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SANDHI KI PARIBHASHA AEVM PRAKAR

SANDHI KI PARIBHASHA  AEVM PRAKAR संधि की परिभाषा एवं प्रकार उदाहरण

हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आ रहा हु इस पोस्ट में हम संधि की परिभाषा [ SANDHI KI PARIBHASHA  AEVM PRAKAR संधि की परिभाषा एवं प्रकार उदाहरण ] और उसकी सम्पूर्ण जानकारी को हम इस पोस्ट में लेकर आ रहे है इसके माध्यम से हम हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण टोपिक संधि की वेसिक जानकरी जो MP POLICE , MP PATWARI , MP FOREST . और MP SI . इसके आलावा और अन्य परीक्षा के लिए यह महत्वपुर्ण है आप इस का अध्यन करे .

संधि की परिभाषा एवं प्रकार लिखिए उदाहरण सहित

संधि की परिभाषा



संधि की परिभाषा - दो वर्णों के मेल से उत्पान होने बाले परिवर्तन को संधि कहते है संधि में दो शब्द्द या पद एक दुसरे से जुड़कर एक नये शब्द का निर्माण करती है पहले शब्द का अंतिम वर्ण और दुसरे शब्द का प्रथम वर्ण के मिलने से जो विकार उत्पन होता है वह संधि कहलाती है या संधि विच्छेद कहलाती है .


              

संधि का अर्थ [ संधि की परिभाषा ]


दो या अधिक वर्णों के पास-पास आने के परिणामस्वरूप जो विकार उत्पन्न होता है उसे सन्धि कहते हैं. संधि शब्द सम् + धि से बनता है, जिसका शाब्दिक अर्थ मेल या जोड़ होता है. संधि शब्द का विलोम शब्द विग्रह या विच्छेद होता है. यदि दो वर्णों के पास-पास आने से विकार उत्पन्न नहीं हो तो उसे सन्धि नहीं संयोग कहते हैं


सन्धि का प्रयोग / सन्धि विच्छेद 


परिभाषा- [ संधि की परिभाषा लिखे ]


दो या अधिक वर्णों के पास-पास आने के परिणामस्वरूप जो विकार उत्पन्न होता है उसे सन्धि कहते हैं. संधि शब्द सम् + धि से बनता है, जिसका शाब्दिक अर्थ मेल या जोड़ होता है. संधि शब्द का विलोम शब्द विग्रह या विच्छेद होता है. यदि दो वर्णों के पास-पास आने से विकार उत्पन्न नहीं हो तो उसे सन्धि नहीं संयोग कहते हैं

संधि की परिभाषा एवं प्रकार उदाहरण [ संधि के भेद ]


संधि के प्रकार - संधि की परिभाषा और उसके भेद


संधि की परिभाषा एवं प्रकार उदाहरण

1 ] स्वर संधि

2 ] व्यंजन संधि

3 विसर्ग संधि


स्वर सन्धि - संधि के उदाहरण


स्वर संधि चार प्रकार की होती हैं,

  • गुण सन्धि

  • वृद्धि सन्धि

  • अयादि संधि

  • यण सन्धि



स्वर संधि किसे कहते है [ स्वर संधि की परिभासा ]  


  1. स्वर सन्धि -: 


SANDHI KI PARIBHASHA AEVM PRAKAR


 स्वर के साथ स्वर का मेल होने पर जो विकार होता है, उसे स्वर सन्धि कहते हैं। स्वर का मतलव , जब एक शब्द का निर्माण होता है जिसमे जब हम शब्दों का विभाजन करते है जिसे हम संधि विच्छेद कहते है उसे पहचानन ही संधि कहलाता है उसके बाद हम यह जानने की कोशिश करते है की वह कोन सी संधि है

  • अ + अ = आ – पुष्प + अवली = पुष्पावली
  • अ + आ = आ – हिम + आलय = हिमालय
  • आ + अ = आ – माया + अधीन = मायाधीन
  • आ + आ = आ – विद्या + आलय = विद्यालय
  • इ + इ = ई – कवि + इच्छा = कवीच्छा
  • इ + ई = ई – हरी + ईश = हरीश


