स्वतंत्रता आंदोलन में मध्यप्रदेश का योगदान MPPSC
HELO FRIEND में अनिल कुमार पलाशिया आज आपके सामने मध्यप्रदेश के इतिहास की सभी महत्वपूर्ण घटनाओ के बारे मे जानकारी को लेकर आ रहा हु . इस पोस्ट में हम मध्यप्रदेश के स्वतंत्रता आन्दोलन से सम्बंधित सभी घटना [ आन्दोलन ] को लेकर आ रहा हु . स्वतंत्रता आंदोलन में मध्यप्रदेश का योगदान MPPSC - svtantrta aandolan me madhya pradesh ka yogdan mppsc इसमें हम जब देश में सभी जगह पर राष्ट्रिय आन्दोलन चल रहे थे उस समय मध्यप्रदेश में भी आन्दोलन चल रहे थे आज हम उन सभी आन्दोलन की बात इस पोस्ट में करेंगे जिससे के आप को बहुत ही सरलता से आप इस टोपिक को समझ जांएगे .
स्वतंत्रता आंदोलन में मध्यप्रदेश का योगदान MPPSC
सत्याग्रह :- madhy pradesh ke svtantrta aandolan
सत्याग्रह शव्द का अर्थ है आन्दोलन जव कोई जाती या वर्ग किसी भी कारण से सोषित होती है या उसका हनन होता है तो वह जाती या वर्ग उस हनन को दूर करने के लिए या शोषण के खिलाफ आवाज उठाते है वही आवाज सत्याग्रह कहलाता है और धीरे धीरे वह आन्दोलन का रूप ले लेता है सत्याग्रह कहलाता है .
मध्य प्रदेश के प्रमुख सत्याग्रह :-
1 . झंडा सत्याग्रह :- 1923 -
यह आन्दोलन या सत्याग्रह भारत के सत्याग्रह संग्राम के समय एक शांतिपूर्ण आन्दोलन था जिसमे लोग जगह - जगह झंडा फहराने के उद्देश्य से आन्दोलन कर रहे थे . यह आन्दोलन 1923 में जबलपुर में बाबु कंछेदीलाल जैन ने किया था यह आन्दोलन तब प्रारंभ हुआ जब 8 मार्च 1923 को नगर पालिका भवन पर झंडा फहराने के समय झंडे को निचे उतार दिया . इसके प्रमुख नेतृत्व करता - सुन्दरलाल शर्मा , सुभद्रा कुमारी चोहान , नाथूराम मोदी थे सत्याग्रहियों पर मुकदमा चलाया गया , जिसमे पण्डित सुन्दर लाल शर्मा को 6 माह का कारावास हुआ . इसके पश्चात् नागपुर झंडा सत्याग्रह का केंद्र बना . इसके लिए सुभद्रा कुमारी और उनके पति लक्षमण सिंह को नागपुर भेजा गया . इसके पश्चात् 18 अगस्त 1923 को ब्रिटिश अधिकारी ने राष्ट्रिय ध्वज के स्थाई स्वयंसेवक को जुलुस निकलने की अनुमति दी . इस जुलुस का नेतृत्व माखनलाल चतुर्वेदी , बल्बभाई पटेल तथा राजेंद्र प्रसाद ने किया था
2 . जंगल सत्याग्रह :-
जंगल सत्याग्रह या घोडा डोंगरी 1930 सत्याग्रह एक ही है यह सत्याग्रह बेतुल में आदिवासियों के दुवारा किया गया था जंगल सत्याग्रह नमक सत्याग्रह को देख कर किया गया था इसके नेतृत्व करता डीपी मिक्ष्रा , लाला बाचपाई नेता थे यह आन्दोलन बैतूल , छिंदवाड़ा ओरछा , हरदा के जंगलो में व्यापक रूप से किया गया था बेतुल जिले में जंगल सत्याग्रह का नेतृत्व गुंजन सिंह ने किया था
3 .नामक सत्याग्रह ;-
यह आन्दोलन 6 अप्रेल 1930 में जबलपुर में सेठ गोविन्द दास एवं दुर्गा प्रसाद मिक्ष्रा के नेतृत्व में किया गया था यह आन्दोलन 1930 में महात्मा गाँधी का असहयोग आन्दोलन अपने पूर्ण चरम पर था इस आन्दोलन से प्रेरित होकर मध्यप्रदेश में भी यह आन्दोलन चलाया गया .
