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रिलेशनशिप हिंदी का मतलब

रिलेशनशिप हिंदी का मतलब - relationship hindi meaning

रिलेशन शिप क्या होती है इसकी परिभाषा क्या होती है इसके बारे में हर व्यक्ति कि अपनी-अपनी धारणा और सोच होती है और उस के माध्यम से ही वह व्यक्ति अपना रिश्ता कायम करता है हर व्यक्ति रिश्ता बनाता है कुछ रिश्ते मतलब के लिए बनाए जाते हैं [ रिलेशनशिप हिंदी का मतलब - relationship hindi meaning] और कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो अपने आप ही बन जाते हैं रिश्तो की कोई सीमा नहीं होती है हमारे समाज में सभी को आदर और सम्मान के साथ देखा जाता है इसलिए उन सभी से एक रिश्ता कायम हो जाता है वह रिश्ता दोस्ती परिवार रिश्तेदार कुछ भी हो सकता है आज हम अपने इस ब्लॉक में इससे संबंधित जानकारी को देखेंगे के आखिर रिलेशनशिप का सही अर्थ क्या और इसकी क्या पहचान होती है क्या कारण होता है कि लोग सही रूप से रिश्ते नहीं निभा पाते हैं और क्या कारण होता है के लोगों का रिश्ता टूट जाता है।



रिलेशनशिप हिंदी का मतलब


   

रिश्ता क्या है [ रिलेशन शिप का मतलब क्या होता है ]


वैसे अगर हम देखें तो इस संसार में जितने भी रिश्ते हैं वह सारे रिश्ते मानव ने निर्माण किए ऊपर वाले ने कोई रिश्ता नहीं बना यहां पर हमने ही भाई बहन दोस्त रिश्तेदार जिसे रिश्ते का नाम दिया है वहां से तो सिर्फ इंसान ने जन्म लिया था और हमने यहां पर उस इंसान को रिश्तो में बांट दिया अब हम उस इंसान को भाई बहन पति पत्नी दोस्त माता पिता जैसे कई संबंधों में देखते हैं यही रिश्ता होता है रिश्ता वह होता है जिसमें आपको यह उम्मीद होती है इस जीवन में अगर उसे कुछ हो जाएगा तो उसके सगे संबंधी उसके परिवार वाले उसके दोस्त यार उसकी मदद करें और सही मायने मैं देखा जाए तो आज के समय में रिश्तो में यही बात लिखी गई है कि हर व्यक्ति अपना रिश्ता किसी ना किसी मतलब के लिए बनाता जब उसका मतलब पूरा हो जाता है धीरे-धीरे वह अपने रिश्ते को खत्म कर देता है ।


रिश्तेदार  [ रिलेशनशिप क्या है ] 


Relationship मतलब रिश्ते नाते यह हर किसी के साथ नहीं जुड़ता है और अगर जुड़ जाता है तो कभी खत्म नहीं होता उसी प्रकार से हर मानव समाज में ही रहता है समाज में अपना पालन पोषण करता है मानव समाज में व्यक्ति अकेला कुछ नहीं कर सकता है जीवन यापन करने के लिए उसे समाज का होना बहुत जरूरी है इसके लिए उसे सभी लोगों से मेल मिलाप भी रखना बहुत जरूरी है तभी वह एक दूसरे के सहयोगी हो सकते हैं अगर कोई व्यक्ति ऐसा सोचे कि मुझे समाज मैं हर अंग बहुत जरूरी है जैसे एक मानव के शरीर में उसके जितने अंग होते हैं सबकी अपनी अपनी भूमिका होती है उसी प्रकार इस दुनिया में हर व्यक्ति की अपनी अपनी भूमिका होती है और उस भूमिका के अनुरूप भ वहां अपना कार्य करता है।
रिश्तेदारों में सबसे पहला रिश्ता पति पत्नी का फिर पिता पुत्र का माता और पिता भाई भाई का या भाई बहन का इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य जैसे दादा दादी काका काकी बुआ जी फूफा जी नाना नानी मामा मामी उनके बच्चे और फिर जब हम घर से बाहर निकलते हैं तो वहां से हमारे दोस्त बन्ना प्रारंभ हो जाते हैं और वही से हमारा रिलेशनशिप रिश्ते नाते बन्ना प्रारंभ हो जाता है। 


