भारत के प्रमुख पठार
पठार का वर्गीकरण
वे पठार जो भूमि की आंतरिक शक्तियों के कारण उत्पन हुआ है वह पठार अन्तरापर्वतीय पठार कहलाता है ये पठार इस प्रकार है :-
1 . पर्वतपादीय पठार ;-
यह पठार पर्वत के उचे भाग में पाया जाता है यह पर्वत के शेयर घिरा रहता है यह पर्वत की तलहटी पर स्थित रहता है जैसे - उत्तरीय अमेरिका महाद्वीपीय के अल्पेशियाँन क्षेणी के पूर्वी ढाल के सहारे विस्तृत पिडमाँट
2 . तटीय पठार ;-
ये वे पठार होते है जो सागर के तट या सागर के किनारे या बीचो विच होते है भारत के पूर्वी और पश्चिम तटो पर ऐसे पठार देखे जा सकते है भारत में ऐसे पठार तमिल्नांडू के कोरोमण्डल तट पर पाये जाते है
3 . गुम्बद कार पठार ;-
प्रथ्वी पर जब हलचल होती है या भूकंप आता है उस समय एक जमाव हो जाता है वह गुम्बद कार बनता है उसे हम गुम्बद कार पठार कहते है
4 . महाद्वीपीय पठार ;-
जब प्रथ्वी के आंतरिक भू भाग पर जमाब होता है उस समय एक ढेर लग जाता है उसे हम महाद्वीपीय पठार कहते है
5 . बहिर्जात बलों से उत्पन पठार ;-
जलीय पठार - जब नदिया बहती है उस समय वह समुद्र से मिलने से पहले बहाकर लाये जमाब को एक जगह अखेठा करती है उस समय जलीय पठार बनता है .
6 . हिमानी पठार :-
वे पर्वतीय क्षेत्र जो हिमानी के कारण पठार में बदल गए है उसे हिमानी पठार कहते है
7 उस्प्न्त पठार :-
ऐसे पठार जनकी उत्पत्ति ज्वालामुखी के फटने से होती है वे उस्प्न्त पठार कहलाते है .
पर्वत भारत के पठार का मानचित्र
भारत में अनेक पठार क्षेत्र है जो जलवायु के आधार पर भी इसे बाटे गए है
1 . शुष्क पठार .
2 . आद्र पठार .
3 . हिम पठार
भारत में अनेक प्रकार की पर्वत श्रंखला है जिसमे अनेक पठारों का निर्माण किया गया है , भारत में पठार का निर्माण कही पर नदी से लाई गई मिटटी के कारण हुआ है तो कही पर जो तेज हवाओ के साथ बह रही मिटटी से हुआ है
सबसे पहले हम मध्यप्रदेश के पठार की बात करते है
यह पठार भारत के तिन राज्यों में फैला हुआ है यह मध्यप्रदेश , गुजरात , राजस्थान में फैला हुआ है इसका निर्माण ग्रेनाईट से हुआ है यह पठार काली मिटटी से ढका हुआ है इसकी उचाई 500 से 610 मी तक समुद्र से ऊपर फैला हुआ है यह पठार विन्ध्य पहाडियों में फैला त्रिभुजा कार पठार है यह एक लावा युक्त पठार है इसके पूर्व में बुंदेलखंड और उत्तर पश्चिम में अरावली की पहाड़िया है इस पठार से चम्बल नदी , काली सिंध ,बेतवा , केंन आदि नदी निकलती है इस पठार के दक्षिण में दक्खन का पठार फैला हुआ है उत्तर में इसे यमुना नदी दुवारा