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MUGHAL SAMRAJYA KI STHAPNA

MUGHAL SAMRAJYA KI STHAPNA मुगल साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी

हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को आपके लिए लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपको MUGHAL SAMRAJYA KI STHAPNA मुगल साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को हम इस लेख में देखेंगे जिससे यह लेख आपको किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा आप इसके अध्यन से किसी भी परीक्षा की तैयारी कर सकते है .


MUGHAL SAMRAJYA KI STHAPNA

मुगल साम्राज्य की स्थापना

मुग़ल साम्राज्य का सम्पूर्ण इतिहास परिचय देखे तो मध्य एशिया में दो माहन जातीयो का विकास हुआ , एक जाती तुर्क और दूसरी जाती मंगोल थी तुर्कों का मूल स्थान तुर्किस्थान और मुंगालो का मूल स्थान मंगोल था यह दोनों खनाव दोष जाती मानी जाती थी अपनी जीविका को चलने के लिए वे इधर -उधर घूमते थे , यह बडी ही लड़ाकू जाती थी

ये दोनों जातीय कबिले बनाकर रहती थी और अपनी जीविका के लिए इधर उधर घुमती थी इसमें एक सरदार होता था , काबिले के लोग सरदार की बात को भगवान की आवाज मानते थे . इस जातियों ने धीरे - धीरे दक्षिणी एशिया में अपना प्रभूत स्थापित करना प्रारंभ किया . तुर्कों में अमीर तैमूर तथा मुगलों में चंगेज़ खां के नाम अत्यन्त प्रसिद्ध हैं।

यह दोनों ही बड़े वीर, विजेता तथा साम्राज्य–संस्थापक थे। इन दोनों ही ने भारत पर आक्रमण किया था और उसके इतिहास को प्रभावित किया था। चंगेज़ खाँ ने दास–वंश के शासक इल्तुतमिश के शासन काल में और तैमूर ने तुगलक–वंश के शासक महमूद के शासन–काल में भारत में प्रवेश किया था। यद्यपि चंगेज़ खाँ पंजाब से वापस लौट गया था परन्तु तैमूर ने पंजाब में अपनी राज–संस्था स्थापित कर ली थी तुर्कों में अमीर तैमूर तथा मुगलों में चंगेज़ खां के नाम अत्यन्त प्रसिद्ध हैं। यह दोनों ही बड़े वीरविजेता तथा साम्राज्यसंस्थापक थे। 


मुगल साम्राज्य का संपूर्ण इतिहास



मुगल काल का  भारत में विशेष स्थान रहा है , मुग़ल काल में ऐसी भी शासक रहे जिन्होंने अपनी कुरुर्ता की सीमा को ही तोड़ दिया था तो कुछ शासक ऐसे भी हुए जिन्होंने भारत में अपनी नीतियों का पालन किया और , भारत में अनेक सुधार भी किये , मुग़ल काल का प्रारंभ भारत में 1526 से बाबर के समय से प्रारंभ हुई है जिसमे अनेक राजा हुए , 1526 से 1858 बहादुर शाह जफ़र दुतीय तक का शासन रहा है

 मुग़ल साम्राज्य के शासक 

MUGAL मुग़ल साम्राज्य की स्थापना 1526 में बाबर ने की थी उसने पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहीम लोदी को हराकर दिल्ली पर सल्तनत काल को समाप्त करके मुगल काल या मुगल साम्राज्य की स्थापना की थी 