पति पत्नी का रिश्ता [ रिलेशनशिप हिंदी English ]


रिलेशनशिप हिंदी का मतलब

     
         

इस दुनिया में पति पत्नी का रिश्ता ऐसा रिश्ता होता है जिसमें दो अलग प्रकार के व्यक्ति जिनकी अलग-अलग प्रकृति होती है अट्ठारह 19 साल दोनों अलग-अलग रहते हैं और इसके बाद वे दोनों एक हो जाते हैं फिर वह जीवन भर एक साथ रहते हैं इस रिश्ते में कोई दिखावा नहीं होता है दोनों की कोशिश रहती है के दोनों एक दूसरे की देखभाल करें दोनों एक दूसरे का ख्याल रखें जरूरत पड़ने पर एक दूसरे की मदद करें जब पति घर से बाहर काम करने चला जाता है तो उसकी पत्नी उसकी जगह पर पूरे घर की देखभाल करती है और परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है इस प्रकार से दोनों का जीवन निरंतर चलता रहता है


पति पत्नी और पुत्र या पुत्री

वैसे आज वर्तमान समय में लड़का हो या लड़की दोनों को एक समान समझा जाता है हां पहले के समय में लड़के को विशेष माना जाता था लेकिन बदलते समय के साथ लड़कियों को भी लड़कों के समान अधिकार दिया है माता-पिता भी दोनों को एक समान है इसने और प्यार देते हैं लेकिन आज भी कहीं कहीं पर देखा जाता है कि लड़के और लड़कियों में भेदभाव हो रहा है जबकि माता पिता का फर्ज है कि वे अपने बच्चों में कोई फर्क या अंतर को ना देखें क्योंकि अगर आप बचपन से ही उनमें यह अंतर देखेंगे या उन्हें एहसास कराएंगे कि लड़कियों की भूमिका लड़कों की अपेक्षा कम होती है तो लड़के के अंदर यह भाव उत्पन्न हो जाएंगे कि लड़कियों की कोई कीमत नहीं है और फिर वहां अपनी पत्नी की भी कोई इज्जत नहीं करेगा इसलिए बच्चों में कोई अंतर नहीं रखना चाहिए या संबंध एक ऐसा संबंध है जिसमें माता पिता पुत्र या पुत्री की अभिलाषा इसलिए रखते हैं कि जब वृद्ध हो जाए तो उनका पुत्र या पुत्री बुढ़ापे में उनकी देखभाल करें अब यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने अपने बच्चे की परवरिश किस प्रकार से की है अगर आपने अपने बच्चे में नैतिकता के गुण और सम्मान के भाव उसमें रखे हैं अगर आपका बच्चा सब का आदर करता है किसी से ईर्ष्या नहीं करता है कोई भेदभाव नहीं करता है उसके अंदर क्षमा दया और करुणा के भाव छलकते हैं तो निश्चित ही आपका बच्चा बुढ़ापे में आपका सहारा बनेगा।

भाई बहन का रिश्ता [ इमोशनल रिलेशनशिप कोट्स in hindi


रिलेशनशिप हिंदी का मतलब


        

भाई बहन का रिश्ता इस दुनिया का सबसे अनोखा रिश्ता होता है इस रिश्ते में रोज लड़ाई झगड़ा एक दूसरे की चुगली करना एक दूसरे को नीचा दिखाना एक दूसरे से ईर्ष्या करना यह सब चलता रहता है दोनों ही अपने माता-पिता से एक दूसरे की बुराई करते हैं और अपने आप को अच्छा बनाने की कोशिश करते हैं लेकिन मैं यह जो बोल रहा हूं यह सिर्फ दिखता है असल में यह है नहीं क्योंकि भाई और बहन का रिश्ता इतना खास और अनमोल है कि वह भली खूब लड़े हमेशा उनकी लड़ाई हो लेकिन दोनों एक दूसरे के बगैर रह नहीं पाते हैं भाई और बहन एक दूसरे से ना पढ़ती हो लेकिन वह किसी दूसरे को अपने बीच में नहीं बोलने देते हैं उनका जो प्यार है वह दिखता नहीं है पर भाई या बहन दोनों एक दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते हैं।


