मंत्री परिषद का मुख्य कार्य क्या है?- Structure and functions of the Council of Ministers
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपको मंत्री परिषद का मुख्य कार्य क्या है?- Structure and functions of the Council of Ministers से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को देखेंगे जिससे यह लेख आपको किसी भी परीक्षा की द्रष्ट्री से बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा .आप इसका अध्यन करे .
मंत्री परिषद की संरचना एवं कार्य
मंत्री परिषद के कार्य
- स्पष्ट है कि राष्ट्रपति भारत का वैधानिक प्रमुख होता है जबकि प्रधानमंत्री देश का वास्तविक प्रमुख होता है।
- अनुच्छेद 53 में कहा गया है कि संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होती है
- अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी जिसका मुखिया प्रधानमंत्री होता है
- राष्ट्रपति नाम मात्र का पद होता है वास्तविक शक्ति मंत्री परिषद में होती है
- मंत्री परिषद राष्ट्रपति के नाम से शासन की समस्त शक्तियों का उपयोग करते हैं
- इसलिए वास्तविक शक्ति मंत्री परिषद में होती है
मंत्री परिषद का आकार
जब संविधान का निर्माण किया गया था उस समय मंत्रिपरिषद के आकार से संबंधित कोई उपवन नहीं था संविधान के 91 संशोधन अधिनियम 2003 के माध्यम से अनुच्छेद 75 ( 1 ) क ,, अंत: स्थापित करके यह उपबंध किया गया है कि मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या से 15% अधिक नहीं होगी वर्तमान में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में अधिकतम 83 मंत्री हो सकते हैं ।
मंत्रियों के प्रकार
- कैबिनेट मंत्री :- ( कैबिनेट मंत्रियों का समूह ) भारत के प्रशासन के सर्वोच्च इकाई है यही सरकार की नीतियों का संचालन करती है इसके सदस्य अपने विभागों मंत्रालयों के अध्यक्ष होते हैं।
- कैबिनेट शब्द का उल्लेख मूल संविधान में नहीं किया गया था। 44 वे संविधान संशोधन 1978 द्वारा अब इस शब्द को अनुच्छेद 352 में शामिल कर लिया गया है
- आपातकाल लागू करने के लिए राष्ट्रपति को भेजी जाने वाली लिखित अनुशंसा पर कैबिनेट मंत्रियों के हस्ताक्षर का होना अनिवार्य कर दिया गया है।
- कैबिनेट मंत्री को सहायता देने के लिए राज्य मंत्री और उप मंत्री की नियुक्ति की जाती है।
राज्य मंत्री
इन्हें कैबिनेट की बैठकों में भाग लेने का अधिकार नहीं होता इनकी दो श्रेणियां है। राज्यमंत्री की श्रेणी निम्न अनुसार है ।
- स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री
- वे राज्य मंत्री जी ने स्वतंत्र प्रभार नहीं दिया गया है स्वतंत्र प्रभार का मंत्री अपने विभाग का प्रमुख होता है
- जबकि बिना सोते प्रभार वाले राज्य मंत्री कैबिनेट मंत्री के अधीन कार्य करते हैं
उपमंत्री
उप मंत्री कनिष्ठ मंत्री होता है जो किसी के वरिष्ठ मंत्री अथवा स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री के अधीन कार्य करता है।
- मंत्री परिषद प्रधान मंत्री कैबिनेट मंत्री राज्य मंत्री उप मंत्री इन सब का सामूहिक नाम है जबकि मंत्रिमंडल केवल कैबिनेट मंत्रियों का एक समूह है आकार में मंत्री परिषद बड़ी होती है एवं मंत्रिमंडल छोटा परंतु महत्व की दृष्टि से मंत्रिमंडल अधिक शक्तिशाली होता है क्योंकि वही शासन की नीतियों का संचालन करता है।
