भारत का संविधान - सामान्य परिचय - Constitution of India - General Introduction
हेलो दोस्तों मे अनिल कुमार पलासिया आज फिर आपके सामने एक माह का उल्लख लेकर आ रहा हूं इस लेख में हम भारत के संविधान सामान्य परिचय - bharat ka samvidhan samany parichay से संबंधित सभी जानकारी को देखेंगे इसमें हम भारत के संविधान की सामान्य जानकारी का अध्ययन करेंगे जिससे यहां सभी प्रतियोगिता परीक्षा में आपके लिए उपयोगी सिद्ध हो सके।
भारत का संविधान
भारत का संविधान। भारत का संविधान लागु कब हुआ
संविधान एक लिखित दस्तावेज है जिसमें सरकार के नियमों उनके कार्यों उनके कर्तव्यों की एक रूपरेखा बनाई गई है संविधान के अंतर्गत शक्तियां कर्तव्य मौलिक और राजनीतिक अधिकार सिद्धांत सभी के बारे में स्पष्ट वर्णन किया गया है शोषण को रोकना लोगों के अधिकारों की गारंटी देना सख्ती से पालन करना यह सभी संविधान में वर्णित किया गया है।
भारत का संविधान कैसा है
भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत के संविधान का गठन या सरचना अनेक विदेशी संविधान ओक स्त्रोतों से लेकर बनाया गया है।।
भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि।
भारतीय संविधान का निर्माण कैसे हुआ था .
भारतीय संविधान का निर्माण डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में किया गया था इसके लिए 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा द्वारा आलेखन समिति की स्थापना की गई थी इसमें 165 दिनों की अवधि में कुल 11 सत्रह का आयोजन किया गया था भारत का संविधान उदार लोकतंत्र के सिद्धांत की रूपरेखा में पश्चिमी सभ्यता का मिश्रण करक संविधान का निर्माण किया गया था भारत का संविधान निचले स्तर से ऊपरी सदन के साथ ब्रिटिश संसदीय से निर्गमित करके निर्माण किया गया था ।
इसके साथ भारतीय संविधान ने अमेरिका से सुप्रीम कोर्ट की अवधारणा को भी ग्रहण किया था। भारत का संविधान कब तैयार हुआ तो उसे 26 नवंबर 1950 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को प्रभावी रूप से अपनाया गया था जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में प्रतिवर्ष भारत में मनाया जाता है। और इसके साथ ही भारत शासन अधिनियम 1935 को देश के मौलिक साक्षी दस्तावेज के रूप में बदल दिया गया था। और इसके साथ ही 395 अनुच्छेदों को इसमें लागू किया गया थ।
भारतीय संविधान में विभिन्न देशों से मिलाए गए स्त्रोत।
ब्रिटिश संविधान से लिए गए स्त्रोत।
- सरकार का संसदीय रूप
- एकल नागरिकता का विचार
- कानून के नियम का विचार
- अध्यक्षता और उनकी भूमिका संस्थान
- कानून बनाने की प्रक्रिया।
- मौलिक अधिकारों को चार्टर जो संयुक्त राज्य विधेयक के अधिकार के समान है।
- सरकार की संगीत संरचना।
- न्यायिक समीक्षा की शक्ति और न्यायपालिका की स्वतंत्रता
- राजनीति के निर्देश सिद्धांतों का संवैधानिक घोषणा
- लिबर्टी समानता , और बंधुत्व , के आदर्श
- सरकार का एक अर्थ संगी रूप ( एक मजबूत केंद्र सरकार के साथ एक संगी प्रणाली )
- अवशिष्ट शक्तियों का विचार
- समवर्ती सूची का विचार
- देश के भीतर और राज्यों के बीच व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता
- योजना आयोग और 5 साल की योजनाएं
- मौलिक कर्तव्य
भारत का संविधान किसने लिखा
संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में निर्वाचन हुए थे संविधान सभा की पहली बैठक दिसंबर 1946 में की गई थी इसके तत्काल बाद देश दो भागों में भारत और पाकिस्तान में बढ़ गया था भारतीय संविधान की दो हिस्सों में बढ़ गया था विधानसभा और पाकिस्तान के संविधान सभा। भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद थे संविधान सभा ने 26 नवंबर 1950 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू किया गया इसी दिन को याद करते हुए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है विधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा था।