  • गुण सन्धि:- [ गुण संधि किसे कहते है ]


जब अ अथवा आ के आगे ‘इ’ अथवा ‘ई’ आता है तो इनके स्थान पर ए हो जाता है। इसी प्रकार अ या आ के आगे उ या ऊ आता है तो ओ हो जाता है तथा अ या आ के आगे ऋ आने पर अर् हो जाता है। दूसरे शब्दों में, हम इस प्रकार कह सकते हैं कि जब अ, आ के आगे इ, ई या ‘उ’, ‘ऊ’ तथा ‘ऋ’ हो तो क्रमश: ए, ओ और अर् हो जाता है, इसे गुण सन्धि कहते हैं,

जैसे-

अ, आ + ई, ई = ए

अ, आ + उ, ऊ = ओ

अ, आ + ऋ = अर्


  • आ + इ = ए – महा + इन्द्र = महेन्द्र
  • आ + ई = ए – रमा + ईश = रमेश
  • अ + उ = ओ – चन्द्र + उदय = चन्द्रोदय


  • वृद्धि सन्धि:- [ वृद्धि संधि किसे कहते है ]


जब अ या आ के आगे ‘ए’ या ‘ऐ’ आता है तो दोनों का ऐ हो जाता है। इसी प्रकार अ या आ के आगे ‘ओ’ या ‘औ’ आता है तो दोनों का औ हो जाता है, इसे वृद्धि सन्धि कहते हैं;


जैसे-


सन्धि – उदाहरण


  • अ + ए = ऐ – पुत्र + एषणा = पुत्रैषणा
  • अ + ऐ = ऐ – मत + ऐक्य = मतैक्य
  • आ + ए = ऐ – सदा + एव = सदैव
  • आ + ऐ = ऐ – महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य


  • यण सन्धि:- [ यण संधि किसे कहते है ]

 

जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ के आगे कोई भिन्न स्वर आता है तो ये क्रमश: य, व, र, ल् में परिवर्तित हो

जाते हैं, इस परिवर्तन को यण सन्धि कहते हैं;


जैसे-


इ, ई + भिन्न स्वर = व

उ, ऊ + भिन्न स्वर = व

ऋ + भिन्न स्वर = र


उदाहरण


  • इ + अ = य् – अति + अल्प = अत्यल्प
  • ई + अ = य् – देवी + अर्पण = देव्यर्पण
  • उ + अ = व् – सु + आगत = स्वागत


  • अयादि सन्धि :- [ अयादी संधि किसे कहते है ]

 जब ए, ऐ, ओ और औ के बाद कोई भिन्न स्वर आता है तो ‘ए’ का अय, ‘ऐ’ का आय् , ‘ओ’

का अव् और ‘औ’ का आव् हो जाता है;


जैसे-


ए + भिन्न स्वर = अय्

ऐ + भिन्न स्वर = आय्

ओ + भिन्न स्वर = अव्

औ + भिन्न स्वर = आव्


सन्धि – उदाहरण


  • ए + अ = अय् – ने + अयन = नयन
  • ऐ + अ = आय् – नै + अक = नायक
  • ओ + अ = अव् – पो + अन = पवन
  • औ + अ = आव् – पौ + अक = पावक


2. व्यंजन सन्धि :- [ व्यंजन संधि किसे कहते है ] व्यंजन संधि की परिभासा

व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होने से जो विकार होता है, उसे व्यंजन सन्धि कहते हैं।


व्यंजन सन्धि के प्रमुख नियम इस प्रकार हैं (क) यदि स्पर्श व्यंजनों के प्रथम अक्षर अर्थात् क्, च्, ट्, त्, के आगे कोई स्वर अथवा किसी वर्ग का तीसरा या चौथा वर्ण अथवा य, र, ल, व आए तो क.च.ट. त. पके स्थान पर उसी वर्ग का तीसरा अक्षर अर्थात क के स्थान पर ग, च के स्थान पर ज, ट के स्थान पर ड, त के स्थान पर द और प के स्थान पर ‘ब’ हो जाता है;


