मॉडल पेपर 2024 कक्षा 12 - model paper 2024 class 12
हेलो दोस्तों में आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण लेख लेकर आ रहा हु इस लेख में हम कक्षा 12 की सभी विषय से सम्बंधित जानकारी को हम इस लेख में रख रहे है जिससे के आपको इससे सम्बंधित प्रतियोगिता परीक्षा - माध्यमिक शिक्षा मण्डल की जो परीक्षा होती है उसकी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी माडल पेपर के रूप में लेकर आ रहा हु इसमें आप मॉडल पेपर 2024 कक्षा 12 - model paper 2024 class 12 से सम्बंधित सभी जानकारी आप देखेंगे .
माध्यमिक शिक्षा मण्डल
mpbse परीक्षा कक्षा 12
हिंदी मॉडल पेपर 2024 कक्षा 12
पाठ 1 दिन जल्दी-जल्दी ढलता है
Q ;- 1 जहां पर दाना रहते हैं वहीं नादान भी होते हैं कवी ने ऐसा क्यों कहा।
ANS ;- कवी कहना चाहते हैं कि यह संसार जो है विरोधाभास के समान है इस जगत में जहां एक बुद्धिमान और समझदार लोग रहते हैं वहीं दूसरी ओर नासमझ और मूर्ख लोग भी रहते हैं समझदार लोग यह जानते हैं जीवन भर मोक्ष की प्राप्ति हेतु वह प्रयत्न शील रहते हैं और मूर्ख लोग संसार के भोग विलास में लगे रहते है
Q ;- 2 शीतल वाणी में आग के होने का क्या अभिप्राय है
ANS ;- कवी जब अपने गीतों एवं रचनाओं को लोगों को सुनते हैं तो उनकी वाणी अत्यंत ही कोमल और मीठी लगती है लेकिन कवी गीतों के माध्यम से अपने स्वर को लोगों के सामने प्रकट करते हैं ऐसे में उसकी वाणी बाहर से शीतल होते हुए भी स्वयं में क्रोध की आग को समेटे रहती है। वे संसार में फेली बुराइयों को सामने ना कहकर अपने स्वर के माध्यम से लोगो को जागरित करते है
Q ;- 3 बच्चे किस बात की आशा में नीडो को झांक रहे थे ?
ANS ;- बच्चे अपने माता-पिता के शीघ्र लौटने की आशा में नीड़ो को झांक रहे हैं क्योंकि उनके माता-पिता भोजन की तलाश में सुबह जल्दी घोषले से निकल जाते हैं और फिर भोजन लेकर जब वापस लौटते हैं तो बच्चे उनका इंतजार करते हैं। और बार बार बाहर देखते है
Q ;- 4 संसार में कष्टों को सहते हुए भी खुशी और मस्ती का माहौल कैसे पैदा किया जा सकता है
ANS ;- संसार में सुख और दुख लाभ और हानि एक सिक्के के दो पहलू है एक के बिना दूसरे की कल्पना नहीं की जा सकती है अगर आज सुख है तो कल दुख भी होगा और दुख है तो फिर सुख भी होगा जीवन पथ पर चलते-चलते मिलने वाले कष्ट रूपी उसूलों के बाद भी मानव अपने कर्म पत्र से विमुख नहीं हो सकता है। यदि मनुष्य अपने आप पर विश्वास रखें तो कष्टों को जीवन का एक हिस्सा मानते हुए अगर वह चलता है तो उसका जीवन हमेशा सफल रहता है।
पाठ 2 पतंग
Q ;- 5 अपने जीवन में शरद हेतु क्या मायने रखती है।
ANS ;- कवी कहना चाहते हैं कि उन्हें शरद ऋतु बहुत ही अच्छी लगती है गर्मी और बरसात के चार-पांच माह बाद जब शरद ऋतु आती है तो वह अपने सारे रुके हुए कामों को पूर्ण करने में लग जाते हैं इस ऋतु में खाने-पीने खेलने पढ़ने इत्यादि में खूब मन लगता है इसलिए इसे ऋतुराज भी कहा जाता है।
Q ;- 6 रोमांचित शरीर का संगीत का जीवन की लाइफ से क्या संबंध है।
