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how to take care of children

how to take care of children बच्चों की देखभाल कैसे करें

हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आया हु इस पोस्ट में हम बच्चो की देख भाल कैसे करे उस पर पोस्ट को लेकर आ रहे है इस पोस्ट में हम बच्चो का पालन पोसण कैसे करे उनके अन्दर कैसे भावनाओ का विकास करे जिससे के वो अपने जीवन मे कभी रुके नहीं हमेशा उनका विकास हो , वे सभी का सम्मान करे , सभी का आदर करे , ये सारे गुण बच्चो को बचपन से ही डी जाती है और फिर ये धीरे - धीरे आगे बदती जाती है और अगर उन्हें सभी का सम्मान नहीं करना सिखाते है तो फिर बड़े होने के बाद वो किसी का सम्मान नहीं करते है यह पोस्ट लिखने का हमारा मकसद यही है की बच्चो के अन्दर एक आदर्श गुणों का वकास हो , तो आएये क्या करे जिससे के सभी बच्चो में अच्छे संबंद बने रहे . 


how to take care of children

          


रिलेशनशिप हिंदी का मतलब

  • उन्हें सही गलत की पहचान कराये . 
  • हमेशा सच बोलना सिखाये .
  • उनके सामने कभी लड़ाई ना करे 
  • उन्हें समय का पालन करना सिखाये 
  • बच्चो में उच्च विचार लाने का प्रयास करे 
  • लड़के - लडकियों को एक समान समझे 
  • उनकी ख़ुशी में  शामिल हो 
  • उन्हें असफलता मिलने पर प्रोत्साहित करे 
  • उनके साथ समय बिताये 
  • बच्चो में नेतिक गुणों का विकास हो . 
दोस्तों हमने यह बच्चो के विकास के लिए कुच्छ टिप्स दी है इस को अगर हम ध्यान से देखते है और अपने परिवार के बच्चो के लिए फोलो करते है तो बच्चे कभी भी गलत रस्ते पर नहीं जायेंगे और एक आदर्श जीवन व्यतीत करेंगे जिससे के उनका विकास होगा और साथ में सभी का विकास होगा इस लिए हमें बच्चो की देख भाल बहुत ही अच्छे से करना चाहिए उनके लालन पालन में कोई ढील ना होनी चाहिए . 

उन्हें सही गलत की पहचान कराये 


how to take care of children

      
       

दोस्तों बच्चो का मन बहुत ही कोमल होता है उनका हदय बहुत ही नाजुक होता है हम उन्हें जो भी सिखाते है उन्हें वो बहुत ही अच्छे से ध्यान रखते है हम उन्हें जो सिख देते है वो जल्दी सीखते है उनके मन में अच्छे बुरे का फैसला करना नहीं आता है हम जैसा व्यवहार उनके साथ करते है वो ही व्यवहार दुसरे के साथ वो भी करते है महारा व्यवहार का ही अनुसरण हमारे बच्चे करते है इस लिए हमें दुसरे लोगो के सामने ऐसे पेस आना है उनसे ऐसी बात करना है जिससे के आपके बच्चो पर इसका बुरा प्रभाव ना पड़े . 
अगर आप दुसरे लोगो के साथ चिल्ला कर बात करते है तो आपके बच्चे भी ऐसा ही व्यवहार दुसरे लोगो के साथ करते है इस लिए आप ,, अपने बच्चो के अन्दर सही गलत की पहचान कराये ,, ये गुण  उनके अन्दर तभी आते है जब हम उन्हें यह सिखाये , के सही क्या है और गलत क्या है आप बच्चो के अन्दर अच्छे विचार रखे ये गुण अगर उनके अन्दर आयेंगे तो उन्हें खुद ही सही गलत की पहचान करना आजायेगा . 

 

हमेशा सच बोलना सिखाये .

हम जीवन मे इतना खो जाते है के कभी ना कभी तो एक दुसरे को झूठ बोल देते है हम यह नहीं सोचते है की हमारा झूठ क्या परिणाम लायेगा . लेकिन हम झूठ बोलना प्रारभ कर देते है और जब हमारे बच्चे इस चीज को देखते है की हमारे घर के बड़े - अपने आपको बचाने के लिए झूठ का सहारा लेते है तो वो भी धीरे धीरे झूठ का सहारा लेने लगते है और हमें पता भी नहीं लगता है इस लिए हमें बच्चो के सामने कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए , और उन्हें हमेशा प्रेरित करना चाहिए की सच बोले , सच की ही कीमत होती है , झूठ ज्यादा दिन तक नहीं चलता है एक ना एक दिन हमेशा सामने आता ही है इस लिए हमेशा सच का सामना करे . उन्हें अच्छी अच्छी कहानिया सुनाये जिसमे सच बोलने के लिए उन्हें प्रेरित करे . 


