भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति कौन है bharat ke prathm uprashtrpati kon hai
हेलो दोस्तों मैं अनिल कुमार पलासिया आज फिर आपके सामने भारतीय राजव्यवस्था से एक महत्वपूर्ण टॉपिक लेकर आ रहा हूं इस टॉपिक में हम इस लेख में हम आपको भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति कौन है bharat ke prathm uprashtrpati kon hai से सम्बंधित सभी जानकारी इस लेख में आप देखेंगे
भारत के उपराष्ट्रपतियों की सूची - BHARAT KE UP RASHTRPATI
भारत के उपराष्ट्रपति
भारतीय संविधान व्यवस्था में संवैधानिक पदों के आधार पर राष्ट्रपति का पद के बाद उपराष्ट्रपति का पद आता है यह भारत का दूसरा नागरिक होता है या यूं कहें उपराष्ट्रपति का पद किसी भी देश के दूसरे नागरिक का गौरव प्राप्त होता है संविधान के अनुसार उपराष्ट्रपति का पद अनुच्छेद 63 मैं रखा गया है
भारत में उपराष्ट्रपति का पद अमेरिका के संविधान से लिया गया है
उपराष्ट्रपति की योग्यताएं
- अनुच्छेद 66 ( 3 ) के अनुसार उपराष्ट्रपति पद के लिए निम्नलिखित योग्यताएं होना चाहिए
- वह भारत का नागरिक हूं
- वह 35 वर्ष की आयु पार कर चुका हो
- वह राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो
- वह सन सरकार किसी राज्य सरकार या उसके अधीन स्थानीय संस्था आदि का वेतन होगी कर्मचारी ना हो उसे अन्य कोई आर्थिक लाभ प्राप्त ना होता है
- वह संसद के किसी सदस्य किस राज्य सरकार के विधानमंडल का सदस्य ना हो यदि उपराष्ट्रपति निर्वाचित होते समय वह इनमें किसी का सदस्य हो तो निर्वाचन होने के पश्चात व रिक्त स्थान समझा जाएगा।
- उपराष्ट्रपति के प्रत्येक उम्मीदवार को भारतीय रिजर्व बैंक में ₹15000 जमानत राशि के रूप में जमा करना आवश्यक होता है
भारत के उपराष्ट्रपति कौन हैं
उपराष्ट्रपति का निर्वाचन
- अनुच्छेद 66 ( 1 ) के अनुसार उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों से मिलकर गठित होने वाले निर्वाचन मंडल द्वारा किया जाता है
- उपराष्ट्रपति के पद के लिए प्रत्याशी का नाम न्यूनतम 20 मतदाताओं द्वारा प्रस्तावित और न्यूनतम 20 मतदाताओं द्वारा अनुमोदित होना अनिवार्य है
- मूल संविधान में यह व्यवस्था की गई थी कि उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के द्वारा होगा इस व्यवस्था को 11 संविधान संशोधन अधिनियम 1961 के द्वारा हटा दिया गया है
- उपराष्ट्रपति का मतदान गुप्त मतदान प्रणाली के अंतर्गत होता है इसे एकल संक्रमणीय मध्य प्रणाली भी कहते हैं
- उपराष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल में संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य निर्वाचित एवं मनोनीत उपस्थित होते हैं
- राज्य विधान परिषद के कोई भी सदस्य राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग नहीं लेते
उपराष्ट्रपति की पदावधि
- संविधान के अनुच्छेद 67 के अनुसार उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है किंतु कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व भी व राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए अपना त्यागपत्र दे सकता है
- यदि राज्यसभा अपने तत्कालीन सभी सदस्यों के बहुमत से उसे पद से हटाने का प्रस्ताव पारित कर दें और लोकसभा उसे स्वीकार कर ले तो उपराष्ट्रपति को अपना पद छोड़ना होता है
- लोकसभा इसे तब ही अपना समर्थन प्रदान करती है जब ऐसे प्रस्ताव के समर्थन के लिए साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है।
- अभी तक इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव पेश नहीं किया गया है और उप राष्ट्रपति को 14 दिन की अधिसूचना ।
- संविधान में उप राष्ट्रपति को पद से हटाने की यह हटाने का कोई प्रावधान नहीं है उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए इसका संकल्प केवल राज्यसभा में ही रखा जा सकता है ।
- उपराष्ट्रपति अपनी 5 वर्ष की अवधि के पूर्ण होने के पश्चात भी पद पर बना रह सकता है जब तक उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण ना कर ले वह उस पद पर पुनर्निर्माण के भी योग्य होता है वह उस पद पर कितनी बार निर्वाचित हो सकता है ।
- डॉ एस राधाकृष्णन तथा डॉक्टर हामिद अंसारी को ही अभी तक भारत के 2 बार उपराष्ट्रपति बनने का अवसर प्राप्त हुआ है।
- संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति नियुक्त किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