ANS ;- रोमांचित शरीर का संगीत का जीवन में अद्भुत संबंध होता है जब कभी भी मानव शरीर में कहीं से भी किसी भी प्रकार का संगीत धुन सुनाई देता है तो उसका शरीर रोम रोम पुलकित हो जाता है और संगीत के आनंद से जो शरीर उसका थक गया था अब थकान भी अनुभव नहीं होती है इसलिए कहा जा सकता है की रोमांचक शरीर का संगीत का जीवन की लाइफ के साथ गहरा संबंध है।
Q ;- 7 आसमान में रंग बिरंगी पतंग को देखकर आपके मन में कैसे ख्याल आते हैं।
ANS ;- आसमान में जो पतंग उड़ती है उसको देखकर कवि के मन में भाव उत्पन्न होते हैं और वह सोचता है कि काश में भी पतंग की तरह आसमान में उड़ता तो मैं भी आसमान की थाप लेता और ऊंचाई को छूता और पतंग की तरह मेरी जिंदगी ही हल्की-फुल्की होती।
Q ;- 8 पतंग के साथ-साथ बच्चे उड़ रहे हैं बच्चों का उड़ान से कैसा संबंध बनता है।
ANS ;- कवी कहना चाहते हैं कि वास्तव में पतंग बच्चों की कोमल भावनाओं को दर्शाता है जब पतंग आसमान में उड़ती रहती है तो रंग बिरंगी पत्तों को उड़ते देखकर बच्चे का मन भी आसमान में पतंग के साथ उड़ता हुआ दिखाई देता है। आसमान में जो तितलियां की तरह इधर-उधर पतंग हिलोरा लेती है तो बच्चों का मन भी पतंग के साथ उड़ता हुआ दिखाई देता है।
पाठ 3
कविता की बहाने / बात सीधी थी पर
Q ;- 9 उड़ने और खिलने का कविता से क्या संबंध बनता है।
ANS ;- कविता का उड़ने में गहरा संबंध है। चिड़िया सहित सभी पंछी अपने पैरो के सहारे ऊंची उडा ने भरते हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान पर सरलता से पहुंच जाते है। कविता भी चिड़िया की ही तरह उड़ान भरती है कवी अपनी कविता में कल्पना की उड़ान से अनन्त तक की यात्रा करता है चिड़िया को भी कभी ना कभी थक कर वापस धरती पर लौटना होता है जबकि कविता की उड़ान इस तरह से है कि सदियो तक वह अपना प्रभाव छोड़ती है।
Q ;- 10 कविता के संदर्भ में बिना मुरझाए महकने के माने क्या होते हैं
ANS ;- कविता की तुलना फूल से करते हुए कवी कहता है कि अपनी सुगंध के लिए प्रसिद्ध फुल क्षणभंगुर होते हैं वह अपनी सुंदरता से सभी को लुभाते हैं और उसकी सुगंध सभी को आनंद प्रदान करती है लेकिन कुछ समय में उसे मुरझाना होता है ऐसे ही उसकी आभा और सुगंध दोनों समाप्त हो जाती है दूसरी ओर कविता एक ऐसा पुष्प है जो निरंतर चलती रहती है अनंत काल तक उसकी आभा और सुगंध कभी समाप्त नहीं होती है।
Q ;- 11 भाषा को सहूलियत से बरतने ने से क्या अभिप्राय है।
ANS;- भाषा को सहूलियत से बरतने का अर्थ यह है कि रचनाकार भावों के अनुरूप ही सरल सहज भाषा का उपयोग हमें करना चाहिए क्योंकि अगर हम अपनी भाषा का सही रूप से उपयोग नहीं करेंगे । तो कोई भी उन्हें पसंद नहीं करेंगे लेकिन अगर हम भाषा का उपयोग सही रूप से और सरल तरीके से करेंगे करते हैं तो सभी लोग उन्हें पसंद करते हैं।
अथवा
कवी अपनी भाषा को इस तरह से समाझ में पेश करना चाहता है की उसकी भाषा सरल हो स्पष्ट हो और सभी को समझ में आजाये . भाषा को सहूलियत से वर्तना बहुत ही जरुरियो है क्योकि भाषा ही वह अस्त्र या शब्द है जो हमें सम्मान और अपमान दोनों दिला सकती है
पाठ 4
कैमरे में बंद अपाहिज
Q ;-12 कमरे में बंद अपाहिज करुणा के मुखेटी में छपी कुरुर्ता की कविता है विचार कीजिए।