उनके सामने कभी लड़ाई ना करे 


परिवार में अकसर लड़ाइया होती रहती है चाहे वो लड़ाई पति - पत्नी की हो , या परिवार के किसी भी  सदस्य  के साथ बाद विबाद इसका असर बच्चो के ऊपर सीधा पड़ता है इस लिए हमें यह ध्यान रखना चाहिए बच्चो के सामने कभी भी लड़ाई नहीं करनी चाहिए , क्योकि अगर हम ऐसा करते है तो उनके दिमाक में भी यही बात घूमेगी की हम जोर से चिलाकर सभी को डरा सकते है ऐसी भावना बच्चो के विकास के लिए हानि कारक है इस लिए हमें कभी भी बच्चो के सामने लड़ाई नहीं करनी चाहिए . ख़ास कर माता - पिता का असर बहुत जल्द ही बच्चो पर पड़ता है वे जैसा करते है बच्चे भी वैसा ही सीखते है इस लिए माता पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए ,             


उन्हें समय का पालन करना सिखाये 

बच्चे एक गीली मिटटी की तरह होते है आप उनके साथ जैसा व्यवहार करते हो वो भी उसी का अनुसरण करते है जैसे एक छोटा बच्चा , आपके यहाँ है आप अगर किसी से जोर से चिल्लाकर बात करते हो तो वो भी इसी का अनुसरण करेगा , अगर
  • अगर आप ज्यादा मोबाइल चलते हो तो वो भी आपके देखा देखि मोबाईल चलाएगा .
  • अगर आप टीवी देख कर खाना खाते है तो वो भी उसका अनुसरण करेगा .
  • कई जगह देखा गया है कुछ पालक को मिठाई खाने की ज्यादा आदत थी तो वो अपनी फ्रिज में मिठाईयां रखते थे बच्चे उनका अनुसरण करके उसका उपयोग करने लगते है 
  • अगर आप किसी को जली कटी बात सुनाते है या किसी के लिए सर्यन्त्र करते है तो आपके बच्चे भी ऐसा ही अनुसरण करते है . 
अगर आप चाहते है की आपका बच्चा किसी भी गलत आदत में ना पड़े तो उसके लिए आपको अपनी जीवन शैली में सुधार करना पड़ेगा अगर आप ऐसा करते है तो आपका बच्चा भी सही मार्ग दर्शन में कार्य करेगा . 
  • कभी भी बच्चो के सामने झूठ ना बोले . 
  •  हमेशा कुछ नियम बनाये और उनका पालन करे .
  • बच्चो के सामने रोज कुछ - कुछ समय के लिए योजना बनाये .
  • और योजना बनाने के बाद उस पर काम करना सिखाये .
  • यह करे के छोटे - छोटे टारगेट बनाये .और उसको पूरा करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करे .
  • हमेशा जितने की आदत ना डाले ,
  • असफलता को ग्रहण करने की बात समझाए . 

बच्चो में उच्च विचार लाने का प्रयास करे 

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अक्सर माता - पिता अपने बच्चो को लाड प्यार में वे बाते भूल जाते है जो उसके लिए बहुत ही जरुरी है उसकी हर जरुरत की चीजे एक आवाज पर उसे दिला देते है , बगेर मांगे उसकी सारी मांग पूरी करते है प्यार इतना के उसे रोता हुआ नहीं देख सकते है सही भी है , लेकिन इससे एक उच्च विचार प्रकट नहीं होते है 

  • बच्चो को सारी चीजे दिलवाए पर उसे उस वस्तु की कीमत भी समझाए और उसे सम्भालना सिखाये ,
  • हमेशा सभी चीजो की कदर करना सिखाये .
  • अगर कोई आपके लिए कुछ करता है तो उसके प्रति कृतज्ञता बनाये रखे ये गुण हमें अपने बच्चो को सिखाना है  
  • सफलता और असफलता दोनों को स्वीकार करे और आगे बढ़ने का प्रयास करे .
  • सफलता मिलने पर उसे स्वीकार करे और उसे अपने सर पर ना चड़ने दे . 
  • हमेशा कुछ ना कुछ सिखने का गुण होना चाहिए . 
  • बच्चो  के सामने प्रेरक विचार रखे , जिसको सुनकर वो प्रेरणा ले . 
  • उन्हें अच्छे लोगो की कहानिया सुनाये .और उनके सामने एक आदर्श स्थापित करे . 


