कंप्यूटर के विकास का वर्गीकरण COMPUTER KE VIKAS KA VARGIKARAN
हेलो दोस्तो में अनिल कुमार पलाशिया एक बार फिर आपके लिए MPPSC का एक और महत्वपूर्ण टोपिक को लेकर आया हु जिसमे हम computer of history in के बारे में पढेंगे जिससे आपको सरलता से ये टोपिक समझ में आजायेगा COMPUTER [कंप्यूटर ] क्या है इसकी कितनी पीडी है इसे समझने के लिए इसे हमें पहले समझना पड़ेगा के COMPUTER KE VIKAS KA VARGIKARAN कंप्यूटर के विकास का वर्गीकरण क्या है इसका विकास कैसे हुआ है इसकी कितनी पीडिया है इन सब की जानकारी हमें अच्छे से समझना है
कंप्यूटर का इतिहास और विकास
कम्प्यूटर [ COMPUTER ] का अर्थ है यह एक स्वचलित इलेक्ट्रानिक मशीन है जो हमारे दुवारा लिखे गए डाटा को अपने अन्दर ग्रहण करता है और इसके बाद वो निर्देश के अनुसार उनका विश्लेष्ण करता है यह डाटा को साफ्टवेयर तथा परिणामो को स्टोर करता है और बाद में इसका उपयोग किया जा सके . यह विश्लेष्ण का कार्य करता है
कम्प्यूटर एक ऐसी मशीन है जो गड़ना करता है सेव करता है अपने डाटा को शेयर करता है कंप्यूटर कहलाता है
परिभाषा ;-
कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो डाटा को स्वीकार करता है उसे भण्डार करता है दिए गए निर्देशी के अनुसार उसका विश्लेष्ण करता है और उनके परिणामो को निर्गमित करता है
COMPUTER KE VIKAS KA VARGIKARAN
कम्प्यूटर शव्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के कम्प्यूटर शव्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना प्रारंभिक काल में कम्प्यूटर का उपयोग मात्र गणनात्मक कार्यो के लिए ही होता था . लेकिन सुचना -क्रांति की वजह से वर्तमान काल में कम्प्यूटर के वहुआयामी प्रयोग है कम्प्यूटर वह मशीन है जो निर्देशित प्रोग्राम दुवारा नियंत्रित कोडेड सुचना [ डेटा ] पर कार्य करती है कम्प्यूटर वास्तव में एनलाक अथवा डिजिटल मशीने है आजकल कम्प्यूटर की दुनिया में डिजिटल कम्प्यूटर का ही बोल बाला है .
MOST TIPS :-
- कम्प्यूटर का अर्थ है - गणना करना .
- प्रारंभिक काल में कम्प्यूटर का उपयोग होता है - गणना के लिए .
- कम्प्यूटर वास्तव में मशीन है - एनलाग अथवा डिजिटल .
- वर्त्तमान में किस कम्प्यूटर का उपयोग किया जा रहा है - डिजिटल कम्प्यूटर .
कंप्यूटर का विकास क्रम
यांत्रिक केल्क्युलेटर का उदगमन और विकास दो गणितज्ञो वलेज पास्कल [ 1623 - 32 ई ] और गाटफ्रीड विल्डेम लिवनियज [ 1646 - 1746 ई ] के कार्यो में खोजा जा सकता है लेकिन सर्वप्रथम चार्ल्स बवेज ][ 1792- 1871 ई ] ने जान नेपियर [ 1550- 1671 ई ] दुवारा खोजा गए . लघुगणक अंको को समाहित कर सकने वाली केल्क्युलेंटिंग मशीन बनाने का विचार किया था
MOST TIPS ;- कंप्यूटर का इतिहास और विकास
- यांत्रिक केलकुलेटर का उध्गमन किसने किया था - व्लेज पास्कल 1623- 32 ई में .]
- दूसरी वार यांत्रिक केलकुलेटर का विकास किया - गाटफ्रिड विल्डेल्म लिवनित्ज 1646 -1746
- केलकुलेटर मशीन बनाने का कार्य किसने किया - चालर्स बवेज [ 1792 - 1871 ]
1946 में विश्व का प्रथम पूणत्या इलेक्ट्रानिक डिजिटल कम्प्यूटर ENIAC अथवा इलेक्ट्रानिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड फेल्क्युलेटर बना . पहली पीडी का यह कम्प्यूटर वैक्यूम ट्यूव टेकनोलाजी पर आधारित था इसमें दस अंको की बीस संख्याओ को स्टोर किया जा सकता था . यह प्रति सेकेंड 5000 योग कर सकता है .