ANS ;- कमरे में बंद अपाहिज कविता सामाजिक सरोकार का एक संवेदन सिल कविता है । इस कविता में यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार से दूरदर्शन मीडिया कर्मी एक विकलांग व्यक्ति के प्रति सहानुभूति दिखाने की आड़ में एक लाइव शो के दौरान उसे उसकी विकलांगता को लेकर ऐसे बेतुके और अपमानजनक प्रश्न पूछता है कि पहले से ही अपने दुखों के पहाड़ से दबाव विकलांग व्यक्ति और दुखो में डूब उठता है विकलांग व्यक्ति के दर्द को साझा करने की बाहरी कोशिश के पीछे का सच अत्यंत घिनौना दिखाई देता है।
Q ;- 13 पर्दे पर व्यक्ति की कीमत है कहकर कभी ने पूरे साक्षात्कार के प्रति अपना नजरिया किस रूप में रखा है।
ANS ;- कवि उपयुक्त पंक्ति के माध्यम से कहना चाहते हैं कि विकलांग के साक्षात्कार के पीछे का छिपा सच उजागर किया है वास्तविकता यह है कि पर्दे पर दिखाई जाने वाले कार्यक्रमों की कीमत उनकी समय अवधि से निर्धारित होती है उन्हें किसी विकलांग की पीड़ा अथवा उसकी संवेदनाओं में कोई रुचि नहीं होती है उनका उद्देश्य तो कम से कम समय में पर्दे पर दर्शकों के माध्यम से किसी भी गरीब लाचार व्यक्ति के घावों को उदित कर उससे उत्पन्न जन भावनाओं का बाजार खड़ा करना होता है।
पाठ 5
उषा
Q ;- 14 अपने परिवेश के उपमानों का प्रयोग करते हुए सूर्योदय और सूर्यास्त का शब्द चित्र कीजिए।
ANS ;- प्रातः काल जब सूर्य उगता है तो बहुत ही मनमोहक दिखाई देता है बहुत ही सुहाना दिखाई देता है । सुबह-सुबह की चिड़ियों की चक - चहाहक आसमान का रंग बदलना सब मनमोहन दिखाई देता है । जब रात आती है तो अंधेरा समझ आता है चारों तरफ अंधेरा दिखाई देता है मुर्गे की बंग दूर तक सुनाई नहीं देती है अब चारों ओर उजाला फैलने लगा है लगता है सूर्योदय होने वाला है आकाश का रंग भी जलते कोयले की अंगीठी सरिका लाल हो गया है।
Q ;- 15 उषा कविता में कवि ने भर के नव की तुलना किस की है।
ANS ;- उषा कविता में कवी शमशेर बहादुर सिंह ने भोर के नव की तुलना नीले शंख से की है।
पाठ 6
बादल राग ।
Q ;- 16 अस्थिर सुख पर दुख की छाया पंक्ति में दुख की छाया किसे कहा गया है।
ANS ;- अस्थिर सुख पर दुख की छाया पंक्ति में कवि ने दुख की छाया मानव जीवन में आने वाले सुख और दुख को माना है कवि का ऐसा विचार है कि संसार में सुख और दुःख के स्वभाव चंचल होता है यह स्थाई नहीं होता है आज सुख है तो कल दुख है । सुख और दुख दोनों छाया की तरह होते हैं जो सदा इन एक साथ चलते रहते हैं।
पाठ 7
कवितावली / लक्ष्मण मुचर्छा और राम का विलाप
Q ;- 17 स्पष्ट करें कि तुलसीदास को अपने युग की आर्थिक विषमता की अच्छी समझ है
ANS ;- तुलसीदास कृत कवितावली में उद्धत छंदों से स्पष्ट पता चलता है कि तुलसीदास जी को अपने युग की आर्थिक विषमता की गहरी समझ थी समाज के विभिन्न वर्गों में यह आर्थिक विषमता तत्कालीन समाज में व्याप्त अत्यधिक बेकारी के कारण उत्पन्न हुई थी। काम धंधा के बहुत अभाव था किसान के लिए खेती की व्यवस्था नहीं थी भिखारी के लिए कोई भिक्षा देने वाला नहीं था व्यापारी के पास व्यापार नहीं था उसे समय इस तरह से व्यवस्था फैली हुई थी।