4 . चरण पादुका सत्याग्रह :-
14 जनवरी 1931 को मकर सक्रांति के दिन छतरपुर जिले में उर्मिला नदी के तट पर स्थित सिंहपुर चरण पादुका मैदान में चल रही जनसभा को ब्रिटिश सैन्य बल ने चारो और से घेर कर जन सभा में उपस्थिति लोगो पर गोली चलाई . इस हत्याकांड में 21 लोगो की म्रत्यु हो गई और 26 लोग घायल हुये शहीद होने वालो में सेठ सुन्दर लाल बोहरी , धर्मदास , रामलाल आदि शामिल थे चरण पादुका नरसंहार को मध्यप्रदेश का जलीय बाला बाग़ हत्याकांड की संज्ञा दी है . यह आन्दोलन पुरे बुंदेलखंड में अंग्रेजी शाशन के विरुद्ध लोगो को उत्तेजित कर दिया .
4. सोहावल का नरसंहार :-
सतना जिले में बीरसिंहपुर के समीप हिनोता गाँव में 10 जुलाई 1948 को सोहावल रियासत में ब्रिटिश शाशन के बिरुद्र में लाल बुद्ध प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक आम सभा का आयोजन किया गया . इस सभा में सम्मलित होने बाले मुख्य नेताओ को गोली मालकर हत्या कर दी .
5 . भोपाल राज्य का स्वतंत्रता संग्राम :-
जब देश आजाद हुआ उस समय भोपाल राज्य के नबाब हमीदुल्ला खान ने भोपाल राज्य को स्वतंत्र रखने का निर्णय लिया परन्तु वर्ष 1948 में भोपाल राज्य की भारत में विलय की मांग उठने लगी . जिसका नेतृत्व भाई रतन कुमार प्रेम श्रीवास्तब सूरजमल जैन माथुर प्रसाद शान्ति देवी बसंती देवी आदि लोगो ने किया .
6 . पंजाब मेल हत्याकांड :-
24 जुलाई 1931 को वीर यशवंत सिंह देव नारायण तिवारी और दलपत राव ने खण्डवा रेलवे स्टेशन पर हमला करके ब्रिटिश अधिकारी हेक्सेल की हत्या कर दी .
7 . चावल आन्दोलन [ रीवा ] :-
28 फरवरी 1947 को रीवा राज्य में जबरिया लेबरिया लेवही वसूली के विरोद में त्रिभुवन तिवारी और भैरव प्रसाद उरमलिया ने आन्दोलन प्रारम्भ किया . रीवा राज्य के सैनिको ने इन क्रांतिकारियों की हत्या कर दी . इस आन्दोलन को चावल आन्दोलन भी कहा जाता है .
8 . जलियांवाला बाग़ कांड [ भोपाल ] -
1949 को मकर सक्रांति के दिन रायसेन बोर गाँव में नर्मदा नदी के तट पर तिरंगा फहराने के कारण भोपाल रियासत की नबाबी सेना और अदिकारिक सेना के बिच युद्ध हुआ यहाँ पर गोलिया चलाई गई इस कारन इसे जलियांवाला बाग़ कहा गया .