SANDHI KI PARIBHASHA AEVM PRAKAR


जैसे-

  • दिक् + अम्बर = दिगम्बर
  • वाक् + ईश = वागीश
  • अच् + अन्त = अजन्त
  • षट् + आनन = षडानन
  • सत् + आचार = सदाचार


3. विसर्ग सन्धि:- [ विषर्ग संधि किसे कहते है ] विषर्ग संधि की परिभासा



SANDHI KI PARIBHASHA AEVM PRAKAR


विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के संयोग से जो विकार होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं।

विसर्गों का प्रयोग संस्कृत को छोड़कर संसार की किसी भी भाषा में नहीं होता है। हिन्दी में भी

विसर्गों का प्रयोग नहीं के बराबर होता है। कुछ इने-गिने विसर्गयुक्त शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं;



जैसे-

अत:, पुनः, प्रायः, शनैः शनैः आदि।


  • निः + शंक = निश्शंक
  • दुः + शासन = दुश्शासन
  • निः + सन्देह = निस्सन्देह
  • नि: + संग = निस्संग
  • निः + शब्द = निश्शब्द
  • निः + स्वार्थ = निस्स्वार्थ

उदाहरण [ संधि के उदाहरण ] संधि के उदाहरण

धर्म + अर्थ 

धर्मार्थ 

पुस्तक + आलय 

पुस्तकालय 

विद्या + अर्थी 

विद्यार्थी 

रवि + इंद्र 

रविन्द्र 

गिरी + ईश 

गिरीश 

मुनि + ईश 

मुनीश 

मुनि + इंद्र 

मुनींद्र 

भानु + उदय 

भानुदय

वधू + ऊर्जा 

वधुर्जा 

विधु + उदय 

विधुदय 

भू + अर्जित 

भुर्जित 

नर + इंद्र 

नरेंद्र 

सुर + इंद्र 

सुरेंद्र 

ज्ञान + उपदेश 

ज्ञानोपदेश 

भारत + इंदु 

भारतेन्दु 

देव + ऋषि 

देवर्षि 

सर्व + ईक्षण 

सर्वेक्षण 

मत + एकता 

मतैकता 

एक + एक 

एकैक 

धन + एषणा 

धनैषणा 

सदा + एव 

सदैव 

महा + ओज 

महौज 

इति + आदि

इत्यादि 

परी + आवरण 

पर्यावरण 

अनु + अय 

अन्वय 

सु + आगत 

स्वागत 

अभी + आगत 

अभ्यागत 

ने + अन 

नयन 

नौ + इक 

नाविक 

भो + अन 

भवन 

पो + इत्र 

पवित्र 

आ +  छादन 

आच्छादन 

जगत् + नाथ 

जगन्नाथ 

सत् + जन 

सज्जन 

उत् + हार 

उद्धार 

सत् + धर्म 

सद्धर्म 

स + अवधान

सावधान 

सौभाग्य + आकांक्षिणी

सौभाग्याकांक्षिणी

आत्मा + आनंद

आत्मानंद 

कृपा + आकांक्षी

कृपाकांक्षी

परम + ईश्वर

परमेश्वर 