लाई गई मिटटी का फैलाव है जो उसे घेरे हुये है . यहाँ पर 25 इंच वर्षा होती है यहाँ पर ज्वार , गेंहू ,चना , तथा तिलहन और कपास भी पैदा होता है इस पठार के प्रमुख नगर इंदोर , सीहोर , भोपाल , और उज्जैन है मध्यप्रदेश में मालवा के पठार का हिस्सा 28 % है इस पठार में भोपाल , गुना , रायसेन , सागर , देवास , सीहोर , उज्जैन , इंदोर , रतलाम , एवं मंदसोर है
बुंदेलखंड मध्य भारत का एक प्राचीन क्षेत्र है इसका नाम जेजाकभुक्ति है यह पठार मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में फैला है इस पठार में बुन्देली भाषा बोली जाती है बुंदेलखंड की भूमि में महान चन्देल शाशक बिधाधर चन्देल , आला उदल खेतसिंह खंगार , महाराजा क्षत्रसाल बुंदेला ,राजा भोज , ईसुरी , कवी पधाधार ,झाँसी की रानी डा . हरिसिंह गोर मैथली चरण गुप्त , मेजर ध्यानचन्द्र , गोस्वामी तुलसीदास माधव प्रसाद तिवारी , महोबा आदि अनेक महान विभूतिया इसी क्षेत्र से सम्बंद रखती है यहाँ पर पन्ना , खजुराहो , झाँसी
विशेष : -
1 . यह पठार मध्य भारत के पठार के पूर्व में है और रीवा पन्ना के उत्तर में स्थित यह 23737 यह पठार मध्यप्रदेश में 7.7 % फैला है .
2 . यहाँ पर जलोढ़ मिटटी पाई जाती है , यहा पर ग्रेनाईट की चट्टान पाई जाती है ,
3 . इस पठार की जलवायु महाद्वीपीय जलवायु पाई जाती है .
4 . यहाँ पर दक्षिण पश्चिम से बंगाल की खाड़ी से 75 - से 100 cm वर्षा होती है
5 . इस क्षेत्र में निमाड़ी ,टीकमगढ़ , छतरपुर , पन्ना , सागर , दतिया जिले में फैला है .
6 . इस पठार पर काली लाल मिटटी के मिक्षण से बनी दोमट मिटटी है .
7 . यहाँ की प्रमुख फासले गेंहू , ज्वार , दलहन , तिलहन , सरसों , अलसी .
8 . बुंदेलखंड की प्रमुख नदी बेतवा , केन [ बुंदेलखंड की जीवन रेखा ] धसान आदि है यही पर माटीटीला बांध और केन बेतवा लिंक परियोजना इसी क्षेत्र में है .
9 . बुंदेलखंड पठार की सबसे उची चोटी सिद्धबाबा 1172 मी है .
10 . खजुराहो [ विश्व विरासत ] ओरछा [ प्रसिद्ध तीर्थ ] , पीताम्बर पीठ चंदेरी . ओरछा किले सोन्गीरी , छत्रसाल संग्राहलय आदि है .
11 . यहाँ पर मुख्य रूप से हिरा ,[ पन्ना ] ,रोक फारेस्ट [ सागर ] में पाए जाते है
12 . बुंदेलखंड के प्रमुख उद्योग क्षेत्र -
13 . बुंदेलखंड की प्रमुख बोली बुन्देली है और उसका लोक गीत आल्हा उदल [ जगनिक ] यहाँ का लोक नृत्य बधाई और राई है यहाँ पर विशेष रूप से खजुराहो उत्सव मनाया जाता है .
14 भारत का एक मात्र जिला छतरपुर जिसमे हिरा संग्राहलय बनाया गया है .
