प्रथम व्यक्ति थे .
- 3 अप्रेल 1984 को अन्तरिक्ष में जाने वाले प्रथम भारतीय तत्कालीन स्कवाईडन लीडर राकेश शर्मा थे .
- 2003 में अन्तरिक्ष यान कोलाम्विया नष्ट हो गया जिससे कलंपना चावला की म्रत्यु हो गई थी .
- कल्पना चावला ;- वर्ष 1977 में मिशन एसटीएस -87 में अन्तरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की प्रथम महिला बनी .
- सत्यभामा सेंट ;- यह चेन्नई से छोडा गया इसरो का उपग्रह है जिसका उद्देश्य ग्रीन हाउस गैस पर डेटा संग्रहं करना है .
- ajp अब्दुल कलाम आजाद को मिसाइल में आफ इण्डिया कहा जाता है .
- मिसाइल बुमेन आफ इण्डिया टेसी थामस को कहा जाता है .
- व्योम मित्र - ISRO दुवारा मानव युक्त गगनयान - मिशन हेतु एक अर्द्ध मानवीय रोवोट '' व्योम्मित्र '' को लांच किया गया है
- सेटेलाईट को मार गिराने की क्षमता रखने वाला भारत विश्व का चोथा देश वन गया है .
- रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन DRDO की स्थापना 1958 में की गई इसका मुख्यालय नै दिल्ली में स्थित है
- डा . तम्लिंसन को GIS का जनक कहा जाता है .
- अम्रीका अन्तरिक्ष एजेंसी नासा किस गृह के लिए वर्ष 2028 से 2030 के विच दो अभियान भेजेगा . शुक्र गृह
- नोसेना के किस हैद्रोग्रफिक सर्वेक्षण वाले किस जहाज को 40 वर्ष की सेवा के बाद रिटायर कर दिया गया है - INS सांध्यपाक
- भारत की सबसे बड़ी तितली का दर्जा किसे दिया गया है .- हिमालय तितली .
- किस भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान IIT ने मोबाइल मास्टरजी नामक एक क्लासरूम - टू होम टीचिंग set -आप विकसित किया है .- IIT -कानपूर
- गूगल ने 19 अगस्त 2020 को भारत में अपने किस रोजगार एप्लीकेशन की शुरुआत की - कोरोना जोप्स .
- किन दो देशो के मध्य नोसेनिक अभ्यास JIMEX -2020 आयोजित किया गया . भारत और जापान .
- भारतीय सेना ने 25 सितम्बर 2020 को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम किस मिसाइल का सफल परिक्षण किया - प्रथ्वी -2
- 22 अक्टूवर 2008 को इसरो ने देश का पहला चन्द्र मिशन चंद्रयान -1 सफलतापूर्वक लांच किया .
- 25 सितम्वर 2014 को भारत ने मंगल गृह की कक्षा में सफलता पूर्वक मंगल्यान स्थापित किया .
- 14 फरवरी 2017 को इसरो ने pslv के जरिये एक साथ 104 सेटेलाईट लांच कर विश्व में कीर्तिमान स्थापित कीया .
- इस अभियान में 3 उपग्रह भारत के थे
हेलो दोस्तों यह पोस्ट आपको अन्तरिक्ष विज्ञान के सभी जानकारी को हमने यहा रखा है इसके अंतर्गत हम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम space in india भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के उद्देश्य भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत का अध्यन करेंगे
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