भारत में सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन के क्या कारण थे?-dharmik aandolan ke karan
हेलो दोस्तों मैं अनिल कुमार पलासिया आज फिर आपके सामने एक महत्वपूर्ण लेख लेकर आ रहा हूं इस लेख में हम भारत में होने वाले भारत में सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन के क्या कारण थे?dharmik aandolan ke karan और उसके कारण से संबंधित सभी जानकारी को हम अपने इस लेख में देखेंगे भारत में जितने भी धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलन हुए हैं उन सब की जानकारी को आज हम अपने इस लेख में लेकर आ रहे हैं
धार्मिक आंदोलन के नाम
धार्मिक आंदोलन का स्वरूप
भारत में प्राचीन काल से ही अनेक विदेशी यात्रियों का भारत में आगमन होता रहा है अब इसमें कुछ ऐसे विदेशी यात्री भी थे जो भारत में घूमने के लिए आए और यहां पर आकर उन्होंने भारत की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का वर्णन किया और कुछ विदेशी यात्री ऐसे भी थे जो भारत में सिर्फ अपनी सत्ता को स्थापित करने के लिए आए थे और उन्होंने भारत में रहकर अपने साम्राज्यवाद का विकास किया और अपनी सभ्यता को भारत ने विकसित करने का प्रयास किया जिसके कारण भारत में रहने वाले लोगों ने पश्चिमी सभ्यता को अपने ऊपर हावी होते हुए देखा और अपनी सभ्यता का नाश होते हुए देखा जिसमें विदेशी सभ्यता का प्रभुत्व बढ़ने लगा था और भारतीय सभ्यता पर जिसका गलत प्रभाव पड़ना प्रारंभ हो गया था जिसके कारण भारत में अनेक सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन हुए और उस आंदोलन में एक मूल उद्देश्य ही था कि भारत अपनी सभ्यता को नहीं खुलेगा और वहां हमेशा अपनी सभ्यता का विकास करता रहेगा
सामाजिक और धार्मिक आंदोलन।
धार्मिक आंदोलन के कारण
18 शताब्दी के अंतिम चरण तक भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ें मजबूत हो गई थी अब अंग्रेजों ने भारत में राजनीतिक अखंडता ब्रिटिश प्रशासन पद्धति आर्थिक व्यवस्था के प्रचलन के साथ पाश्चात्य संस्कृति एवं उसकी विचारधारा को भी भारतीय समाज पर आरोपित करना प्रारंभ कर दिया था और ऐसा लग रहा था कि भारतीय संस्कृति का पतन होने वाला है उस समय ऐसी निराशाजनक स्थिति में भारत में महान समाज एवं धर्म सुधारों को का उदय हुआ जिन्होंने सनातन धर्म को अंधविश्वासों और रूढ़ियों के दलदल से निकालकर प्रगतिशील और ऊर्जावान समाज का विकास करने में अथक प्रयास किया उन्होंने हिंदू धर्म के सिद्धांतों और सामाजिक लोग चारों में मूल परिवर्तन की आवश्यकता को प्रतिपादित किया और ऐसे धर्म सुधार आंदोलन को प्रारंभ किया जो राष्ट्रव्यापी बन गए और भारत ने फिर से पुनर्जागरण का स्वरूप प्रारंभ हुआ।
भारत में पुनर्जागरण आंदोलन
1 :- एशियाटिक सोसाइटी
इसकी स्थापना 1784 में की गई थी
इसके संस्थापक विलियम जॉन्स
इसकी स्थापना कोलकाता में की गई थी।
2:- आत्मीय सभा
इसकी स्थापना 1815 में की गई थी
इसके संस्थापक राजा राममोहन राय थे
इसकी स्थापना कोलकाता में की गई थी।
