gateway of india - gateway of india mumbai
हेलो दोस्तों मैं अनिल कुमार पलासिया आज फिर आपके सामने एक महत्वपूर्ण लेख लेकर आ रहा हूं इस लेख में हम आपको भारत का एक महत्वपूर्ण स्थल gateway of India जिसे आप भारत का प्रवेश द्वार भी कर सकते हैं उसके बारे में हम एक लेख लेकर आ रहे हैं इसलिए इसमें हम आपको इसमें सभी प्रकार की जानकारी को देखेंगे।
Gateway of India भारत का प्रवेश द्वार
गेटवे ऑफ इंडिया भारत की मुंबई शहर जिसे बांबे शहर भी कहा जाता है । 20 वी शताब्दी के दौरान किया गया था इसका निर्माण 1911 में किया गया था जब भारत की यात्रा पर आए किंग जॉर्ज पंचम और रानी मेरी अपोलो बंदर में उतरने की स्मृति में स्मारक बनाया गया था।
गेटवे ऑफ इंडिया की आधारशिला 31 मार्च 1911 को रखी गई थी या संरचना 26 मीटर 85 फीट ऊंची वेबसाइट से बनी एक मेहराब है इसके बाद जॉर्ज वी टेस्ट के अंतिम डिजाइन को 1914 में मंजूरी दी गई थी और स्मारक का निर्माण 1924 में पूरा हो गया था। और इसके बाद गेटवे ऑफ इंडिया को वायसराय और मुंबई के नए गवर्नर ओं के लिए भारत में एक प्रतीकात्मक औपचारिक प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा था।
गेटवे ऑफ इंडिया
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण में कंक्रीट और पीले बेसाइड के मिश्रण से निर्मित गेटवे ऑफ इंडिया इंदौर शहर सैनिक वास्तुकला शैली को चित्रित करता है इस भविष्य रचना की केंद्रीय गुंबद का व्यास लगभग 48 फीट माना जाता है। जैसे ही आप संरचना के पीछे चलते हैं आपको अरब सागर के तट तक ले जाने के लिए चिड़िया दिखाई देती है यहीं से आप एलीफेंटा गुफाओं तक जाने के लिए नाव का सहारा भी ले सकते हैं।
गेटवे ऑफ इंडिया के दर्शनीय स्थलों की यात्रा और फोटोकॉपी गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है यहां पर कई पर्यटक घूमने के लिए आते हैं यहां पर देखा जाए तो आमतौर पर पर्यटक अक्टूबर से मार्च तक यहां पर घूमने आते हैं । उस समय यहां घूमने का एक अलग ही आनंद आता है।
गेटवे ऑफ इंडिया का दर्शनीय स्थल
- एलीफेंटा गुफाएं
- अरब सागर
- ताज महल पैलेस
- कोलाबा कॉलेज
- छत्रपति शिवाजी टर्मिनस
- नेहरू विज्ञान केंद्र
- मरीन ड्राइव
गेटवे ऑफ इंडिया का समय और प्रवेश शुल्क
गेटवे ऑफ इंडिया दिन की हर समय और सप्ताह की हर दिन जनता के लिए खुला रहता है यहां पर आप कभी भी कहीं भी आ सकते हैं आप चाहे किसी भी राज किसी भी देश में रहते हैं आप यहां पर आ सकते हैं यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सुबह और शाम का होता है यहां की ठंडी हवाएं मन को मोहित करती है जब भी यहां पर कोई त्यौहार होता है या स्वतंत्रता दिवस गणतंत्रता दिवस उस समय इसे विशेष रूप से सजाया जाता है।
गेटवे ऑफ इंडिया में प्रवेश निशुल्क है यहां पर आने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है लेकिन यहां पर पुलिस की सुरक्षा कर्मी बहुत ही अधिक रहती है।
गेटवे ऑफ इंडिया
गेटवे ऑफ इंडिया जैसी ऐतिहासिक स्थल को देखने मैं एक अलग ही आनंद आता है
यदि आप समुद्र की यात्रा करना चाहते हैं और आना लेना चाहते हैं तो अब गेटवे ऑफ इंडिया घूमने के लिए यह बहुत ही रोचक देखने को मिलता है । आप यहां पर आकर नौकायान भी सीख सकते हैं यहां पर नौकायान कक्षाओं के लिए पहले से ही साईनाथ करके और अपने शरीर को अपनी नौकायान नाव को संतुलित करने की कला को भी यहां पर सिखाया जाता है।
