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मध्यप्रदेश के वन - forest in mp in hindi

मध्यप्रदेश के वन - forest in mp in hindi

    

हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज एक फिर पोस्ट को लेकर आ रहा हु इस पोस्ट में हम मध्यप्रदेश के वन MADHYPRADESH KE VAN , MP KE VAN की सभी जानकारी को हम इस पोस्ट में लेकर आएंगे . जिससे के मध्यप्रदेश से सम्बंधित सभी वन की जानकारी को हम पढेंगे किसी भी राज्य की आर्थिक उनत्ती के बारे में वन बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका देता है . 

मध्यप्रदेश में वन्य MP ME VAN [ MP FOREST ]

  
मध्यप्रदेश के वन - forest in mp in hindi

मध्यप्रदेश के वन मंत्री कौन है- 2023 कुवर विजय शाह 

  • पर्यावरण की द्रष्टि से एक तिहाई क्षेत्र में वन होना चाहिए 
  • वन सम्पदा राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए विशेष है 
  • वन भूमि की उपर शक्ति को बढावा देता है 
  • भूमि के अपरदन को रोकता है तथा स्वस्च्य पर्यावरण प्रदान करने में भी वनों की महत्वपूर्ण भूमिका है 
  • वन सम्पदा की द्रष्टि से मध्यप्रदेश सम्रध राज्य है 
  • राज्य भोगोलिक क्षेत्रफल 308252 वर्ग किलोमीटर है 
  • मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2004 -2005 के अनुसार छ्त्तिस्गड़ के विभाजन के पश्चात मध्यप्रदेश में 95211 हजार वर्ग km क्षेत्र में आच्छादीय है 
  • राज्य के कुल क्षेत्र फल का 30.9 प्रतिशत है 
  • राज्य के कुल वन क्षेत्र में 58.7 हजार वर्ग km आरक्षित वन 35.8 हजार वर्ग km सरक्षित वन तथा 0.9 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र अवगिर्क्रत वनों के अंतर आता है 

मध्य प्रदेश में वन 

  • मध्यप्रदेश में आरक्षित वन क्षेत्र 61.65 % 
  • सरक्षित वन क्षेत्र 37 .3 %  
  • अवग्रिकृत वन क्षेत्र 1.05 % है 

मध्य प्रदेश वन रिपोर्ट 2023

MADHYPRADESH KE VAN-  वन्य पेटी  

MP FOREST IN  ANIMALS

वनों का प्रशासकीय वर्गीकरण 

प्रशासनिक प्रवंध की द्रष्टि से मध्यप्रदेश में वनों का वर्गीकरण निम्न अनुसार  है इस आधार पर वन को तिन भागो में विभाजित किया है 

MP FOREST IN  ANIMALS

मध्यप्रदेश के वन-सरक्षित वन 


सरक्षित  वन क्षेत्र राज्य के वन क्षेत्र के 37 .3 प्रतिशत अर्थात 35 .8 हजार वर्ग km पर वन आच्छादित है सरक्षित वन से आशय उस क्षेत्र से है जिसका प्रवंध प्रशासनिक देख रेख में होता है सरक्षित वन क्षेत्रो में आवागमन की सुविधा रहती है परन्तु इन्हें नष्ट करना दंडनीय अपराद माना जाता है सरंक्षित वन क्षेत्र में प्रशासनिक नियम अधिक कठोर नहीं रहता है इस वन में पशुचारण की सुविधा दी जाती है सरक्षित क्षेत्रो में रहने वाले निवासी विशेष परिस्थिति  में अनुमती दुवारा वन भी काट सकते है .

आरक्षित वन क्षेत्र ;- 

मध्यप्रदेश में आरक्षित वन क्षेत्र 58.7 हजार किलोमीटर क्षेत्र में आच्छदितय है जो राज्य के कुल वन क्षेत्र का 61.65 प्रतिशत है आरक्षित वन क्षेत्र में आवागमन पशुचारण ,लकड़ी काटना दंडनीय आपराद माना जाता है आरक्षित वन पर प्रशासकिय नियन अत्यंत कठोर होते है 

       

अवग्रीकृत वन ;-

मध्यप्रदेश में आव्ग्रिक्रत वन 0.9 हजार वर्ग किलोमीटर पर आच्छादित है मध्यप्रदेश में अव्ग्रिक्रत वन , कुल वन क्षेत्र के 0.1 प्रतिशत पर आच्छदित है अव्ग्रिक्रत वनों पर प्रशाशन का ध्यान कम है इन वनों में पशुचार्ण की सुविधा है इच्छा नुसार वन काटे भी जा सकते है 