बाबर 

1526 - 1530 

हुमायु 

1530 - 1540 , 1555 - 1556 

अकबर 

1556 - 1605 

जहागीर 

1605 - 1627 

शाहजह 

1627 - 1658 

ओरंजेब 

1658 - 1707 


मुग़ल राजा के नाम 

शासक का नाम 

शासन काल 

बाबर 

30 अप्रेल 1526 से 1530 तक 

हुमायु 

26 दिसम्बर 1530 से 17 मई 1540 तक 

अकबर 

जनवरी 1556 से अक्तूबर 1605 

जहागीर 

अक्तूबर 1605 से नबम्बर 1627 

शाहजह 

नबम्बर 1627 से 1658 

ओरंगेजब 

31 जुलाई 1658 से मार्च 1707 

बहादुर शाह 

1707 से 1712 तक 

जहादारा शाह 

27 फरवरी 1712 - 1713 

फरुख्शियार 

1713 से 1719 तक 

मोहम्मद शाह 

1719 से 1748 तक 

आलमगीर दुतीय 

1754 से 1759 तक 

शाह आलम दुतीय 

1760 से 1806 तक 

अकबर शाह दुतीय 

1806 से 1837 तक 

बहादुर शाह दुतीय 

1837 से 1857 तक 


Mughal period मुग़ल काल  .बाबर 1526 से 1530 

मुग़ल काल का प्रारंभ बाबर के भारत आने से ही प्रारंभ हुआ था बाबर को मुग़ल वंश का संस्थापक कहा जाता है बाबर के शासन काल का समय 1526 - से 1530 तक माना जाता है बाबर पिता की तरफ से तैमुर का 5 वा वंशज तथा माता की तरफ से चंगेज खा का 14 व वंशज था . 
कहा जाता है के पंजाब के गवर्नर दोलत खा लोदी के बाबर को भारत पर आक्रमण के लिए आमंत्रित किया .

1 . बाबर के दुवारा भारत में लडे गए युद्ध .


मुगल साम्राज्य का संपूर्ण इतिहास



1 - पानीपत का प्रथम युद्ध - पानीपथ का प्रथम युद्ध 1526 में भारत के इब्राहिम लोदी को पराजित किया इस युद्ध में तुलुम्मा पदती से हुआ है इस युद्ध में बाबर के तोपची -उस्ताद अली और मुस्ताक खा थे .

2. खानवा का युद्ध - खानवा का युद्ध 17 मई 1527 ई में हुआ था यह युद्ध बाबर और राणा सांगा के बिच हुआ था इस युद्ध में बाबर की बिजय हुई थी इस युद्ध में बाबर ने जिहाद का नारा दिया था इसी युद्ध के बाद बाबर ने गाजी की उपाधि को धारण की थी . 


3 . चंदेरी का युद्ध - चंदेरी का युद्ध 29 जनवरी 1528 को बाबर और मेदनी राय के बिच हुआ था इस युद्ध में भी बाबर की विजय हुई थी .


4 . घाघरा का युद्ध - यह युद्ध 6 मई 1529 को हुआ था घाघरा का युद्ध घाघरा के तट पर बाबर और अफगानों के बिच हुआ था इस युद्ध में बाबर की विजय हुई थी .

महत्वपूर्ण तथ्य बाबर की जानकारी - 

  • बाबर ने अपनी आत्मकथा तुजुक ऐ - बाबरी [ बाबरनामा ] तुर्की भाषा में लिखी थी .
  • बाबरनामा का फारसी भाषा में अनुबाद अब्द्दुल रहीम खान -खाना ने किया था .
  •  बाबर ने भारत में पहली बार बारूद और तोफखाने का प्रयोग पहली बार किया था .
  • बाबर को उसकी उदारता के लिए कलन्दर की उपाधि दी गई थी .
  • बाबर को मुबईयान नामक पदशैली  का जन्म दाता माना जाता है .
  • बाबर नक्शबंदी ख्वाजा उबैदुल्ला अहरार का अनुयायी था .
  • प्रारंभ में बाबर का शव आगरा के आरामबाग में दफनाया गया तथा बाद में काबुल में दफनाया गया . 
  • अकबर ने बाबर का मकबरा आगरा से काबुल स्थानांतरित किया .
  • बाबर के आलावा जहागीर तथा बहादुर शाह ऐसे मुग़ल शासक थे जिनके मकबरे भारत के बहार बनवाये गए थे .

हुमायु [ 1530 से 1558 तक ] 


मुगल साम्राज्य का संपूर्ण इतिहास


  • राज गद्दी  पर बैठने से पहले हुमायु बद्ख्न्षा का सूबेदार था .
  • 1533 ई में हुमायु ने दीनपनाह नमक नगर की स्थापना की थी .
  • मालवा व गुजरात पर अधिकार करके हुमायु ने अपने भाई अस्करी को नियुक्त किया था 
  • हुमायु का प्रथम शत्रु शेरशाह सूरी था हुमायु के ज्यादातर युद्ध इसी के साथ हुए .