सभी रिश्तेदार

एक परिवार में बहुत सारे रिश्तेदार होते हैं अगर परिवार संयुक्त होता है तो उसमें दादा दादी पति पत्नी भाई बहन चाचा चाची बुआ जैसे बहुत सारे सुधार होते हैं और अगर एकल परिवार होता है तो उसमें से पति पति और बच्चे होते हैं संयुक्त परिवार की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि अगर परिवार में किसी को कुछ भी होता है तो सभी परिवार वाले एक साथ खड़े हो जाते हैं ऐसा एकल परिवार में नहीं होता है संयुक्त परिवार में बच्चों को यह सिखाया जाता है कि उसके परिवार में दादा दादी चाचा चाची सभी लोग रहते हैं और उन सब का सम्मान करना बहुत जरूरी है बच्चा वहीं से सब का आदर और सम्मान करना सीखता है वह सब को पहचानना सीखता है किसके साथ कैसा व्यवहार करना है यह सारे गुण अच्छे बुरे की पहचान वह अपने परिवार से ही सीखता है परिवार में जो रीति रिवाज से कार्यक्रम बनाए जाते हैं एक दूसरे का आदर किया जाता है एक दूसरे के प्रति प्रेम की भावना प्रकट होती है यह सारी चीजें बच्चा परिवार से ही सीखता है अगर परिवार में ऐसे सदस्य भी हैं जो जलन इरशाद द्वेष की भावना रखते हैं तो यह चीज भी बच्चा अपने घर से ही सीखता है और फिर जैसे विचार परिवार वाले रखते हैं हो सकता है वैसे ही विचार बच्चा भी अपने मन में रखें और उनके जैसा ही बनने की कोशिश करे ।

समाज की भूमिका

अब बच्चा अपने परिवार से बाहर निकलता है तो वह सीधा अपने समाज से जुड़ता है समाज में अब उसे अच्छे लोग मिलते हैं बुरे लोग मिलते हैं अच्छी सीख मिलती है  बुरी सीख मिलती है यहीं से ही बच्चे का निर्माण होना प्रारंभ हो जाता है यहीं से वहां सब कुछ सीखना प्रारंभ कर देता है यहीं पर एक बच्चे को अच्छे दोस्त भी मिलते हैं बुरे दोस्त भी मिलते हैं अब यह आप की परवरिश पर निर्भर करता है कि आपका बच्चा अच्छे दोस्त को अपने पास रखता है या बुरे दोस्त को अपने साथ रखता है यह आपकी परवरिश पर निर्भर करता है क्योंकि जो भी विकास होता है उसका सभी समाज पर ही निर्भर होता है। क्योंकि समाज एक ऐसी पाठशाला है जिसमें बच्चे का विकास होता है और बच्चा आगे के लिए तैयार होता है

Relationship ki jankari

दोस्तों हमने इस पोस्ट में रिलेशनशिप की कुछ जानकारी दी है जो सही मायने में यही रिश्ते होते हैं इसके बाद मनुष्य जैसे-जैसे आगे बढ़ता है वह अपने अनुसार नए पुराने रिश्ते का निर्माण करता है और अपनी प्रगति के लिए व रिश्तो को बनाता है इसमें और भी रिश्ते होते हैं जिससे वह आगे बढ़ता है इस पोस्ट में हमने रिलेशनशिप हिंदी का मतलब relationship hindi meaning  रिलेशन शिप का मतलब क्या होता है रिलेशनशिप क्या है रिलेशनशिप हिंदी English      
इमोशनल रिलेशनशिप के बारे में पोस्ट लिखी है 

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