भारतीय संविधान का परिचय - भारतीय संविधान का इतिहास
- भारतीय संविधान में वर्तमान समय में 470 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां हैं।
- भारतीय संविधान को 25 भागों में विभाजित किया गया है।
- भारतीय संविधान के निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो भावेश भागों में विभक्त थे और 8 अनुसूचियां थी।
- भारत का संविधान संघीय संविधान माना गया है।
- केंद्रीय कार्यपालिका का संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति होता है।
- सभी राज्यों के लिए उसका प्रमुख को प्रधानमंत्री होता है।
- वास्तविक कार्य शक्ति मंत्री परिषद के पास होती है।
- प्रत्येक राज्य में एक विधानसभा होती है।
- विधानसभा में उत्तर प्रदेश बिहार महाराष्ट्र नाटक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एक ऊपरी सदन है जिसे विधानसभा कहा जाता है।
- राज्य का प्रमुख राज्यपाल होता है प्रत्येक राज्य का राज्यपाल होगा राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें निहित होती है।
- राज्य में मंत्रिपरिषद होती है जिसका प्रमुख मुख्यमंत्री होता है।
भारत के संविधान के महत्वपूर्ण तथ्य
भारत के संविधान में 22 भागों में 395 अनुच्छेद है । इसके अतिरिक्त लेखा और भागवत ने विभिन्न संशोधन के माध्यम से डाले गए हैं भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियां हैं।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना
हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए और उसके सभी नागरिकों के लिए न्याय सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक विचार अभिव्यक्ति विश्वास आस्था और पूंजी की स्वतंत्रता स्थिति और अवसर की समानता और उन सभी के बीच व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता अखंडता को सुनिश्चित करने वाली बंधुता को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ईस्वी को संविधान को अंगीकृत अधिनियमित करते हैं
भारतीय संविधान की अनुसूचियां।
भारत के मूल संविधान में मोहित 8 अनुसूचियां थी परंतु वर्तमान में भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियां हैं भारत संविधान में नौवीं अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन 1951 में दसवीं अनुसूची 92 संविधान संशोधन में 1985 तथा 11वीं अनुसूची को 73वें संविधान संशोधन 1992 सूची को सम्मिलित किया गया था।
संविधान की अनुसूचियां
- पहली अनुसूची अनुच्छेद 1 से 4 तक
- दूसरी अनुसूची ( अनुच्छेद 59 से 65, 75, 97,125, 148 , 158 , 164 , 186 , और 221 )
- तीसरी अनुसूची
- चौथी अनुसूची अनुच्छेद 4 और 80
- पांचवी अनुसूची अनुच्छेद 244
- छठी अनुसूची अनुच्छेद 244 और 275
- सातवीं अनुसूची अनुच्छेद 246
- आठवीं अनुसूची अनुच्छेद 344 और 351
- नवीं अनुसूची अनुच्छेद 31
- दसवीं अनुसूची अनुच्छेद 102, 191
- ग्यारहवीं अनुसूची अनुच्छेद 243
- बार-बार उस सूची
- विजयलक्ष्मी पंडित
- राजकुमारी अमृत कौर
- सरोजिनी नायडू
- सुचेता कृपलानी
- पूर्णिमा बनर्जी
- लीला राय
- जी दुर्गाबाई
- हनसा मेहता
- कमला चौधरी
- रेणुका राय
- मालती चौधरी
- दक्ष यानी वेलयुद्धन
- बेगम एग्जाम रसूल
- एनी मस्करी नी
- अम्मू स्वामीनाथन
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