मंत्री परिषद का सामूहिक उत्तरदायित्व।
- अनुच्छेद 75 ( 3 ) मैं कहा गया है कि मंत्री परिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदाई होगी
- इसका तात्पर्य यह है कि किसी मंत्री द्वारा किए गए किसी कार्य के लिए केवल वही मंत्री उत्तरदाई नहीं होगा बल्कि संपूर्ण मंत्रिपरिषद उत्तरदाई होता है।
- यदि मंत्रिपरिषद के किसी एक सदस्य के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो उस दशा में संपूर्ण मंत्र परिषद को अपना त्यागपत्र देना होता है।
- इस प्रकार सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत के अनुसार संपूर्ण मंत्रिपरिषद एक इकाई के रूप में कार्य करती है तथा सभी मंत्री एक दूसरे के कार्यों के लिए उत्तरदाई होते हैं।
- मंत्री चाहे जिस भी सदन से हो सामूहिक उत्तरदायित्व लोकसभा के प्रति ही होगा ।
- लेकिन मंत्रियों का व्यक्तित्व उत्तरदायित्व राष्ट्र के प्रमुख य राष्ट्रपति के प्रति होता है
मंत्री परिषद की कार्यप्रणाली - मंत्री परिषद के कार्य एवं शक्तियां
- मंत्री परिषद की ओर से मंत्रिमंडल या कैबिनेट एक इकाई के रूप में कार्य करता है इसकी बैठक पर सप्ताह में एक बार होती है परंतु प्रधानमंत्री किसी भी समय बैठक बुला सकता हूं
- मंत्री परिषद बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करता है और उसकी अनुपस्थिति में प्रधानमंत्री द्वारा नामित कोई वरिष्ठ मंत्री अध्यक्षता करता है मंत्री परिषद की बैठक के लिए कोई निश्चित कोरम नहीं होता है।
- मंत्री परिषद की ओर से मंत्रिमंडल में कैबिनेट ही प्रत्येक मामलों पर निर्णय लेता है प्राय सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते हैं मतभेद की अवस्था में निर्णय बहुमत के आधार पर लिया जाता है।
- बहुमत से लिया गया निर्णय सभी मंत्रियों का स्वीट निर्णय माना जाता है।
- यदि कोई मंत्री मंत्री परहित के निर्णय से सहमत नहीं होता है तो उसे अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ता है।
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
Q ;- 1 मंदिर परिसर में कितने स्तर के मंत्री होते हैं
ANS ;- तीन स्तर
Q ;- कौन व्यक्ति मंत्री परिषद का सदस्य हो सकता है
ANS ;- सं सद का सदस्य
Q ;- 3 भारत के केंद्रीय मंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हैं
Ans:- प्रधानमंत्री
Q;- 4 संघीय मंत्रिपरिषद अपने आचरण के लिए किसके प्रति उत्तरदाई होता है
ANS ;- लोकसभा
Q ;- 5 भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 किन विषयों पर विचार करते हैं।
Ans:- मंत्रिपरिषद
Q ;- 6 मंत्रिपरिषद व्यक्तिगत रूप से उत्तरदाई होता है
ANS ;- राष्ट्रपति के प्रति
Q ;- 7 संघीय मंत्रिपरिषद के प्रति उत्तरदाई होते हैं
Ans:- केवल लोक सभा के प्रति
Q ;- 8 मंत्री परिषद में शामिल होते हैं
ANS ;-उपमंत्री राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री।
Q ;- 9 मंत्रिपरिषद किसके प्रसादपर्यंत पदासीन रहता है
ANS ;- लोकसभा