Q ;- 18 पेट की आग का शमन ईश्वर भक्ति का मेघ ही कर सकता है स्पष्ट कीजिए।
ANS ;- पेट की आग का संबंध ईश्वर भक्ति का मेघ ही कर सकता है तुलसीदास जी का यह वाक्य सत्य आज के समय में भी सत्य जान पड़ता है वास्तव में मनुष्य को अपने पेट की भूख को शांत करने के लिए पुरुषार्थ करने की आवश्यकता होती है यदि व्यक्ति सही रूप से अपना कर्म नहीं करता है तो उसे सही परिणाम नहीं मिलता है ऐसे में ईश्वर स्मरण के साथ किए गए कार्य के परिणाम अधिक संतोषजनक और स्थाई होते हैं
पाठ 8
रुबाइया
Q ;- 19 गोदी के चांद और गगन के चांद का रिश्ता का भावार्थ कीजिए
ANS ;- गोदी का चांद से हमारा आशा यह है कि एक मां के लिए सबसे सुंदर वस्तु उसका बच्चा होता है आकाश के चांद के साथ भी उसके बच्चे की तुलना मां को अच्छी नहीं लगती है चांद अपने दाग धब्बों के कारण सुंदरता के मायने में उसके बच्चे के कोमल हाव-भाव वाले मधुर मुस्कान से कम है। और दूसरी और गगन का चांद बच्चे का खिलौना है वह उसे देखकर उसे पाने के लिए हट करता है
Q ;- 20 सावन की घटाएं व रक्षाबंधन का पर्व भावार्थ कीजिए।
ANS ;- सावन की घटाओ में और रक्षाबंधन के पर्व में गहरा संबंध दिखाई देता है। क्योंकि रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास में आता है इस माह तेज बारिश होती है रक्षाबंधन का पर्व भी भाई-बहन के अटूट प्रेम का अनुपम एवं पावन पर्व है राखी के चमकते रेशमी धागे भी ठीक ऐसे ही लगते हैं जैसे सावन की घनघोर घटाएं। वास्तव में सावन का जो संबंध झीनी घाटा से से है घटा का जो संबंध बिजली से है वही संबंध भाई का अपनी बहन से होता है।
पाठ 9
छोटा मेरा खेत / बगुलो के पंख
Q ;- 21 छोटे चोकोने खेत को कागज का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है
ANS ;- छोटे चौकने खेत को कागज का पन्ना कहने का अर्थ यह है कि कागज को किसी किसान के चौकोर छोटे खेत के समान ही मानता है। कवि का मानना है कि कभी गर्व वास्तव में कृषि कर्म के समान ही है जिस प्रकार कोई किसान अपने खेत में बीज की बुवाई करके उसे पर कड़ी मेहनत के साथ फसल उगाता है उसी प्रकार एक कभी भी अपने चौकोर कागज रूपी खेत पर विचार रूपी बीज बोकर तथा कल्पना रूपी खाद पानी देकर उसे सबके सामने पेश करता है।
Q ;- 22 रचना के संदर्भ में अंधड़ और बीज क्या है।
ANS ;- उमाशंकर जोशी कृत्य संकलित कविता छोटा मेरा खेत के संदर्भ में अंदर भावनात्मक आवेग की आंधी और बीज विचार एवं अभिव्यक्ति का प्रतीक है कवि का मानना है की भावनात्मक आवेग से कवि के मन में एक विचार उदित होता है इसमें कल्पना की उड़ान भरकर कवी एक काव्य रचना का सृजन करता है।
भक्तिन पाठ 10
Q ;- 23 भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी।
ANS ;- भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से इसलिए छपती थी क्योंकि उसका वास्तविक नाम लक्ष्मी था लेकिन नाम के अनुरूप वह नहीं थी। भक्ति समझदार वह बुद्धिमान नारी थी जो इस नाम को बढ़ाकर उपहास का पात्र बनना नहीं चाहती थी शायद व्यवहारिक जीवन और नाम का मेल ना मिलने के कारण वास्तविक नाम को गुप्त रखना था .
