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विटामिन कितने प्रकार के होते हैं उनकी कमी से होने वाले रोगों के नाम लिखिए

विटामिन कितने प्रकार के होते हैं उनकी कमी से होने वाले रोगों के नाम लिखिए - vitamin ke prakar aevm strot 

हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर आ रहा हु इस जानकारी में हम आपको विटामिन के प्रकार एवं strot vitamin ke prakar aevm strot से सम्बंधित सभी जानकारी को हम इस लेख में देखेंगे जिससे के आपको यह जानकारी मिल जाए के किस विटामिन से कोन सी बीमारी होती है और उस वीमारी को हम कैसे दूर कर सकते है 

विटामिन का अर्थ 

vitamin ke prakar aevm strot - विटामिन के प्रकार एवं स्रोत
   
   
विटामिन किसे कहते है 

भोज्य पदार्थ में पाए जाने वाले जटिल कार्बनिक पदार्थ जो शरीर की वृद्दि और पोषण करता है विटामिन कहलाता है 

विटामिन से हमारा आशय यह है की मानव शरीर में वृद्दि करना और उसके पोषक या पोषण करना शरीर में वृद्दि करना ही विटामिन कहलाता है   

विटामिन कितने प्रकार के होते हैं

विटामिन A के प्रमुख स्त्रोत है 
  • गाजर 
  • पपीता 
  • मक्खन 
  • पालक 
  • खजूर 
  • शहद 
  • पीले फल 
  • सब्जी  
विटामिन B के प्रमुख स्त्रोत 
  • अनाज 
  • दाल 
  • हरी सब्जी 
  • मॉस 
  • अंडा 
  • विटामिन 
विटामिन C के प्रमुख स्त्रोत 
  • आंवला 
  • नीबू 
  • संतरा 
  • खट्टे फल 
विटामिन C दांतों , मसुडो , तथा जोड़ो को स्वास्थ्य स्वास्थ्य रखने में सहायता करता है व शरीर शारीर में प्रतिरोधी शक्ति बनाये रखता है 

विटामिन चार्ट


vitamin ke prakar aevm strot - विटामिन के प्रकार एवं स्रोत
   

विटामिन के नाम


विटामिन D के प्रमुख स्त्रोत 
  • घी ,
  • तेल 
  • मक्खन 
  • दूध 
  • अंडा 
  • मच्छली का तेल 
  • सूर्य का प्रकाश  [ इससे शारीर की हड्डिया मजबूत होती है ] 
विटामिन K के प्रमुख स्त्रोत 
  • हरी पत्तेदार सब्जी 
  • टमाटर 
  • अंडा का पिला भाग 
आवला शारीर में  केलोस्ट्रोल को रोकने में सहायक होता है आवले के गुड्डे का लगातार प्रयोग करने से लीवर [ यकृत ] में वसा तथा केलोस्ट्रोल की मात्रा आश्चर्य जनक रूप से कम होती है इससे रुधिर वाहिनी में रक्त के प्रवाह में वृद्दि होती है और इससे हदय स्वास्थ्य रहता है 

हमारे शारीर ;- मानव के शरीर में जल की मात्रा के कारण शरीर को संतुलित करता है 

भोजन के प्रमुख घटक ;- कर्बोहैद्रेट ,वसा , प्रोटीन , विटामिन , खनिज , लवण एवं जल   

महत्वपूर्ण जानकारी विटामिन से 


1 ;- स्टार्च [ मांड ] हमारे भोजन में पाए जाने वाले कर्बोहैत्रेड का ही रूप है 

2 ;- विटामिन ;-  शारीर के रोगों से रक्षा करता है 

3;- स्कर्वी ;- विटामिन - C की कमी से मसुडो से खून अता है जिसे स्कर्वी कहते है 

4 ;- बेरी -बेरी ;- विटामिन B1 की कमी से बेरी बेरी रोग होता है 

5 ;- खनिज तत्व ;- शरीर के समुचित विकास और अच्छा स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए जरुरी है 