ज्ञान + उदय

ज्ञानोदय 

वधू + आगमन

वध्वागमन

अधिक + अंश

अधिकांश 

दाव + अनल

दावानल 

रोम + अवलि

रोमावली

अन्ध + अनुगामी

अन्धानुगामी

स्व + अनुभूत

स्वानुभूत

न्यून + अधिक

न्यूनाधिक

काम + अयनी

कामायनी

राम + अयन

रामायण

नील + अंचल

नीलांचल

ऊह + अपोह

ऊहापोह

शश + अंक

शशांक

तिल + अंजलि

तिलांजलि

मुर + अरि

मुरारि

पूर्व + अह्न

पूर्वाह्न

रत्न + अवलि

रत्नावली

गत + अनुगतिक

गतानुगतिक

कुश + आसन

कुशासन

विवाद + आस्पद

विवादास्पद

शाक + आहारी

शाकाहारी

मरण + आसन्न

मरणासन्न

अन + आक्रान्त

अनाक्रान्त

फल + आहार

फलाहार

प्राण + आयाम

प्राणायाम

विजय + आंकाक्षी

विजयाकांक्षी

स्व + इच्छा

स्वेच्छा

गज + इन्द्र

गजेन्द्र

वाक् + हरि

वाग्घरि / वाग्हरि

अच् + हीन

अज्हीन / अज्झीन

षट् + हार

षड्ढार / षड्हार

मृद् + मय

मृण्मय

सम् + कर 

संकर

सम् + चय

संचय

परि + कार

परिष्कार

सत् + चरित्र

सच्चरित्र

महत् + ज्ञान

महज्ज्ञान

तद् + टीका

तट्टीका

बृहत् + टीका

बृहट्टीका


संधि के महत्वपूर्ण प्रश्न sandhi in hindi - संधि से mcq



1 – दो वर्णों के मेल से होनेवाले विकार को कहते हैं

(a) संधि

(b) समास

(c) उपसर्ग

(d) प्रत्यय

Ans:-  संधि


2 – संधि कितने प्रकार के होते हैं?

(a) 1

(b) 2

(c) 3

(d) 4

Ans:-  3


3 – दयानन्द में प्रयुक्त संधि का नाम है –

(a) गुण संधि

(b) दीर्घ संधि

(c) व्यंजन संधि

(d) यण संधि

Ans:-  दीर्घ संधि


4 – कपीश में प्रयुक्त संधि का नाम है –

(a) वृद्धि संधि

(b) दीर्घ संधि

(c) यण संधि

(d) विसर्ग संधि

Ans:-  दीर्घ संधि


5 – सदैव में प्रयुक्त संधि का नाम है

(a) व्यंजन संधि

(b) स्वर संधि

(c) विसर्ग संधि

(d) इनमें से कोई नहीं

Ans:-  स्वर संधि


6 –  इनमें कौन स्वर संधि का उदाहरण है?

(a) संयोग

(b) मनोहर

(c) नमस्कार

(d) पवन

Ans:-  पवन

 

7 –  निम्नांकित में से कौन-सा शब्द वृद्धि संधि का उदाहरण नहीं है ?

(a) सदैव

(b) जलौघ

(c) गुरूपदेश

(d) परमौदार्य

Ans:-  गुरूपदेश


8 – निम्न में से दीर्घ संधि युक्त पद कौन-सा है ?