Q ;- 24 भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती कैसे हो गई।
ANS ;- भक्तिन स्वयं को ना बदल कर दूसरों को अपने अनुसार बदल देती थी मकई को बना रात दलिया सवेरे माथे से खाना बाजरे के तिल लगाकर बनाए गए पोहे ज्वार के बुने गए भुट्टे के हर दानों की खिचड़ी । अनचाहे खाना पड़ता था। भक्ति ने लेखिका को अपनी पसंद का भोजन खिला कर देहाती बना दिया था इस प्रकार भक्तिन के आ जाने से महादेवी देहाती हो गए।
Q ;- 25 महादेवी वर्मा मैं स्वयं वह भक्तिन के मध्य किस संबंध को नकारा है
ANS ;- महादेवी वर्मा ने स्वयं वह भक्तिन के मध्य सेवा स्वामी के संबंध को नकारा है क्योंकि वह भक्ति से असंतुष्ट होने पर भी उसे सेवा से हटा नहीं सकती थी और भक्ति भी उन्हें छोड़ नहीं सकती थी।
पाठ 11
बाजार दर्शन
Q ;- 26 बाजार का जादू चढ़ने और उतरने पर मनुष्य पर क्या-क्या असर पड़ता है।
ANS ;- बाजार के सुंदर रूप का जादू जब चढ़ने लगता है तो मनुष्य यथार्थ की चीज खरीदना चालू कर देता है। जब उसकी इच्छाएं जागती है तो उसे वस्तु खरीदने के लिए वह तैयार हो जाता है और वह उन वस्तुओं को देखा है जो वस्तुएं उसके पास नहीं है उन्हें वह खरीदने का प्रयास करता है ।
Q ;- 27 बाजार दर्शन में किस प्रकार के ग्राहकों की बात हुई है।
ANS ;- बाजार दर्शन पाठ में कई प्रकार के ग्राहकों की बात हुई है जिसे परचेसिंग पावर का प्रदर्शन करने वाले ग्राहक खाली मन भरी जेब वाले ग्राहक भरे मां और भारी जब वाले ग्राहक खाली मन और खाली जेब वाले ग्राहक जैसे दिखाई देते हैं।
Q ;- 28 प्रेमचंद की कहानी ईदगाह के हमिद और उसके दोस्त का बाजार से क्या संबंध बनाता है स्पष्ट कीजिए
ANS ;-ईदगाह प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी है। जिसका नायक हमीद है हामिद मेले में अपने दोस्तों के साथ जाता है । जब हम मेले में जाता है तो उसे बहूत से खिलौने दिखाई देते हैं। उसके पास पांच पैसे या दो पैसे हैं हामिद के पास केवल दो पैसे थे उसका मन मिठाई खाने तथा खिलौने खरीदने को होता है अन्य बच्चे मिठाई व खिलौने खरीदते हैं परंतु हमें चिमटा खरीदना है प्रत्येक बालक का उसे बाजार में अपना-अपना संबंध है परंतु बाजार से समस्त बच्चे आकर्षित होते हैं ।
Q ;- 29 जेब के भरे होने और मन के खाली होने पर मन की क्या दशा होती है
ANS ;- जेब के भरे होने और मन के खाली होने पर मन किसी की नहीं मानता है वह चाहता है यह भी ले लूं वह भी ले लूं सभी सामान आवश्यक व आरामदायक मालूम होता है।
पाठ 12 काले मेघा पानी दे
Q ;- 30 लोगों ने लड़कों की टोली को मेंढक मंडली नाम किस आधार पर दिया।
ANS ;- गांव के कुछ लोगों को किशोर लड़कों उनकी मस्ती करना रोड पर कीचड़ फैलाना मेंढक की तरह टर्टल करना शोर शराबा करना बिल्कुल पसंद नहीं आया था। इन सब बातों को वह अंधविश्वास मानते थे इसी आधार पर लड़कों की टोली को मेंढक मंडली नाम दिया गया था।
Q ;- 31 इन्दर सेना सबसे पहले गंगा मैया की जय बोलते हैं नदियों का भारतीय सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश में क्या महत्व है।