जलीय वाला बाग़ अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास एक छोटा सा बगीचा है जहा पर 13 अप्रेल 1919 को एक आम सभा का आयोजन किया गया था . यह आयोजन रोलेक्ट एक्ट के विरोद में किया गया था इस एक्ट का अभिप्राय ;- रोलेक्ट एक्ट - से हमारा अभिप्राय यह है की 1919 में एक एक्ट आया जिसमे किसी को भी नजर बंद करना , जेल में डालना , सत्यपाल वा सैफुद्दीन की गिरफ़्तारी के खिलाफ यह एक्ट में शामिल था . जिसके विरोद में यह आयोजन किया गया था उस समय के अधिकारी जनरल डायर ने उस बाग़ में पहुचकर गोलिया चलाना प्रारंभ किया इस सभा में 1000 लोग आये थे . बच्चे , बूढ़े , जबान सभी बहा आये थे , जनरल डायर ने गोलिया चलाना प्रारंभ किया जिसमे सैकड़ो लोग मरे गए . इस घटना को जलियांवाला बाग़ हत्या काण्ड बोला जाता है
9 .रतोना का सत्याग्रह :-
सागर के पास एक गाँव है रतोना जहा पर 1920 ,इ कसाई खाने के विरुद्ध असहयोग आन्दोलन की तरह आन्दोलन किया गया . यह आन्दोलन कसाई खाना के खोलने के कारण हुआ था क्योकि रोज यहाँ पर सैकड़ो गाय काटी जाती थी इसके विरोद में यह आन्दोलन किया गया था
10. बुंदेला विद्रोह :-
1842 में सागर के दीवानी न्यायलय ने सागर जिले के दो बुंदेला ठाकुर जवाहर सिंह बुंदेला और मधुकर शाह पर लगान वसूली के लिए डिक्री देकर उनकी सम्पति जप्त करने की धमकी दी . समस्त बुंदेलखंड मयः विद्रोह फैला जिसमे नरसिंहपुर में यह अधिक सफल रहा . नरसिंहपुर में यह विद्रोह का नेतृत्व गोंड़ राजा दल्पत शाह ने किया था . जबलपुर में हीरापुर के राजा हदय शाह ने विद्रोह का नेतृत्व किया था
मध्य प्रदेश के प्रमुख जनजातीय व्यक्तिय :-
1 . टनट्या भील :-
1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मध्यप्रदेश के निमाड़ आँचल के वनवासी भील भी पीछे नहीं रहे . इन्ही भिलो में टनट्या भील का नाम अग्रणी है .टनट्या भील का जन्म 1842 में पूर्वी निमाड़ के विरोगांव में हुआ था वास्तविक नाम तांतिया भील था . बचपन में ही टनटया देशप्रेमी , बलवान एवं संघर्षशील व्यक्तिगत का था वह न्यायप्रिय , शांतियप्रिय , सरल , सहज , एवं अन्याय को सहन नकरने बाला था . सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय टनट्या भील की आयु 15 वर्ष की थी . अंग्रेजो के अत्याचार ने टनट्या को भील अंग्रेजी सम्प्रदाय को उखाड़ फेकने के लिए उधेलित किया . लगान वसूली को आधार बनाकर अंग्रेजो ने टनट्या की पेत्रक सम्पति उसकी जमींन - जायदाद कुर्क कर ली गई थी . निमाड़ प्रदेश में टनट्या ने संघर्ष किया . टनट्या को अंग्रेजो ने बहन सुरेखा से राखी बांधबाते हुये पकड़ा गया . भारतीय वनवासी टनट्या को मामा कहकर पुकारते थे .
2 . भीमा नायक :-
भीमा नायक का जन्म 1840 में पश्चिम निमाड़ रियासत के पंच्मोहली गाँव में हुआ था . 1857 में भीमा नायक और अंग्रेजो के बिच मुकाबला हुआ . 2 अप्रेल 1868 को सतपुड़ा के घने जंगल में एक झोपडी में सोते हुये भीमा नायक को अंग्रेज सिपाइयो ने पकड़ लिया और उसे बंदी बना लिया .