(a) महर्षि

(b) देवेन्द्र

(c) सूर्योदय

(d) दैत्यारि

Ans:-  दैत्यार


9 –  पवित्र में प्रयुक्त संधि का नाम है –

(a) यण संधि

(b) गुण संधि

(c) अयादि संधि

(d) वृद्धि संधि

Ans:-   अयादि संधि


10 –  इत्यादि का सही संधि-विच्छेद है

(a) इत् + यादि

(b) इति + यादि

(c) इत् + आदि

(d) इति + आदि

Ans:-  इति + आदि


11 – निरर्थक का सही संधि विच्छेद है।

(a) निर + अर्थक

(b) निरः + अर्थक

(c) निः + अर्थक

(d) निरा+अर्थक

Ans:-  निः + अर्थक


12 – धरेश का सही संधि विच्छेद है –

(a) धराः + अश

(b) धर + ईश

(c) धरा + ईश

(d) धरा + इश

Ans:-  धरा + ईश


13 – निराशा का सही संधि-विच्छेद है –

(a) निरा + आशा

(b) निर् + आशा

(c) निः + आशा

(d) निरः + आशा

Ans:-  निः + आशा


14 – महोष्ण का सही संधि विच्छेद है-

(a) महु + उष्ण

(b) महा + ऊष्ण

(c) महो + उष्ण

(d) महा + उष्ण

Ans:-  महा + उष्ण 


15 –  आशीर्वाद का सही संधि-विच्छेद है –

(a) आशीर + वाद

(b) आशीः + वाद

(c) आर्शी + वाद

(d) इनमें से कोई नहीं

Ans:-  आशीः + वाद


16 – महेश का सही संधि-विच्छेद है

(a) महो + ईश

(b) महा + ईश

(c) मही+ ईश

(d) महि + ईश

Ans:-  महा + ईश


17 – सन्मति का सही संधि-विच्छेद है –

(a) सम् + मति

(b) सन् + मति

(c) सद् + मति

(d) सत् + मति

Ans:-  सत् + मति 


18 – अन्वय का सही संधि-विच्छेद है-

(a) अनु + अय

(b) अनू + आय

(c) अनू + अय

(d) अनु + आय

Ans:-  अनु + अ


19 –  परोपकार में प्रयुक्त संधि का नाम है –

(a) विसर्ग संधि

(b) गुण संधि

(c) वृद्धि संधि

(d) यण संधि

Ans:-  गुण संधि


20 – निम्नांकित में से कौन-सा शब्द स्वर संधि का उदाहरण है ?

(a) अधोगति

(b) उच्चारण

(c) दिग्गज

(d) मन्वन्तर

Ans:-  मन्वन्तर


21 – निश्चल का सही संधि-विच्छेद है –

(a) नीः + चल

(b) निश् + चल

(c) निस् + चल

(d) निः + चल

Ans:-  निः + चल


22 – निम्नलिखित शब्दों में से किसमें विसर्ग संधि है ?

(a) उज्ज्वल

(b) निश्चल

(c) राजेन्द्र

(d) दुर्गम

Ans:-  निश्चल


23 – सप्तर्षि का सही संधि-विच्छेद है –

(a) सप्तर + ऋषि

(b) सप्तः + ऋषि

(c) सप्त + ऋषि

(d) इनमें से कोई नहीं

Ans:-  सप्त + ऋषि


24 – तपोवन में प्रयुक्त संधि का नाम है –

(a) स्वर संधि

(b) व्यंजन संधि

(c) विसर्ग संधि

(d) इनमें से कोई नहीं

Ans:-  विसर्ग संधि



25-  स्वागत में प्रयुक्त संधि का नाम है-

(a) व्यंजन संधि

(b) यण संधि

(c) दीर्घ संधि

(d) वृद्धि संधि

Ans:-  यण संधि


26 – दिगम्बर में प्रयुक्त संधि का नाम है –

(a) स्वर संधि

(b) व्यंजन संधि

(c) विसर्ग संधि

(d) इनमें से कोई नहीं

Ans:-  व्यंजन संधि


27 – निम्नलिखित शब्दों में से किसमें स्वर संधि है –

(a) अतएव

(b) रजनीश

(c) तपोगुण

(d) सदाचार

Ans:-  रजनीश


28 – प्रत्युपकार का सही संधि विच्छेद है-

(a) प्रत् + उपकार

(b) प्रती + उपकार

(c) प्रति + उपकार

(d) प्रति + अपकार

Ans:-  प्रति + उपकार


29 – गायक का सही संधि-विच्छेद है-

(a) गा + अक

(b) गै+ अक

(c) गे + य

(d) गै + यक

ANS ;- गा + अक

दोस्तों हमने यह पोस्ट संधि की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर बनाई है जिससे के किसी भी परीक्षा में यह टोपिक आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा आप इसके माध्यम से अच्छे से तैयारी कार सकते है हमने यह पोस्ट संधि की परिभाषा के ऊपर बनाई है जिससे के आप इसे अच्छे से अध्यन कर सके . SANDHI KI PARIBHASHA  AEVM PRAKAR संधि की परिभाषा एवं प्रकार उदाहरण उदाहरण सहित संधि की परिभाषा और उसके भेद संधि के प्रकार sandhi in hindi संधि से mcq

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