- यह कम्प्यूटर प्रति सेकेंड 5000 योग करता है .
- इस कम्प्यूटर में 18000 वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया गया .
- इस कम्प्यूटर में 70000 रजिस्टर है .
- इसमें 10000 कैनिसीटर था .
- यह कम्प्यूटर दशमलव प्रणाली पर आधारित था .
- इस समय में ही चार पीडी के कम्प्यूटर का विकास हुआ .
- इसमें पहली बार दो वर्ग इंच की सिलिकान चिप 512 किलो वाट बाईट तक स्टोर कर सकता है .
- पांचवी पीडी के कम्प्यूटर का उपयोग कृत्रिम वुद्धि वाला कम्प्यूटर था .
- पंचम पीढ़ी के कम्प्यूटर में आब्तिवल फाइबर का प्रयोग किया जाता है
कम्प्यूटर का वर्गीकरण
कम्प्यूटर को दो भागो में वर्गीकृत किया गया है- अंकीय पद्धति का प्रयोग किया जाता है - दिआधारी पद्धति [ BINARY SYSTEM ]
- अंकीय कम्प्यूटर किस पद्धति पर कार्य करता है - 0 , 1 पर
- अंकीय कम्प्यूटर गणना कर सकता है - एक सेकेंड में करोडो की .
अनुरूप कम्प्यूटर [ ANALOGUE COMPUTER ]
- एनालाग शब्द का अभिप्राय है - दो राशियों में अनुरूपता .
- एनालाग कम्प्यूटर में बदला जा सकता है - किसी भोतिक राशी को इलेक्ट्रानिक परिपक्षा की सहायता से विधुत संकेतो में बदला जा सकता है .
- अंकीय कम्प्यूटर कार्य करता है - राशियों को गिनकर .
- अनुरूप कम्प्यूटर विद्युत स्पंदो का कार्य करता है - मापक अपना कार्य
संकर कम्प्यूटर
इनमे अंकीय एवं अनुरूप दोनों कम्प्यूटर की विशेषताओ का समीक्षण किया जाता है इनका प्रयोग अधिकांशत स्वचालित अप्कर्नो में किया जाता है जैसे - रोवोट , जिसकी सहायता से आधुनिक काल में लाखो कार्य स्वचालित रूप से किये जाते है- किसी कम्प्यूटर में अंकीय एवं अनुरूप दोनों कम्प्यूटर की विशेषताओ का समीक्षण किया जाता है - संकर कम्प्यूटर
- संकर कम्प्यूटर में उपयोग किया जाता है - स्वचालित उपकरण .
- स्वचलित उपकरण है - रोवोट .
प्रकाशीय कम्प्यूटर ;-
पांचवी पीडी के कम्प्यूटर के रूप में इस प्रकार के कम्प्यूटर बनाये जा रहे है जिनमे एक अवयव को दुसरे से जोड़ने का कार्य आप्टिकल फाइबर के तारो से किया जाता है और इनकी गणना करने वाले अवयव प्रकाशित पढ़ती पर बनाये गए है विधुतीय संकेत [ ELECTRICAL SINGNAL ] की गति 3 लाख प्रति सेकेंड होती है .लेकिन इनमे से भी 1 मीटर तक जाने में किसी भी विद्धुत संकेत को नैनो सेंकेंड का समय लगता है इसलिए गणना इससे भी बहुत कम समय में करने के लिए बिना तार के कम्प्यूटर बनाने की आवश्यकता हो रही है इसी हेतु आप्टिकल फाइबर का उपयोग किया जा रहा था .
MOST TIPS ;-
- पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर बनाये जाते है - प्रकाशीय कम्प्यूटर .
- एक अवयव को दुसरे अवयव से जोड़ने में किसकी मदत ली जाती है - आप्टिकल फाइबर
- किसी भी उपक्रम में विद्धुत संकेत पहुंचता है - 3.3 नैनो सेंकेंड .