छोटा नागपुर का पठार
यह पठार भारत के पूर्वी हिस्से में है यह पठार झारखण्ड राज्य में है और इसके साथ ही पश्चिम बंगाल , बिहार व छतीसगढ़ के कुछ भाग में फैला हुआ है इसके पूर्व में सिन्धु गंगा का मैदान और दक्षिण में महानदी बहती है छोटा नागपुर की पथरीली परतो के भूवैज्ञानिक अधयन से पता चला है इसमें अति प्राचीन गोंड़वाना महाद्वीपीय की चट्टानों से बना है इस पठार का विकास भुत ही पुराना है इस पठार में कोयला अत्यधिक मात्र में पाया जाता है यहाँ के कोयला क्षेत्र से दामोदर घाटी में बसे उद्योग को कोयला प्राप्त होता है छोटा नागपुर का पठार तिन छोटे छोटे पठारों से मिलकर बना है जिनमे राची का पठार , हजारीबाग का पठार है
दक्खन का पठार
दक्खन का पठार जिसे प्रय्दिपीय पठार के नाम से भी जाना जाता है यह पठार भारत का विशालतम पठार है यह पठार दक्षिण भारत का मुख्य भू - भाग है यह पठार त्रिभुजाकार है यह पठार उत्तर में सतपुड़ा और विन्ध्याचल पर्वत श्रंखला दुवारा और पूर्व में पश्चिम की सीमा पूर्वी घाट एवं पश्चिमी घाट दुवारा निर्धारित करती है यह पठार भारत के 8 राज्यों में फैला हुआ है दक्खन का पठार सतपुड़ा , महादेव तथा मेकाल श्रंखला से लेकर नीलगिरी पर्वत के बिच अवस्थित है इसकी ओसत उचाई 300 से 900 मिटर है यह तिन भागो में बाटा गया है
1 . आन्द्रप्रदेश का पठार
2 .कर्नाटक का पठार
3 . उत्तरीय सीमा सतपुड़ा ,
4;- विन्ध्याचल पर्वत .
यह पठार भारत ही नहीं अपितु विश्व का प्राचीनतम पठार है यह आर्कियन युग की चट्टान से बना है तथा इसका कोई भी भाग समुद्र के निचे नहीं डूबा है विवर्तनिकी द्रष्टिकोण से शांत क्षेत्र होने के कारण यहाँ भूकंप की सम्भावना काफी कम् होती है दक्षिण पठार की सीमा उत्तरीय सीमा अरावली , कैमूर , राजमहल तथा शिलांग की पहाड़ी बनाती है वही दक्षिण छोर कन्याकुमारी में स्थित है प्रय्दिपीय भारत के पर्वत को निम्न भागो में वाटा गया है .
1 . अरावली पर्वत ;-
यह एक अव्शिस्ट पर्वत है जो विश्व के प्राचीनतम मोड़दार पर्वत में से एक है यह पर्वत गुजरात से दिल्ली तक फैला हुआ है अरावली सर्वोच्च शिखर गुरुशिखर है जो आबू पर्वत पर स्थित है यही पर जैनियों का प्रसिद्ध धर्म स्थल दिलबाडा जैन मंदिर स्थित है .
2 . पश्चिम घाट :-
पश्चिम घाट हिमालय के बाद भारत की दूसरी सबसे लम्बी पर्वत क्षेणी है जिसका विस्तार ताप्ति नदी नदी घाटी से निलगिरी की पहाड़ी तक है इसे सह्याद्री के नाम से भी जाना जाता है पश्चिमी घाट दक्षिण के पठार के पश्चिम में स्थित है जो अवशिष्ट पर्वत के रूप में है तथा लगातार न होकर बिच -बिच में टुटा हुआ है
आफ्रिका से भारत के अलग होने के क्रम में अरब सागर के रूप में भ्रंश घाटी का निर्माण हुआ है और भ्रंश कगार के रूप मे पश्चिम घाट रह गया .इस कारण पश्चिम ढाल अधिक तीव्र है इसके दक्षिण में निलगिरी की पहाड़िया है जिसे पूर्वी तथा पश्चिमी घाट का मिलन स्थल कहा जाता है दक्षिण भारत सर्वोच्य शिखर अन्नाइमुदी है .