हुमायु दुवारा लड़े गए युद्ध -

  • चोसा का युद्ध ,, - यह चोसा का युद्ध 25 जून 1539 ई को हुमायु और शेरशाह सूरी के मध्य हुआ था इस युद्ध में शेर शाह विजय रहा .इस युद्ध के बाद शेर खा - ने शेरशाह  की पदवी धारण की थी 
  • कन्नोज / बिलग्राम युद्ध ,, - यह युद्ध 17 मई 1540 ई . में हुआ था इस युद्ध में शेरशाह की विजय हुई थी यह युद्ध हुमायु और शेरशाह के मध्य हुआ तथा शेरशाह विजय रहे .इस युद्ध में हुमायु अपनी जान को बचाते हुए इरान की तरफ भगा . 
  • 1555 ई में हुमायु ने पंजाब के सूरी शासक सिकंदर को पराजित कर पुनह राज गद्दी पर वेठा  था . 
  • हुमायु दुवारा लड़े गए युद्ध -
  1. देवरा का युद्ध - 1531 ई 
  2. चोसा का युद्ध - 1539 ई में 
  3. बिलग्राम का युद्ध - 1540 ई .
  4. सर्हिन्ध का युद्ध - 1555 ई .
  • हुमायु के बारे में लेनपुल ने लिखा है की हुमायु गिरते -पड़ते इस जीवन से मुक्त हो गया , ठीक उसी तरह तमाम जिन्दगी वह गिरते -पड़ते चलता रहा था ,, 1556 ई में दिनपाह की सीडियो से गिरकर हुमायु की म्रत्यु हो गई . हुमायु  ज्योतिशास्त्र पर विश्वास करता था अत; सप्ताह के साथ दिन साथ रंग के कपडे पहनता था . अकबर ने हुमायु का मकबरा दिल्ली में बनवाया [ इसी मकबरे में सर्वप्रथम संगमरमर का प्रयोग हुआ ] हुमायु की सोतेली बहन गुलबंद बेगम ने हुमायु नामा लिखी . 

शेरशाह शुरू .

शेरशाह सूरी का शासन काल 1540 - 45 ई में था शेरशाह सूरी ने  हुमायु को हराकर 1540 - से 1545 तक भारत पर राज किया गया है . इसका असली नाम फरीद था तथा  शेरशाह की उपद्दी इसे बाबरखान लोहानी ने दी थी चंदेरी के  युद्ध में शेरशाह बाबर के साथ था शेरशाह के काल में मालिक मुहम्मद जायसी ने पदमावत ,, की रचना की थी .

  • शेरशाह ने दाग एवं हुलिया पदती रैयतवाडी के नाम से जानी जाती थी 
  • शेरशाह की भूमी माप की  पदती जब्ती कहलाती है जिसकी माप के लिए उसने जबरी का प्रयोग किया .
  • कबुलियत तथा पर्दा  प्रथा का प्रचलन भी किया था - भारत में डाक प्रथा का प्रचालन भी शेरशांह दुवारा किया गया था .
  • शेरशाह सूरी ने ग्रानड ट्रंक रोड का निर्माण भी करवाया था .यह रोड NH- 1 तथा NH-2 को जोडती है 
  •  शेरशांह का मकबरा कहा पर है - सासाराम में .
  • शेरशांह ने चांदी का रूपया तथा ताम्बे का दाम चलाया था . कालिंजर का अभियान इसका आखरी अभियान  था 1545 ई में गोले के विस्फोट से इसकी म्रत्यु हो गई थी .
  • मध्यकाल में अफगान सत्ता की दूसरी बार स्थापना शेरशांह के काल में हुई थी . 

अकबर [ 1556-1605 ई .] 


मुगल साम्राज्य का संपूर्ण इतिहास


अकबर का जन्म अमरकोट के राजा वीरसाल के महल में 1542 ई में हुआ था 1556 ई में कलानोर [ पंजाब ] में अकबर का राज्याभिषेक हुआ था बैरम खा अकबर का संगरक्षक तथा वकील था अकबर का पहला सैन्य अभियान मालवा के विरुद्ध था जहा के शासक बाजबहादुर को पराजित किया . 