6 ;- संतुलित आहार ;- जिस आहार से हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषक वा तत्वों की उचित मात्रा प्राप्त हो उसे संतुलित आहार कहते है 

भोजन के प्रमुख घटक ;- 
  • कर्बोहैद्रेट ,
  • वसा , 
  • प्रोटीन
  • विटामिन 
  • खनिज 
  • लवण 
  • जल  

vitamin ke prakar aevm strot - विटामिन के प्रकार एवं स्रोत 


कर्बोहैद्रेट ,;- 

ऐसे भोज्य  पदार्थ जिनसे उर्जा प्राप्त होती है जैसे ;- शर्करा वा स्टार्च 

वसा ;- 

शरीर में उर्जा का संचय जैसे ;- तेल , वसा , मक्खन , घी , द्रयफूट , , मिट , मच्छली 

प्रोटीन ;- 

शरीर वर्द्धक भोजन जैसे ;- दाल , बीन्स , सोयाबीन , दूध , अंडा 

खनिज पदार्थ ;- [ लवण ] 
  • सूक्ष्म मात्रा में जरुरत होती है 
  • वृद्दि के लिए आवश्यक है 

विटामिन VITAMIN 

विटामिन का आविष्कार फंक ने सन 1911 में किया था यह एक प्रकार का कार्बनिक योगिक है इनसे कोई कैलोरी प्राप्त नहीं होती परंतु यह शरीर के उपवास में रासायनिक प्रक्रियाओं के नियम के लिए अत्यंत आवश्यक होती है।
जल में घुलनशील विटामिन B एवं C तथा जल में घुलनशील विटामिन  A D E K  है 

विटामिन ए A रेटीनाल

  • यह  विटामिन चर्म पाचन अवशोषण अंगों के लिए कोशिकाओं के रखरखाव के लिए आवश्यक है 
  • विटामीन A की कमी से रतौंधी नामक बीमारी होती है जिसे नेत्रों खाना भी कहा जाता है।
  • VITAMIN  A , के स्त्रोत :- दूध अंडा पनीर हरी घास सब्जी मछली के यकृत का तेल गाजर गोभी शलगम पपीता एवं संतरा

विटामीन B थायमिन

  • यह कार्बोहाइड्रेट के पाचन के लिए अत्यंत आवश्यक है
  • किसकी कमी से वृद्धि रुकना भूख और वजन घटना तांत्रिका विकास वेरी-वेरी थकान का होना बदहजमी पेट की खराबी आदि होती है।
  • इसके प्रमुख स्त्रोत अनाज दालों के बाहरी सतह  दूध , मॉस ,  द्वारा सोयाबीन , अंडा

विटामीन B2 राइबोफ्लेविन

  • यह  विटामिन कोशिकीय ऑक्सीकरण के लिए जरूरी है
  • किसकी कमी से शरीर का विकास रुक जाता है तथा मोतियाबिंद होने की संभावना बढ़ जाती है
  • इसके अलावा प्रकाश का समय बुढ़ापा आना जीभ में छाले पड़ जाना।
  • इसके प्रमुख स्त्रोत में गेहूं खमीर दूध अंडा चिकन आदी है।

विटामिन B3 पेंटाथेनिक ऐसिड 

  • यह कोएनजाईम - A तथा एसीटाईलेकोलीन के संस्लेष्ण के लिए आवश्यक है 
  • इसकी कमी से पेशियों में लकवा पैरों में जलन महसूस होना मंदबुद्धि का होना भी दिखाई देता है
  • इसके प्रमुख स्त्रोत मास जिगर गुर्दा दूध और अंडा है

विटामिन B5

  1. नियासिन या निकोटिनिक ऐसिड 
  2. शारीरिक वृद्धि कार्बोहाइड्रेट अपाचे अमाशय औरतों की सक्रियता तंत्रिका तंत्र की सक्रियता के लिए यह आवश्यक है
  3. अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो जीप का चिकनापन त्वचा  पर फेफड़े फुंसी होना पाचन क्रिया में गड़बड़ी पैलाग्रा  त्वचा दाद तथा जिम्नेशिया चिड़चिड़ापन आदि होता है।