यहां पर कई नौकायान क्लब है जो मुंबई में संचालित होती है और अधिकतर गेटवे ऑफ इंडिया की करीब अपोलो बंदर क्षेत्र से भी यहां पर देखने को मिलते हैं।
गेटवे ऑफ इंडिया तक पहुंचने का रास्ता
- लोकल ट्रेन यदि आप सेंट्रल ऑफ हर्बल लाइन पर यात्रा कर रहे हैं या वहां घूम रहे हैं तो आप छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर उतर सकते हैं और वहां से टैक्सी लेकर आप आ सकते हैं आप यहां पर पैदल चलकर भी यात्रा कर सकते हैं आपको वहां तक पहुंचने में 20 मिनट का समय लगेगा रेलवे स्टेशन से उतरने के बाद आप 20 किलोमीटर पैदल चलकर वहां जा सकते हैं।
- सिटी बस सिटी बस पर पहुंचने के लिए इस स्मारक से 3 से 4 मिनट की पैदल दूरी पर ही बस स्टॉप देखने को मिलता है यहां पर आपको अच्छी से अच्छी बसे देखने को मिलेगी।
- निजी परिवहन आप चाहे तो आरामदायक यात्रा के लिए आप निजी टैक्सी काली पीली टैक्सी या उबर ओला मेरु आदि जैसी कई निजी उपलब्धि का सहारा ले सकते हैं और वहां पर आकर आप घूम सकते हैं ।
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण कब हुआ
16 वी शताब्दी के गुजराती वस्तु कला की तत्वों को शामिल करते हुए इंडोर सारस सैनिक शैली में निर्मित इस स्मारक की आधारशिला मार्च 1913 में रखी गई थी । और इसके साथ वास्तुकार जहाज विधि द्वारा स्मारक का अंतिम डिजाइन 1914 में स्वीकृत किया गया था और इसका निर्माण 1924 में पूरा हो गया था ।
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण कहां पर हुआ था
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण दक्षिणी मुंबई में किया गया था।
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण कब हुआ था।
गेटवे ऑफ निर्माण इंडिया का निर्माण 1924 पूरा हुआ था।
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण किसने किया।
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण जहाज विटेड ने किया था।
गेटवे ऑफ इंडिया कब और कहां बनाया गया।
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण 1913 में रखा गया और 1924 में इसका कार्य पूरा हुआ। इसका निर्माण मुंबई में किया गया था।
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण क्यों करवाया गया था।
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण इसे भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है यह मुंबई में स्थित दक्षिण में समुद्र तट पर स्थित एक स्मारक है इस स्मारक को दिसंबर 1911 में अपोलो बंडर मुंबई में ब्रिटिश सम्राट राजा सम्राट चार्ज पंचल और महारानी मेरी के प्रथम आगमन की याद में इसको बनाया गया था।
गेटवे ऑफ इंडिया किस शैली का उदाहरण है।
गेटवे ऑफ इंडिया सोलवीं सताब्दी के गुजराती वास्तु कला के तत्वों को शामिल करते हुए इंडो सरसेनिक शैली में निर्मित इस स्मारक की आधारशिला मार्च 1913 में रखी गई थी।
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके सामने लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपको गेटवे आफ इण्डिया से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को आपके लिए लेकर आ रहा हु इस लेख में हम gateway of india gateway of india mumbai गेटवे ऑफ इंडिया किस शैली का उदाहरण है गेटवे ऑफ इंडिया कब और कहां बनाया गया।गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण किसने की है इससे सम्बंधित सभी जानकारी को हम देखेंगे
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