मध्य प्रदेश की प्रमुख फसले - madhypradesh ki pramukh FASLE
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आया हु इस पोस्ट में हम मध्यप्रदेश की प्रमुख फसल madhypradesh ki pramukh FASLE से सम्बंधित जानकारियों को बहुत ही अच्छे से पड़ेंगे . इसमें किस जिले में कोनसी fasal बोई जाती है उन सबके बारे में हम जानकारी देखेंगे .
मध्यप्रदेश की प्रमुख फसले
MADHYPRADESH KE PRAMUKH FASLE
mp of agriculture मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादन
कृषि [ मध्यप्रदेश ]
कृषि क्षेत्र का निष्पादन प्राय वर्षा , मोसम , विधुत एवं सिंचाई के उपलब्द साधनों इत्यादि पर निर्भर रहता है जिसके कारण कृषि उत्पादन पर निर्भर रहता है जिसके कारण कृषि उत्पादन पर धनात्मक अथवा ऋणात्मक प्रभाव पड़ता है मध्यप्रदेश में वर्षा का सामान्य मोसम माह जून से प्रारंभ होकर सितम्बर तक होता है तथा सामान्य वर्षा 1028 मि. मि है
प्रमुख फसल :-
गेंहू -
गेंहू मध्यप्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण फसल है मध्यप्रदेश में गेंहू रवी की फसलो के सबसे अधिक क्षेत्र में उत्पादित होता है मध्यप्रदेश में गेंहू का प्रादेशिक वितरण असमान है राज्य में मालवा का पठार गेंहू उत्पादन की द्रष्टि से प्रमुख क्षेत्र है मध्यप्रदेश में हरित क्रांति से सबसे सर्वाधिक लाभ गेंहू उत्पादन को ही हुआ है .
चावल :-
अविभाजित मध्यप्रदेश की यह सबसे महत्वपूर्ण फसल थी इसका प्रमुख क्षेत्र पूर्वी - मध्यप्रदेश था जो वर्तमान में छ्तिस्गड़ राज्य के अंतर्गत शामिल है इसे धान का कटोरा नाम से पुकारा जाता है वर्तमान में मध्य -प्रदेश में चावल उत्पादन बहुत कम हो गया है .
ज्वार :-
ज्वार मध्यप्रदेश की प्रमुख खाद्दान फसल है इसका राज्य की कृषि अर्थवयवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है मध्यप्रदेश में ज्वार खारीव की फसल है क्षेत्रफल तथा उत्पादन की द्रष्टि से गेंहू के बाद ज्वार का मुख्य स्थान है
मक्का :-
मक्का खरीफ की फसल है यह उष्ण - आर्द क्षेत्रो में उतापादित की जाती है आद्र - शुष्क व असिंचित भागो में वर्षा काल में ही इसे उतापादित किया जाता है मध्यप्रदेश में इसे जून - जुलाई में बोया जाता है और अक्टूबर - नबम्बर में काट लिया जाता है
चना :-
चना मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण उपज है इसका दाल एवं खाद्दान के रूप में प्रयोग प्रचलित है चना की फसल अक्टूबर में बोई जाती है चना को बोते समय नमी की आवश्यकता होती है तत्पश्चात सुखा मोसम भी लाभप्रद रहता है राज्य में चना उत्पादक जिलो में उज्जैन , मंदसोर , नीमच , गुना , शाजापुर , विदिशा , देवास , रतलाम , क्षबुआ , नरसिहपुर , जबलपुर , टीकमगड , भिंड , मुरेना , श्योपुर , ग्वालियर सीहोर , होशंगाबाद , छिंदवाडा है मध्यप्रदेश का चना उत्पादक राज्यों में दूसरा स्थान है .
मूंगफली :-
मूंगफली तिलहन और भोज्य पदार्थ दोनों की फसल है मूंगफली खरीफ की फसल है यह रेताली , दोमट , भुरभुरी तथा जल की अच्छी निकासी वाले क्षेत्रो में जहा कार्बनिक पदार्थ और कैल्सियम पदार्थ पर्याप्त हो , सफलता पूर्वक उत्पादित की जाती है .