ANS ;- इन्दर सेना सबसे पहले गंगा मैया की जय बोलता है इसका कारण है नदिया ही मानव जीवन का आधार होती है भारत में गंगा नदी को मां के समान सम्माननीय व पवित्र नदी मानी जाती है हर धार्मिक व सामाजिक कार्य में गंगाजल का उपयोग किया जाता है भारत के साथ-साथ विश्व की सभी सभ्यताओं का जन्म नदियों के किनारे ही हुआ है। भारत के बड़े-बड़े नगर नदियों के किनारे ही बसे हुए हैं।
पाठ 3 पहलवान की ढोलक
Q ;- 32 कुश्ती के समय ढोल की आवाज और लोटन के दावपेच में क्या तालमेल था।
ANS ;- कुश्ती के समय ढोल की आवाज और लोत्टन के दाव पेज में बहुत ही अच्छा तालमेल था ढोल की लाल करती हुई आवाज उसमें बिजली उत्पन्न कर देती थी लोटन को लगता मालूम ढोल की आवाज उसे कुश्ती के दाव पर सीख दे रही है जिसका कारण था लोटन में कुश्ती करना किसी गुरु से नहीं सीखा था पर ढोलक ही उसकी गुरु थी।
Q ;- 33 लोटन पहलवान ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं यही ढोलक है
ANS ;- लोत्टन पहलवान ढोल को ही अपना गुरु मानता था इसी की आवाज के प्रताप से ही वह पहलवान बना था। श्याम नगर के दंगल में ढोल की ललकार आई आवाज नहीं उसकी नसों में बिजली उत्पन्न कर दी थी। और इसके साथ उसने पंजाब के चांद सी पहलवान को भी पराजित किया था वह अपने दोनों बेटों से कसरत करवाता और कहता रहता था की ढोलक की आवाज पर पूरा ध्यान दें यही हमारे गुरु है।
Q ;- 34 ढोलक की आवाज का पूरे गांव पर क्या असर होता है
ANS ;- सर्दी के मौसम और अमावस्या की ठंडी काली रात हेंजें मलेरिया जैसी बीमारी से पीड़ित गांव बहुत डरा हुआ था चारों ओर अंधेरा हुआ सन्नाटा छाया हुआ दिखाई दे रहा था जब ढोलक की आवाज संध्या से प्रातः तक गांव वालों को सुनाई दे रही थी यह ढोलक की आवाज पुर गांव वालों को संजीवनी बूटी के समान लग रही थी
Q ;- 35 राजा के द्वारा कुश्ती लड़ने की आज्ञा मिलते ही दर्शक क्या करने लगे
ANS ;- राजा के द्वारा कुश्ती लड़ने की आज्ञा मिलते ही बाजे बजने लगे दशकों में फिर उत्तेजना फैल गई कोलाहल बढ़ गया मेले की दुकानदार दुकान बंद करके दौड़े चांद जी की कुश्ती है की जोड़ी चांद की कुश्ती हो रही है। देखने जा रहे थे
पाठ 14 शिरीष के फूल
Q ;- 36 लेखक ने शिरीष को कालजई अवधूत की तरह क्यों माना जाता है।
ANS ;- द्विवेदी जी ने शिरीष को कालजई अवधूत कहा है इसका कारण यह है कि जिस प्रकार अवधूत सांसारिक बंधनों से ऊपर उठकर विजेता का मंत्र देता है सुख-दुख भीषण कष्ट और कठिनाइयां संघर्षों में भी जीवन रस प्राप्त कर लेता है उसी प्रकार सीरीज जीत की तपती गर्मी को सहनकर जीवन में आगे बढ़ता है।
Q ;- 37 हृदय की कोमलता को बचाने के लिए व्यवहार की कठोरता भी कभी-कभी जरूरी होती है स्पष्ट कीजिए।
ANS ;- व्यक्ति को अपना हृदय कोमल बनाने के लिए अपने व्यवहार में कठोरता लानी पड़ती है व्यवहार में कठोर होने पर भी वह संघर्षों कठिनाइयां बधाओ का सामना कर पता है प्राणी अनेक विपरीत दशाओं में भी हृदय की कोमलता व सरलता को पाने में सफल होता है।