वन वृक्षों के आधार पर वनों का वर्गीकरण 

MP FOREST IN  ANIMALS

सागोन के वन ;- 

मध्यप्रदेश में सागोन के वन कुल वन का क्षेत्रफल के 17.8 प्रतिशत पर पाए जाते है सागोन वन जवलपुर ,होश्न्गावाद ,बैतूल , सागर धार खण्डवा ,छिन्ध्वाडा सागोन लकड़ी ईमारती उपयोग में आती है सागोंन की लकड़ी से बना फर्निचार हल्का और मजबूत होता है 

साल वन ;- 

प्रदेश के कुल वन क्षेत्र के 16.54 प्रतिशत पर साल वन पाए जाते है साल की लकड़ी का उपयोग  स्लीपर बनाने में किया जाता है साल वृक्ष का मध्यप्रदेश में प्रमुख क्षेत्र मंडला , बालाघाट , उमरिया ,सीधी , शहडोल है साल के ब्रक्ष प्राय ;घने होते है इन वनों में दिन में भी अँधेरा होता है .

मिश्रित पर्णपाती वन ;-  

ये वन मुख्यता साज , धावड़ा , बीजा , तेंदुआ  , महुआ , बांस , हर्रा आदि वन पाए जाते है यह वन मुख्यता बालाघाट , होशंगाबाद , मंडला , छिंदवाडा जिलो में पाया जाता है . 

भारत में मध्य प्रदेश का वन  

भारत वन स्थिती रिपोर्ट 2019 , वन एवं पर्यावरण मंत्रालय दुवारा 30 सितम्बर , 2019 को जारी की गई थी जिसमे भारत के वन संसाधनो का आकलन किया गया है यह वन रिपोर्ट इस श्रंखला  की 16 वि रिपोर्ट है भारतीय वन रिपोर्ट , भारतीय वन सर्वेक्षण संसथान देहरादून दुवारा प्रत्येक 2 वर्ष पर तैयार की जाती है 

वर्ष 1987 से भारतीय वन स्थिती रिपोर्ट को दुवार्शिक रूप से भारतीय वन सर्वेक्षण दुवारा  प्रकाशित किया जाता है  इस रिपोर्ट में वन एवं संसाधन के आकलन के लिए भारतीय दूरसंवेदी  उपग्रह रिसोर्स सेट - 2 से प्राप्त आकड़ो की जाँच हेतु प्रयोग किया जाता है   

जलवायु के आधार पर वनों का वर्गीकरण 

MP FOREST IN  ANIMALS

1 . मध्यप्रदेश में उष्ण कटिवंदीय वन   

 यहाँ पर दैनिक तापान्तर और रात का तापान्तर अलग रहता है मध्यप्रदेश में मार्च  से ही गर्मी महसूस होने लगती है उष्ण कटिवंदिय पर्ण पाती वन मध्यप्रदेश के सागर , दमोह , जवलपुर , पन्ना , छतरपुर , छिंदवाड़ा , सिवनी , होशंगाबाद , जिलों में पाया  जाता है इस प्रकार के वनो में 50 -100 CM तक वर्षा होती है यह वन में पानी की कमी के कारण सारे पत्ते गिरा देते है इसलिए उन्हें पण पाती वन कहते है 

2 .  उष्ण -कटिवन्धिय अर्द्ध पर्णपाती वन -

ये वन मध्यप्रदेश के शहडोल , सीधी , बालाघाट ,मंडला , आदि जिलों में पाए जाये जाते है इस प्रकार के वन पूर्णयता अपने पत्तो को नहीं गिरते है इस प्रकार के वन में औसत वर्षा 100 - 150 सेंटीमीटर तक होती है बांस , साल , सागौन , आदि के बृक्ष इस प्रकार के वनो में पाए जाते है इनका क्षेत्रफल लगभग 8 9 % है 

       

3 उष्ण - कटिवन्धिय शुष्क वन 

मध्यप्रदेश के भिंड , मुरैना , ग्वालियर , रतलाम , शिवपुरी ,आदि जिलों में पाया जाता है। इस प्रकार के वन 75 CM से कम वर्षा वाले क्षेत्रो में पाए जाते है इन्हे कटीले वन भी कहा जाता है बाबुल , शीशम , हर्रा , पलाश , तेन्दु , आदि प्रकार के वन पाए जाते है लगभग 0 26 % भाग पर फैले हुए है 