3 . खाज्या नायक :-
खाज्या नायक सेंधवा घाट के प्रमुख नायक था उनके दल में करिव 200 व्यक्ति थे . खवाजा नायक को जनजातीय चेतना का पहला योध्धा था
4 . गजन सिंह कोरकू :-
वर्ष 1930 में घोडा - डोंगरी बैतूल क्षेत्र में आदिवासियों ने सत्याग्रह किया जिसका नेतृत्व गजन सिंह कोरकू ने किया था एवं उसका सहयोग विष्णु सिंह ने किया . गंजन सिंह कोरकू गाँधीजी दुवारा चलाया गया नमक सत्याग्रह एवं कर न देने के आह्वान से प्रभावित हुये गंजन सिंह ने घोडा डोंगरी क्षेत्र बैतूल के आदिवासि समुदाय के साथ हाथ में लाठी लेकर जंगल और पहाडियों में सत्याग्रह छेड़ा .
मध्य प्रदेश के स्वतंत्रता आन्दोलन -मध्य प्रदेश में सत्याग्रह आन्दोलन
जब सम्पूर्ण भारत में सत्याग्रह आन्दोलन चल रहा था उस समय मध्यप्रदेश में भी सत्याग्रह आन्दोलन प्रारंभ हो गया था . सर्वप्रथम मध्यप्रदेश में 1819 ई में प्रदेश के महाकोशल क्षेत्र में सर्वप्रथम विद्रोह की चिंगारी दिखाई दी .
MP AANDOLAN MCQ
- अप्पा साहिब ने अरबी सैनिक की सहायता से मुलताई [ बैतूल ] के समीप अंग्रेजो से युद्ध हुआ .
- नरसिंह पुर में जमीदार द्दिल्न्शाह ने भी अंग्रेजो के विरुद्ध विद्रोह किया .
- 14 जून 1857 ई को ग्वालियर के निकट मुरार छावनी में सैनिक विद्रोह किया .
- रानी दुर्गावती के वंशज शंकर शाह और उनके पुत्र ने गद्दा मंडला में स्वतंत्रता के लिए तलवार उठाई .
- महू में भी 1 जुलाई 1857 ई को सैनिक ने विद्रोह कर दिया .
- झासी की रानी लक्ष्मी बाई 28 जून 1858 ई को काल्पी में हुरोज की सेना के साथ मुकाबला करते हुए शहीद हो गई .
- 1857 ई के विद्रोह में ग्वालियर के सिंधिया व भोपाल के नबाब ने अंग्रेजो का साथ दिया था .
- मंडला जिले के रामगढ रियासत की रानी अव्न्तिवाई एवं उनकी अन्ग्रक्षिका गिरधारी बाई ने भी 1857 ई के विद्रोह में योगदान दिया था .
- सन 1885 में गठित कांग्रेस समिति में मध्य भारत से बापुराव दादा किन खेड़े , गंगाधर चिटनिस ,गोपाल हरिभिडे और अब्दुल अजीज ने भाग लिया था .
- तिलक के नेतृत्व में 1891 नागपुर में सपन्न अधिवेशन में मध्य प्रान्त व मालवा में अनेक स्थानों पर गणेश उत्सव एवं शिवाजी उत्सव का आयोजन किया गया .
- वर्ष 1916 में स्वतंत्रता आन्दोलन की शुरुवात सिवनी जिले में हुई .
- 1920 - 1921 ई में कांग्रेस आन्दोलन के नेता श्री प्रभाकर डुंडीराज जाटव , तथा अब्दुल जफ्फार खा ने खिलाफत आन्दोलन की शुरुआत की .
- 1929 -30 ई में नमक सत्याग्रह में दुर्गा शंकर मेहता ने नमक बनाकर प्रदेश में आन्दोलन की शुरुआत की .
- 1923 ई में जबलपुर से प्रारंभ हुए ,, झंडा सत्याग्रह ,,का निर्देशन सर्वश्री देवदास गाँधी , राम्गोपलाचार्य तथा डा . राजेंद्र प्रसाद ने किया राष्ट्रिय ध्वज लहराने के प्रश्न पर प्. सुन्दर लाल प्रसाद ने किया . राष्टीय ध्वज लहराने के प्रश्न पर सुन्दर लाल को 6 माह के कारावास की सजा सुनाई गई .
- जबलपुर में सेठ गोबिंद दास एवं दुवारिका प्रसाद मिक्ष के नेतृत्व में 6 अप्रेल , 1930 को ,,नमक सत्याग्रह ,, प्रारंभ किया .
