गुप्त काल - मध्यप्रदेश - GUPT KAAL - MADHYPRADESH
हेलो दोस्तों में आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण लेख को लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपको गुप्त काल से सम्बंधित सभी जानकारी को आपके सामने पेश कर रहा हु इस लेख में हम आपको मध्यप्रदेश का एक महत्वपूर्ण राजवंश - गुप्त काल की सभी जानकारी को हम इस लेख में देखेंगे . यह लेख आपको प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है
गुप्त काल के अभिलेख
गुप्तकाल - मध्यप्रदेश
- गुप्त वंश की स्थापना श्रीगुप्त ने किया था
- गुप्त वंश प्रतापी राजा चन्द्रगुप्त प्रथम [ 319 - 335 ] का राज्य इलाहबाद से लगा मध्यप्रदेश तक फैला है .
- समुद्रगुप्त के ऐरण अभिलेक के अनुसार ऐरण उसके समय में स्वभोग नगर था
- समुद्र गुप्त ने मध्यप्रदेश के अधिकाँश भाग तथा नर्मदा की उत्तरी सीमा तक अपना राज्य स्थापित कर लिया था
- समुद्र गुप्त ने मध्यप्रदेश के अधिकाँश भाग तथा नर्मदा की उत्तरीय सीमा तक अपना राज्य स्थापित कर लिया था इसकी सीमा की पुष्टि बमनाला तथा सकोर से प्राप्त सिक्को से होता है
गुप्त काल स्थापत्य कला की जानकारी
गुप्त काल के शासक
1;- संस्थापक श्री गुप्त के बाद उनका पुत्र घटोत्कच इस वंश का राजा हुआ चंद्रगुप्त प्रथम ने महाराजा धीराज की उपस्थिति धारण की थी .
2;- गुप्त सवंत का प्रवर्तन 319-20 में किया था
3;- प्रयाग प्रशस्ति के अतिरिक्त मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित एरन नामक स्थान से भी समुद्रगुप्त का लेख प्राप्त हुआ है जो खंडित अवस्था में है
4;- इसमें समुंद्र गुप्त को पथु राघव आदि राजाओं से भी बढ़कर दानी कहां गया है
5;- इस लेख से यह भी पता चलता है कि ऐरिकिणरन प्रदेश ऐरण उसका भोग नगर था
6;- हरिषण द्वारा रचित प्रयाग प्रशस्ति तेरहवीं शदी - की जानकारी 14 वी पंक्तियों से स्पष्ट जानकारी मिलती है कि समुद्रगुप्त अपनी दिग्विजय प्रक्रिया के प्रारंभ में सर्वप्रथम उत्तर भारत के 3 शक्तिशाली राजा यथाअच्युत , नागसेन , व कोतकुलज , के आर्यावर्त का प्रथम युद्ध किया
7;- इसमें उनसे सभी को पराजित कर दिया इन पराजित राजाओं में नागसेन नागवंशी शासक पवाया गवालियर जिले में स्थित पदमपवैया मैं शासन करता था
8 ;- गुप्त सम्राट समुंद्र गुप्त का समकालीन शक शासक रूद्र सिंह तृतीय 348 -378 ई
जो पश्चिमी मालवा गुजरात वा कठियावाड़ का शासक था
9;- दुर्जनपुर विदिशा जिला के लेख से जानकारी मिलती है की समुद्रगुप्त की मृत्यु के बाद कुछ समय के लिए उसका बड़ा पुत्र राम गुप्त शासक बना यह जानकारी मालवा क्षेत्र के दो कानो ऐरण वाह भीलसा से प्राप्त ताम्र मुद्राओं से होती है
10;- भिलसा से ताम्र सिक्के प्रसिद्ध मुद्रा शास्त्री परमेश्वरी लाल गुप्त को प्राप्त हुए थे जबकि ऐरण से सागर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष कृष्ण दत्त वाजपेयी को प्राप्त हुए थे
गुप्त काल NCERT
11;- जिसमें ऐरण के सिक्कों पर सीह वाह गरुड़ का चित्र था गरुड़ गुप्त वंश का राजकीय चेन्ह था
12 ;-चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने नागवंश की कन्या कुबेरनाग से विवाह कर नागवंशी शासको से मैत्री की इसी कुबेरनाग से प्रभावित गुप्त नामक एक कन्या का जन्म हुआ चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने वाकटक नरेश रूद्र सेन द्वितीय से कर दिया
गुप्त वंश का इतिहास
13 ;-वाकाटक उस समय आधुनिक महाराष्ट्र प्रांत में शासन करते थे कुछ समय बाद रूद्र सेन की मृत्यु हो गई और प्रभावती गुप्त वाकाटक राज की संरक्षिका बन गई
14 ;-क्योंकि उसके दोनों पुत्र दिवाकर सेन दामोदर सेन शासक थे इसी की शासन काल में चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य ने शासकों को हराकर उनके राज्य गुजरात काठियावाड़ को अपने साम्राज्य में मिला लिया