- प्रकाशीय कम्प्यूटर पर किसका उपयोग किया जाता है - आप्टिकल फाइबर
एटामिक कम्प्यूटर [ ATOMIC COMPUTER ]
कार्नेगी विश्वविध्यालय में इस तरह के कम्प्यूटर पर खोज किया जा रहा है जो की कुछ विशेष प्रोटीन अणुओ को एकीकृत परिपथ में बदल दे और कम्प्यूटर को इतनी अधिक स्मृति क्षमता प्रदान कर दे की ऐसा कम्प्यूटर आज के कम्प्यूटर से 10000 गुनी क्षमता का हो एवं गति में संपन हो जाए . हाड्रोटीसन नामक प्रोटीन में 10000 गीगा बाईट [ 109 बाईट ] के बराबर जानकारी को संगृहीत किया जा सकता है और 10 मास्को सेकेंड की क्षमता में कार्य लिया जा सकता है .
MOST TIPS ;-
- एटामिक कम्प्यूटर की खोज कहा की जा रही है - कर्नेंगी विश्व्विद्ध्यालय
- एटामिक कम्प्यूटर में किसका उपयोग किया जाता है - माइक्रो सेकेंड .
आकर के आधार पर
आकार के आधार पर कम्प्यूटर 5 प्रकार के होते है .
A - माइक्रो कम्प्यूटर - यह एक ही वाक्य के अन्दर किथेड -रे -ट्यूब और माइक्रो प्रोसेसर चिप्स को लगाकर बनाये गए टी . बी . के आकर के बराबर कम्प्यूटर को माइक्रो कम्प्यूटर कहते है
B - मिनी कम्प्यूटर - डिजिटल इक्यूपमेंट कारपोरेशन ने 1259 में प्रोग्रामेटिव डेटा प्रोसेसर -1 को बनाकर मिनी कम्प्यूटर के उत्पादन का शुभारम्भ किया था चुकी मिनी कम्प्यूटर का आकार एक छोटी अलमारी के बराबर होता है इसलिए इसे मिनी कम्प्यूटर कहा जाता है यह कम्प्यूटर माइक्रो -कम्प्यूटर से लगभग 5 से 50 गुना आधिक गति से कार्य कर सकता है .
C - सुपर मिनी कम्प्यूटर - उन मिनी कम्प्यूटर को जिनमे सुपर चिप 80 , 386 का प्रयोग करके उन्हें अति शक्तिशाली बना दिया प्रयोग है सुपर मिनी कम्प्यूटर कहा जाता है अधिक विक्सित चिप्स ने यह संभव कर दिखाया है की एक छोटे से कैविनेट साइज के कम्प्यूटर में 5 लाख सक्रियाये प्रति सेकेंड की गति और 80 मेगावाईट की मुख्य स्मृति समाहित हो जाए ऐसे मिनी कम्प्यूटर को जिनमे मेनफ्रेम कम्प्यूटर के बराबर प्रोसेंसिंग क्षमता हो सुपर मिनी कम्प्यूटर कहते है
स्मरणीय तथ्य
1 किलो = 103
मेगा - 106 .
गीगा - 109
टेरा - 1012
माइक्रो - 10 - 6
D . मेंन फ्रेम कम्प्यूटर - सुपर कम्प्यूटर के विशाल आकर वाले सभी कम्प्यूटर को मेनफ्रेम कम्प्यूटर कहते है इस प्रकार के कम्प्यूटर के उपकरण को बड़ी स्टील के चोखटो में लगाकर बनाया जाता था तब से सभी बड़े कम्प्यूटर का नाम मेनफ्रेम कम्प्यूटर पड़ा .
E - सुपर कम्प्यूटर - आधुनिक परिभाषा के अनुसार वे कम्प्यूटर जिनका स्मृति भण्डार 52 106 से आधिक हो जो 500 एम [ आर्थिक 500 106 ] फ्लाप की क्षमता से कार्य कर सकते हो ,, सुपर कम्प्यूटर ,, कहलाता है ,
दोस्तों यह पोस्ट कम्प्यूटर के लिए बनाई गई है यह पोस्ट कम्प्यूटर के इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्य को लेकर बनाई गई है आप इस पोस्ट का अध्यन करे इसके बाद अगली पोस्ट में हम कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी को रखेंगे .कंप्यूटर के विकास का वर्गीकरण और कंप्यूटर का इतिहास computer of history कंप्यूटर का इतिहास और विकास कंप्यूटर का विकास क्रम कम्प्यूटर का वर्गीकरण
अनिल कुमार पलाशिया
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