- टुरिया जंगल सत्याग्रह 1930 सिवनी जिले में दांडी मार्च के समय किया गया था .
- घोडा डोंगरी सत्याग्रह 1930 बैतूल में किया गया था .
- पंजाब हत्याकांड 1930 खंडवा रेलवे स्टेशन से सम्बंधित था .
- पहला झन्डा सत्याग्रह जबलपुर में किया गया था .
- 18 अप्रेल 1859 को तात्या टोपे को पेड़ पर लटकाकर शिवपुरी में फासी दे दी .
- 1857 की क्रांति के समय ग्वालियर नरेश महाराज जीवाजी राव सिंधिया थे .
- 1938 ई में भोपाल राज्य प्रजा मंडल की स्थापना की थी .
- 1939 ई में दुतिया विश्व युद्ध शुरू होने के बाद गांधीजी ने जबलपुर से ही सविनय आन्दोलन प्रारंभ किया .
- 1 जून 1949 को भोपाल राज्य भारतीय संघ में शामिल में शामिल किया गया .1905 ई में दादा भाई खाप्ड़े इसके आयोजक थे
- भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में माखन लाल चतुर्वेदी ने अपने पत्र कर्मवीर के प्रकाशन से राष्ट्रिय चेतना के प्रसार को नई दिशा दी .
- 1942 में ग्वालियर में भारत छोडो आन्दोलन की शुरुआत सर्वप्रथम विदिशा से हुई थी .
- भारत छोडो आन्दोलन के दोरान प्रदेश में क्रांति का उग्ररूप दिखा एवं जबलपुर , खंडवा , होशंगाबाद , दमोह , सागर , आदि स्थानों पर व्यापक रहा .
- चरण पादुका नरसंहार 1931 मध्यप्रदेश का जलीय बाग़ काण्ड कहलाता है
- मालवा विद्रोह का केंद्र इन्दोर था यहा पर सआदत खा के नेतृत्व में होलकर सैन्य टुकड़ी ने अंग्रेजो के विरुद्ध विद्रोह किया .
- 1857 में महू के विद्रोह का नेत्र्तव मुराद अली खान ने किया .
- लालगढ़ किला अमझेरा रियासत धार से सम्बंधित है .
- चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को भावरा अलीराजपुर में हुआ था चंद्रशेखर आजाद वा भगत सिंह ने मिलकर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपल्बिकन एशोसिएसन की स्थापना की थी .
- मध्यभारत की सभी रियासतों को मिलाकर मध्य भारत राज्य बनाया गया .
- रीवा , पन्ना , छतरपुर आदि का एकीकरण कर विन्ध्य प्रदेश का गठन किया गया .
- कालांतर में राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिस पर 1 नबम्बर 1956 ई को मध्यप्रदेश राज्य का निर्माण किया गया .
हेलो दोस्तों मध्य्रदेश प्रारंभ से ही क्रांति का केंद्र रहा है यहाँ पर देश को आजादी दिलाने से लेकर अनेक जन आन्दोलन हुये जिसने मध्यप्रदेश को देश में एक प्रमुख राज्य का दर्जा दिलाया है मध्यप्रदेश एक जनजातीय वाला राज्य है यहाँ पर ST जाती विशेष रूप से पुरे मध्यप्रदेश में पाई जाती है .
मध्य प्रदेश के स्वतंत्रता आन्दोलन प्रश्न उत्तर
1. घोडा डोंगरी सत्याग्रह कहा हुआ था
AN S ;- - बैतूल
2 . घोडा डोंगरी सत्याग्रह किसके दुवारा किया गया था
ANS - गज्जन सिंह कोरकू
3. मध्यप्रदेश में पहली स्वतंत्रता की चिंगारी कहा फैली थी
ANS - नीमच
4 . नीमच विद्रोह मध्यप्रदेश में कब हुआ था
ANS - 3 जून 1857 में
5. मध्यप्रदेश में जंगल सत्याग्रह कब हुआ था
ANS - 1930 में
6. जंगल सत्याग्रह किसके उपलक्ष्य में हुआ था
ANS - दांडी यात्रा / नमक सत्याग्रह .