सोयाबीन :-
सोयाबीन मध्यप्रदेश की एक प्रमुख फसल है देश का 80 % से भी अधिक सोयाबीन मध्यप्रदेश में होता है अत : इसे देश का सोयाबीन प्रदेश कहते है सोयाबीन दैनिक जीवन में केवल दलहन - तिलहन प्रोटीन की मात्रा ही उपलब्द नहीं करता है .
अलसी :-
अलसी भी तिलहन के अंतर्गत आने वाली प्रमुख फसल है यह सभी प्रकार की मिट्टियों में उत्पादित की जाती है मध्यप्रदेश में अलसी रबी की महत्वपूर्ण फसल है .
गन्ना :-
गन्ना मध्यप्रदेश की एक प्रमुख ओद्योगिक फसल है यह राज्य की कृषि में चीनी उद्योग की द्रष्टि से इसका महत्वपूर्ण स्थान है .
कपास ;-
कपास भी एक प्रमुख ओद्योगिक फसल है यह राज्य की सबसे महत्वपूर्ण नगदी फसल है मध्यप्रदेश में कपास की बुवाई जून में की जाती है और नवम्बर में काट ली जाती है . यह फसल मालवा की काली मिटटी के क्षेत्र और नर्मदा तापी नदियों की कछारी मिटटी में उत्पादित की जाती है .
अरहर :-
अरहर राज्य की प्रमुख दाल है इसे तुअर के नाम से पुकारा जाता है तुआर उत्पादन में मध्यप्रदेश का प्रथम स्थान है तुअर वर्षा के प्रारम्भ में जुलाई माह में कपास और ज्वार के साथ बोई जाती है .
मध्यप्रदेश में कुल सिंचित क्षेत्र
मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादन - MP FASLE
- ज्वार का क्षेत्र :- गुना शिवपुरी श्योपुर व पश्चिम मुरैना .
- गेंहू व ज्वार का क्षेत्र :- इसका विस्तार लगभग सम्पूर्ण बुंदेलखंड के पठार तथा मालवा के मध्य भाग पर है इसके अतिरिक्त पश्चिम मुरेना , ग्वालियर , भिंड , पूर्वी ,शिवपुरी , पूर्वी गुना , विदिशा , भोपाल , रायसेन , सागर , नरसिहपुर , दमोह , टीकमगड . पन्ना ,सतना रीवा , भी गेंहू ज्वार के क्षेत्र है .
- कपास और गेंहू का क्षेत्र :- उज्जैन , मंदसोर शाजापुर , राजगड , देवास , और सीहोर .
- कपास का क्षेत्र ;- खरगोन , रतलाम , बडवानी , धार , व क्षाबुआ .
- कपास और गन्ना :- उज्जैन, मंदसोर , शाजापुर , राजगड , देवास ,और सीहोर .
- चावल व कपास का क्षेत्र :- खण्डवा . बुरहानपुर .
- चावल , कपास , व ज्वार का क्षेत्र :- वैतुल , छिंदवाडा , और शिवनी .
- चावल का क्षेत्र ;- सम्पूर्ण पूर्वी मध्यप्रदेश , शहडोल , उमरिया , अनुपपुर , बालाघाट , मंडला , सीधी , जबलपुर , एवं ,सिवनी के कुछ भाग .
कृषि विभाग दुवारा 5 भागो में वाटा गया ;-
1 . पश्चिम में काली मिटटी :-
मंदसोर , नीमच , रतलाम , खण्डवा , क्षबुआ , बडवानी , हरदा , देवास , उज्जैन , राजगड ,शाजापुर , इंदोर , खण्डवा , खरगोन आदि ज्वार व कपास के प्रदेश है .
2 .उत्तर में ज्वार - गेंहू का प्रदेश :-
मुरेना . श्य्पुर . भिंड , ग्वालियर , दतिया , शिवपुरी , गुना , छतरपुर , तथा टीकमगड जिले में है एक अन्य प्रदेश छिंदवाडा तथा दमोह जिले शामिल है .
