भीषण गर्मी का प्रकोप क्या करें उपाय। bhishan garmi ka prakop kya kare upay in hindi
भीषण गर्मी पर लेख
कहते हैं मनुष्य अब तो बाज में आ जा अब तो अपनी गलती मान ले अब तो सीख ले . वह ईश्वर भी अगर हमें सीखाने पर आ गया तो हम क्या हमारा अस्तित्व भी नहीं बचेगा लोग कहते हैं कि प्रकोप आएगा प्रकोप आएगा क्या असल में पता है प्रकोप कैसा होता है नहीं पता तो बाहर निकल कर देखिए सूर्य की जो रोशनी है कहीं 45 तो कहीं 46 तो कहीं 48 डिग्री को पार कर रही है क्या यह प्रकोप नहीं है और अगर हम अभी नहीं सुधरे अगर हम अभी बाज नहीं आए तो आने वाला वक्त सही रूप से हमें प्रकोप दिखाएगा।
शरीर पांच तत्वों का बना है पांचो तत्व इस पृथ्वी पर है और जब यह पांचो तत्व अपने रंग में दिखाई देंगे तो विनाश निश्चित है जब हम इन पांच तत्वों का विनाश करेंगे तो क्या यह पांचो तत्व हमें छोड़ देंगे।
इंसान को छोड़कर हर जीव अपना अपना कर्तव्य निभा रहा है अपना अपना फर्ज निभा रहा है एक मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो लोभी है और अपने लोभ अपने लालच के कारण इस पृथ्वी इस ब्रह्मांड के पांच तत्वों को अपने फायदे के लिए धीरे-धीरे नष्ट करता जा रहा है और जिसकी सजा मनुष्य तो झेल रहा ही है उसके साथ-साथ इस ब्रह्मांड में जितने भी जीव जंतु है जितने भी प्राणी है वह सब मनुष्य की गलती का खामियाजा आज उठा रहे हैं।
अब क्या करना चाहिए।
अगर मानता है मनुष्य की गलती हुई है मेरे कारण तो उसका भुगतान करने के लिए भी उसे तैयार होना चाहिए प्राकृतिक तत्व वे पांच तत्व जिनका विनाश वी धीरे-धीरे कर रहा है उन तत्वों का विकास भी उसे ही करना होगा पृथ्वी का संतुलन उसे समय बिगड़ा है जब हरे हरे वृक्ष को काट दिया जाता है नदियों को गंदा किया जाता है अगर हमने इनको साफ कर दिया इनको स्वच्छ बनाकर रखा तो हो सकता है वह प्रकृति भी धीरे-धीरे अपना रूप परिवर्तन करें।
आज आप देखते हैं कि कहीं भी आपको एक पेड़ नहीं मिलेगा जहां आप खड़े होकर थोड़ा सा विश्राम कर ले और अगर जल पीना हो तो वह भी आपको मिनरल वाटर में ही मिलेगा शुद्ध पानी पीने को नहीं मिलेगा इसलिए आप इनकी रक्षा करें सुरक्षा करें निश्चित ही वह ईश्वर अपने प्रकोप को कम करेगा .
हर व्यक्ति ने प्रण लेना चाहिए कि वह अपने जीवन में दो से तीन पेड़ तो वह निश्चित ही लगाएगी अपने पूरे जीवन काल में तीन पेड़ लगाकर उसकी सुरक्षा करेगा जब तक के वहां बड़ा ना हो जाए और उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सके उसे समय तक उसकी देखभाल करेगा जैसे परिवार में एक बच्चा जन्म लेता है तो मां-बाप का फर्ज होता है कि वह अपने बच्चों को संभाल कर रखें उसे समय तक कि जब तक वह अपना होश ना संभाल ले इस प्रकार प्रत्येक मनुष्य को तीन पौधों को गोद लेना है उनकी परवरिश करनी है और उन्हें इस तरह से बनाना है कि वह बड़े हो उन्हें नष्ट नहीं किया जा सके। जब तक आपको उनका ख्याल रखना है
ऐसे ही जल को भी नष्ट न होने दे जल का दुरुपयोग ना करें जितना हो सके उतना ही जल का उपयोग करें इसका दुरुपयोग ना करें प्राकृतिक के तत्वों को अगर हम संभाल कर रखेंगे तो निश्चित है प्रकृति भी हमको संभाल कर रखेगी इसलिए आपसे निवेदन है कि अपने जीवन काल में तीन पेड़ों को निश्चित लगाय और उनकी परवरिश करें।
0 Comments