वन निति - MADHYPRADESH KE VAN

वन से होने वाले प्रत्यक्ष लाभ ;- 

वन बहुमूल्य लकड़ी का भण्डार है वनों से राज्य सरकार को प्रतिवर्ष 50 करोड़ रूपए का लाभ है वन उत्तम चारागाह है इनमे राज्य में पशुधन विकास में सहायता मिलती है वनों से अनेक प्रकार की आयुर्वेधिक जड़ी बूटिय प्राप्त है जिनसे प्रतिवर्ष राज्य को 5 करोड़ रूपए की आय होती है .राज्य की 90 प्रतिशत जलाने हेतु इधन वनों से ही प्राप्त किया जाता है वनों से प्राप्त चिड ,देवदार ,साल ,सागोंन ,शीशम आदि लकडियो से 15 प्रतिशत प्राप्त होती है .राज्य की जनजातीय जनसंख्या को रोजगार एवं जीवकोपार्जन वनों से प्राप्त हुआ है 

वन से होने बाले अप्रत्यक्ष लाभ 

वन बाढ़ नियंन्त्रण में महत्वपूर्ण भूमिका वनो  की संघनता के कारण तेज तेज जल का प्रभाव शितिल हो जाता है वन भूमि के कटाव को रोकने में काफी प्रभावशाली सिद्ध होती है राज्य में वनों की अधिकता के कारण जलवायु को सम जलवायु बनाने में  सहायता मिलती है वनों से गिरने बाली पत्तिया जमींन की उपर्व शक्ति को बढावा देती है वनों दुवारा अधिक वर्षा को आकर्षित करने एवं बाढ़ की भयंकरता को कम कर अकाल की समस्या को भी कम किया जा सकता है 
       MP FOREST IN  ANIMALS


राष्ट्रिय वन निति की घोसणा  

  • 1988 मध्यप्रदेश का भोगोलिक क्षेत्रफल -308252 
  • वर्ग km MP में वनों का शतप्रतिशत राष्ट्रीयकरण 1964 में
  • प्रथम राज्य सर्वप्रथम तेंदूपत्ते का राष्ट्रीयकरण MP ने किया 
  • परियावरण की द्रष्टि  से ३३ % वन होना चाहिए
  • MP के सगोन वन 41% देश के है 
  • जबकि राज्य के 17.88 है 
  • MP के देश वन्य साल के 50 % है 
  • जबकि राज्य में 16% वन है
  • MP में वास की प्रजाति स्त्रिक्ट्स एवम देन्द्रोकैल्म्स प्रजाति के है
  • वन राजकीय महाविद्यालय -[ बालाघाट ]
  • इन्डियन इंस्युट आफ फारेष्ट मेनेजमेंट -[ भोपाल ] 
  • सर्वाधिक आरक्छित वन -[ खंडवा वन व्रत ] 
  • सबसे कम आरक्छित वन [ छतरपुर ]
  • MP  वन विकास निगम की स्थापना है [ 24 जुलाई 1975]
  • MP  वन्य जिव सरक्षण अधिनियम [1974 ] 
  • MP  में सामाजिक वनिकीय योजना -[ 1976 ]
  • MP प्रादेशिक वन्य स्कूल [शिवपुरी ] 
  • MP  में 16 क्षेत्रीय वन व्रत है 
  • लाख बनाने का सरकारी कारखाना [उमरिया ]
  • MP में खेर और कथा बनाया जाता है [ बामनोर / शिवपुरी ]
  • MP की पहली वन निति 1952 में बनाई , 
  • आम जिला किसे कहा [ जवालपुर ] तथा आवला को पन्ना जिला कहा है 
  • सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला जिला [बलाघाट ] 
  • सबसे कम वन क्षेत्र वाला जिला [शाजापुर ] है 
  • आराक्क्षित वन - ६५% 
  • संगरक्षित वन-33 % 
  • अवग्रिकृत वन -- 2 % 
  • राज्य में कुल वन्य ग्राम -925 
  • रास्ट्रीय वन्य ग्राम उद्यान अभ्यारण -98 
  • मध्यप्रदेश में उष्णकटिवन्धिय  वन पाए जाते है 
  • मध्यप्रदेश के वनों को वाटा गया है  [ चार भाग में ]