3 .मध्य गेंहू का प्रदेश :-
इसमें भोपाल , सीहोर होशंगाबाद , नरसिहपुर , रायसेन , विदिशा , सागर , तथा दमोह , जिले बिसमे शामिल है .
4 . चावल गेंहू का प्रदेश ;-
इसमें उत्तर में पन्ना , सतना , कटनी , उमरिया , जबलपुर , तथा सिवनी , के दक्षिण तक एक पेटी के रूप में है .
5 . सम्पूर्ण पूर्वी मध्यप्रदेश चावल का प्रदेश :-
इसमें रीवा , सीधी , शहडोल , अनुपपुर , डिंडोरी , मंडला , बालाघाट , जिले आते है .
मध्यप्रदेश में कृषि फसलो की जानकारी - 2022
- मध्यप्रदेश की लगभग 70 % जनसंख्या क्रषि पर निर्भर करती है .
- मध्यप्रदेश में लगभग 49 % क्षेत्र पर कृषि होती है .
- मध्यप्रदेश में अंगूर की खेती के लिए मशहूर रतलाम जिले में केंद्र सरकार ने अंगूर अनुसन्धान केंद्र स्थापित किया .
- मध्यप्रदेश की सर्वाधिक सिंचित फसल गेंहू है .
- मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 1997 में मत्स्य पालन को बढावा देने के लिए इसे कृषि का दर्जा दिया गया .
- मध्यप्रदेश में कृषि जोतो का आकार 2.2 हेक्टेयर है .
- देश में कुल सोयाबीन का उत्पादन का 50 % से अधिक मध्यप्रदेश में होता है .
- चावल मध्यप्रदेश की सर्वाधिक महत्वपूर्ण फसल है .
- मध्यप्रदेश का खाद्दान उत्पादन में देश में चवथा स्थान है
- सोयाबीन , चना , अलसी ,दलहन ,अफीम के उत्पादन में प्रदेश का देश में दुतीय स्थान है .
- ज्वार , तिल , तिलहन , व अरहर के उत्पादन में प्रदेश का देश मे दुतीय स्थान है .
- मध्य प्रदेश में कुल कृषि योग भूमि का 43 % भाग एक फसलीय तथा 70 % भाग फसल कृषि भूमि के अन्तरगत आता है .
- मवेशियों के लिए चारा बनाने का सयंत्र धार में स्थपित किया गया है .
- मध्यप्रदेश के इंदोर में भारत की प्रथम जैविक खेती इकाई स्थापित की गई .
- मध्यप्रदेश कृषि उद्योग विकास निगम की स्थापना वर्ष 1969 - 70 में की गई थी .
- मध्यप्रदेश राज्य भण्डार गृह निगम की स्थापना फरवरी 1958 में की गई थी .
- कृषि उपज में ब्राधि करने के लिए प्रदेश विपुल उत्पादन कार्यक्रम चलाया गया .
- प्रदेश में लघु कृषक विकास अधिकरण [ SFDA ] की स्थापना 1971 में की गई .
- सूरज धारा योजना मध्यप्रदेश में अनुसूचित जनजाति के कृषकों की आर्थिक स्तिथि को सुधरने के लिए योजना चलाई .
- मध्यप्रदेश का प्रथम कृषि विश्वविध्यालय जबलपुर में है .जो जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्व विद्यालय के नाम से जाना जाता है .
- मध्यप्रदेश के खण्डवा खरगोन को सफेद सोना का क्षेत्र के नाम से जाना जाता है .
- वर्ष 1989 से केंद्र सरकार दुवारा प्रदेश के 33 जिलो में सूखे की स्थिति के समय सहायता हेतु थ्रस्ट परियोजना चलाई जा रही है इसके तहत गेंहू , अरहर की फसलो को सत - प्रतिसत केन्द्रीय सहायता डी जाती है .
- देश के कुल गेंहू उत्पादन का 11 % मध्यप्रदेश में होता है .