3:- ब्रह्म सभा
इसकी स्थापना 1828 में की गई थी
इसके संस्थापक राजा राममोहन राय थे
इसकी स्थापना कोलकाता में की गई थी
4 ;- वेदांत समाज
इसकी स्थापना 1825 में की गई थी
इसके संस्थापक राजा राममोहन राय थे
इसकी स्थापना कोलकाता में की गई थी
5;- यंग बंगाल आंदोलन
इसकी स्थापना 1826 में की गई थी
इसकी स्थापना हेनरी विवियन डेरी जिओ ने की थी
इसकी स्थापना कोलकाता में की गई थी
6;- धर्म सभा
इसकी स्थापना 1829 में की गई थी
इसके संस्थापक राधाकांत मोहन सती प्रथा का समर्थक
इसकी स्थापना भी कोलकाता में की गई थी
7;- तत्वबोधिनी समाज
इसकी स्थापना 1839 में की गई थी
इसके संस्थापक देवेंद्र नाथ टैगोर सती प्रथा के समर्थक थे
इसकी स्थापना कोलकाता में की गई थी
8;- परमहंस मंडली
इसकी स्थापना 1849 में की गई थी
इसके संस्थापक गोपाल हरी देशमुख लोकहितवादी थे
इसकी स्थापना मुंबई में की गई थी
सामाजिक धार्मिक आंदोलन
9;- राधा स्वामी सत्संग
इसकी स्थापना 1861 में की गई थी
इसकी स्थापना तुलसीराम जी ने की थी
इसकी स्थापना आगरा में की गई थी
10;- भारतीय ब्रह्म समाज
इसकी स्थापना 1866 में की गई थी
इसकी स्थापना केशव चंद्र सेन ने की थी
इसकी स्थापना कोलकाता में की गई थी.
11;- आदि ब्रह्म समाज
इसकी स्थापना 1866 में की गई थी
इसकी स्थापना देवेंद्र नाथ टैगोर ने की थी
12;- प्रार्थना समाज
इसकी स्थापना 1867 में की गई थी
इसकी स्थापना आत्माराम पांडुरंग , भंडारकर केशव चंद्र सेन ने की थी
इसकी स्थापना मुंबई में की गई थी.
13;- आर्य समाज
आर्य समाज की स्थापना 1875 में की गई थी
आर्य समाज की स्थापना द्वारा सरस्वती ने की थी
आर्य समाज की स्थापना मुंबई में की गई थी
14;- साधारण ब्रह्म सभा
साधन बम सभा की स्थापना 1878 में की गई थी
इसकी स्थापना आनंद मोहन बोस और शिवनाथ शास्त्री ने की थी
इसकी स्थापना कोलकाता में की गई थी.
15 दक्कन एजुकेशन सोसाइटी
इसकी स्थापना अट्ठारह सौ चौरासी में की गई थी
इसकी स्थापना जीटी आगर करने की थी
16 ;- महिला स्कूल
महिला स्कूल की स्थापना 1851 की गई थी
इसकी स्थापना ज्योतिबा फुले ने की थी
17;- सत्यशोधक समाज
इसकी स्थापना 1873 में की गई थी
इसकी स्थापना ज्योतिबा फुले ने की
इसकी स्थापना महाराष्ट्र की गई थी।
18;- दीनबंधु सार्वजनिक सभा
इसकी स्थापना 1884 मैं की थी
इसकी स्थापना ज्योतिबा फुले ने की थी
19;- बेलूर मठ
इसकी स्थापना 1887 मैं की गई थी
इसकी स्थापना स्वामी विवेकानंद की थी
20;- रामकृष्ण मिशन
इसकी स्थापना 1897 में की गई थी
इसकी स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की थी
21;- वेदांत सोसाइटी
इसकी स्थापना 1897 में की गई थी
स्वामी विवेकानंद
इसकी स्थापना न्यार्क में की गई थीी
22;- थियोसॉफिकल सोसायटी
इसकी स्थापना 1883 मैं की गई थी
इसकी स्थापना अड़आर ने की थी
इसकी स्थापना मद्रास चेन्नई में की गई थी।
23;- थियोसोफिकल सोसायटी
इसकी स्थापना 1889 सी में की गई थी
इसके संस्थापक एनी बेसेंट थे
24;- सोशल सर्विस लीग
इसकी स्थापना 1911 में की गई थी