15 ;- वह शासक कहलाया चंद्रगुप्त द्वितीय 3 रे अभिलेख पूर्वी मालवा से प्राप्त हुए हैं जिनसे शक विजय की सूचना मिलती है
16 ;- इसमें प्रथम अभिलेख भिलसा के समीप उदयगिरि पहाड़ी से मिला जो उसके संधि विग्ग्राहक वीरसेन शासक का है
गुप्त साम्राज्य के नोट्स
17 ;- दूसरा अभिलेख भी उदयगिरी से मिला है जो कि उनके सामान्त शंक निक महाराज महाराजा कहे जबकि तीसरे में पदाधिकारी का उल्लेख है
18 ;- जो सैकड़ों युद्धों का विजेता था इसके शासक काल में इस प्रदेश का भूभाग उज्जैन विधा का प्रमुख केंद्र था
19 ;- यह चंद्रगुप्त से तात्पर्य चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य से था अनुश्रुति के अनुसार उस के दरबार में विद्वानों की मंडली निवास करती थी जिसे नवरत्न नाम दिया गया है
20;- जिसका नेतृत्व कालिदास कर रहे थे इसी के शासन काल में पूजनीय को मगध की दूसरी राजधानी के ग्रुप में विशेष रूप से विकसित किया गया था जिसने शीघ्र ही वैभव तथा समुद्री में पाटलिपुत्र का स्थान ले लिया । इस काल में उज्जैन वह विदिशा का प्रमुख व्यापारिक नगरों में स्थान था।
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1 ;- गुप्त साम्राज्य की स्थापना किसने की थी
ANS ;- गुप्त साम्राज्य की स्थापना श्री गुप्त ने की थी
2 ;- गुप्त युग का संस्थापक किसे कहा जाता है
ANS ;- चन्द्रगुप्त प्रथम
3 ;- मालवा के राजा यशोवर्धन ने किसे हराया था
ANS ;- हूणों को
4 ;- गुप्त कल का समय कब से कब तक का था
ANS ;- गुप्त काल का समय 240 / 275 ई से 550 ई पूर्व तक है
5 ;- गुप्त काल कब से शुरू हुआ
ANS ;- गुप्त वंश का वह समय जिन्होंने 415 ई से 455 ई तक शासन किया
6 ;- अंतिम गुप्त शासक कोन था
ANS ;- अंतिम गुप्त शासक पुष्प मित्र था / विष्णुगुप्त चन्द्र दित्य था
7 ;- गुप्त वंश का पहला राजा कोन था
ANS ;- गुप्त वंश का पहला शासक चन्द्र गुप्त प्रथम था [ 319 से 334 ई ]
8 ;- गुप्त काल का दूसरा नाम क्या है
ANS ;- गुप्त काल का दूसरा नाम स्वर्ण युग है
9 ;- गुप्त काल की भाषा क्या थी
ANS ;- गुप्त काल की भाषा संस्कृत थी और प्राकृत स्थानीय भाषा थी
10 ;- गुप्तकाल का क्या अर्थ है
ANS ;- गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है इसे भारतीय संस्कृति के प्रचार - प्रसार , धार्मिक सहिष्णुता , आर्थिक सम्रद्दी तथा शासन व्यवस्था की स्थापना काल के रूप में जाना जाता है
11 ;- गुप्त को स्वर्ण युग क्यों कहा गया
ANS ;- प्राचीन भारत में गुप्त युग को भारत का स्वर्ण युग कहा जाता है क्योकि इस युग में साहित्य , विज्ञान , कला के क्षेत्र में बहुत विकास हुआ था
12 ;- गुप्त वंश का अंत कैसे हुआ
ANS ;- गुप्त वंश का अंतिम शासक विष्णुगुप्त था गुप्त वंश के पतन का कारण पारिवारिक अंतरिम कलह और बार बार होने बाले विदेशी आक्रमण माने जाते है
13 ;- गुप्त वंश का प्रसिद्ध राजा कोन था
ANS ;- गुप्त वंश का प्रसिद्ध राजा समुद्र गुप्त था
14 ;- गुप्त काल के मुख्य स्त्रोत क्या थे
ANS ;- धर्म्शाश्त्र , पुराण , धार्मिक ग्रन्थ , स्म्रतिया और फयायाँन , हेनसाग के यात्राव्रव्तांत
15 ;- गुप्तकाल में कोन सी गुफाये निर्मित की गई थी
ANS ;- उदयगिरी के अतिरिक्त अजन्ता , एलोरा , ओर्न्ग्बाद , और बाघ की कुछ गुफाये
16 ;- गुप्त वंश की दरवारी भाषा क्या थी
ANS ;- सस्न्कृत
17 ;- गुप्त काल की विशेषता क्या है
ANS ;-
- गुप्त काल स्वर्ण काल कहा जाता था
- संस्कृति के विकास में गुप्त काल का विशेष योगदान था
- गुप्त काल में अनेक कला का विकास हुआ था
18 ;- गुप्त काल में कोन चीनी यात्री भारत आया था
ANS ;- प्रसिद्ध चीनी तीर्थ यात्री फयायन चन्द्र गुप्त के काल में आया था
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