लड़के - लडकियों को एक समान समझे 

 अकसर बच्चों में समानता और असमानता दोनों ये गुण माँ बाप ही अपने बच्चो के अन्दर रखते है पुराने ज़माने की सोच है की लडकिया खर्चे का घर है , लड़के कुल दीपक है घर को वो ही चलाते  है अगर पढाई में में किसी एक को पढ़ाना हो तो लड़के पर विशवास ज्यादा करते है लड़की को पढ़ाना बंद कर देते है लेकिन लड़के को पढ़ाते है . ये धारा जब माता - पिता बचपन से अपने बच्चो में रखते है असमानता यही गुण धीरे - धीरे लडको में पनपता है और वो बड़ा हो जाता है , 
असमानता - जब लड़के को ज्यादा महत्त्व दे और लडकियों को कम महत्त्व दे तो ये भावना लडको में भी आ जाती है फिर जब जैसे - जैसे लड़के बड़े होते है उनके अन्दर ये धारणा होती है की लडकिया कोई ख़ास नहीं जोती है उनका अस्तित्व कुछ नहीं होता है , और फिर धीरे धीरे लडको में ये बात बड़ी हो जाती है फिर वो अपनी पत्नी के साथ भी यही विचार रखते है उन्हें कमजोर समझते है इस लिए माता - पिता का सबसे बड़ा यह कर्तव्य है की वो अपने बच्चो में कोई अंतर ना रखे उन्हें एक समान समझे और लडको में लडकियों का सम्मान करने को कहे . 


उनकी ख़ुशी में  शामिल हो 

जब  आपके पुत्र या पुत्री को कोई सफलता मिले , तो आप उनकी खुशियों में शामिल हो , अगर आप ऐसा करते है तो आपके बच्चे आपका साथ अनुभाव करेंगे , उन्हें ऐसा लगेगा की हमारी सफलता असफलता में में हमारे साथ हमारे माता पिता है छोटी - छोटी सफलता में आप उन्हें विशेष होने का महत्त्व दे , अगर आप ऐसा करते है तो तो बच्चो में आगे बढने की भावना  आती है 



उन्हें असफलता मिलने पर प्रोत्साहित करे 

आपके बच्चो को सफलता मिले या असफलता दोनों को  समझे और रुके नहीं आगे बड़े ये गुण हर माता - पिता ने अपने बच्चो को देना चाहिए , इससे जब वे अपने जीवन में कोई काम करे और उसमे उन्हें असफलता मिले तो वे रुके नहीं और अपनी असफलता को स्वीकार करे और उससे प्रेरणा लेकर नई रण निति बनाकर फिर से कोशिस करे . उनसे कहे के कोशिस कभी भी हानि नहीं पहुचाहती है ये हमें  जितने की प्रेरणा देती है और मन में ये विचार रहता है के मेरे प्रयास में क्या कमी रह गई जिससे में आगे नहीं बड पाया फिर उस कमी को दूर करके आगे बड़े .



उनके साथ समय बिताये 

जब भी समय मिले अपने बच्चो के साथ समय बिताये उन्हें अच्छी - अच्छी बाते सिखाये , उन्हें परिवार के साथ मेल मिलाप और रहना सिखाये , परिवार क्या होता है उन्हें ये सिखाये unity क्या होती है एक जुट परिवार क्या होता है यह सिखाये अगर आपका बच्चा परिवार में रहता है परिवार के साथ समय विताता है तो वो संयुक्त होने का गुण सीखता है इस लिए जहा तक हो सके अपने बच्चो को परिवार से अलग ना रखे उन्हें परिवार का महत्त्व समझाए .परिवार में रहकर सभी का सम्मान करे , चाचा , चाची , बहन , भाई दादा दादी सभी का आदर करना सिखाये . 

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बच्चो में नेतिक गुणों का विकास हो . 

बच्चा चाहे आमिर का वो या गरीव का सभी के अन्दर कुछ नेतिक शिक्षा का होना बहुत ही जरुरी है ये गुण ही हमें जीवन में आगे सफलता दिलाने में मदद करता है 

  • सभी का आदर करे .
  • अपने माता पिता भाई बहन गुरु का सम्मान करे .
  • हमेशा जितने के साथ असफलता को भी समभाल कर रखे .
  • सफलता -सफलता को अपनी प्रेरणा बनाये .
  • सभी के साथ नम्रता के साथ पेस आये .
  • उच्च नीच की भावना को नहीं समझे .
  • छोटे- बड़े सभी का सम्मान करे . 
  • अपने माता - पिता का सम्मान करे . 
  • ये गुण अपने बच्चो के अन्दर होने चाहिए . 
हेलो  दोस्तों  में अनिल कुमार palashiya आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आ रहा हु इस पोस्ट में हम बच्चो की देखभाल कैसे करे . उस पर हम यह पोस्ट को लेकर आ रहे है .how to take care of children बच्चों की देखभाल कैसे करें 7 TIPS FORE RAISING CARING KIDS CHILD CARE ROLLS CHILD CARE TIPS बच्चो की देखबाल कैसे करे उपाय 

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