इसके संस्थापक एनएम जोशी थे
इसकी स्थापना मुंबई में की गई थी
25;- सेवा समिति
इसकी स्थापना 1914 में की गई थी
इसके संस्थापक हैदेय नाथ कुंजरू
इसकी स्थापना इलाहाबाद में की गई थी
26 ;- देव समाज
देव समाज की स्थापना 1887 में की गई थी
इसकी स्थापना सत्यानंद अग्निहोत्री ने की थी
इसकी स्थापना लाहौर में की गई थी
27;- विधवा विवाह समाज
अट्ठारह सौ पचास मैं इसकी स्थापना की गई थी
इसके संस्थापक विष्णु शास्त्री पंडित जी थे
28;- सर्वेंट आफ इंडियन सोसायटी
इसकी स्थापना 1905 में की गई थी
Iske sansthapak Gopal Krishna Gokhale the
29;- दक्षिण शिक्षा समाज
इसके संस्थापक बाल गंगाधर तिलक
30;- साइंटिफिक सोसायटी
इसकी स्थापना 1864 मे की गई थी
इसके संस्थापक सर सैयद अहमद खान थे
31;- अलीगढ़ आंदोलन
इसकी स्थापना 1875 में की गई थी
इसके संस्थापक सर सैयद अहमद खान दे
32;- फरेदी आंदोलन
इसकी स्थापना 1804 में की गई थी
इसके संस्थापक शरीयत उल्लाह और दादू मिया थे
33;- नामधारी आंदोलन
इसकी स्थापना 1846 में की गई थी
इसके संस्थापक राम सिंह नामधारी थे
34;- हितकरी सभा
Iski sthapna doctor Ambedkar ne ki thi
35;- महिला आर्य समाज
इसकी स्थापना पंडित रमाबाई ने की थी
36 ;- हिंदू महिला समाज
Iski sthapna 1918 mein ki gai thi
इसके संस्थापक अवंतिकाबाई गोखले थी
37;- भारत महिला संघ
इसकी स्थापना 1917 में की गई थी
इसके संस्थापक एनी बेसेंट थे
इसकी स्थापना मद्रास चेन्नई में की गई थी
38;- विधवा पुनर्विवाह
इसकी स्थापना 1856 में की गई थी
इसके संस्थापक ईश्वर चंद्र विद्यासागर थे.
39;- मित्र मेला समिति
भारत में स्थापित पहली क्रांतिकारी संस्था नासिक पुणे महाराष्ट्र में सकरी हुई थी।
40;- अभिनव भारत
इसके संस्थापक वी डी सावरकर 1903 में इसकी स्थापना हुई थीी विदेशी कपड़ों की सबसे पहले होली जलाई गई पुणे में सावलकर को काला पानी की सजा हुई थी यह जहां से कूदकर समुद्र में तैर कर भाग गए थे 1857 भारत का पहला स्वतंत्र संग्राम नायक किताब में गदर को स्वतंत्रता संघर्ष कहने वाले पहले व्यक्ति थे
41;- हिंदुस्तान एसोसिएशन
हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना 1924 में की गई थी चंद्र शेखर आजाद अशफाक उल्ला राम प्रसाद बिस्मिल राजेंद्र लोहरी के द्वारा स्थापित किया गया था हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन 1928 भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के द्वारा स्थापित की गई थी
42 ;- युगांतर
बंगाल में वरिंदर घोष अरविंद घोष द्वारा स्थापित संस्था जिस ने युगांतर पत्र निकाला था
43;- अनुशीलन समिति
मित्रा के द्वारा स्थापित जिसे बाद में मित्र मेला समिति भी कहा जाता है
भारत के बाहर क्रांतिकारी गतिविधियां
44;- इंडियन हाउस
इंडियन हाउस के संस्थापक श्यामा जी कृष्ण वर्मा
इसकी स्थापना लंदन में 1902 में की गई थी
यहीं से इंडिया सोशियोलॉजिस्ट पेपर निकाला गया था
45;- मैडम भीकाजी कामा
पेरिस से क्रांतिकारी आंदोलन की शुरुआत की थी