7 . जंगल सत्याग्रह मध्यप्रदेश में किसने प्रारम्भ किया
ANS - दुर्गा शंकर मेहता [ टुरीया गाँव ]
8 . गांधीजी ने 1930 में दांडी मार्च शुरू कर नमक सत्याग्रह किया था उस समय मध्यप्रदेश में क्या हुआ
ANS .- जंगल सत्याग्रह
9 . जंगल सत्याग्रह कहा चलाया गया था
ANS - सिवनी में -
10. जंगल सत्याग्रह बैतूल में कहा चलाया गया
ANS - घोडा डोंगरी में आदिवासी बहुलता के कारण .
11. बैतूल में जंगल सत्याग्रह किसने किया था
ANS - गंजन सिंह कोरकू
13. किस सत्याग्रह में महिलाओ ने भाग लिया था
ANS - जंगल सत्याग्रह
14 . 1930 में जंगल सत्याग्रह के पूर्व पहले किसने किया था
ANS - छातिस्गड़ - सुन्दरलाल शर्मा . 1916 - 17 में कर चुके थे .
15. जंगल सत्याग्रह आन्दोलन मध्यप्रदेश में कहा कहा किया गया
ANS .- बैतूल , बंजारी , ढाल , छिंदवाडा
16 . जंगल सत्याग्रह का नेतृत्व किसने किया था
ANS - लालाराम वाजपेय , डीपी मिक्ष्रा .
17. चरण पादुका नरसंहार मध्यप्रदेश में कहा हुआ
ANS - 14 जनवरी 1931 छतरपुर .
18 . चरण पादुका नरसंहार का नेतृत्व किसने किया
ANS ;-
- सुन्दरलाल वरोहा ,
- छिरू कुर्मी बंधेया के हल्काई अहीर ,
- सिखा के दर्मदास और
- गुना [ बुखा ] के रामलाल शामिल थे .
19. जंगल सत्याग्रह में गोली चलने का आदेश किस अंग्रेज ने दिया था
ANS ;-पोलिटिकल एजेंट फिशर .
20 . चरण पादुका नरसंहार मध्यप्रदेश में कहा हुआ था
ANS ;-- बुंदेलखंड
21 . झंडा सत्याग्रह मध्यप्रदेश में कहा किया गया
ANS - जबलपुर
22 जबलपुर में झंडा सत्याग्रह में जुलुस निकला
ANS
- पण्डित सुन्दरलाल ,
- नाथूराम मोदी ,
- नरसिंह दास ,
- आग्रवाल ,
- लक्ष्मण सिंह चोहान
23 . इंदोर सराफा काण्ड किद्के दोरान किया गया था
ANS ;- भारत छोडो आन्दोलन सितम्बर 1942 .
24 . चाबल आन्दोलन मध्यप्रदेश में कहा किया गया था
ANS - रीवा राज्य .
25 . चावल आन्दोलन रीवा में कब किया गया
ANS ,- 1947 में त्रिभुवन तिवारी की म्रत्यु .
26 . पंजाव मेल हत्याकांड कहा हुआ था
ANS - खंडवा .
27. पंजाब मेल हत्याकाण्ड 1934 दमोह में हत्या की
ANS - वीर यशवंत सिंह
read more
दोस्तों इस लेख में हमने आपको स्वतंत्रता आन्दोलन से सम्बंधित जानकारी आपके सामने राखी जो आपकी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगी इस लेख में हम आपको मध्यप्रदेश के स्वतंत्रता आन्दोलन MADHYPRADESH KE AANDOLAN मध्यप्रदेश के स्वतंत्रता आन्दोलन प्रश्न उत्तर MP AANDOLAN MCQ झंडा सत्याग्रह जंगल सत्याग्रह से सम्बंधित जानकारी को देखंगे .
0 Comments