मोसम के आधार पर फसलो का वर्गीकरण :-
1 . रवी की फसल - गेंहू चना , मटर , राई , सरसों , अलसी , मसूर ,
2 . खारीव की फसल - चावल , सोयाविन , कपास , गन्ना , मूंगफली , टिल , तुवर , ज्वार मक्का , सूरजमुखी .
3 . जायद की फसल - सब्जी अधिकांश आती है खीर , ककडी , तरबूज ,खरबूज , लोकी , कद्दू , आदि है .
उपयोग के आधार पर वर्गीकरण ;-
1 . व्यापारिक फासले :- कपास , गन्ना , तम्बाकू , अफीम , पटसन , अलसी , तिल , सोयाबीन आदि
2 . खाद्दान फासले :- गेंहू , चावल , ज्वार , मक्का , बाजरा , चना , दाल , तिलहन .
मध्यप्रदेश कृषि में विशेष :-
1 . खण्डवा खरगोन को सफेद सोना के नाम से भी जाना जाता है .
2 . देश की सर्वाधिक परती भूमि मध्यप्रदेश मे है . राज्य का सर्वाधिक शुद्ध कृषक भूमि वाला जिला उज्जैन है .
3. न्यूनतम शुद्ध क्राषत भूमि वाला जिला मंडला है .
4. राज्य में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर सोयाविन की खेती की जाती है एवं दुसरे स्थान पर गेंहू उगाया जाता है . एवं दुसरे स्थान पर गेंहू उगाया जाता है .
5. उत्पादन की द्रष्टि से राज्य की फसलो का घटता हुआ क्रम - सोयाबीन , गेंहू , चावल , चना , मक्का , कपास एवं ज्वार है .
6 . राज्य में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर गेंहू होशंगाबाद जिले में बोया जाता है गेंहू की सर्वाधिक उपज दर रतलाम जिले में पाई जाती है .
7 . राज्य में सर्वाधिक चावल उत्पादन बालाघाट में होता है .
8 . प्रदेश में चावल की सर्वाधिक उपज दर श्येपुर में है .
9 . ज्वार का स्रवाधिक उत्पादन खरगोन जिले में होता है .
10. प्रदेश में ज्वार की खेती रबी और खरीफ दोनों मोसम में की जाती है .
11. दाल का विकास को बदने के लिए वर्ष 1998 -99 में राष्ट्रिय दलहन विकास योजना प्रारम्भ की .
12 . राज्य में विदिशा सबसे बड़ा चना उत्पादक जिला है .
13 . राज्य में उज्जैन सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक जिला है
14 . राज्य में उमरिया और कटनी जिलो को छोड़कर सभी जिलो में सोयाबीन की कृषि की जाती है .
15. राज्य में पशुओ में सबसे बड़ी संख्या बकरी है .
16 . राज्य में सर्वाधिक पशु संख्या सीधी जिले में तथा न्यूनतम पशु संख्या बुरहानपुर जिले में पाई जाती है .
17. मध्यप्रदेश में कृषि विभाग का नाम बदलकर किसान कल्याण तथा कृषि विभाग कर दिया गया है
18 . राज्य में सोयाबीन , चना , अलसी ,दलहन , अफीम के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है .
19 . प्रदेश में कृषि विश्व विद्यालय जबलपुर और ग्वालियर मे है .
20 . मध्यप्रदेश को सोयाबिन स्टेट के नाम से भी जाना जाता है .
मध्य प्रदेश में कृषि एवं कृषि आधारित उद्योग :-
1 . मध्यप्रदेश में सिंचाई 36 लाख हेक्टर है जिसे बढाकर 50 लाख हेक्टर किया जायेगा .
2 . भारत सरकार दुवारा मध्यप्रदेश को प्रतिष्ठित कृषि कमर्ठ अवार्ड से लगातार पांच वर्षो से नवाजा गया .
3. मध्यप्रदेश देश में प्रथम एवं एकमात्र राज्य जो कृषि आर्थिक सर्वेक्षण जारी करता है .