Q ;- 10 कोई व्यक्ति संसद के किसी भी सदन का सदस्य हुए बिना केंद्र में कितनी अवधि तक मंत्री रह सकता है।
ANS;- 6 माह तक
Q ;- 11 मंत्री परिषद में मंत्रियों की संख्या होती है
ANS ;- मंत्रिमंडल से अधिक होती है
Q ;- 12 मंत्री परिषद के सदस्यों को पद की गोपनीयता की शपथ कौन दिलाता है।
ANS;- राष्ट्रपति
Q ;- 13 यथार्थ में कार्यपालिका की शक्ति किसमें होती है।
ANS ;- मंत्रिपरिषद
Q ;- 14 मंत्री परिषद में शामिल होते हैं
ANS;- प्रधानमंत्री एवं अन्य मंत्री
Q ;- 15 मंत्री परिषद है
ANS ;- कैबिनेट से बड़ा निकाल
Q ;- 16 भारत में किसी भी सदन का सदस्य हुए बिना कोई व्यक्ति कब तक मंत्री पद पर आसीन रह सकता है।
ANS ;- 6 माह तक।
Q ;- 17 भारत में वह मंत्री जो संसद के दोनों में से किसी सदन का सदस्य नहीं है उसे मंत्री के पद से मुक्त हो जाना पड़ता है
ANS ;- 6 माह बाद
Q ;- 18 संघीय मंत्रिपरिषद में सबसे लंबी अवधि तक लगातार एक ही विभाग का कार्यभार संभालने वाले केंद्रीय मंत्री कौन है
ANS ;- राजकुमारी अमृत कौर
FCQ
1 ;- मंत्रिपरिषद में कुल कितने सदस्य होते है
ANS ;- मंत्रिपरिषद का विस्तार तथा फेरबदल कर सकते है वर्तमान में 77 मंत्री है जो 50 % मंत्री नए है .
2 ;- वर्तमान में भारत में कुल कितने मंत्री है
ANS ;- भारत के नवीनतम केबिनेट मंत्रियो की सूचि में 29 कैबिनेट मंत्री [ प्रधानमंत्री सहित ] 2 राज्य मंत्री [ स्वत्रंत प्रभार ] है एवं 47 राज्य मंत्री है .
3 ;- मंत्री परिषद् का क्या नाम है ?
ANS ;- मंत्री परिषद् में मंत्रिपरिषद के मंत्री है
- राज्य मंत्री [ स्वतंत्र प्रभार ]
- राज्य मंत्री
- उप मंत्री
4;- मंत्रिपरिषद किसे कहते है ?
ANS ;- मंत्रिपरिषद कुछ सरकारों में सर्वोच्य कार्यकारी अंग को दिए जाने वाला एक पारम्परिक नाम है यह आम तोर पर कैबिनेट शब्द के समतुल्य है
5 ;- मंत्रिपरिषद की नियुक्ति कोन करता है ?
ANS ;- राज्यपाल दुवारा मुख्यमंत्री तथा मंत्रिपरिषद के अन्य मंत्रियो की नियुक्ति की जाती है .
6 ;- 2023 में भारत में कितने मंत्रालय है
ANS ;- फेरबदल के बाद मंत्रिपरिषद में PM और 78 मंत्री शामिल है .
- 2023 मंत्रिपरिषद में 29 कैबिनेट मंत्री
- 3 राज्य मंत्री [स्वतन्त्र प्रभार ]
- और अन्य 47 राज्य मंत्री
7 ;- मंत्री परिषद् कैसे बनती है
ANS ;- राष्ट्रपति को अपने कार्यो के अभ्यास में सहायता और सलाह देने के लिए प्रधान मंत्री की अध्यक्ष्यता में एक मंत्रिपरिषद होती है . प्रधान मंत्री को राष्ट्रपति दुवारा नियुक्त किया जाता है जो प्रधान मंत्री की सलाह पर अन्य मंत्रियो को भी नियुक्त करता है .
8 ;- मंत्रिपरिषद का कार्यकाल कितना होता है
ANS ;- मंत्रिपरिषद का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है
हेलो दोस्तों हमने यह पोस्ट आपके लिए मंत्रिपरिषद से सम्बंधित जानकारी को लिखा है इस पोस्ट में हम मंत्रिपरिसाद की सभी जानकारी को लिखा है - मंत्री परिषद की संरचना एवं कार्य Structure and functions of the Council of Ministers मंत्री परिषद किसे कहते हैं मंत्री परिषद का गठन मंत्रिमंडल के कार्य की जानकारी को देखेंगे .
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