- भारत में राष्ट्रपति के निर्वाचन के समान ही उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित सभी विवादों के समाधान का अधिकार उच्चतम न्यायालय को प्राप्त है तथा उसका निर्णय अंतिम होता है
उप राष्ट्रपति का शपथ या प्रतिज्ञान
- मैं भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा।
- मैं अपने पर और कर्तव्यों का निर्वाह श्रद्धा पूर्वक करूंगा।
- उपराष्ट्रपति को उसके पद की शपथ राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति द्वारा दिलाई जाती है।
वेतन एवं भत्ते
- वर्तमान में उपराष्ट्रपति का राज्यसभा के सभापति के रूप में मासिक वेतन ₹400000 हैं यह वेतन भारत की संचित निधि पर भारत होता है ।
- उपराष्ट्रपति के वेतन एवं भत्ते उसकी पदावली के दौरान काम नहीं किया जा सकते हैं।
- वर्ष 1997 में उपराष्ट्रपति के लिए सेवानिवृत्त के पश्चात पेंशन का भी प्रावधान किया गया है।
उपराष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियां
- अनुच्छेद 64 और 65 के अंतर्गत उपराष्ट्रपति के कार्यों का उल्लेख किया गया है।
- अनुच्छेद 64 के अनुसार उप राष्ट्रपति राज्यसभा की बैठक की अध्यक्षता और उसके कार्यों का संचालन करता है इस रूप में वह लोकसभा के अध्यक्ष की तरह ही राज सभा के सभी मामलों में अपने कर्तव्यों का निर्वाह करता है।
- सदन में प्रस्तुत विधेयक पर विचार विमर्श करवाता है इसके पश्चात विधेयक के संबंध में मतदान करवाता है तथा उसका परिणाम भी घोषित करता है।
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा द्वारा पारी विधायकों पर हस्ताक्षर भी करता है।
- उपराष्ट्रपति राज सभा के विशेष अधिकारों का उल्लंघन करने वाले सदस्यों को दंडित भी करता है।
- वह सदन के प्रश्नों को पूछने के संदर्भ में अपना निर्णय देता है।
- वाह सदन के असंध अन्य भाषा के प्रयोग पर रोक लगाता है
- अनुच्छेद 65 के अनुसार उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति के कार्यों के निर्वाह का दायित्व भी सौंपा जाता है
- यदि किसी कारणवश राष्ट्रपति की पद पर मृत्यु त्यागपत्र महाभियोग या किसी अन्य कारण से पद रिक्त होता है तो उपराष्ट्रपति जी जब तक नया राष्ट्रपति चुन करना है उनके पद का कार्यभार संभालते हैं।
- जब उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है या राष्ट्रपति के कृतियों का निर्वाह करता है तब उसे राष्ट्रपति की समस्त शक्तियां उन्मुक्त्तिया और विशेष अधिकार प्राप्त होते हैं ।
- भारत में उपराष्ट्रपति केवल अस्थाई रूप से ही राष्ट्रपति के पद को धारण कर सकता है।
- राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति दोनों के पदों में आकस्मिक रिक्तियां होने पर या दोनों में के अनुपस्थित होने पर भारत का मुख्य न्यायाधीश कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में सर्वोच्च न्यायालय का वरिष्ठ न्यायाधीश राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है।
- जब उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है तब और राज्यसभा के सभापति के कर्तव्यों का पालन नहीं करता है ।
- इसके साथ राज्यसभा के सभापति के रूप में संडे बेतानिया भत्ते का अधिकारी भी नहीं होता है । अनुच्छेद 64 के अनुसार
- राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को सौंप सकता है उपराष्ट्रपति का यह कर्तव्य है कि वह तत्काल इसकी सूचना लोकसभा अध्यक्ष को दें।
उपराष्ट्रपति से संबंधित महत्वपूर्ण धाराएं। अनुच्छेद
- अनुच्छेद 63 के अनुसार भारत के उपराष्ट्रपति होगा
- अनुच्छेद 64 के अनुसार उपराष्ट्रपति का राज्यों की परिषदीय राज्यसभा का पदेन सभापति होना।
- अनुच्छेद 65 के अनुसार उपराष्ट्रपति का आकस्मिक रिक्ति अथवा राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति के कर्तव्य का निर्वहन।
- अनुच्छेद 66 के अनुसार उपराष्ट्रपति का चुनाव।
- अनुच्छेद 67 के अनुसार उपराष्ट्रपति का कार्यकाल
- अनुच्छेद 68 के अनुसार उपराष्ट्रपति कार्यालय की रिक्त की पूर्ति के लिए चुनाव का समय निर्धारण तथा आकस्मिक रिक्ति को पूर्ति के लिए चुने गए व्यक्ति का कार्यकाल से संबंधित जानकारी होती है।
- अनुच्छेद 69 उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ ग्रहण
- अनुच्छेद 70 के अनुसार अन्य आकस्मिक गांव में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन
- अनुच्छेद 71 के अनुसार उपराष्ट्रपति के चुनाव संबंधित अथवा से संबंधित विषय ।
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