4 .प्रथम कृषि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट वर्ष 2012 में जारी की गई थी .
5. मध्य- प्रदेश बीज और फार्म विकास निगम की स्थापना 1980 में की गई . इसका मुख्यालय भोपाल है .
6 . मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है
7. खेती को लाभ का सोदा बनाने के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विभाग कार्यत है .
8 . विपुल उत्पादन कार्यक्रम - कृषि उपज में ब्रदी के लिए चलाये जा रहा है .
9 . मध्यप्रदेश में किसानो के हित सरक्षण हेतु प्रत्येक जिले में एक किसान परिसद का गठन किया गया
10. निमाड़ सफेद सोने के रूप में [ खरगोन - खण्डवा ] कहा जाता है .
11 .मध्यप्रदेश की सबसे सिंचित फसल गेंहू है .
12 भोपाल में मध्यप्रदेश का पहला सेल्रीच खाद सयंत्र है .
13 . मध्यप्रदेश का खाद्य उत्पादन में देश में चोथा स्थान है .
14. सरसों का उत्पादन ग्वालियर , भिंड ,मुरेना में होता है
15. मूंगफली का उत्पादन खरगोन , बडवानी जिले में होता है .
16. चने का मुख्य उत्पादन विदिशा में होता है .
17. मध्यप्रदेश राज्य को सोया प्रदेश भी कहा जाता है
18. देश के कुल सोयाबीन का उत्पादन का 62% से अधिक मध्यप्रदेश में होता है .
19. मध्यप्रदेश का सोयाबीन का कारखाना सिवनी मालवा में है .
20. राष्ट्रिय सोयाबीन अनुसन्धान केंद्र इंदोर में है .
21.एशिया का सबसे बड़ा सोयाबीन कारखाना उज्जैन मे है .
22. सर्वाधिक कृषि जोंन है - हरदा
23. न्यूनतम कृषि जोंन - डिंडोरी
24. केला अनुसन्धान केंद्र - बुरहानपुर
25. धान अनुसन्धान केंद्र - बडवानी .
26. उध्यानिक महाविद्यालय मंदसोर में है
27. कृषि अभ्यांत्रिक महाविद्यालय जबलपुर मे है .
28. कपास [ सफेद सोना ] उत्पादन में देश में तीसरा स्थान मध्यप्रदेश का है .
29. मंदसोर राज्य का एकमात्र अफीम उत्पादक जिला है .
30. खण्डवा राज्य का एकमात्र गांजा उत्पादक जिला है .
31. भिंड , मुरेना में सर्वाधिक सरसों का उत्पादन होता है .
32. मध्यप्रदेश में सर्वाधिक जोत में सोयाविन की फसल बोई जाती है .
33. देश के कुल चावल उत्पादक का 8 % भाग मध्यप्रदेश में पैदा होता है
34. मध्यप्रदेश में सर्वाधिक गेंहू मालवा के पठार में होता है
35.मध्यप्रदेश में खरीफ की फसल का क्षेत्रफल लगभग 72 % तथा रवी का क्षेत्रफल लगभग 63% है
36. नर्मदा घाटी गेंहू के उत्पादक के लिए प्रसिद्ध है
37.हार्टिकल्चर महाविद्यालय मंदसोर व जवलपुर में स्थित है .
38. मालवा का पठार गेंहू का भंडार कहलाता है
39. प्रदेश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय , जवाहरलाल नेहरु क्रषि विश्वविद्यालय है .
40. यन्त्रदूत ग्राम योजना मध्यप्रदेश 139 ग्रामो में विकसित की गई है .
हेलो दोस्तों में अनिल कुमार palashiya मध्यप्रदेश की प्रमुख फसले MADHYPRADESH KI PRAMUKH FASLE mp of agriculture मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादन मध्यप्रदेश में कुल सिंचित क्षेत्र MP FASLE से सम्बंधित सभी जानकारी के लिए यह पोस्ट को में लेकर आ रहा हु .
धन्यबाद
अनिल कुमार पलाशिया .
0 Comments