3 . पूर्वी घाट :-
इसका विस्तार उड़ीसा से प्रारंभ होकर तमिलनाडु तक है यह प्राचीन मोड़दार पर्वत का अवशिष्ट रूप है पश्चिम घाट की तुलना में इसका अपरदन अधिक होने से यह पश्चिम घाट से कम ऊँचा है नदी अपरदन के कारण इसका क्रम्ब्द्ता भी लगभग समाप्त हो चूका है गोदावरी व कृष्णा जैसी नदियों ने इसे काट कर काफी चोडी घाटियों का विकास किया है पूर्वी घाट का सर्वोच शिखर विशाखापतनम चोटी है .
इसके अतिरिक्त प्रय्दिपीय भारत की आंतरिक पहाडियों में सतपुड़ा पर्वतमाला प्रमुख है . जो राजपिप्लिया , महादेव तथा मेकाल पर्वत श्रेणियों का समूह है सतपुड़ा एक ब्लाक पर्वत है जो नर्मदा व ताप्ती घाटियों के मध्य स्थित है महादेव पहाड़ी का सर्वोच शिखर धुप्गद [ 1350 मी ] है आंतरिक पहाडियों में से दूसरी पर्वतमाला विन्ध्याचल पर्वत क्षेणी है जो विन्ध्याचल , भांडेर , कैमूर तथा पारसनाथ पहाडियों का समूह है
4 .कर्नाटक का पठार :-
यह पठार कर्नाटक तथा केरल के कुछ भागो में विश्रित है जो अत्यधिक विच्छेद है इसका उत्तरीय भाग एक उच्च भूमि का चोडा पठार है जहा कृष्ण व तुंगबंद्रा नदियों प्रभावित होती है जबकि इसके दक्षिण भाग को मैसूर का पठार कहते है इस पठार की दक्षिण सीमा निलगिरी की पहाड़िया बनाती है भारत का प्रसिद्ध लोहा अयस्क क्षेत्र बाबा बुदन की पहाड़ी इसी पठार में है
5 . दणकारन्य का पठार :- इसका विस्तार उड़ीसा , छ्तिस्गड़ , तथा आन्द्रप्रदेश मे है . यह एक विषम पठार है , जिसके उत्तरीय भाग को दण्डकर्णन्य घाट कहा जाता है .
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Q ;- 1 भारत में कितने पठार है
ANS ;- भारत के कुल भू भाग के 10.6 % भू भाग पर पर्वत है भारत में लगभग 18.5 % भू भाग पर पहाड़िया है और भारत के भू भाग पर 27.7 % भाग पर पठार है
Q ;- 2 भारत का राष्ट्रिय पठार क्या है
ANS ;- हिमालय भारत का नविन पठार है इसे ही हम राष्ट्रिय पठार की संज्ञा दे सखते है
Q ;- 3 भारत का सबसे बड़ा पठार कोन सा है
ANS ;- भारत का सबसे बड़ा पठार दक्कन का पठार है जो मुख्यता 8 राज्यों में फैला हुआ है
Q ;- 4 भारत के पठारी क्षेत्र कोन कोन से है
ANS ;- भारत का प्रयाय्दिप पठार त्रिभुजाकार आकृति वाला पठार है जिसका विस्तार उत्तर - पश्चिम में अरावली पर्वतमाला व दिल्ली , पूर्व में राजमहल , की पहाडी , पश्चिम में गिरी की पहाड़ी , दक्षिण में इलायची की पहाड़ी , उत्तर में शिलाग का पठार है
Q ;- 5 भारत का सबसे पुराना पठार कोनसा है
ANS ;- भारत का सबसे पुराना पठार विन्ध्याचल का पठार माना जाता है यह प्रयाय्द्विप का पठार माना जाता है
दोस्तों आज फिर हम आपके लिए ये महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आये है इस पोस्ट में हमने भारत के पठार के नाम-BHARAT KE PRAMUKH PATHAAR KE NAAM भारत के पठार का मानचित्र भारत के पठार से संबंधित प्रश्न भारत का सबसे बड़ा पठार पठार के प्रकार
धन्यबाद
अनिल कुमार पलाशिया .
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