अकबर के शासन काल के प्रमुख युद्ध - 

  • पानीपत का दुतीय युद्ध - 5 नबम्बर 1556 में अकबर तथा हेमू के मध्य युद्ध  हुआ था इस युद्ध में हेमू की म्रत्यु हुई थी .  युद्ध में अफगानों की सत्ता समाप्त हो गई थी . 
  • अकबर कुछ समय पर्दा शासन महामंग्गा  के सानिध्य में रहे .
  • राल्फ फ़ीच अंग्रेजो यात्री अकबर के समय भारत आया .
  • अब्दुल रहीम खानखाना बैरम  खा का पुत्र था .
  • 18 जून 1576 ई के हल्दी घाटी के युद्ध में अकबर ने मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप को पराजित किया . इस युद्ध में मुग़ल सेना का नेतृत्व मानसिंह व आसफ खा ने किया . 

अकबर के कार्य - 

अकबर के दरबार में नवरत्न - 
  1. बीरवल .
  2. मानसिंह 
  3. फैजी 
  4. टोडरमल 
  5. अब्दुल रहीम खान खाना .
  6. अब्दुल फजल 
  7. तानसेन 
  8. भगवान् दास 
  9. मुल्ला दो प्याला .

  • अकबर के दीवान राजा टोडरमल [ खत्री जाती ] ने 1580 में दह्साला बंदोबस्त व्यवस्था प्रारंभ की .
  • अकबर ने जैन धर्म के सतगुरु  हरी विजयसूरी को जगतगुरु की उपाधि दी थी .
  • अकबर प्रथम शासक था जिसने शाही दरवार में एक अनुष्ठान के रूप में सूर्योपासना प्रारंभ कराइ .
  • तानसेन अकबर के दरवार का प्रसिद्ध संगीतकार था जिसे अकबर ने कंठभरण वाणीविलास की उपाधि दी . तानसेन का असली नाम रामतनु पण्डेय था इन्होने कई रागों की रचना की थी मिया की टोडी , मिया का मल्हार , मिया का सारंग , दरवारी कान्हार आदि .
  • अकबर के दरबार के प्रमुख चित्रकार अब्दुल समद , दंसवत तथा वसावन थे .
  • अकबर के शासन प्रणाली की प्रमुख विशेषता मनसबदारी प्रथा थी .
  • अकबर के समकालीन संत शेख सलीम चिस्ती थे .
  • अबुल फजल ने अकबरनामा ग्रन्थ की रचना की . वह दिन ऐ इलाही धर्म का मुख्य पुरोहित था 
  •  अकबर के दरवार में आने से पूर्व तानसेन रीवा के राजा रामचंद्र के दरवार में थे .

अकबर दुवारा दी गई उपाधि - 

  • तानसेन - कन्ठभारन्म वाणी विलास 
  • भगवान दास - आमिर -उल -उमरा .
  • वीरवल - कविप्रिय 
  • नरहरी - महापात्र .
  • अब्दुल समद - शिरी कलम .
  • मुहममद हुसेन कश्मीरी - जड़ी कलम .
  • जेनाचारय हरिविजय सूरी - जगतगुरु .

महत्वपूर्ण जानकारी - 

  • बुलंद दरवाजे का निर्माण अकबर ने गुजरात विजय के उपलक्ष्य में कराया था .इस दोरान वह सर्वप्रथम पुर्तगाली से मिला तथा समुद्र को देखा .
  • अकबर ने एक अनुबाद विभाग की स्थापना की .
  • अकबर के काल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग कहा जाता है चार बाग़ बनान की परम्परा अकबर के समय शुरू हुई .
  • अकबर नगाड़ा नामक वाध यंत्र बजाता था .
  • 16 अक्टूवर 1605 ई को अकवर की म्रत्यु हो गई इसे आगरा के निकट सिकंदरा में दफनाया गया . 
  • तुलसीदास अकबर के समकालीन थे .
  • मुगलों की राज्य भाषा फ़ारसी थी .