    महत्वपूर्ण तथ्य 

   
MP FOREST IN  ANIMALS

उष्णकटिबंधीय पर्णपाती  वन  MP  में सर्वाधिक वन 

  • उष्णकटिबंधीय  पर्णपाती वन उष्णकटिबंधीय  वन में जल की आवश्यकता होती है 
  • 75 से 100 cm वर्षा यह MP  के मध्य क्षेत्र में  पाई जाती है
  •  इस क्षेत्र में सगोन , पिपल , साल महुआ के वृक्ष पाए जाते है
  •  वसंत के मोसम में ये अपनी  पत्तिया गिरा देते है 
  • फरवरी - मार्च  ये वन सागर , जवलपुर  ,दमोह ,छिंदवाडा ,पन्ना छतरपुर होशंगाबाद ,सिवनी 


 उष्ण कटिय बंध आर्द पर्णपाती वन 

  • यहाँ पर वर्षा 100 से 125 cm वर्षा होती है 
  • यहाँ पूर्व MP  के क्षेत्र में पाया जाता है 
  • यहाँ  सगोन ,साल , महुआ वास  के वृक्ष पाए जाते है 
  • मंडला ,बालाघाट शहडोल ,सिदी  जिलो में  फेला  है

 
ऊष्ण कटी बंध शुष्क पर्णपाती वन  

  • यहाँ 50 से लेकर 75 cm तक की वर्षा पी जाती है 
  • यह MP  के उत्तर - पश्चिम के क्षेत्र में पाया जाता है
  • यहाँ बाबुल ख़ैर , पलाश ,बैर , रीठा  के बृक्ष  पाये जाते है
  • शिवपुरी , भिंड ,मुरेना ग्वालियर , रतलाम भारत व MP  में सर्वाधिक  वन पाए जाते है 
  • आद्र ऊष्ण कटी वन्धीय वन पाए जाते है
  • इन्हें मानसून वन भी कहते है 
  • MP  में आरक्षित वन 65 % है
  • सरकार का पूर्ण नियंत्रण होगा लकड़ी काटना मना है
  • नेशनल पार्क यही बनाया जाता है 
  • सर्वाधिक आराक्छित वन -खंडवा वन व्रत  नियुनतम वन व्रत  -छतरपुर 

 संघरक्षित वन 

  •  यहाँ 33 % भाग में है  सरकार का सामान्य नियंत्रण है 
  •  लकड़ी को परमिट मिलने पर काटना अभ्यारण बनाये जाते है 
  • सर्वाधिक आरक्क्षित  वन -- छतरपुर  न्यूनतम आराक्छित वन -- खंडवा 

  अवर्गीकृत वन

  •  यह 2 % भाग में वन पाए जाते है  सर्कार का कोई भी नियंत्रण नहीं है

     प्रजाति के आधार पर वन 

  •  सागोन -MP  में  सर्बाधिक वन पाए जाते है 
  • दक्षिण  MP  में सर्वदिक वन पाए जाते है  
  • tactona  grandesh इसका वोतनिक्ल नाम है 
  • यह वन MP  में 17 . 8  % पाया जाता है 

 सागोन - MP  में  सर्बाधिक वन पाए जाते है 

  •  दक्षिण MP  में सर्वदिक वन पाए जाते है  
  •   tactona  grandesh इसका वोतनिक्ल नाम है 
  •   यह वन MP  में 17.8 % पाया जाता है 

    साल - के वन 

  • सर्वदिक साल के वन भारत में पाए जाते है यह १६.55 भाग में पाया जाता है 

    वांस  के वृक्ष 

  • यह पूर्वी MP में पाया जाता है इसका dendo calmus वांस का वाट्निकल नाम ह

           

 महत्वपूरण --टिप्स - MP KE VAN 

  • सर्वाधिक वन ---बलाघाट 
  • नियुनतम वन -- उज्जेन 

  • पहली वन निति 1952 
  • नई वन निति 2005 में 

  • सर्वदिक तेंदुपत्ता --सागर  
  • भारत में सर्वदिक तेंदुपता --MP  में 
  • आम जिला किसे कहा जाता है जवालपुर 

