पेशवा बालाजी राव का इतिहास - Veer balak bajirao ka sambandh kis rajya se hai
हेलो दोस्तों आज फिर आपको एक महत्वपूर्ण टोपिक में हम आज आपको मराठा साम्राज्य का एक ऐसा दीपक जिसके उजाले ने एक बार फिर स्वतन्त्रता की ज्योत जलाई थी शिवाजी महाराज के बाद एक बार फिर मराठा साम्राज्य का विकास करने के लिए वीर पेशवा बाजीराव पेशवा बालाजी राव का इतिहास - Veer balak bajirao ka sambandh kis rajya se hai का जन्म माना जाता है
मराठा साम्राज्य का उदय
18वीं शताब्दी के मध्य तक दक्षिण में मराठाओ की शक्ति का उदय हो चुका था महाराज साहू के काल में पेशवाओं की शक्ति बहुत बढ़ गई थी बालाजी विश्वनाथ पेशवा 1714 से 1720 मराठा शक्ति में प्रथम 1740 के प्रयासों से मराठा की शक्ति बढ़ गई थी तथा भारत में मराठा साम्राज्य ने अपनी शक्ति का विस्तार गुजरात ,नागपुर, इंदौर, और ग्वालियर, तक कर लिया था इतना ही नहीं उन्होंने तो दिल्ली के मुगल सम्राट और हैदराबाद के निजाम तक अपना प्रभाव स्थापित कर बहुत से प्रदेश प्राप्त कर लिए थे तथा उनसे धन की वस्तु प्राप्त कर रहे थे
पेशवा बाजीराव का जन्म
पेशवा बाजीराव का जन्म 18 अगस्त 1700 ई को श्रीमंत पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट का जन्म नासिक में हुआ था
पेशवा बाजीराव की पत्निया
पेशवा बाजीराव की पहली पत्नी का नाम काशीबाई थी जिनके 3 पुत्र थे बालाजी बाजी राव , रघुनाथ राव और दूसरी पत्नी मस्तानी थी
बाजीराव पेशवा के वंशज
- बालाजी विश्वनाथ 1714 से 1720 तक
- प्रथम बाजीराव पेशवा 1720 से 1740 तक
- बालाजी बाजीराव पेशवा / नानासाहेव पेशवा 1740 से 1769
- माधव राव बल्लाल पेशवा 1761 से 1772
- नारायण राव पेशवा 1772 से 1774
- रघुनाथराव पेशवा 1772 से 1774
- सवाई माधव राव पेशवा 1774 से 1795
- दुसरे बाजीराव पेशवा 1796 से 1818
- दुसरे नाना साहेब पेशवा [ सिहासन पर नहीं बैठा ]
बाजीराव पेशवा के वंशज
- बालाजी बाजी राव
- रघुनाथ राव
- शमशेर बहादुर
- जनरधन राव
पेशवा बाजीराव की पुत्री
बाजीराव के काल में कुछ मराठा सरदार बहुत शक्तिशाली हो गए और उन्होंने मराठा संघ की स्थापना की केंद्रीय सरकार पुणे में ही राखी थी बजिराब ने शक्ति को अपने पास रखा था तथा इन सबको केंद्रीय सरकार के अधीन रखा बाजीराव रण कौशल में बेजोड़ थे उनकी म्रत्यु 40 वर्ष की अल्प आयु में उसका निधन हो गया।
- सिंधिया को ग्वालियर
- होलकर को इंदौर
- गायकवाड को बड़ौदा
- नागपुर भोंसले को दे दिया
पेशवा बजिराब का शासन
पेशवा बालाजी बाजीराव 1740 से 1761 ई बालाजी बाजीराव 19 वर्ष की आयु में पेशवा बना वह अपने पिता के समान योग्य सैनिक कुशलता उसमें बहुत थी बालाजी के समय भी पेशवा का प्रभाव बना रहा वहीं मराठा के राजनीतिक का केंद्र बना रहा था
वह कुशल प्रशासक तथा अपने पिता की नीति का अनुसरण कर साम्राज्य का विस्तार किया मालवा और बुंदेलखंड में मराठा शक्ति को संगठित किया रुहेलखंड पर आक्रमण कर उसे बर्बाद किया उड़ीसा पर मराठा का अधिकार हो गया था बंगाल के नवाब अली वर्दी पर आक्रमण किया तथा उसे मराठा की शर्तें मानने को विवस होना पड़ा
- उत्तर भारत में मराठों ने अपनी शक्ति का विस्तार किया
- सितंबर 1757 में दिल्ली पर अधिकार कर लिया
- इसी क्रम में मराठों ने पंजाब पर अधिकार करने का निश्चय किया
- पंजाब मुल्तान और कश्मीर को अपने राज्य के अंतर्गत कर लिया तथा अपने पुत्र को इन पर शासक नियुक्त किया
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