जहाँगीर काल [ 1605 से 1627 ई ] तक 


मुगल साम्राज्य का संपूर्ण इतिहास


  • अकबर का उत्तराधिकारी उसका पुत्र जन्हागिर [ सलीम ] माना जाता है .
  • अकबर ने जहाँगीर का नाम सूफी संत सलीम चिश्ती के नाम पर सलीम रखा . 
  • जहाँगीर ने न्याय पर आधारित बल दिया अत ; उसने न्याय की ,, जंजीर या न्याय का घंटा ,, स्थापित करवाया .
  • जह्नागिर ने सिक्खों के पांचवे गुरु , गुरु अर्जुन देव को फंसी पर चाडवा दिया था . 
  • जहांगीर ने निसार नामक सिक्का चलवाया .
  • जन्हागिर का विवाह शेर -ऐ -अफगान [ अली -कुली -बेग ] विधवा मेह्रुरनिसा से हुआ जो बाद में नुरजन्हा  के नाम से प्रसिद्ध है .
  • नुरजन्हा की माँ ,,अस्मत बेगम ने गुलाब से इत्र बनाने की कला खोजी .
  • जन्हागिर के शासन काल में चित्रकला अपने चरम सीमा पर था .
  • जन्हागिर ने आगरा में एक चित्रणशाळा की स्थापना की थी .
  • जन्हागिर के शासन काल में अनेक उच पद ईरानियो को दिया था .
  • जन्हागिर प्रथम शासक था जिसने अफगानों को मंसवदारी दी थी .
  • जन्हागिर के शासन काल में दो अंग्रेज अफसर आये थे - कैप्टन हंगिस फिर सर टामस रो आया था .
  • जन्हागिर के शासन काल में ही सर्वप्रथम अंग्रेज ने सूरत में प्रथम व्यापारिक केंद्र स्थापित किया था .
  • महावत खा ने झेलम नदी के तट पर जन्हागिर और नूरजन्हा को बंदी बनाया था .
  • 1627 में जन्हागिर की म्रत्यु हो गई थी तथा उसे शाहदरा [ लाहोर ] में दफनाया गया था [ रावी नदी के किनारे .] 
  • हुमायु के मकबरे को ताजमहल का पूर्ववर्ती माना जाता है .

शाहजन्हा का शासन काल [ 1627 - 1657 ] 

मुगल साम्राज्य का संपूर्ण इतिहास


  • जन्हागिर की म्रत्यु के बाद शहजादा खुरम [ शान्जाहा ] सिंहाशन पर बैठा था वह मारवाड़ शासक उदय सिंह की पुत्री जगत गोसाईं का पुत्र था .
  • शाहजन्हा ने अन्जुमुन्द बानो बेगम के साथ विवाह किया था जिन्होंने मालिका -ऐ जमानी की उपाधि धारण की . यही बाद में मुमताज महल के नाम से जानी जाती थी .
  • शांहजन्हा ने शाहजन्हाबाद नगर की स्थापना की थी .
  • शाहजन्हा ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था ताजमहल का वास्तुकार उस्ताद ईशा खा था इसका निर्माण 1632 ई में 1653 ई के विच हुआ . इसके निर्माण में प्रयुक्त होने वाला संगमरमर [ मकराना राजस्थान ] से मंगवाया था .
  • शाहजन्हा के शासन काल को मुग़ल स्थापत्य कला का स्वर्ण युग कहा जाता है .
  • शांहजन्हा का पुत्र दाराशिकोह एक विद्वान व्यक्ति था उसने उपनिसदो का फारसी में अनुबाद किया था .
  • शांहजन्हा ने आगरा की मोती मस्जिद  तथा दिल्ली  में जामा मस्जिद का  निर्माण कराया था 
  • शाहजन्हा ने आसफ खा को वजीर तथा महावत खा को खानखाना की उपाधि प्रदान की . 
  • मयूर सिंहासन [ लखते ताउस ] का निर्माण शान्ह्जाहा ने करवाया था इसका कलाकार ,, वे बादल खा ,, था .
  • शांहजन्हा ने संगीतज्ञ लाल खा ,, को गुण , समन्दर ,, की उपाधि तथा जगननाथ को महकविराज ,, की उपाधि दी थी . 
  • शांहजन्हा का बेटा दारा शिकोह ,, शाह बुलंद इकबाल के नाम से जाना जाता है .
  • 1658 ई में ओरंगजेब ने शाजन्हा को बंदी बना लिया आगरे के किले में अपने कैदी जीवन के 8 वे वर्ष 74 की अवस्था में शाहजन्हा की म्रत्यु हो गई . 

शांहजन्हा दुवारा बनवायी गई इमारते - 

  • दिल्ली का लाल किला .
  • दीवाने आम , दीवाने ख़ास .
  • दिल्ली की जामा मस्जिद .
  • आगरा की मोती मस्जिद .
  • ताजमहल 
  • लाहोर किला स्थित शीश महल .