  • आम की एक प्रजाति --नूरजहाँ [ आलीराजपुर   
  • MP  में आम अनुसन्धान केंद्र -- गोविन्द गड [ रीवा ] 
  •  सर्वाधिक सागोन के वृक्ष --[ बोरी घटी ] होश्न्गावाद में 
  •  साल वृक्ष MP  में पाए जाते है दुसरे स्थान पर [ मंडला ] 
  •  सर्वदिक वांस पाया जाता है [ बालाघाट ] 
  •  वांस  की नई प्रजाति है [  बल्कोवा ] सतना MP  
  •  वांस  ट्रीटमेंट प्लांट MP  का पहला [ सतना ] 2019 
  •  अखवारी कागज वनता है [ नेपानगर  ] 
  •  नोट पेपर कहा बनता है [ होशंगाबाद ] 
  •  महीन  पेपर बनाने का कारखाना [ इन्दोर ] 
  •  साधारण पेपर बनाने का कारखाना [ आमलाई   ] 
  •  दियासलाई उद्योग कहा है [ ग्वालियर ] 
  •  कत्थ उद्योग कहा है [ शिवपुरी / मुरेना ] 
  •  लाख का कारखाना कहा है -- [ उमरिया ] 
   वन सम्बंधित योजना / पुरस्कार 
  •  अम्रता देवी पुरस्कार --यह वन या वन्य जिव सरक्षण 
  •  अमृता देवी राजस्थान की थी 1973 में चिपको आन्दोलन किया था उत्तराखंड में  तो अमृता देवी ने  राजस्थान में इसका नेतृत्व किया , 
  •  वन  पहली पुरस्कार ;- अगर जंगल में आग लगती है और आग को बुजाया  जाता  है या कोई संस्था उसकी मदत करती है तो  उसे यह पुरस्कार दिया जाता है 
  •  चरण पादुका योजना ;- तेंदुपता संग्राहक को दिया जाता है इसमें कुछ रूपए दिए जाते है जिससे के वे  जुटे खरीद सके , 
  •  पंचवन योजना ;-  ऐसी जगह जहा 33 % से कम वन है वहा पर वनों को लगान उसे  बृक्षा रोपण  करना पंचवन योजना के अंतर्गत आता है 
  •  संजीवनी ओसधी 

      प्रमुख वन से सम्बंधित अधिनियम 

  •   1927 --  IFA इन्डियन फारेस्ट अधिनियम 
  •   1972 -- भारतीय वन्य जिव सरक्षण अधिनियम, 
  •   1980 -  भारतीय वन सरक्षण वन अधिनियम 
  •   1986 -- भारतीय पर्यावरण  सरक्षण अधिनियम [ छाता  विधान ] 
  •  भारत वन रिपोट 2019  की कोन  सी रिपोट है  [16  बी ] 
  •  भारतीय वन सर्बेक्षण संसथान देहरादून में है ये 2 वर्ष  बाद अपनी रिपोट पेस करता  है 
  •  वन रिपोर्ट के अनुसार 2019 में भारत का क्षेत्रफल 712249 वर्ग km है 
  •   2019 के अनुसार भारत के वन क्षेत्रफल में सबसे ज्यादा ब्रदी करने  बाला राज्य               [कर्नाटका ]
        
  •  2019 में कम वन क्षेत्र बाला राज्य मणिपुरं है 
  •  भारत के  सर्बाधिक वन वाले राज्य व केंद्र सशित प्रदेश --
  •  लक्ष्य  दीप --  90 .33 % 
  •  मिजोरम --- 85 .41 % 
  •  अंडमान निकोबार -- 81 .74 % 
  •   सर्वदिक वन क्षेत्र बाले राज्य --MP / अरुणाचल प्रदेश / छत्तीसगढ़  
  •  वन क्षेत्र में  बृद्धि  बाले राज्य ;- कर्नाटका / आंद्रप्रदेश / केरल 
  •  भारत का सबसे वन क्षेत्र वाला राज्य -- MP  में कुल भोतिक क्षेत्र का 25 .14 वन है 
  • सर्वाधिक  वन  क्षेत्र वाले  MP   के  जिले --- बलाघाट , छिंदवाडा , बैतूल 
  •  न्यूनतन वन क्षेत वाले MP  के जिले -- उज्जेन ,रतलाम , शाजापुर 
  • सर्वाधिक वन प्रतिशत  वाले जिले --- बलाघाट 
  • न्यूनतम वन प्रतिशत वाले जिले ---  उज्जेन MP  में कुल भोगोलिक क्षेत्र का 30 .72 भाग जंगल है 
  • MP  में वनों का वर्गीकरण किया गया है -- 5 प्रकार से 
  • MP  वन विकास निगम की स्थापना --1975  में किया गया 
  • MP  में सबसे कम वन व्रत -- होशंगाबाद  मे है 
  • रास्ट्रीय वन अनुसन्धान देहरादून का क्षेत्रीय कार्यालय --- जवलपुर 
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