Q ;- 38 शिरीष का पेड़ कब से कब तक खिलता है।
शिरीष का फूल बसंत ऋतु में खीलना शुरू हो जाता है परंतु वह अपना सौंदर्य जेठ की जलती धूप में बिखरता है शिरीष नीचे से ऊपर तक चलकर सबको अपना सौंदर्य प्रदान करता है उसका मन रमता है तो आषाढ़ भादो सब खिलता है।
पाठ 15
श्रम विभाजन और जाति प्रथा।
मेरी कल्पना का आदर्श समाज
Q ;- 39 जाति प्रथा को श्रम विभाजन का ही एक रूप न मानने के पीछे अंबेडकर के क्या तर्क हैं।
ANS ;- अंबेडकर की जाती प्रथा को श्रम विभाजन का रूप नहीं मानते हैं। इसके लिए उन्होंने अनेक तर्क दिए हैं सर्वप्रथम तो जाति प्रथा जन्म के आधार पर जातियों का विभाजन करती है जबकि श्रम विभाजन में कार्य कुशलता के लिए पैसों का वर्गीकरण किया जाता है। जाति प्रथा श्रमिकों का विभाजन कर उन्हें उच्च नीच का भेद प्रदान करती है।
Q ;- 40 लेखक के मत से दासता की व्यापक परिभाषा क्या है
ANS ;- लेखक का मानना है कि जब किसी व्यक्ति को अपना व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता नहीं होती है तो यह भी एक दस्ता ही है।
Q ;- 41 मनुष्य की क्षमता किन तीन बातों पर निर्भर करती है
मनुष्य की क्षमता निम्नलिखित बातों पर निर्भर करती है।
- शारीरिक वंश परंपरा
- सामाजिक उत्तराधिकार
- मनुष्य के अपने प्रयत्न
वितान: पाठो पर आधारित महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
Q ;- 42 यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ बदल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं ऐसा क्यों।
Q ;- 42 स्वयं कविता रस लेने का आप विश्वास लेखक के मन में कैसे पैदा हुआ।
Q ;- 43 कविता के प्रति लगाव से पहले और उसके बाद अकेलेपन के प्रति लेखक की धारणा में क्या बदलाव आया।
Q ;- 44 लेखक के पिता ने आनंद को पाठशाला भेजते समय क्या शर्त रखी थी
- दिन निकलते ही खेत पर जाकर पानी देना होगा वह दूसरे काम करने होंगे
- सुबह खेत पर जाते समय बस्तर साथ ले जाना होगा
- 11:00 बजे खेत से सीधा पाठशाला पहुंचना होगा
- छुट्टी होते ही घर में बस्तर रखकर सीधे खेत पर आकर घंटा भर ढोर चराना होगा ।
Q ;- 45 सिंधु सभ्यता साधन संपंती पर उसमें भव्यता का आडंबर नहीं था कैसे।
Q ;-46 सिंधु सभ्यता की खूबी उसका सौंदर्य बोध है जो राजपोषित या धर्म पोषित ना होकर समाज पोषित था ऐसा क्यों कहा गया।
Q ;- 47 मोहनजोदड़ो के घरों की क्या विशेषता थी।
अभिव्यक्ति और माध्यम
Q ;- 1 जनसंचार क्या है।
Q ;- 2 प्रमुख जनसंचार माध्यम कौन-कौन से हैं
Q ;- 3 वर्तमान छापेखाने का आविष्कार किसने और कहां किया ?
Q ;-4 उल्टा पिरामिड शैली के तहत समाचार को कितने वर्गों में बांटा जाता है।
Q ;- 5 इंटरनेट क्या है
Q ;- 6 रेडियो समाचार की संरचना किस शैली में होती है स्पष्ट कीजिए
Q ;- 7 डेक्स किसे कहते हैं ।
- दो रचना
- भाव पक्ष कला पक्ष
- साहित्य में स्थान
- दो रचनाएं
- भाषा शैली
- साहित्य में स्थान
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