द्वैध शासन की शुरुआत कब हुई? dvaidh shaasan kee shuruaat kab huee?
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर आ रह्य हु इस लेख में हम आपको द्वैध शासन की शुरुआत कब हुई? dvaidh shaasan kee shuruaat kab huee? से सम्बंधित जानकारी को देखेंगे जिससे यह लेख आपको सभी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा आप इसके माध्यम से किसी भी परीक्षा की तैयारी कर सकते है
द्वैध शासन 1765 से 1872 तक
इलाहबाद की संधि के बाद फ्लाइट में 1765 में मुगल बादशाह के एक फरमान द्वारा बंगाल बिहार और उड़ीसा के दीवानी अंग्रेजी कंपनी के लिए प्राप्त कर ली थी तथा बंगाल में शासन की नई व्यवस्था लागू की उसे दुवेद शासन कहा गया।
द्वेद शासन व्यवस्था क्या है
जब कोई एक शासक दो शासन को चलाये उसे ही हम द्वेद शासन व्यवस्था कहते है द्वेद शासन का सिधांत सबसे पहले लियोनेल कर्टिस नमक अंग्रेज ने अपनी पुस्तक डायक्री में लिखा था बाद में यह व्यवस्था अंग्रेजो 1919 के भारतीय शासन व्यवस्था या भारतीय शासन अधिनियम के अंर्तगत भारत में लागू की जिसके कारण सभी प्रान्तों में द्वेद शासन व्यवस्था लागु हुई .
बंगाल बिहार और उडीसा में द्वेद शासन व्यवस्था
जब अंग्रेजो को बंगाल विहार और उडीसा में 1765 में बंगाल , बिहार और उडीसा में भू राजस्व वसूलने का अधिकार ईस्ट इंडिया कम्पनी के हाथ में था और शासन बंगाल के नाम से चलाया जाता था तो हम यह मान सकते है की सत्ता के दो केंद्र थे बंगाल के वबाव के नाम से चलाया जाता था और कर अंग्रेज बसुलते थे बंगाल में द्वेद शासन के जनक रॉबर्ट क्लाइब को माना जाता है
निजाम के हाथ में
दीवानी और निजामत कर वसूल करने की कार्य दीवानी के अंतर्गत आता तथा सैनिक शक्ति और न्याय का कार्य निजाम के अधीन होता था
इलाहाबाद की संधि के द्वारा अंग्रेज कंपनी मुगल बादशाह की ओर से दीवानी बन गई और इसके बदले में कंपनी ने 26 लाख रुपए प्रति वर्ष मुगल बादशाह को देना स्वीकार किया बंगाल के नवाब को निजाम अर्थात शासन शांति व्यवस्था बाहरी आक्रमण ,सुरक्षा ,फौजदारी का न्याय ,करने का अधिकार रहा शासन को इन दोनों भागों में बढा दिया गया था इसलिए इसे शासन या दोहरा शासन कहा गया
बंगाल के नवाब
शासन को इन दो भागों में भर दिया गया तथा इसलिए इसे द्वैध शासन या दोहरा शासन कहा गया इसके द्वारा बंगाल के शासन का अधिकार कंपनी के अधिकार में आ गया था परंतु कंपनी ने इस उत्तरदायित्व को खुले रूप से नहीं संभाल है क्योंकि लाइव को डर था कि प्रत्यक्ष राजनीतिक शक्ति हाथ में लेने से भारतीय नरेशों में विद्रोह की भावना उत्पन हो जाएगी .
बंगाल की शासन कंपनी और नवाब के बीच विभाजित हो गई और व्यावहारिक रूप से कार्य बंगाल के अधिकारियों के हाथ में रहा
कम्पनी की जबाव दारी
- कंपनी जब दीवान बन गई तब उससे यही आशा की गई कि वह कम से कम शासन के एक भाग का प्रत्यक्ष उत्तरदायित्व संभालेगी अर्थात कंपनी कम लगान वसूल करने की उचित व्यवस्था कर सैनिक न्याय का प्रबंध करें किंतु लाइव कोई प्रत्यक्ष जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता था
- बंगाल की शासन व्यवस्था की पिछड़ी से अपने अधिकारों को दूर रखने के लिए उसने दीवानगी के कार्य के लिए एक नया नया बंगाल के लिए और एक नया बिहार के लिए चुना
- बंगाल में उसने मोहम्मद राजा खान को तथा बिहार के राजा किताब राय को नया दीवान बनाया
- यह कर्मचारी मुर्शिदाबाद और पटना में रहकर कार्य करते थे
- दिवानी का व्यावहारिक रूप में कार्य यह दोनों अधिकारी करते थे और कंपनी को तो केवल अधिकार से अधिक आय प्राप्त करने में रुचि थी
नबाव का अधिकार
- निजाम के अधिकार यद्यपि नवाब के हाथ में थे किंतु सैनिक शक्ति कंपनी के ही हाथ में थी
- आंतरिक शांति और बाहर आक्रमण की सुरक्षा प्राप्त करने के लिए कंपनी नवाब को सहायता देती थी
- कानून तरीके से प्राप्त नवाब के अधिकारों का वास्तविक प्रयोग नहीं करती थी
- इस प्रकार मोहम्मद राजा खान नवाब निजाम के साथ नायाब निजाम भी बन गया और 1772 ईस्वी तक इन सूबे का शासन उसके हाथ में रहा
कम्पनी की व्यवस्था
- कंपनी ने शासन व्यवस्था स्पष्ट अपने हाथ में नहीं ली
- वह कंपनी के भारतीय कर्मचारियों पर दवाव डाल सकती थी
- वह ऐसी शासन व्यवस्था थी जिसमें कंपनी ने वास्तविक सत्ता अपने हाथ में लेकर शासन के उत्तरदायित्व को संभालने सेमना कर दिया था
- अपने हाथ की कठपुतली को उत्तरदाई संभालने के लिए वाद्य किया
- यही द्वेद शासन का मूल उद्देश्य था
- ऐसी व्यवस्था कभी सफल नहीं हो सकती थी और 7 वर्ष के भीतर ही बंगाल में शासन और न्याय की व्यवस्था में अत्यधिक गिरावट आ गई
- नवाब के हाथों में कोई अधिकार नहीं थे इसलिए वह शासन से अलग हो गया.
- कंपनी में प्रत्यक्ष रूप से अपने को उत्तरदायित्व नहीं मान कर इस स्थिति में शासन का कमजोर होने पर अराजकता फेलना स्वाभाविक था।
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Q ;- 1 बंगाल में द्वेद शासन की स्थापना कब और कैसे हुई ?
ANS ;- बंगाल में द्वेद शासन व्यस्व्था रावट क्लाइव के दुवारा 1765 में की गई थी
Q ;- 2 केंद्र में द्वेद शासन व्यवथा कब हुई थी
ANS ;- केंद्र में द्वेद शासन व्यवस्था 1935 में हुई थी
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दोस्तों इस लेख में हमने आपको द्वेद शासन की व्यवस्था से सम्बंधित जानकारी को आपके सामने रखा है जिससे आपको कसी भी परीक्षा के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है इस लेख में हम द्वैध शासन की शुरुआत कब हुई? dvaidh shaasan kee shuruaat kab huee? बंगाल में द्वेद शासन की स्थापना कब और कैसे हुई ? केंद्र में द्वेद शासन व्यवथा कब है .
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