यह एक पारसी महिला थी रुस्तम जी कामा भी क्रांतिकारी थे इनके द्वारा ही सबसे पहले तिरंगा फहराया गया जर्मनी 1907 में स्टुट गाड जर्मनी
46;- गदर आंदोलन
लाला हरदयाल ने 1913 में सैन फ्रांसिस्को अमेरिका में स्थापना की थ इन्होंने ही ग़दर नामक पत्र निकाला था भारत में गदर की योजना बनाई दिल्ली संयंत्र केस 1915
प्रमुख तथ्य स्वतंत्रता संघर्ष से संबंधित
- भारत का पहला राजनीतिक संगठन बंग भाषा प्रकाशीय सभा 1836 था
- भारत का पहला वास्तविक राजनीतिक संगठन लैंडहोल्डर्स सोसाइटी बंगाल को माना जाता है 1836 में
- इंडियन लीग की स्थापना आनंद मोहन बोस ने 1875 में की थी
- इंडियन एसोसिएशन की स्थापना सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने 1876 में की थी
- दादा भाई नौरोजी ने प्रथम का धन निष्कासन का सिद्धांत दिया 1867 में ।
- दादा भाई नौरोजी महादेव गोविंद रानाडे और आरसी दत्त तीनों ने बताया भारत से अरबों राशि प्रतिवर्ष इंग्लैंड जाती है।
- सुलीवन का प्रसिद्ध कथन है हमारी अर्थव्यवस्था उस स्थान के समान है जो गंगा से सब कुछ उड़ेल कर टेमल में उड़ेल देती है
- भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय का अनुमान दादा भाई नौरोजी ने लगाया ₹20 प्रति व्यक्ति
- सर्वप्रथम 1896 के कांग्रेसी अधिवेशन में वंदे मातरम गाया गया इसके अध्यक्ष आरसी दत्त
- स्वतंत्रता संघर्ष का पहला सफल स्वदेशी आंदोलन 1905 में हुआ था
- कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष एनी विषय 1917 में थी
- प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू 1932 में बनी थी
- गांधीजी कांग्रेसी एकमात्र बेलगांव सम्मेलन के अध्यक्ष 1924 रहे
- स्वतंत्रता के समय कांग्रेस के अध्यक्ष आचार्य जी प कृपलानी थे
- मोतीलाल नेहरू ने असहयोग के दौरान कपड़ों की होली को निष्ठुर राष्ट्रीय बर्बादी कहां है
- रविंद्र नाथ टैगोर ने नाइटहुड की उपाधि ब्रिटिश सरकार को लौटाए जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में
- गांधीजी ने केसर ए हिंद की उपाधि लौट आई थी।
- संकरण नायर ने गवर्नर की कार्यकारिणी से इस्तीफा दिया था
- इंदिरा गांधी ने सविनय अवज्ञा के दौरान वानर सेना का गठन किया था।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय दौरान रानी गैडनल्यु ने मणिपुर में आंदोलन चलाया रानी गुफा की नेहरु जी ने दी थी।
- खिलाफत आंदोलन के संस्थापक अली बंधु थे मोहम्मद अली शौकत अली।
हेलो दोस्तों इस पोस्ट में हमले भारत के धार्मिक और सामाजिक आंदोलन से संबंधित सभी जानकारियों को इस लेख में रखा है और इसके साथ ही हमने उस समय होने वाले विरोध और आंदोलन की कुछ जानकारी भी आपको इसमें बताई है। भारत में सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन के क्या कारण थे?-dharmik aandolan ke karan धार्मिक आंदोलन के नाम सामाजिक और धार्मिक आंदोलन धार्मिक आंदोलन के कारण से सम्बंधित सभी जानकारी को आपके सामने लेकर आ रहा हु
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