ओरंगजेब [ 1658 - 1707 ई में ] 


मुगल साम्राज्य का संपूर्ण इतिहास


सिंहासन पर बैठने के पहले यह दककन का गवर्नर था .और ओरंगजेब का दो बार सिंहाशनरोहण हुआ था . ओरंगजेब ने नोरोज उत्सव , झरोखा दर्शन तथा हिन्दू त्योंहार को सार्वजनिक रूप से मनाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया  . ओरंगजेब कट्टर सुन्नी मुसलमान था उसे जिन्दा पीर कहा जाता था . उसने नृत्य संगीत पर प्रतिवंध लगा दिया [ यधपि व्यक्तिगत जीवन में वह खुद एक कुशल वीणावादक था ] 

  • 1686 ई तथा 1687 ई में बीजापुर तथा गोलकुंडा को जीतकर मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया .
  • ओरंगजेब ने अपनी बेगम के लिए ताजमहल की प्रतिकृति का निर्माण किया . जिसे बीबी का मकबरा या दुतीय ताजमहल कहा जाता है यह ओरंगाबाद महाराष्ट में है .
  • इस्लाम असिवकार न करने के कारण ओरंगजेब ने सीक्खो के नॉवे गुरु , गुरु तेगबहादुर की दिल्ली में हत्या करवा दी थी .
  • ओरंगजेब ने 1679 ई में जजिया कर पुनह लागू किया .
  • ओरंगजेब के समय हिन्दू मनसबदारो की संख्या सर्वाधिक 337 थी .
  • ओरंगजेब सर्वाधिक हिन्दू आधिकारियो की नियुक्ति करने वाला शासक था .
  • भारतीय शास्त्रीय संगीत पर फ़ारसी में सबसे अधिक पुस्तके ओरंगजेब के काल में ही लिखी गयी 
  • ओरंगजेब के समय सूबों की संख्या 20 थी . 
  • ओरंगजेब का प्रमुख उद्देश्य - दारुल हर्व [ काफिरों के देश ] को दारुल इस्लाम [ इस्लाम का देश ] में परिवर्तित करना था .
  • फ़्रांसिसी यात्री फ्रेकोईस बर्नियर ओरंगजेब के चिकित्सक थे .
  • आगरा के किले में शिवाजी ओरंजेब के समक्ष उपस्थित हुए उन्हें यहाँ कैद करके जयपुर भवन में रखा गया था .
  • पुरंधर की संधि - यह संधि 22 जून 1665 ई . में शिवाजी एवं जयसिंह के बिच हुई थी .
  • 1707 ई को ओरंगजेब की म्रत्यु हो गई तथा उसे खुलनाबाद   में दफनाया गया .
  • मुग़ल शासक का अंतिम शासक कोन था - बहादुर शा जफ़र 

मुगल साम्राज्य के पतन के कारण

मुग़ल साम्राज्य के पतन का मुख्य कारण यह था के मुग़ल साम्राज्य पुरे भारत में फेला हुआ था , और उस समय के मुग़ल राजा इतने योग्य नहीं थे के वो इतने बड़े साम्राज्य को संभाल सके . मुग़ल काल का अंत तो ओरंगजेब के काल से ही प्रारंभ हो गया था क्योकि चारो और से विद्रोह प्रारंभ हो गए थे 

FQC ;- 

Q ;- 1 मुगल साम्राज्य की स्थापना किसने की थी 

ANS ;- बाबर 

Q ;-2  मुग़ल भारत में कब आये थे 

ANS ;- 1526 

Q ;- 3 बाबर ने भारत में सत्ता स्थापति के लिए भारत में पहला युद्ध किसके साथ किया था 

ANS ;- इब्राहीम लोदी 1526 

Q ;- 4 बाबर का प्रथम युद्ध भारत का कोनसा है 

ANS ;- पानीपत का युद्ध 



दोस्तों हमने यह पोस्ट मुगल काल मुगल साम्राज्य का सम्पूर्ण इतिहास से सम्बंधिटी सभी जानकारी को इस पोस्ट में हमने रखा है इस पोस्ट में हमने मुगल साम्राज्य की स्थापना , मुग़ल राजाओ के नाम मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक से सम्बंधित सभी जानकारी को इस पोस्ट में रख रहे है . 
धन्यवाद 

अनिल कुमार पलाशिया 

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