विटामिन B6 

  • पाईरीडाक्सिंन  
  • इसकी कमी से त्वचा रोग व एनीमिया  में हो जाता है
  • इसके प्रमुख स्त्रोत या क्रमांक अनाज ताजा सब्जियां अगर हम उपयोग करते हैं तो इसकी कमी दूर होती है

विटामीन B7 

  • बायोटिन 
  • इसकी कमी से लकवा शरीर में दर्द बालों का गिरना होता है
  • इसके प्रमुख स्त्रोत मांस  अंडा  दूध आदि का उपयोग करने से यह रोग कम होता है।

विटामिन B9

  • इसको फोलिक एसिड भी कहते हैं
  • यह हमारे शरीर में उपापचय क्रिया में सहायक होता है 
  • जब हमारे शरीर में ऐसी कमी होती है तो मुंह पर छाले आ जाते हैं।
  • इसकी कमी को पूरा करने के लिए हमें फलियां टमाटर हरी पत्तेदार सब्जियां संतरे सूरजमुखी के बीज आदि का उपयोग करना चाहिए।

विटामिन B 12

  • साइनोकोबेलेमिन
  • यह रुधिराणु  बनाना न्यूक्लीक अम्ल के संशलेषण के लिए नाइट्रोजन उपापचय 
  • इसकी कमी से पनएशियन एनीमिया हो जाता है।
  • यह कोबाल्ट व साइनाइड का योगिक है
  • इसमें यकृत का मुख्य स्त्रोत होता है।

विटामिन C 

  • इसे हम ऐसकार्बिक अम्ल कहते हैं 
  • संयोजी ऊतकों के स्वास्थ्य में रख रखाव ब्रद्दी  दातों का विकास तथा मजबूती मसूड़ों की निरोगता ,  घाव भरना आदि।
  • इसकी कमी से स्नाकर्मबी नामक  रोग हो जाता है जिसके कारण मसुडो  तथा शरीर के अन्य भागों से खून आने लगता है एवं अस्थियां कमजोर होने लगती है।
  • इसके प्रमुख स्त्रोत संतरा नींबू आंवला नारंगी टमाटर पत्ता गोभी सरकारिया खट्टे पदार्थ हरी मिर्ची आदि।

विटामीन D कैल्सी फेराल

  • शारीरिक वृद्धि तथा अस्तियो  और दातों का निर्माण ।
  • इसकी कमी से रिकेट्स  सूखा रोग दातों के रोग दांतों का सड़ना आदि रिकेट्स  से बच्चों में शरीर की हड्डियां खासकर पैर की हड्डियां सुखकर  कमजोर हो जाती है एवं लेशया हड्डियों में विकृति नामक बीमारी हो जाती है ।
  • इसके प्रमुख स्त्रोत सूर्य का प्रकाश मछली के जिगर यकृत का तेल दूध अंडे की जर्दी आदि।


विटामीन E टोकोफेराल

  • इसे फर्टिलिटी विटामिन भी कहा जाता है
  • इसकी कमी से बांझपन उत्पन्न होता है यह विटामिन स्किन कंडीशनिंग के लिए महत्वपूर्ण है।
  • इसके प्रमुख स्त्रोतम पत्ता वाली तरकारी दूध  मक्खन अंकुरित गेहूं वनस्पति तेल आदि।

विटामीन k 

  • फिलोक्वीवनोन  
  • इस विटामिन के कारण रक्त का जमना सम्भव हो जाता है।
  • यकृत की सामान्य क्रियाओं के लिए यह बहुत ही आवश्यक है।
  • इसकी कमी से रुधिर स्त्राव  का होना ऐठन आदि होते हैं
  • इसके प्रमुख स्त्रोत हरी तरकारी या सोयाबीन का तेल टमाटर आंखों में जीवाणु द्वारा एवं इसका निर्माण बैक्टीरिया द्वारा आंतों म भी होता है


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