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भारतीय संविधान की विशेषताओं को विस्तार से समझाइए

भारतीय संविधान की विशेषताओं को विस्तार से समझाइए bhartiy samvidhaan ki visheshtayo ko vistaar se samjhaiye 

हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी आपके सामने लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपके लिए भारतीय संविधान की विशेषताओं को विस्तार से समझाइए bhartiy samvidhaan ki visheshtayo ko vistaar se samjhaiye से सम्बंधित सभी जानकारी आपके सामने लेकर आ रहा हु इस लेख में हम सभी जानकारी को देखेंगे .

भारतीय संविधान की विशेषताओं को विस्तार से समझाइए

भारतीय सविधान की विशेषताऐ 

लिखित सविधान 

भारतीय सविधान अमेरिका सविधान की तरह लिखित सविधान है भारतीय सविधान विश्व का सबसे लम्बा लिखित सविधान है इसमें सभी प्रशाशनिक विभागों का अध्यान किया गया है वर्णन किया गया है .भारतीय सविधान में कुछ विषय 1935 अधिनियम को भी सामिल किया गया . इस कारण यह लम्बा है 

लोकतान्त्रिक गणराज्य

सविधान ने भारत में एक लोकतान्त्रिक गणराज्य की स्थापना की है लोकतान्त्रिक शव्द इस रूप में निहित है की सरकार की शक्ति का स्त्रोत जनता में निहित है की सरकार की शक्ति का स्त्रोत जनता में है गणराज्य से तात्पर्य ऐसे राज्य से है जहा एक शाशन अध्यक्ष वंशानुगत न होकर जनता दुवारा निर्वाचित होता है .

संसदीय शाशन प्रणाली 

भारतीय सविधान के दुवारा देश में संसदीय शाशन व्यवस्था लोकतंत्र के हाथ में डी गई है . संसदात्म्क व्यवस्था में संसद की प्रधानता रहती है और यह जनता का प्रतिनिधित्व करती है .केंद्र और राज्य के शाशन राष्ट्रयपति और राज्य पाल के नाम से चलाये जाते है भारत में दिव्स्द्नात्मक केन्द्रीय विधायका की व्यवस्था की गई है 

मोलिक अधिकार एवं कर्तव्य 

भारतीय सविधान के भाग -3 में मोलिक अधिकार को सम्लित किया गया है ये मोलिक अधिकार व्यक्तियों को राज्य के विरुद्ध प्राप्त ऐसे स्धिकार है जिनका अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है .

राज्य के निति निर्देशक तत्व 

आयरलेंड के सविधान से प्रेरित निति - निर्देशक तत्व भारतीय सविधान की अनूठी विशेषता है , जिसका कार्य सामाजिक व आर्थिक लोकतान्त्रिक को बढावा मिलता है तथा भारत में कल्याणकारी राज्य की स्थापना होती है . 

सार्वभोमिक वयस्क मताधिकार

सविधान बिना किसी भेदभाव के सभी व्यस्क नागरिको को जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है को बिना किसी भेदभाव के मतदान प्रदान करता है अनुसूचित जातियों व जनजातियो को उपयुक्त प्रतिनिधि देने के उद्देश्य से कुछ स्थान सुरक्षित कर दिया गया है .

स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्याय पालिका 

सविधान दुवारा एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष नियाय्पालिका की व्यवस्था की गई है .तथा यह सुनिश्चित किया गया है की न्यायपालिका पर कार्यपालिका का दवाब न रहे और केंद्र एवं राज्य सरकारों के मध्य विवाद की स्तिथि में निष्पक्ष रूप से नियाय कर सके . 

न्याय पालिका की सरचना में शिखर पर सर्वोच्य न्यायलय है व सर्वोच्य न्यायलय के अधीन राज्य स्तर पर उच्च न्यायलय की व्यवस्था की गई है और उच्य न्यायलय के अधीन अन्य न्यायलय है .

आपातकालीन प्रावधान 

सविधान निर्माताओ को यह अनुमान था की कभी ऐसी असाधारण स्तिथि आ सकती है जब सामान्य परिस्थिथि की भांति सरकार चलाना सम्भव न हो .ऐसे कठिन समय का सामना करने हेतु संविधान में आपात उप्वंध की व्यवस्था की 

  • सविधान में 42 वे सविधान संसोधन दुवारा भाग iv [A] में मोलिक अधिकार कर्तव्य जोड़े गए है
  • जिनका उद्देश्य नागरिको को याद दिलाना है उन्हें लोकतांत्रिक व्यवहार के कुछ नियमो व मान्यताओं का पालन की गई
  • सविंधान के निर्माण हेतु सविधान सभा ने 22 समितियों का गठन किया . 
  • इनमे से 12 समितिया मूल मामलो से सम्बन्धित थी
  • 10 समितिया कार्यविधि मामलो से सम्बन्धित थी 


दोस्तों इस लेख में हमने आपको भारतीय संविधान से सम्बन्धित सभी जानकारी को आपके सामने रखा है इस लेख के माध्यम से आप भारतीय संविधान की विशेषताओं को विस्तार से समझाइए bhartiy samvidhaan ki visheshtayo ko vistaar se samjhaiye लिखित सविधान मोलिक अधिकार एवं कर्तव्य से सम्बंधित जानकारी को देखेंगे 

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